चक्रीय उल्टी सिंड्रोम (cyclical vomiting syndrome)

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चक्रीय उल्टी सिंड्रोम (cyclical vomiting syndrome) उल्टी से जुड़ी एक दुर्लभ बीमारी है जो सामान्य रूप से बच्चों में देखने को मिलती है, हालांकि यह वयस्कों को भी प्रभावित कर सकती है।

CVS से पीड़ित व्यक्ति को अक्सर ही ऊबकायी महसूस होगी और वे एक ही समय में घंटों तक या यहाँ तक कि कुछ दिनों तक लगातार उल्टी करते रहेंगे।

कुछ समय में वे ठीक हो जाते हैं और एकदम स्वस्थ महसूस करते हैं, लेकिन फिर लगभग एक महीने या उसके बाद दोबारा यही दौर शुरू होता है।

उल्टी के ये दौरे किसी संक्रमण या अन्य बीमारी के कारण नहीं पड़ते हैं।

CVS किसी व्यक्ति को महीनों, सालों या दशकों तक प्रभावित कर सकता है। लक्षण इतने गंभीर हो सकते हैं कि कुछ पीड़ितों को बिस्तर पर रहने और किसी प्रकरण के दौरान अस्पताल में इलाज करवाने की ज़रूरत पड़ सकती है।

यह एक ऐसी भयावह स्थिति हो सकती है, जो रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करती है, लेकिन जीवनशैली में बदलाव करके और दवाओं के ज़रिए चक्र को संभाला जा सकता है।

चक्रीय उल्टी सिंड्रोम (cyclical vomiting syndrome) के लक्षण क्या हैं?

CVS से पीड़ित व्यक्ति बीमार होने, सेहत में सुधार होने, पूरी तरह स्वस्थ महसूस करने और फिर से बीमार होने के नियमित चक्र से गुजरेगा।

यह चक्र चार चरणों से मिलकर बना है:

1. शुरुआती लक्षणों वाला चरण

  • ऐसा महसूस होना कि उल्टी का दौर शुरू होने वाला है
  • कुछ मिनटों से लेकर कुछ घंटों तक पसीना और मितली आना

2. उल्टी होने वाला चरण

  • रात में या या तड़के सुबह उबकाई आना या उल्टी शुरू हो जाना
  • कम से कम एक घंटे तक पांच या छह उल्टियां प्रति घंटे होना, ज़्यादा से ज़्यादा 10 दिनों तक
  • हिलने-डुलने या प्रतिक्रिया देने में असमर्थ हो सकते हैं
  • अन्य संभावित लक्षण: पेटदर्द, डायरिया, बुखार, थकान, सिरदर्द, रोशनी के प्रति संवेदनशीलता, बहुत ज़्यादा पीली त्वचा, सुस्ती या अक्रियाशीलता, लार टपकना या ज़्यादा थूक का निकलना

3. सेहत में सुधार होने वाला चरण

  • उल्टी और उबकाई का रुक जाना और मितली का कम होना
  • सेहत में धीरे-धीरे या तुरंत सुधार होना

4. स्वस्थ रहने वाला चरण

  • कोई भी लक्षण नहीं होने की अवधि - जब तक शुरुआती लक्षण वाला चरण फिर से शुरू न हो जाए।

चक्र सामान्य रूप से नियमित और पूर्वानुमानित होता है: हर बार एक-से लक्षण, दिन के समान समय पर शुरू होकर समान अवधि तक बने रहते हैं।

चक्रीय उल्टी सिंड्रोम का संभावित कारण क्या है?

