फूड इंटॉलरेंस एक ऐसी स्थिति है जिसमें कुछ खाद्य पदार्थों को पचाने में परेशानी होती है और उनका शरीर पर खराब प्रभाव दिखता है।
फूड इंटॉलरेंस एक ऐसी स्थिति है जिसमें कुछ खाद्य पदार्थों को पचाने में परेशानी होती है और उनका शरीर पर खराब प्रभाव दिखता है।
इसके कारण भोजन करने के कुछ घंटों पर सूजन और पेट में दर्द (bloating and stomach pain) जैसे कई लक्षण (symptoms) नजर आते हैं।
फूड इंटॉलरेंस (Food intolerance) से पीड़ित होने वाले लोगों की संख्या में हाल के वर्षों में काफी इजाफा हुआ है। लेकिन यह जानना मुश्किल है कि वास्तव में कितने लोग इससे प्रभावित हैं। बहुत से लोग मानते हैं कि वे फूड इंटॉलरेंस से पीड़ित हैं जब उनके लक्षणों का असली कारण कुछ और होता है।
फूड इंटॉलरेंस से पीड़ित लोग सामान्य तौर पर निम्न लक्षणों का अनुभव करते हैं:
ये लक्षण आमतौर पर खाना खाने के कुछ घंटों बाद आते हैं।
फूड इंटॉलरेंस का पता लगाना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि इसके लक्षण बहुत सामान्य होते हैं और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लक्षणों से मिलते जुलते होते हैं।
क्या फूड इंटॉलरेंस के लिए टेस्ट मौजूद है? (Is there a food intolerance test?)
फूड इंटॉलरेंस के लिए कोई जांच मौजूद नहीं हैं। इसके लक्षणों और आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन पर नजर रखना, इसे जानने का एकमात्र तरीका है। यह देखें कि जब आप संदिग्ध भोजन को थोड़ी देर के लिए छोड़ देते हैं तो लक्षण कम होते हैं या नहीं। इसके बाद फिर से इसे अपने आहार में शामिल करें।
एक फूड डायरी रखें जिसमें निम्न बातों को नोट करें:
एक बार जब आपको पता चल जाता है कि किन खाद्य पदार्थों से आपके लक्षण विकसित होते हैं, तो उन्हें अपने आहार में शामिल न करें और फिर इसके प्रभाव को देखें।
कोशिश करें:
दो से छह सप्ताह के लिए अपने आहार से संदिग्ध खाद्य पदार्थों को बाहर निकाल दें और देखें कि क्या आपके लक्षणों में सुधार होता है।
फिर, उन खाद्य पदार्थों को आहार में दोबारा शामिल करें और यह देखें कि क्या लक्षण वापस आते हैं। इससे आपको अंदाजा लग सकता है कि आप इन खाद्य पदार्थों के एक निश्चित स्तर को सहन कर सकते हैं, और आपके लक्षण केवल तभी विकसित होते हैं जब आप इनका अधिक मात्रा में सेवन करते हैं।
कोई भी परीक्षण करने से पहले आहार विशेषज्ञ से सलाह लें ताकि वे यह सुनिश्चित कर सकें कि आप परीक्षण के दौरान भी दैनिक पोषक तत्वों की खुराक ले रहे हैं। इसके लिए पंजीकृत आहार विशेषज्ञ का पता लगाएं।
जब तक आहार विशेषज्ञ या डॉक्टर सलाह न दें तब तक अपने बच्चे के आहार पर प्रतिबंध न लगाएं।
क्या मेरे लक्षण कुछ और भी हो सकते हैं? (Could my symptoms be something else?)
यदि आपको नियमित रूप से दस्त, सूजन, पेट में दर्द या त्वचा पर चकत्ते महसूस होते हैं, लेकिन आप इसका कारण नहीं जानते हैं, तो अपने डॉक्टर से मिलें।
डॉक्टर आपके लक्षणों और चिकित्सा इतिहास को देखकर कारणों का निदान करेंगे। जरूरत पड़ने पर आपको खून की जांच भी करानी पड़ सकती है।
आप खुद भी कुछ रिसर्च कर सकते हैं। इससे आपको समान लक्षण पैदा करने वाली अन्य समस्याओं के बारे में पता चल सकता है। जैसे कि, इस बारे में जानें:
आंतें संवेदनशील अंग होते हैं। अगर आप बीमार हैं या तनाव महसूस करते हैं तो पेट से जुड़े लक्षण नजर आना स्वाभाविक है।
क्या यह फूड इंटॉलरेंस है या फूड एलर्जी?
