सिस्टिक फाइब्रोसिस किसे कहते हैं?
सिस्टिक फाइब्रोसिस एक अनुवांशिक रोग है जिसमें बलगम की मोटी चिपचिपी परत बन जाने के कारण फेफड़े और पाचन तंत्र की वाहिकाएं जाम हो जाती हैं।
इसके लक्षण आमतौर पर बचपन से ही शुरू होते हैं और इसमें शामिल हैं:
- लगातार खांसी
- बार-बार छाती और फेफड़ों में संक्रमण
- वजन में अनियंत्रित वृद्धि
सिस्टिक फाइब्रोसिस के लक्षण आमतौर पर बाल्यवस्था में ही स्पष्ट हो जाते हैं।
इस बीमारी का सबसे शुरूआती लक्षण प्रभावित बच्चे का असामान्य रूप से नमकीन पसीना आना है, जो उस समय महसूस किया जा सकता है जब आप उसे चुंबन करेंगे।
सिस्टिक फाइब्रोसिस के लक्षणों (
) के बारे अधिक जानकारी प्राप्त करें।सिस्टिक फाइब्रोसिस का उपचार
सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) का कोई इलाज नहीं है। इसलिए उपचार का उद्देश्य लक्षणों को कम करना और स्थिति को सामान्य बनाना है। संक्रमण और अन्य जटिलताओं के कारण दीर्घकालिक क्षति को रोकना या कम करना भी उपचार कर सकता है।
इस उपचार के विकल्पों में शामिल हैं:
- () - यह एक प्रकार की दवाई है जो फेफड़ों के अंदर को चौड़ा करने में मदद करती है जिससे जिससे सांस लेने में आसानी होती है
- एंटीबायोटिक्स (antibiotics) - छाती और फेफड़ों के संक्रमण का इलाज
- () - ऐसे कई व्यायाम हैं जो फेफड़ों से बलगम को साफ करने में मदद कर सकते हैं
कुछ मामलों में फेफड़े के प्रत्यारोपण (lung transplant) की आवश्यकता हो सकती है यदि फेफड़े अत्यधिक क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।
के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें।सिस्टिक फाइब्रोसिस क्यूँ होता है?
सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) एक आनुवंशिक परिवर्तन के कारण होता है; विशेष रूप से जीन में परिवर्तन जो सीएफटीआर (CFTR) कहा जाता है। आनुवांशिक उत्परिवर्तन तब होता है जब सभी जीवित कोशिकाएं आपस में उलझ जाती हैं, जिसका अर्थ है कि शरीर की एक या अधिक प्रक्रियाएं उस तरह से काम नहीं करती जैसे उन्हें करना चाहिए।
सीएफटीआर परिवर्तन (CFTR mutation) के कारण कोशिकाओं में नमक और पानी की मात्रा को बढ़ा देता है। इसके कारण शरीर की कोशिकाओं और शिराओं में गाढ़ा और चिपचिपा बलगम बनता है। ये अवरोध फेफड़ों, पाचन तंत्र और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचाता है, जिसके कारण सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) के लक्षण दिखाई देते हैं।
सिस्टिक फाइब्रोसिस के कारणों (
) के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें।इसके कारण शरीर का कौनसा भाग प्रभावित होता है
सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) उत्तरी यूरोपीय वंशज के गोरे लोगों में सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) की समस्या सबसे आम है।
अन्य वंशजों के जातीय समूहों में स्थिति बहुत सामान्य है।
स्क्रीनिंग (Screening)
एनएचएस नवजात स्क्रीनिंग कार्यक्रम के तहत जन्म के समय शिशुओं की सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) की जांच की जाती है।
बच्चे की एड़ी में सुईं से थोड़ा सा खून लेकर उसे कार्ड पर रखा जाता है। उसके बाद कार्ड पर रखे गए खून के नमूने से सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) और अन्य वंशानुगत स्थितियों के लिए प्रयोगशाला में विश्लेषण किया जाता है, जैसे
()। के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें।आउटलुक (Outlook)
पिछले वर्षों में सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) की जटिलताओं से अधिकांश बच्चों की मौत वयस्क अवस्था में पहुंचने से पहले ही हो जाती है।
हाल के वर्षों इलाज के तरीकों में हुई प्रगति के कारण इस स्थिति में काफी सुधार हुआ है, हालांकि सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) से पीड़ित अधिकांश लोगो की उम्र औसतन कम ही होती है। हालांकि, भविष्य में इस स्थिति में सुधार की संभावना है।
आनुवंशिक रोग (Genetic disorder)
आनुवंशिक रोग एक ऐसा विकार है जो जीन दोष के कारण होता है। यह आमतौर पर वंशानुगत (परिवार से परिवार में चलता है) है।
वाहक (Carrier)
वाहक वह व्यक्ति या जानवर है जो उन प्राणियों को जन्म देता है जिनके कारण यह बीमारी होती है लेकिन वह स्वयं बीमार नहीं पड़ता है।
लक्षण
सिस्टिक फाइब्रोसिस के साथ पैदा होने वाले बच्चों में लक्षण आमतौर पर पहले वर्ष में दिखाई दे सकते हैं, हालांकि कभी-कभी वे बाद में भी विकसित हो सकते हैं।
शरीर में गाढ़ा चिपचिपा बलगम शरीर के कई अंगों को प्रभावित करता है, विशेषकर फेफड़े और पाचन तंत्र को।
सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) के लक्षण और संबंधित समस्याएं एक दूसरे व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं।
इसके मुख्य लक्षण और समस्याएं इस प्रकार हैं।
फेफड़े
सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) से पीड़ित लोगों में सामान्य तौर पर इस प्रकार की मुश्किलें आ सकती हैं जैसे:
- लगातार खांसी और घरघराहट; शरीर फेफड़ों में गाढ़ा बलगम को ऊपर ले जाकर खांसने की कोशिश करता है
- बार-बार छाती और फेफड़ों का संक्रमण; फेफड़ों में बलगम (mucus) बनने के कारण संक्रमण होता है, जो बैक्टीरिया (bacteria) उत्पन्न करने के लिए आदर्श आधार प्रदान करता है
एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण (Cross-infection)
सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) से ग्रसित लोग बैक्टीरिया के अधिक घातक होने के कारण हानिकारक फेफड़ों के संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं (ये बैक्टीरिया उन लोगों के लिए शायद ही कभी हानिकारक होते हैं जो सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) से पीड़ित नहीं होते हैं)।
