E.coli संक्रमण के कारण डायरिया, मल में खून आना, उल्टी, पेट में ऐंठन जैसी समस्याएँ तथा बुखार भी हो सकता है।
E.coli संक्रमण के कारण डायरिया, मल में खून आना, उल्टी, पेट में ऐंठन जैसी समस्याएँ तथा बुखार भी हो सकता है।
यह जीवाणु संक्रमण मुख्य रूप से E.coli O157 स्ट्रेन द्वारा होता है,जो कई पशुओं के पेट तथा मल में पाया जाता है, विशेष रूप से भेड़ और मवेशियों में।
E. coli O157 संक्रमण निम्न कारणों से हो सकता है:
E. coli O157 से संक्रमित व्यक्तियों में निम्न मे से 1 या उससे अधिक लक्षण मिल सकते हैं:
आमतौर पर संक्रमित होने के 3 से 4 दिन बाद लोग इसके लक्षणों पर ध्यान देते हैं, लेकिन इसके लक्षण 1 से 14 दिनों के भीतर कभी भी शुरू हो सकते हैं।
यह लक्षण दो हफ्तों तक रह सकते हैं।
E. coli से ग्रसित कुछ लोगों में एक गंभीर स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिसे हेमोलाइटिक यूरेमिक सिंड्रोम(HUS) कहते हैं।
कभी-कभी इससे किडनी फेल(खराब)हो जाती हैं। 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में HUS की संभावना सबसे अधिक होती है|
कुछ लोग E. coli O157 से संक्रमित होते हैं लेकिन उनमें कोई लक्षण उत्पन्न नही होते।
दस्त तथा उल्टी (gastroenteritis) के उपचार के बारे में और जाने।
E. coli O157 संक्रमण के लिए कोई विशिष्ट उपचार नहीं है।
आमतौर पर संक्रमित व्यक्तियों की देखभाल घर पर ही की जा सकती है और अधिकतर लोग बिना चिकित्सा के ही बेहतर हो जाते हैं।
दस्त के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है ,इसलिए पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लेना अत्यंत आवश्यक है।
यदि आपको या आपके बच्चे के दस्त में खून आने लगे तो अपने डॉक्टर से जल्द से जल्द मिले।
इसमे एंटिबयोटिक्स लेने की सलाह नहीं दी जाती क्योंकि उनसे जटिलताओं के उत्पन्न होने की संभावना बढ़ जाती है।
दस्त को रोकने वाली औषधियां जैसे लोपेरामाइड (Imodium) भी नहीं दी जाती क्योंकि वे विषैले तत्वों से आपके सम्पर्क को बढ़ा सकते हैं।
गैस्ट्रोएंटेरिटिस से पीड़ित बच्चे की देखभाल के बारे में तथा गैस्ट्रोएंटेरिटिस से पीड़ित व्यक्ति की देखभाल के बारे में और पढ़ें।
बहुत कम संख्या में E. coli के जीवाणु भी रोग का कारण बन सकते हैं। इस वजह से E. coli अत्यधिक संक्रमणशील होता है|
घर में E. coli को फैलने से रोकने के लिए सभी को अपने हाथ नियमित रूप से तथा अच्छी तरह से धोने चाहिए।
निम्नलिखित स्थितियों में अपने हाथ धोना बहुत महत्वपूर्ण है:
जाने- हाथों को अच्छी प्रकार से कैसे धोएं।
किसी भी संक्रमित व्यक्ति को लक्षणों के ठीक होने के 48 घंटे बाद तक खाना पकाने या तैयार करने से बचना चाहिए।
तौलिए या नैपी बदलने वाले मैट्स को साझा ना करें।
घरेलू साफ सफाई के विषय में सलाह:
शौचालय की सीट तथा अन्य सतहों पर कीटाणुनाशक स्प्रे तथा वाइप्स या अल्कोहॉल आधारित वाइप्स का उपयोग किया जा सकता ह , किन्तु प्रत्यक्ष धूल मिट्टी आदि को साफ करके ही इनका उपयोग करें । गाढ़ी घरेलू ब्लीच बहुत प्रभावकारी होती है
सफाई के लिए मजबूत-टिकाऊ रबड़ के दस्तानों तथा फेंकने योग्य कपड़ों का उपयोग करना चाहिए।
जब तक आपको लक्षणों से पूरी तरह मुक्त हुए 48 घंटे ना हो गए हों तब तक आपको अपने स्कूल या कार्य स्थल नही जाना चाहिए।
अधिकतर लोग लगभग एक हफ्ते बाद संक्रामक नही रहते।
कुछ लोग, विशेष रूप से बच्चे, ठीक होने क बाद भी कुछ महीनों तक E. coli जीवाणु को कैरी कर सकते हैं।
कार्य स्थल या स्कूल मे लौटने से पहले आपको विशेष ध्यान रखना होगा यदि :
यह सलाह उन सभी लोगों पर लागू होती है जो संक्रमित हो चुके हों तथा जो उसी घर मे रहते हों।
E. coli संक्रमण से स्वास्थ्य लाभ कर रहे 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों को, जब तक जांच मे स्वस्थ घोषित नही कर दिया जाता तब तक उन्हे सार्वजनिक स्विमिंग पूल मे जाने से बचना चाहिए।
महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।