फूड इंटॉलरेंस
की तरह नहीं होता है। यहाँ जानें दोनों में अंतर:फूड इंटॉलरेंस (A food intolerance):
फूड इंटॉलरेंस किन कारणों से होता है? (What causes a food intolerance?)
यह अक्सर स्पष्ट नहीं हो पाता है कि कोई व्यक्ति कुछ खाद्य पदार्थों के प्रति संवेदनशील क्यों है।
यदि डेयरी उत्पाद खाने के बाद आपके लक्षण विकसित होते हैं, तो आपको
हो सकता है। इसका मतलब है कि आपका शरीर दूध, दही और सॉफ्ट चीज में पायी जाने वाली शर्करा यानी लैक्टोज को नहीं पचा पा रहा है। डॉक्टर आमतौर पर आपके लक्षणों और चिकित्सा इतिहास को देखकर लैक्टोज इंटॉलरेंस का निदान करते हैं।कुछ लोगों को गेहूं को पचाने में परेशानी होती है और रोटी खाने के बाद पेट में सूजन, गैस, दस्त, उल्टी और पेट दर्द का अनुभव होता है। व्हीट इंटॉलरेंस के बारे में और पढ़ें (गेहूं सेंसिटिविटी के लिए भी जाना जाता है)
इसके अलावा खाद्य पदार्थ केमिकल और अन्य चीजों से भी दूषित हो सकता है, जैसे:
बहुत से लोग अपने आहार में ग्लूटेन इसलिए शामिल नहीं करते हैं कि उन्हें ग्लूटेन इंटॉलरेंस है। दरअसल, ऐसे लोगों में गेंहू का सेवन करने के बाद लक्षण विकसित होते हैं।
लेकिन यह जानना मुश्किल होता है कि ये लक्षण ग्लूटेन इंटॉलरेंस के कारण हैं, गेहूं में पाए जाने वाले किसी अन्य तत्व के इंटॉलरेंस से है या गेहूं से इसका कोई लेना देना नहीं है। इसके बारे में पढ़ने और जानकारी जुटाने से आपको समझने में मदद मिल सकती है कि क्या आपको अपने आहार से रोटी नहीं शामिल करनी चाहिए?
दरअसल, बहुत कम लोगों को अपने आहार से ग्लूटेन बाहर करने की जरूरत पड़ती है। हालांकि यदि आपको
है (जो न तो इंटॉलरेंस है और न ही एलर्जी है) तो ऐसा करना जरूरी हो सकता है।यदि आपको लगता है कि आप कुछ खाद्य पदार्थों के प्रति असहिष्णु हैं, तो इसे प्रबंधित करने का एकमात्र तरीका है:
खाद्य लेबल की जाँच करके आपको पता चल जाएगा कि किस तरह के खाद्य पदार्थों से बचें।
यदि आपको लगता है कि आपके बच्चे को फूड इंटॉलरेंस है, तो उसके आहार से कोई भी खाद्य पदार्थ हटाने से पहले अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से सलाह लें, क्योंकि बच्चे का आहार बंद करने से उसका विकास प्रभावित हो सकता है। जैसे कि, गाय का दूध कैल्शियम, विटामिन डी और प्रोटीन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
यदि डॉक्टर आपके लक्षणों का कारण नहीं समझ पा रहे हैं तो आगे अन्य जांच की जरूरत पड़ने पर वे आपको विशेषज्ञ के पास भेज सकते हैं।
यदि आपके बच्चे में पाचन से जुड़े लक्षण (जैसे पेट दर्द और दस्त) है तो भी आपको विशेषज्ञ के पास भेजा जा सकता है। इसके अलावा निम्न समस्याएं होने पर भी रेफर किया जा सकता है:
महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।