बैक्टीरिया के दो उपभेद जो आमतौर पर सिस्टिक फाइब्रोसिस वाले लोगों को संक्रमित करते हैं वे हैं स्यूडोमोनस एरुगिनोसा और स्टैफिलोकोकस ऑरियस (Pseudomonas aeruginosa and Staphlyococcus aureus)। वे फेफड़ों के अंदर मोटे बलगम में वृद्धि करते हैं और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं, जैसे कि बार-बार छाती का संक्रमण होना।
इसका खतरा यह रहता है कि इस प्रकार सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) से संक्रमित व्यक्ति से यह रोग आसानी से दूसरे व्यक्ति में पहुंच सकता है या दूसरे लोगों पास खांसने के कारण भी सिस्टिक फाइब्रोसिस सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) से संक्रमण हो सकता है। इसे क्रॉस-संक्रमण (cross-infection) के रूप में जाना जाता है।
सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) से जितनी अधिक संख्या में लोग संक्रमित होते हैं, इस बैक्टीरिया का बैक्टीरिया एंटीबायोटिक से उपचार अवरोधक हो सकता है, यही कारण है कि क्रॉस-संक्रमण की समस्या होती है।
यह चिंता का विषय है कि सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) ग्रस्त लोग पर्यावरण की तुलना में एक दूसरे से स्ट्रेन्स (strains) लेने की अधिक संभावना रखते हैं। इस कारण से, यह अनुशंसा की जाती है कि सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) से पीड़ित लोग एक-दूसरे के निकट आपने से परहेज करें।
इन खतरनाक बैक्टीरिया से संक्रमित मरीजों को क्रॉस-संक्रमण से बचने के लिए बैक्टीरिया का अलग-अलग क्लीनिकों में इलाज किया जा सकता है।
आप सिस्टिक फाइब्रोसिस ट्रस्ट वेबसाइट (Cystic Fibrosis Trust website) से क्रॉस-संक्रमण पर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
पाचन तंत्र (Digestive system)
सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) अग्न्याशय (pancreas) में नलिकाओं को अवरुद्ध करने के लिए बलगम पैदा कर सकता है। अग्न्याशय आवश्यक भोजन को पचाने वाले एंजाइम (enzymes) उत्पन्न करता है। जब यह अवरुद्ध हो जाता है, तो भोजन को तोड़ने में मदद करने के लिए अधिकांश एंजाइम आंतों तक नहीं पहुंचते हैं, जिसके कारण बहुत से लक्षण पैदा हो सकते हैं। इनका उल्लेख नीचे किया गया है।
अधिक मात्रा में, बदबूदार मल
यदि पाचन एंजाइम उत्पन्न नहीं होते हैं, तो भोजन पर्याप्त रूप से पच नहीं पाता है और मल ('पू') में अतिरिक्त वसा चली जाती है, जिससे वे भारी, तैलीय, बदबूदार और फ्लश करना हो जाता है।
कुपोषण (Malnutrition)
क्योंकि शरीर भोजन (विशेष रूप से वसा) में आवश्यक पोषक तत्वों को पचा नहीं सकता है, जिसके कारण वजन बढ़ने में मुश्किल होती है और शिशुओं का वजन बढ़ने में मुश्किल हो सकती है। पर्याप्त पोषक तत्वों का सेवन न करने का चिकित्सीय शब्द है
()।सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) ग्रस्त वयस्कों को अक्सर वजन बढ़ाना और उसे संतुलित बनाए रखने में मुश्किल होती है। सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) ग्रस्त बच्चों में, इसके कारण यौवन में देरी हो सकता है यदि उनका वजन बहुत कम होता है।
मधुमेह (Diabetes)
सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) ग्रस्त लोगों में, अग्न्याशय अधिक क्षतिग्रस्त हो सकता है। यदि अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता है, तो इसके कारण
() हो सकता है, एक ऐसा हार्मोन जो रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है।सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) ग्रस्त लोगों में मधुमेह अन्य लोगों की तुलना में अलग होता है। आमतौर पर मधुमेह के लक्षणों में बार-बार प्यास लगना, बार-बार पेशाब करना और अत्यधिक थकान महसूस करना शामिल है।
यह सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) ग्रस्त लोगों में कम होता है। इसके बजाय यह सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) ग्रस्त लोग जिन्हें डायबिटीज होता है, को वजन बढाने में मुश्किल हो सकती है और उनके फेफड़ों के कार्य में कमी देखी जा सकती है।
सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) से संबंधित मधुमेह आमतौर पर इंसुलिन के नियमित इंजेक्शन द्वारा नियंत्रित किया जाता है। सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) ग्रस्त बच्चों में मधुमेह शायद ही कभी होता है।
कान, नाक और साइनस (Ears, nose and sinuses)
सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) ग्रस्त लोग
(गाल की हड्डियों के पीछे का संक्रमण) से ग्रस्त हो सकते हैं , जिसे नाक का स्प्रे या एंटीबायोटिक दवाओं से इलाज करने की जरूरत हो सकती है।कुछ बड़े बच्चों और वयस्कों में
() हो सकता है, जिससे कारण मांस की सूजन हो जाती है जो नाक या साइनस से बढ़ते हैं। यदि वे परेशान हो जाते हैं, तो उन्हें हटाने की जरूरत हो सकती है।हड्डियां और जोड़ (Bones and joints)
सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) ग्रस्त कुछ बड़े बच्चों में
() (जोड़ों के सूजन और दर्द) का एक रूप है, आमतौर पर घुटने जैसे एक या दो बड़े जोड़ों। ज्यादातर मामलों में, समय और उपचार के साथ लक्षणों में सुधार संभव है।पाचन संबंधी समस्याओं के कारण बार-बार संक्रमण, शरीर या वजन न बढ़ना, शारीरिक गतिविधियों की कमी और विटामिन और खनिजों की कमी सहित कई कारणों से बड़े बच्चों और वयस्कों की हड्डियों के पतले होने का खतरा हो सकता है।
सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) ग्रस्त लोगों में ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) बढ़ने का खतरा अधिक होता है, अगर वे फेफड़ों के संक्रमण के इलाज के लिए स्टेरॉयड दवा (steroid medication (