अभी तक CVS का कारण पता नहीं चला है, लेकिन इसका

माइग्रेन (migraines)
के साथ संबंध हो सकता है। CVS से पीड़ित कई लोगों को माइग्रेन की समस्या हो जाती है, और माइग्रेन की दवाओं से इस सिंड्रोम के इलाज में मदद मिलने के प्रमाण मिले हैं।

उल्टी का दौर कभी-कभी इन कारणों से शुरू हो सकता है जैसे:

  • भावनात्मक तनाव, उत्साह, चिंता या
    पैनिक अटैक (panic attacks)
  • संक्रमण (जैसे कि साइनस इंफेक्शन या फ्लू)
  • कुछ खाने की चीज़ें जैसे चॉकलेट, चीज़, डिब्बाबंद मांस और MSG(अजीनामोटो) युक्त खाने की वस्तुएं
  • कैफ़ीन
  • गर्म मौसम
  • माहवारी
  • मोशन सिकनेस
  • खाने से जुड़ी अस्वास्थ्यकर आदतें - ज़्यादा खाना, लंबे समय तक भूखा रहना या सोने से ठीक पहले खाना
  • शारीरिक थकावट या बहुत अधिक व्यायाम
  • कम नींद लेना

चक्रीय उल्टी सिंड्रोम से कौन प्रभावित होता है?

CVS सबसे ज़्यादा बच्चों में देखा जाता है - आमतौर पर तीन से सात साल की उम्र के बीच इसका पता चलता है।

जिन बच्चों को माइग्रेन की समस्या होती है और जो रोशनी तथा ध्वनि के प्रति संवेदनशील होते हैं उन्हें यह सिंड्रोम होने की ज़्यादा संभावना रहती है।

CVS बच्चे के वयस्क होने के साथ ख़त्म हो सकता है, हालांकि यह वयस्कों को भी प्रभावित कर सकता है।

यह बात पूरी तरह ज्ञात नहीं है कि CVS कितना आम है, लेकिन एक अध्ययन से पता चलता है कि यह 100,000 में से करीब तीन बच्चों को प्रभावित करता है।

चक्रीय उल्टी सिंड्रोम के बारे में कैसे पता लगाया जाता है?

डॉक्टर अपने मरीज के परिवार और सेहत के इतिहास व उनके सभी लक्षणों पर विचार करेगा।

किसी बच्चे में इन कारणों से CVS होने की शंका हो सकती है:

  • उनके पिछले छह महीनों में उल्टी के कम से कम पाँच दौर या तीन अलग-अलग दौर चले हों
  • मितली और उल्टी के दौर एक घंटे से लेकर 10 दिनों तक चलते हैं
  • उल्टी के दौर हमेशा एक-समान रहे हों
  • वे कम से कम एक घंटे तक न्यूनतम चार उल्टी प्रति घंटे करते हैं
  • उल्टी किसी अन्य बीमारी के कारण नहीं हुई हो
  • वे उल्टियों के बीच में पूरी तरह स्वस्थ रहते हैं

इसी तरह किसी वयस्क को भी CVS हो सकता है, अगर उनके पिछले एक साल में उल्टी के तीन या उससे ज़्यादा दौर चले हों, वे हमेशा समान रहे हों, दो दौर के बीच में मितली आना या उल्टी की समस्या नहीं हुई हो।

एक तथ्य के अनुसार उल्टी की तीव्र इच्छा सामान्य रूप से रात में या बहुत सबेरे शुरू होती है। इन संकेतों से पता चलता है कि इसका कोई अन्य कारण नहीं बल्कि CVS ही है।

खून और पेशाब की जांच (संक्रमण या किडनी की समस्याओं की संभावना को खारिज़ करने के लिए) की जा सकती है और पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या का पता लगाने के लिए एंडोस्कोपी, पेट का अल्ट्रासाउंड जैसे स्कैन किए जा सकते हैं।

अन्य स्थितियों के खारिज़ होने पर ही CVS के बारे में पता चलेगा। इस स्तर पर, रोगी को एक गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट (gastroenterologist)

(पाचन तंत्र सम्बंधित रोगों के विशेषज्ञ) के पास भेजा जा सकता है।

मुझे उल्टी के दौरे से कैसे निपटना चाहिए?

