ब्रूसीलोसिस (Brucellosis) पशुओं में उत्पन्न होने वाला एक बैक्टीरीयल (जीवाणुओं का) संक्रमण है, जिसमें लंबे समय फ्लू जैसे लक्षण हो सकते है।विकसित देशों में यह बीमारी बहुत कम पायी जाती है।
यह बीमारी एक अंतरराष्ट्रीय समस्या है। ब्रूसीलोसिस अभी भी विश्व में पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाली सबसे आम समस्या है।
किन देशों में इस बीमारी का सबसे ज्यादा खतरा है?
इन देशों में ब्रूसीलोसिस का खतरा है:-
- मीडिल ईस्ट
- मध्य और दक्षिण- पूर्वी एशिया
- दक्षिण और मध्य अमेरिका
- अफ्रीका
- ग्रीस
- टर्की
- पुर्तगाल
- स्पेन
- दक्षिणी फ्रांस
- इटली
यदि आप इनमें से किसी भी देश में यात्रा कर रहे हों तो वहां पर बिना पॉस्चुरकरण किया हुआ दूध और उनसे बने पदार्थों का सेवन न करें।
ब्रूसीलोसिस से मनुष्यों को बचाने के लिए अभी कोई वैक्सीन (टीका करण) उपलब्ध नहीं है।
यह कैसे हो सकता है ?
निम्नलिखित तरीकों से मनुष्यों में ब्रूसीलोसिस संक्रमण हो सकता है:
- संक्रमित पशुओं के पॉस्चुरीकृत न किये गये दूध या दूध से बने पदार्थ (जैसे कि पनीर) आदि या उन पशुओं के कच्चे माँस के सेवन से
- डेयरी फार्म में रहने वाले संक्रमित पशुओं के संपर्क में आने वाली धूल में साँस लेने से और पशुओं को काटने के स्थान में (बूचड़खानों) और पशुओं की जाँच करने वाली प्रयोगशाला में
- बीमार पशुओं से अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क में आने, उदाहरण स्वरूप, जैसे अगर पशुचिकित्सक को बीमार पशुओं का इंजेक्शन ग़लती से चुभ जाए, या उनके आँख की सफाई करते समय प्रयोग में लायी जाने वाली दवा के छीटों से
यह बीमारी एक मनुष्य से दूसरे में बहुत ही कम फैलती है लेकिन यदि किसी महिला को यह बीमारी है तो दूध पिलाने से बच्चे को भी हो सकती है। यह बीमारी यौन संबंध बनाने से भी फैल सकती है।
ब्रूसीलोसिस होने का अधिक ख़तरा प्रयोगशाला के कर्मचारियों, पशुओं के डॉक्टर और बूचड़खाने के कर्मचारियों को होता है।
इस बीमारी के क्या लक्षण हैं?
इस बीमारी का तुरंत पता नहीं चल पाया है। कई महीनों तक इस बीमारी के लक्षण नहीं दिखाई देते और आपको पता भी नहीं लगता कि आप इस बीमारी से संक्रमित हो गये हैं।
जब इस बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं तो यह ठीक होने में बहुत समय लेता है।
कुछ मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- अधिक समय तक रहने वाला बुखार
- वज़न कम होना
- ज्यादा पसीना आना
- सिर दर्द
- थकान
- जोड़ों में दर्द
कुछ लोगों में यह लक्षण एक-दो सप्ताह में अचानक प्रकट हो सकते हैं।
कुछ अन्य लोगों में यह लक्षण धीरे धीरे नज़र आ सकते हैं। उनमें यह लक्षण लगातार रह सकते हैं और बार बार आ सकते हैं, कई वर्षों तक।
कभी कभी बीमारी के लक्षण दिखाई देने में 6 महीने का समय भी लग सकता है।
इस बीमारी की पहचान कैसे होती है?
ब्रूसीलोसिस की पहचान सामान्य तौर पर प्रयोगशाला में रक्त की जाँच से की जाती है। ब्रूसेलोसिस बैक्टीरिया के खिलाफ एंटीबॉडी (बैक्टीरिया प्रतिरोधक) के लिए रक्त के नमूने का परीक्षण किया जाता है।
इसका इलाज कैसे होता है?
ब्रूसीलोसिस का इलाज दो या दो से अधिक एंटीबायोटिक दवाइयों से किया जाता है जैसे डॉक्सीसाइक्लिन और जेंटामाइसिन (Doxycycline and gentamicine) या डॉक्सीसाइक्लिन और रिफैम्पिसिन (Doxycycline and rifampicin)
इन दवाइयों की मात्रा मरीज़ की आयु और बीमारी की तीव्रता को ध्यान में रखते हुए तय की जाती है।
यह कितनी घातक है?
ब्रूसीलोसिस आप को बहुत अधिक बीमार महसूस कराती है। इसके लक्षण बहुत लम्बे समय तक भी रह सकते है, लेकिन इसके जानलेवा होने की सम्भावना काफ़ी कम है।
अधिकतर मरीज़ इन एंटीबायोटिक दवाओं से इलाज के बाद पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, बिना किसी दुष्प्रभाव के।
फिर भी अगर इसका इलाज नहीं कराया जाए तो लगभग 2% मरीज़ों को अन्तर्हृद्शोथ (एंडोकार्डीतिटस, हृदय का संक्रमण) हो सकता है, जो जानलेवा हो सकता है।