)) ले रहे हैं । () के कारण जोड़ों में दर्द हो सकता है और हड्डियां आसानी से फ्रैक्चर (टूटना) हो सकती हैं। कुछ लोगों को अपने अस्थि घनत्व को बनाए रखने में मदद के लिए बिस्फोस्फॉनेट्स (bisphosphonates) नामक दवाई लेने की जरूरत होती है।बांझपन (Infertility)
सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) ग्रस्त पुरुषों और महिलाओं दोनों को बच्चों को गर्भ धारण करने में समस्या हो सकती है।
वस्तुतः सभी पुरुषों में सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) के साथ, शुक्राणु वाहिकायें सही ढंग से विकसित नहीं होती हैं, जिससे वे नपुंसक (
) हो जाते हैं।सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) वाली महिलाओं को पता चल सकता है कि अगर उनका वजन कम है तो उन्हें या तो मासिक धर्म होता नहीं है या अनियमित हो जाता है।
गर्भाशय ग्रीवा बलगम की बढ़ी मोटाई भी है, जो कभी-कभी प्रजनन क्षमता को कम कर सकती है।
हालांकि, सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) वाली कुछ महिलाओं को एक सफल गर्भावस्था हो सकती है, हालांकि बच्चे को गर्भ धारण करने से पहले सामान्य से अधिक समय लग सकता है।
जिगर (Liver)
सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) ग्रस्त कुछ लोगों में, यकृत में छोटे पित्त वाहिकायें बलगम द्वारा अवरुद्ध हो सकती हैं। यह समस्या और भी गंभीर हो सकती है क्योंकि जैसे-जैसे रोग बढ़ता जाता है, वैसे-वैस कुछ मामलों में यकृत प्रत्यारोपण करना तक आवश्यक हो सकता है।
असंयमिता (Incontinence)
सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) ग्रस्त लोगों, विशेष रूप से महिलाओं में,
(मूत्राशय पर नियंत्रण न होना) होने की संभावना अधिक रहती है क्योंकि खाँसने के दौरान मूत्र मूत्राशय से बाहर रिस सकता है।शब्दकोष (Glossary)
एंजाइम (Enzyme) एंजाइम प्रोटीन होते हैं जो शरीर में पाचन जैसे रासायनिक प्रतिक्रियाओं को गति देते हैं और उन्हें नियंत्रित करते हैं। लीवर शरीर में सबसे बड़ा अंग है। इसका मुख्य काम पित्त का स्राव करना (पाचन में मदद करना) है, रक्त को विशाक्ता समाप्त करना (detoxify) और भोजन को ऊर्जा में बदलना है। मल (Faeces) टट्टी (जिसे मल के रूप में भी जाना जाता है) ठोस अपशिष्ट पदार्थ है जो शरीर से मलत्याग के रूप में श्रावित होता है।
कारण
सिस्टिक फाइब्रोसिस एक आनुवंशिक स्थिति है। यह एक दोषपूर्ण जीन (सीएफटीआर जीन के रूप में जाना जाता है) के कारण होता है जो एक प्रोटीन के सामान्य कामकाज को अवरुद्ध करता है। इसके कारण बहुत अधिक नमक निकलता है और कोशिकाओं में पानी की पर्याप्त मात्रा को रोक देता है।
इससे शरीर की वाहिकाओं और कोशिकाओं में गाढ़ा, चिपचिपा बलगम बनता है। ये रुकावट फेफड़ों, पाचन तंत्र और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप सूजन (सूजन) होती है और फेफड़ों में बार-बार संक्रमण होता है।
सीएफटीआर म्यूटेशन (CFTR mutation) एक परिवार से दूसरे परिवार में कैसे चला जाता है
जीन जोड़े में बनते हैं। आपको अपनी माँ से जीन का एक सेट और अपने पिता से एक सेट विरासत में मिलता है।
सिस्टिक फाइब्रोसिस विकसित करने के लिए आपको अपनी माँ और आपके पिता दोनों से दोषपूर्ण जीन प्राप्त होते हैं।
यूके में, यह माना जाता है कि प्रत्येक 25 में 1 व्यक्ति सिस्टिक फाइब्रोसिस के लिए दोषपूर्ण जीन का वाहक है, यही कारण है कि यह अपेक्षाकृत सामान्य आनुवंशिक स्थिति है। एक वाहक पूरी तरह से स्वस्थ हो सकता है और हो सकता है कि उसमें सिस्टिक फाइब्रोसिस का कोई लक्षण नहीं हो।
यदि दोषपूर्ण जीन के दो वाहकों को बच्चा होता है, तो निम्न स्थिति संभव है:
- चार-में-एक बार ऐसा संभव हो सकता है कि बच्चा या तो दोषपूर्ण जीन को वहन नहीं करेगा (बच्चे को सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) नहीं होगा और स्थिति का वाहक नहीं होगा)
- दो-में-एक बार ऐसा संभव हो सकता है कि बच्चे अपने पिता या माता किसी एक से ही दोषपूर्ण जीन प्राप्त होगा (बच्चे को सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) नहीं होगा, लेकिन स्थिति का वाहक होगा)
- बच्चे को दोषपूर्ण जीन की दोनों प्रतियों को विरासत में लेने का चार-में-एक स्थिति, बच्चे को सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) होगा
शब्दकोष (Glossary)
गुणसूत्र (Chromosome) गुणसूत्र शरीर कोशिका के भाग होते हैं जिसमें जीन होते हैं। मानव कोशिका में आमतौर पर 23 जोड़े गुणसूत्र होते हैं। जीन (Gene) जीन में वह जानकारी होती है जो आपको अपने माता-पिता से विरासत में मिलती है, जैसे कि आंख या बालों का रंग। वे गुणसूत्रों पर निर्भर करते हैं।
निदान
ब्रिटेन में सिस्टिक फाइब्रोसिस के ज्यादातर मामलों की पहचान अब जन्म के वक़्त होने वाली जाँच में की गई। हालांकि, बाद में कुछ शिशुओं, बच्चों और यहां तक कि युवाओं में अस्पष्ट बीमारी की पहचान की जाती है।
सिस्टिक फाइब्रोसिस का निदान
सिस्टिक फाइब्रोसिस के निदान के तीन मुख्य तरीके हैं:
- नवजात परीक्षण
- प्रसवपूर्व परीक्षण
- पसीने का परीक्षण
नवजात की स्क्रीनिंग (Newborn screening)
बच्चे की एड़ी में सुईं से थोड़ा सा खून लेकर उसे कार्ड पर रखा जाता है। उसके बाद कार्ड पर रखे गए खून के नमूने से सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) और अन्य वंशानुगत स्थितियों के लिए प्रयोगशाला में विश्लेषण किया जाता है, जैसे
()जितनी जल्दी सिस्टिक फाइब्रोसिस सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) का निदान किया जाता है, उतनी ही जल्दी उपचार शुरू हो सकता है और संभावना बेहतर होगी।
नवजात स्क्रीनिंग कार्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यूके न्यूबोर्न स्क्रीनिंग प्रोग्राम सेंटर की वेबसाइट (UK Newborn Screening Programme Centre website) देखें।
प्रसव परीक्षण (Antenatal testing)