जब उल्टी का दौर शुरू होता है तब शांत अंधेरे कमरे में बिस्तर पर रहना चाहिए और चक्र के इस चरण के लिए निर्धारित कोई भी दवाई लेना चाहिए।

पानी की कमी से बचने के लिए तरल पदार्थ - पानी, पतले स्क्वाश, फल के पतले रस या कम मलाई वाले दूध के छोटे-छोटे घूंट लेते रहें।

पानी की कमी को दूर करने के इलाज
के बारे में पढ़ें।

उल्टियों का दौर ख़त्म हो जाने के बाद:

  • खूब सारा तरल पदार्थ लें और धीरे-धीरे सामान्य भोजन लेना शुरू करें
  • भविष्य में इससे बचने के लिए बताई गई दवाई लें

जिस बच्चे या वयस्क को CVS हुआ है, वह एक विशेषज्ञ जैसे कि गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट (gastroenterologist) की देख-रेख में रहेगा।

दवाई

दवाई से इलाज आमतौर पर ट्रायल एरर विधि (trial and error) से होता है, अर्थात अलग अलग दवाओं का मरीज़ पर असर देखा जाता है। मरीज को इनमें से कोई दवा दी जा सकती है:

  • मितली और उल्टी को रोकने के लिए दवाई - जैसे कि ओंडैनसैट्रोन (ondansetron)
  • पेट दर्द की दवा जैसे कि
    आईबुप्रोफेन (ibuprofen)
  • पेट में बन रहे एसिड पर काबू पाने के लिए दवा - जैसे कि रेनीटाइडिन (ranitidine), लैंसोप्राज़ोल (lanzoprazole) या ओमेप्राज़ोल (omeprazole); [इन दवाओं के विषय में और जानकारी पाएँ]
  • माइग्रेन का इलाज - जैसे कि सुमाट्रिप्टान (sumatriptan) और प्रोप्रानोलॉल (propranolol); - उन दवाओं के बारे में पढ़ें जिनसे
    माइग्रेन के लक्षणों में राहत
    मिलती है और
    माइग्रेन को रोक जा सकता है।

कारगर साबित होने वाली दवा या दवाओं के संयोजन को ढूँढने में थोड़ा समय लग सकता है, क्योंकि ये इलाज सभी लोगों के लिए काम नहीं करते हैं।

अस्पताल में इलाज

यदि बहुत ज़्यादा मितली और उल्टियाँ हो रही हैं तो अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है। लक्षणों को कम करने और पानी की कमी को रोकने के लिए नसों के रास्ते से दवाई और तरल पदार्थ देने पड़ सकते हैं। यदि लगातार कुछ दिनों तक उल्टियाँ होती रहती हैं तो पोषक तत्व भी नसों द्वारा देने पड़ सकते हैं।

क्या उल्टी को रोका जा सकता है?

इससे उल्टी को रोकना या कम करना शायद सम्भव हो सकता है:

  • ऐसे कारणों से बचना जिनसे इसके होने की सम्भावना हो – जैसे कुछ विशेष खाद्य पदार्थ
  • पर्याप्त नींद लेना
  • साइनस से जुड़ी समस्याओं
    या किसी
    एलर्जी
    का इलाज करना
  • किसी प्रकार की [चिंता या तनाव] से निपटना
  • थोड़ा-थोड़ा खाना, खाने के बीच में, व्यायाम से पहले और सोने से पहले कार्बोहाइड्रेट वाले स्नैक्स खाना (इससे कुछ लोगों को भविष्य में आने वाले उल्टी के दौरे से बचने में मदद मिल सकती है)

माइग्रेन को रोकने
में इस्तेमाल की जाने वाली कुछ दवाईयां भी मदद कर सकती हैं।

चक्रीय उल्टी सिंड्रोम से जुड़ी संभावित परेशानियाँ क्या हैं?

उल्टी के गंभीर दौर के कारण ऐसी परेशानियाँ हो सकती हैं:

महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।