यह परीक्षण एक महिला पर किया जा सकता है जब वह गर्भवती होती है यह देखने के लिए कि क्या उसके अजन्मे बच्चे को सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) है। यह गर्भधारण करने के 10 सप्ताह में किया जा सकता है।
इस परीक्षण में कोरियोनिक विलस सैंपलिंग (chorionic villus sampling (CVS)) का प्रयोग किया जाता है, जिसमें पेट से होते हुए गर्भ में एक बारीक सुई डाली जाती है। कभी-कभी, एक बारीक ट्यूब योनि से होते हुए गर्भाशय ग्रीवा (cervix (neck of the womb)) में डाली जाती है। बढ़ते प्लेसेंटा (placenta) का एक छोटा सा भाग, जिसे कोरियोनिक ऊतक (chorionic tissue) के रूप में जाना जाता है, लिया जाता है और ऊतक की कोशिकाओं (cells of the tissue) में गुणसूत्रों (chromosomes) की जांच दोषपूर्ण जीन के लिए की जाती है जो सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) का कारण बनता है।
सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) के लिए प्रसवपूर्व परीक्षण आमतौर पर केवल उन माताओं का किया जाता है जिन्हें बीमार बच्चे पैदा होने का जोखिम रहता है, जैसे पारिवारिक इतिहास वाली महिलाएं।
पसीना परीक्षण (Sweat test)
यदि किसी को सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) है, तो उनके पसीने में नमक की मात्रा सामान्य से अधिक होगी। माता-पिता पहले, जब वे उसे चुंबन करेंगे तो उन्हें बच्चे में सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) के लक्षण दिखाई दे सकते हैं क्योंकि उनकी त्वचा नमकीन लगती है।
एक स्वेट टेस्ट पसीने में नमक की मात्रा को मापता है। यह आमतौर पर त्वचा के एक छोटे से क्षेत्र में एक बहुत कमजोर और दर्द रहित विद्युत प्रवाह को लागू करके किया जाता है, जिसमें एक हानिरहित रासायनिक लागू किया गया है। यह त्वचा के उस भाग को निकालता है जहां से पसीना निकलता है। पसीने का नमूना लेकर उसका विश्लेषण किया जाता है। यदि पसीने में नमक की मात्रा सामान्य से अधिक है, तो यह सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) की पुष्टि करता है।
पसीना परीक्षण किया जा सकता है यदि:
- नवजात शिशु का स्क्रीनिंग परीक्षण असामान्य हैं
- बच्चे में सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) के लक्षण दिखाई देते हैं
- बच्चे का मल का रास्ता अवरूद्ध होता है जिसे मेकोनियम इलियस (meconium ileus) के रूप में जाना जाता है
- एक बच्चे या वयस्क में सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) के लक्षण हैं
आनुवंशिक परीक्षण (Genetic testing)
आनुवंशिक परीक्षण (Genetic testing) रक्त के नमूने का उपयोग करके गाल के अंदर से लार के नमूने का विश्लेषण और दोषपूर्ण सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) जीन का आनुवंशिक परीक्षण की जांच की जाती है। यह सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) की पुष्टि करने के लिए उपयोगी हो सकता है, अगर पसीने का परीक्षण के परिणाम बहुत नजदीकी होते हैं।
यह पता लगाना भी उपयोगी हो सकता है कि परिवार के कौन से सदस्य सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) जीन के वाहक हैं।
वाहक परीक्षण (Carrier testing)
इसका एक सामान्य परीक्षण होता है जिसका पता लगाने के लिए माउथवॉश का प्रयोग होता है कि कोई व्यक्ति सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) जीन का वाहक है या नहीं।
माउथवॉश को घुमाकर मुंह से कोशिकाओं का एक नमूना एकत्र किया जाता है। यह नमूना फिर प्रयोगशाला में भेजा जाता है और इसमें मौजूद कोशिकाओं के दोषपूर्ण सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) जीन की जाँच की जाती हैं।
यह परीक्षण इसलिए करवाना भी महत्वपूर्ण है कि यदि व्यक्ति का साथी एक ज्ञात वाहक है, या यदि परिवार में किसी को सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) है या ज्ञात है कि वे इसके वाहक हो सकते हैं।
बाद के जीवनकाल में परीक्षण (Testing in later life)
बड़े बच्चों और वयस्कों को यह जांचने के लिए नियमित परीक्षण की आवश्यकता पड़ सकती है कि उनके फेफड़े और पाचन तंत्र अच्छी तरह काम कर रहे हैं या नहीं।
इस उद्देश्य के लिए उपयोग किए जाने वाले परीक्षणों का उल्लेख आगे किया गया है।
स्पिरोमेट्री (Spirometry)
स्पिरोमेट्री (Spirometry) नामक मशीन में सांस लेने के लिए कहा जाएगा।
स्पाइरोमीटर (spirometer) में दो माप ली जाती हैं: आप एक सेकंड में हवा की मात्रा सांस ले सकते हैं (एक सेकंड तेजी के साथ पूरा सांस भर सकते हैं या FEV1 कहा जाता है) और आपके द्वारा बाहर निकाले जाने वाली हवा की कुल मात्रा (पूरी सांस निकालना या FVC कहा जाता है)। आपको एक प्रकार का श्वास परीक्षण भी दिए जाने के लिए कहा जा सकता है जिसे स्पिरोमेट्री (spirometry) के रूप में जाना जाता है।
संगत रीडिंग प्राप्त करने के लिए आपको कुछ बार साँस लेने के लिए कहा जा सकता है।
रीडिंग की तुलना आपकी उम्र के सामान्य माप से की जाती है, जो यह बता सकता है कि क्या आपके वायुमार्ग बाधित हैं।
छाती का एक्स-रे (Chest X-rays)
छाती का एक्स-रे (Chest X-rays) आपके फेफड़ों की स्थिति का आकलन करने के लिए एक उपयोगी विधि हो सकती है
कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन (Computerised tomography (CT) scan)
(), द्वारा एक्स-रे लिए जा सकते हैं; फिर इन्हें आपके फेफड़ों और पाचन तंत्र की अधिक विस्तृत '3 डी' छवि एक कंप्यूटर द्वारा ली जाती है।शब्दकोष (Glossary)
रक्त परीक्षण (Blood test) रक्त परीक्षण के दौरान, सुई का उपयोग करके नस से रक्त का एक नमूना लिया जाता है, जिसकी प्रयोगशाला में जांच की जाती है। कोरियोनिक विलस सैंपलिंग ()Chorionic villus sampling कोरियोनिक विलस सैंपलिंग गर्भावस्था के दौरान किया जाने वाले एक प्रकार का परीक्षण है यह देखने के लिए कि क्या भ्रूण के साथ कोई आनुवांशिक समस्या है या नहीं। नाल (placenta) से ऊतक का एक छोटा सा नमूना लिया जाता है। परामर्श (Counselling) परामर्श एक स्वतंत्र, प्रशिक्षित व्यक्ति की समस्या या मुद्दे के अपने जवाब खोजने में आपकी सहायता करने के लिए निर्देशित चर्चा है। जीन (Gene) जीन में ऐसी जानकारी होती है जो आपको अपने माता-पिता से विरासत में मिलती है, जैसे कि आंख या बालों का रंग। उन्हें गुणसूत्रों से लिया जाता है। जेनेटिक (Genetic) जेनेटिक एक ऐसा शब्द है जो जीन को संदर्भित करता है, जो माता-पिता से विरासत में मिलते हैं। फेफड़े (Lungs) फेफड़े छाती में अंगों की एक जोड़ी है जो श्वास को नियंत्रित करते हैं। वे रक्त से कार्बन डाइऑक्साइड निकालते हैं और इसे ऑक्सीजन में बदलते हैं।
इलाज
सिस्टिक फाइब्रोसिस ग्रस्त लोगों को सिस्टिक फाइब्रोसिस केंद्र में स्वास्थ्य कर्मियों की टीम से सहायता और सलाह से इलाज किया जाना चाहिए। नियमित मुलाकातों, रोगी या माता-पिता सीख सकते हैं कि स्थिति बेहतर प्रबंधन कैसे किया जाए। क्योंकि प्रत्येक मामला भिन्न होता है, वे अपने या अपने बच्चे की स्थिति की देखभाल प्राप्त कर सकते हैं।
सिस्टिक फाइब्रोसिस का कोई इलाज नहीं है। उपचार का उद्देश्य लक्षणों को कम करना और स्थिति को आसान बनाना है। यह संक्रमण और अन्य जटिलताओं के कारण होने वाले दीर्घकालिक नुकसान को भी रोक या कम कर सकता है।
सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) के लिए विभिन्न प्रकार के उपचार आगे दिए गए हैं।
दवाई
सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) के लिए चिकित्सा उपचार स्पष्ट और फेफड़ों और पाचन तंत्र में संक्रमण को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। उनका उपयोग सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) से संबंधित कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए भी किया जा सकता है।
ब्रोंचोडाईलेटर्स (Bronchodilators)
ब्रोंचोडाईलेटर्स (Bronchodilators) एक प्रकार की दवा है जिसकी मदद से व्यक्ति आसानी से साँस लेने में मदद मिलती है। वे अस्थमा के लिए भी उपयोग किए जाते हैं और मांसपेशियों को आराम देते हैं जो आपके फेफड़ों में वायुमार्ग के चारो तरफ होते हैं, जिन्हें खोलने में ये मदद करते हैं।
एंटीबायोटिक दवाएं (Antibiotics)
एंटीबायोटिक दवाएं (Antibiotics) फेफड़ों में संक्रमण से लड़ने के लिए लिए जाने जाते हैं। उन्हें गोलियां, कैप्सूल या तरल पदार्थ के रूप में मुंह में लिया जा सकता है, एक नेबुलाइज़र (nebuliser) (एक उपकरण जिससे भाप के द्वारा सांस ली जा सकती है) के द्वारा साँस लिया जा सकता है, या उन्हें अंतःशिरा (एक ट्यूब के माध्यम से एक नस में) दिया जा सकता है यदि संक्रमण अधिक गंभीर है।
सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) के निदान वाले सभी छोटे बच्चों को कुछ बैक्टीरिया से बचाने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का एक कोर्स शुरू किया जाएगा, जो कुछ वर्षों तक जारी रहेगा। एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग के बारे में अधिक जानकारी के लिए, दवा पर सिस्टिक फाइब्रोसिस ट्रस्ट जानकारी (Cystic Fibrosis Trust information) देखें।
कॉर्टिकोस्टेरॉइड (Corticosteroids)
स्टेरॉयड दवाई (
) वायुमार्ग की सूजन को कम करती है, जो कुछ रोगियों में साँस लेने में मदद कर सकती है। स्टेरॉयड पॉलीप्स और स्प्रे का उपयोग नाक पॉलीप्स (नथुने में विकसित) के इलाज के लिए भी किया जा सकता है।पल्मोज़ाइम (Pulmozyme)
पल्मोज़ाइम (Pulmozyme) (DNase) एक प्रकार का एंजाइम है, जिसमें आमतौर पर एक नेबुलाइज़र के माध्यम से साँस लिया जाता है, जो फेफड़ों में चिपचिपे बलगम को पतला करता है और उसे तोड़ने में मदद करता है, इसके लिए खांसना आसान है।
ज्यादातर मामलों में DNase के कारण कोई विशेष दुष्प्रभाव देखने में नहीं आया है
इंसुलिन (Insulin)
जिन लोगों को सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) के कारण मधुमेह होता है, उन्हें रक्त शुगर के स्तर को स्थिर करने के लिए इंसुलिन लेने और अपने आहार का प्रबंधन करने की आवश्यकता होगी। आमतौर पर मधुमेह से पीड़ित लोगो को आहार संबंधी सलाह दी जाती है जिन्हे सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) नहीं होता है, यह सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) वाले उन लोगों पर लागू नहीं होता है जिन्हें मधुमेह नहीं होता है।
बिसफ़ॉस्फ़ोनेट्स (Bisphosphonates)
बिसफ़ॉस्फ़ोनेट्स (Bisphosphonates) को ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) (कमजोर और भंगुर हड्डियों) के इलाज के लिए लिया जा सकता है, जो सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) के परिणामस्वरूप हो सकता है। बिसफ़ॉस्फ़ोनेट्स (Bisphosphonates) हड्डी के घनत्व को बनाए रखने और फ्रैक्चर के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।
टीकाकरण और फ्लू जैब्स (Vaccinations and flu jabs)
यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है कि सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) ग्रस्त लोगों को सभी आवश्यक टीके दिए गए हैं। सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) ग्रस्त लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें वार्षिक फ्लू जैब है, क्योंकि वे संक्रमण के परिणामस्वरूप जटिलताओं के प्रति अधिक संवेदनशील हैं।
पाचन तंत्र, आहार और पोषण (Digestive system, diet and nutrition)
सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) ग्रस्त लोगों के लिए, सही पोषण प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। एक स्वस्थ शरीर का वजन संक्रमण से लड़ने में मदद करने के लिए आवश्यक है, और यह महत्वपूर्ण है कि व्यक्ति के बीमार होने पर भरोसा करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा हो।
सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) बलगम का कारण बनता है और पाचन रस और एंजाइम ले जाने वाले छोटे चैनलों को अवरुद्ध करता है। समय के साथ, इससे अग्न्याशय क्षतिग्रस्त हो जाता है। अग्न्याशय पर सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) का प्रभाव प्रत्येक व्यक्ति में भिन्न होता है, लेकिन अधिकांश लोगों को हर भोजन और नाश्ते के साथ भोजन को पचाने और उन्हें आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त करने में मदद करने के लिए जन्म से ही पाचन एंजाइम लेना पड़ता है। उन्हें विटामिन की खुराक लेने की भी जरूरत पड़ती है।
सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) ग्रस्त किसी भी व्यक्ति के आहार उच्च कैलोरी युक्त होना चाहिए, क्योंकि वे खाए गए भोजन को पचाने में सक्षम नहीं होंगे।
सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) का निदान होते ही एक विशेष आहार शुरू करना चाहिए, जिसे लोगों को बड़े होने पर अनुकूलित करने की आवश्यकता होगी।
सिस्टिक फाइब्रोसिस से पीड़ित शिशु (Babies with cystic fibrosis)
सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) ग्रस्त शिशुओं को हमेशा सामान्य की तरह स्तनपान कराया जा सकता है, जिसके लिए अधिकांश बच्चे का दूध और सूत्र उपयुक्त होंगे। कुछ मामलों में, यदि बच्चा का वजन ठीक नहीं है, तो बच्चे को अधिक कैलोरी (ऊर्जा) देने के लिए दूध मिलाकर उच्च-ऊर्जा फॉर्मूला की आवश्यकता हो सकती है या पोषण की खुराक दी जा सकती है।
सिस्टिक फाइब्रोसिस केंद्र (cystic fibrosis centre) में आहार विशेषज्ञ से पूछें कि क्या आपको इस बारे में पूरा भरोसा है।
इससे पहले कि बच्चों को ठोस भोजन देना शुरू करें, उन्हें अतिरिक्त नमक की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि मां के दूध और बच्चे के दूध में नमक की मात्रा बहुत कम होती हैं। सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) पसीने को बहुत अधिक नमकीन बनाता है और सामान्य से अधिक नमक त्वचा के माध्यम से निकल जाता है।
यदि बच्चे को अतिरिक्त नमक की आवश्यकता होती है, तो सिस्टिक फाइब्रोसिस केंद्र (cystic fibrosis centre) पर आहार विशेषज्ञ या डॉक्टर उचित मात्रा के बारे में सलाह देंगे और एक नमक समाधान करने का सुझाव देंगे।
सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) के विशेषज्ञों की सलाह के बिना कभी भी बच्चे के भोजन में नमक न डालें।
बच्चे किसी भी सामान्य ठोस शिशु भोजन खा सकते हैं, लेकिन उनके मल में विटामिन ए, डी, ई और की कमी को पूरा करने के लिए उन्हें विटामिन की खुराक की आवश्यकता होगी।
इसके लिए दो प्रकार के तैयार तरल उपलब्ध करवाए जा सकते हैं। विटामिन ए और डी आमतौर पर संयुक्त होते हैं, और आमतौर पर विटामिन ई अलग होता है। कई डॉक्टरों द्वारा विटामिन अब बड़े बच्चों को देने का सुझाव दिया जाता है।
सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) ग्रस्त बच्चे को भोजन पचाने में मदद करने के लिए अग्नाशयी एंजाइम की आवश्यकता होगी। ये अपने पाचन तंत्र के स्थान पर भोजन पचाने वाले एंजाइमों की जगह लेते हैं। वे आम तौर पर माइक्रोसेफर्स या मिनिमिक्रोस्फेयर (ग्रैन्यूल) (microspheres or minimicrospheres (granules)) के रूप में आते हैं, मां का दूध या फ्रूट पूरी कहा जाता है और जिसे खाने के शुरू, बीच और बाद में शुरू में एक चम्मच दिया जा सकता है।
रवा (granules) को कभी सूखा नहीं देना चाहिए क्योंकि इसके कारण दम घुटने का खतरा हो सकता है। उपयोग करने की मात्रा और एंजाइम देने के उपयुक्त तरीके बारे में आहार विशेषज्ञ से सलाह ली जा सकती है।
सिस्टिक फाइब्रोसिस ग्रस्त बच्चे (Children with cystic fibrosis)
जिन बच्चों को सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) होता है, उन्हें प्रोटीन और कैलोरी की अधिक मात्रा के साथ विभिन्न प्रकार का खाना दिया जाना चाहिए। भोजन में मांस, मछली और अंडे, साथ ही रोटी और पास्ता जैसे स्टार्चयुक्त भोज्य पदार्थ शामिल करने चाहिए। यदि किसी बच्चे को भूख नहीं लगती है, तो उन्हें कम मात्रा में कई बार दें, और भोजन के बीच-बीच में नाश्ते दें।
जिन बच्चों को वजन बढ़ाने में मुश्किल होती है, उन्हें मिल्क शेक या फलों के रस के रूप में आहार की खुराक दी जा सकती है। आप इनके बारे में सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) आहार विशेषज्ञ से बात कर सकते हैं।
शिशुओं की तरह ही, सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) ग्रस्त बच्चों को विटामिन ए, डी, ई और के की खुराक लेना जारी रखना चाहिए, ताकि उनके विटामिन की पूर्ति हो सके।
बच्चों को सभी वसा युक्त भोजन, नाश्ते और पेय के साथ अग्नाशयी एंजाइम (pancreatic enzymes) देना जारी रखना चाहिए। भोजन से पहले और भोजन के दौरान कैप्सूल लिया जाना चाहिए और भोजन की वसा सामग्री के आधार पर कैप्सूल की संख्या अलग-अलग होगी। एंजाइमों को आसानी से निगलने वाले कैप्सूल के रूप में लिया जा सकता है।
आहार विशेषज्ञ सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) ग्रस्त बच्चे के लिए नमक की खुराक की सिफारिश कर सकते हैं, विशेष रूप से गर्मी के मौसम में या अगर वे गर्म जलवायु वाले क्षेत्र में छुट्टी पर मना रहे हैं, जहां पसीना आने से नमक की कमी हो सकती है।
सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) ग्रस्त बच्चे अपने उच्च-कैलोरी युक्त आहार के कारण सामान्य से अधिक शुगर वाले भोजन खाने की संभावना रखते हैं, इसलिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि वे अपने दांतों को अच्छी तरह से ब्रश करें और नियमित रूप से दंत डॉक्टर से परामर्श करें।
यदि किसी बच्चे का वजन उचित नहीं है और भोजन की खुराक से मदद नहीं मिलती है, तो ट्यूब के द्वारा खाना खिलाया जा सकता है।
यह आमतौर पर या तो नेसोगैस्ट्रिक (nasogastric) होगा (ट्यूब नाक में डालकर पेट में जाता है), या गैस्ट्रोस्टोमी (gastrostomy) (पेट में सीधे ट्यूब डालने के लिए एक छोटा ऑपरेशन किया जाता है)। ट्यूब का दूसरा सिरा उच्च-कैलोरी / पोषक भोजन के बैग से जुड़ा होता है जिसे सीधे पेट में पहुंचाया जाता है, आमतौर पर जब बच्चा सोता हुआ होता है।
सिस्टिक फाइब्रोसिस से ग्रस्त वयस्क
जिन वयस्कों को सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) होता है, उन्हें किसी विशेष भोजन से परहेज करने की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि वे अपना वजन ठीक रखने के लिए प्रोटीन और ऊर्जा से भरपूर आहार लें। उन्हें नियमित भोजन और नाश्ते का सेवन करना चाहिए क्योंकि यह ऊर्जा को बनाए रखने में मदद करता है। उन्हें दिन में तीन बार भोजन करना चाहिए, जिसमें मांस, मछली और अंडे शामिल होते हैं, और बीच-बीच में कई हाई-कैलोरी स्नैक्स ले सकते हैं।
यदि सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) वाला कोई व्यक्ति शाकाहारी होना चाहता है, तो उन्हें मांस के विकल्प के बारे में अपने आहार विशेषज्ञ से बात करनी चाहिए। सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) ग्रस्त लोगों के लिए शाकाहारी आहार की सलाह नहीं दी जाती क्योंकि इसमें विशेष रूप से ऊर्जा में कम होती है।
सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) ग्रस्त अधिकांश वयस्कों को सभी वसा युक्त भोजन, नाश्ते और पेय के साथ अग्नाशयी एंजाइम लेना जारी रखना चाहिए। कैप्सूल भोजन से पहले और कभी-कभी भोजन के बीच में लिया जाना चाहिए और भोजन की वसा के आधार पर कैप्सूल की संख्या अलग-अलग होगी। ये अलग प्रकार और शक्ति वाले होते हैं इसलिए व्यक्ति को अपनी जरूरत के अनुसार भोजन लेने के लिए सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) विशेषज्ञ टीम से बात करनी चाहिए।
क्रेओन (Creon) ब्रिटेन में इस्तेमाल की जाने वाली सामान्य सामग्री है। सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) ग्रस्त लोगों को अग्नाशयी एंजाइम लेना बंद नहीं करना चाहिए जब तक कि उन्हें अपने आहार विशेषज्ञ या डॉक्टर द्वारा ऐसा करने के लिए नहीं कहा जाता है, क्योंकि इससे आंत्र का अवरोध उत्पन्न हो सकता है।
अधिकांश वयस्कों को विटामिन ए, डी, ई और के की खुराक लेना जारी रखना चाहिए। ये निर्धारित मल्टीविटामिन गोलियों के रूप में मिलते हैं।
सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) ग्रस्त लोग जो एक संक्रमण या बीमारी के कारण अधिक वजन कम करते हैं, उन्हें वजन बढ़ाने में मदद के लिए ट्यूब के द्वारा भोजन लेने की की आवश्यकता हो सकती है।
बच्चों के लिए ट्यूब फीडिंग की तरह ही, यह या तो नासोगैस्ट्रिक या गैस्ट्रोस्टोमी (nasogastric or gastrostomy) के रूप में होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि ट्यूब को कितने समय तक लगाकर रहना चाहिए। गैस्ट्रोस्टोमी ट्यूब (gastrostomy tube) (जो सीधे पेट में डाली जाती है) लंबे समय तक या उपचार के लिए सबसे अच्छा तरीका है क्योंकि इसके खांसी या फिजियोथेरेपी के दौरान हटने की संभावना नहीं रहती है।
फिजियोथेरेपी (Physiotherapy)
फिजियोथेरेपी (Physiotherapy) के साथ सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) का प्रबंधन प्रत्येक व्यक्ति की स्थिति के लिए भिन्न होता है, और विशेष रूप से उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप होता है।
परंपरागत रूप से, सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) के लिए फिजियोथेरेपी मुख्य रूप से वायुमार्ग निकासी (फेफड़ों से बलगम को साफ करना) पर केंद्रित होती। यह अभी भी दैनिक उपचार का एक बड़ा हिस्सा है, लेकिन सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) में फिजियोथेरेपिस्ट की भूमिका का विस्तार दैनिक व्यायाम, साँस लेने संबंधी चिकित्सा, मुद्रा जागरूकता और कुछ के लिए, मूत्र असंयम का प्रबंधन शामिल है।
वायुमार्ग की सफाई (Airway clearance)
उपलब्ध सभी वायुमार्ग की सफाई (Airway clearance) तकनीक पर चर्चा करना इस लेख के दायरे में नहीं है (आपकी देखभाल टीम को वायुमार्ग क्लीवे तकनीक के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करने में सक्षम होना चाहिए)।
यूके में सबसे अधिक श्वास तकनीक (एसीबीटी) का इस्तेमाल किया जाता है जिसे सक्रिय चक्र कहा जाता है।
साँस लेने की तकनीक का सक्रिय चक्र (ACBT) (Active cycle of breathing techniques (ACBT))
साँस लेने की तकनीक का सक्रिय चक्र (ACBT) आपका एक चक्र होता है जिसमें कई चरणों होते है। ये चक्र इस प्रकार हैं:
- सामान्य आराम से सांस लेने की 20-30 सेकंड की अवधि
- 3-4 गहरी सांसें, जहां आप प्रत्येक सांस लेने से पहले तीन सेकंड के लिए रुकते हैं
- 'हफिंग (huffing)' - हफिंग में एक मध्यम आकार की सांस लेना शामिल है, जिसमें सांस लेने में मदद करने के लिए आप छाती और पेट की मांसपेशियों का उपयोग करते हुए अपने खुले मुंह के माध्यम से तेज सांस लेते हैं - इससे बलगम को एक स्तर तक धक्का देने में मदद मिलेगी जब आप से बाहर निकालते हैं
- खांसी – आपको फिर से 2-3 बार खांसना चाहिए; लेकिन बलगम को बाहर निकालने की कोशिश न करें यदि ऐसा लगता है कि यह बाहर निकलने के लिए तैयार नहीं है
आप फिर 20-30 मिनट का चक्र दोहराएं।
(एसीबीटी का प्रयास न करें यदि आपको पहली बार एक प्रशिक्षित फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा तरीका नहीं सिखाया गया है क्योंकि गलत तरीके से आपके फेफड़ों को नुकसान हो सकता है)।
यदि आप आपका स्वास्थ्य अच्छा है तो आपको दिन में एक या दो बार एसीबीटी लेना होगा।
यदि आपका फेफड़ों का संक्रमण विकसित होता है तो आपको अधिक लगातार एसीबीटी लेने की आवश्यकता हो सकती है।
पोस्टुरल ड्रेनेज (Postural drainage)
अपनी स्थिति बदलने से आपके फेफड़ों से बलगम को निकालना भी आसान हो सकता है। इसे पोस्ट्युरल ड्रेनेज (Postural drainage) के रूप में जाना जाता है।
हर तकनीक के कई जटिल पहलू शामिल हो सकते हैं लेकिन संक्षेप में बताने के लिए, अधिकांश तकनीकों में आपका झुकाव या झूठ बोलना शामिल होता है जबकि फिजियोथेरेपिस्ट या एक देखभालकर्ता आपके फेफड़ों के कुछ हिस्सों को कंपन करने के लिए अपने हाथों का उपयोग करता है, जैसा कि आप 'हफ' और खाँसते हैं।
उपकरण (Devices)
ऐसे भी कई उपकरण उपलब्ध हैं जो आपके फेफड़ों से बलगम को हटाने में मदद कर सकते हैं। इसमें शामिल है:
- फ्लटर (flutter) – एक ऐसा उपकरण जो अस्थमा इन्हेलर के आकार का होता है जो आपके फेफड़ों के वायुमार्ग में कंपन करता है, जिससे बलगम को बाहर निकालना आसान हो जाता है
- आरसी कॉर्नेट (RC cornet) - एक ऐसा उपकरण जो बगीचे के एक हिस्से की तरह का होता है जो कि फड़फड़ाने की तरह काम करता है
- एकापेल्ला (Acapella) – एक ऐसा उपकरण जो एक छोटी मशाल के आकार का होता है जो बलगम को हटाने में मदद करने के लिए कंपन और वायु दबाव का प्रयोग करता है
आपके पीसीटी (PCT) के इन उपकरणों के लिए भुगतान करने की जरूरत नहीं है, इसलिए यदि आप चाहते हैं तो आपको भुगतान करना पड़ सकता है।
इस प्रकार के उपकरणों की कीमत लगभग £45-60 होती है।
कुछ तकनीकों में बड़े उपकरणों का उपयोग किया जाता है, जो बहुत महंगा हो सकता है और आमतौर पर केवल एक अस्पताल में ही उपयोग के लिए उपलब्ध होता है, जैसे कि उच्च आवृत्ति वाला छाती भित्ती स्पंदन (HFCWO)। इसमें एक इलेक्ट्रिक एयर कंप्रेसर का उपयोग होता है जो छाती में कंपन करने के लिए एक इनफ्लेटेबल जैकेट (बनियान) (inflatable jacket (vest)) से कनेक्ट होता है
व्यायाम (Exercise)
सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) ग्रस्त सभी के लिए व्यायाम करने की सिफारिश की जाती है। यह सामान्य स्कूल की गतिविधियों में व्यायाम कार्यक्रमों से भिन्न हो सकता है। सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) ग्रस्त शिशुओं और बच्चों को अपनी सामान्य दिनचर्या में कुछ व्यायाम शामिल करने चाहिए।
सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) वाला कोई भी व्यक्ति को खेलना और व्यायाम करना अच्छा होता है, लेकिन इसके कारण कोई परेशानी या चिंता होती है तो उन्हें अपने फिजियोथेरेपिस्ट से परामर्श करना चाहिए।
बच्चों और वयस्कों को अपनी छाती, पीठ और कंधों के आसपास के जोड़ों और मांसपेशियों अपनी दिनचर्या में शामिल करने के लिए स्ट्रेचिंग व्यायाम को शामिल करना चाहिए और अच्छी मुद्रा बनाए रखने के लिए जागरूक होना चाहिए।
फेफड़े का प्रत्यारोपण (Lung transplants)
सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) के गंभीर मामलों में, जब फेफड़े ठीक से काम करना बंद कर देते हैं और सभी चिकित्सा उपचार मदद करने में विफल रहते हैं, तो फेफड़े के प्रत्यारोपण की सिफारिश की जा सकती है।
दोनों फेफड़ों को प्रत्यारोपित करने की आवश्यकता क्योंकि वे दोनों इस स्थिति से प्रभावित होंगे। फेफड़े का प्रत्यारोपण एक गंभीर ऑपरेशन है जो कुछ जोखिम भी शामिल हैं, लेकिन यह गंभीर सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) ग्रस्त लोगों के लिए जीवन और गुणवत्ता में सुधार ला सकता है।
ब्रिटिश ट्रांसप्लांटेशन सोसाइटी (British Transplantation Society) का अनुमान है कि औसतन 10 में से 9 लोग ट्रांसप्लांट के बाद कम से कम एक साल तक जीवित रहेंगे और 10 में से 5 कम से कम पांच साल तक जीवित रहेंगे (20 साल या उससे अधिक समय के बाद भी जीवित लोगों की रिपोर्ट मिली है)।
सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) ग्रस्त लोगों का दृष्टिकोण अक्सर प्रत्यारोपण रोगियों की तुलना में औसत से बेहतर होता है क्योंकि वे अक्सर दूसरे प्रत्यारोपण वाले लोगों की तुलना में छोटे और बेहतर स्वास्थ्य में होते हैं।
() बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें।शब्दकोष (Glossary)
एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) एंटीबायोटिक्स ऐसी दवाएं हैं जिनका उपयोग सूक्ष्म जीवों, आमतौर पर बैक्टीरिया या कवक के कारण होने वाले संक्रमण के इलाज के लिए किया जा सकता है। एंटीबायोटिक दवाओं के उदाहरणों में अमोक्सिसिलिन, स्ट्रेप्टोमाइसिन और एरिथ्रोमाइसिन (amoxicillin, streptomycin and erythromycin) शामिल हैं। ब्रोंचोडायलेटर (Bronchodilator) ब्रोंकोडाईलेटर दवाओं का उपयोग सांस लेने में कठिनाई के लिए फेफड़ों के वायुमार्ग को चौड़ा करने के लिए किया जाता है। इसका एक उदाहरण साल्बुटामोल (salbutamol) है। एंजाइम (Enzyme) एंजाइम प्रोटीन होते हैं जो शरीर में पाचन जैसे रासायनिक प्रतिक्रियाओं को गति देते हैं और नियंत्रित करते हैं। जीन (Gene) जीन में ऐसी जानकारी होती है जो आपको अपने माता-पिता से विरासत में मिलती है, जैसे कि आंख या बालों का रंग। वे गुणसूत्रों पर निर्भर करते हैं। दिल (Heart) हृदय एक ऐसी अंग है जो शरीर के चारों ओर रक्त को पंप करता है। सूजन (Inflammation) सूजन संक्रमण, जलन या चोट से शरीर की प्रतिक्रिया है, जो प्रभावित क्षेत्र में लालिमा, सूजन, दर्द और कभी-कभी गर्मी की भावना का कारण बनता है। फेफड़े (Lungs) फेफड़े छाती में अंगों की एक ऐसी जोड़ी है जो श्वास को नियंत्रित करते हैं। वे रक्त से कार्बन डाइऑक्साइड निकालते हैं और इसे ऑक्सीजन से बदलते हैं। फिजियोथेरेपी (Physiotherapy) फिजियोथेरेपी एक ऐसा उपचार है जो बीमारी या चोट से राहत के लिए शारीरिक गतिविधि, मालिश और व्यायाम का उपयोग होता है।