हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) क्या है?
हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) एक आम स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति को बहुत ज्यादा पसीना आता है, और उसके शरीर को तापमान को नियमित करने के लिए जरूरत से ज्यादा पसीना बहता है।
अत्यधिक पसीना आना आमतौर पर किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए कोई गंभीर खतरा नहीं है, लेकिन यह संकोच की स्थिति और परेशानी बढ़ाने वाला हो सकता है। इसके कारण होने वाली असुविधा आपकी जीवन-शैली पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
अत्यधिक पसीना आने को परिभाषित करने का कोई निर्धारित तरीका तो नहीं है, परन्तु यदि पसीने के कारण आपके दैनिक जीवन और सामान्य दिनचर्या की गतिविधियों में हस्तक्षेप हो रहा हो, तो हो सकता है आपको हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) हो। हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) के लक्षणों के बारे में और पढ़ें।
ऐसी स्थिति वाले कई लोग ऐसी हालात में चिकित्सा सहायता लेने में बहुत संकोच करते हैं और यह मान लेते हैं कि उनके लक्षणों को सुधारने के लिए कुछ भी नहीं किया जा सकता है। हालांकि, इस समस्या के लिए मदद उपलब्ध है।
अपने डॉक्टर को कब दिखाएँ
यदि आपको लगता है कि अत्यधिक पसीना आना आपकी दिनचर्या की गतिविधियों में अत्यधिक दखल दे रहा है तो अपने डॉक्टर से मिलें।
यदि आपको अचानक अत्यधिक पसीना आने लगे तो अपने डॉक्टर से मिलें ताकि इसके कारणों की जांच की जा सके।
आपको तब भी अपने डॉक्टर से मिलने की आवश्यकता है, यदि आपको रात में ज्यादा पसीना आता हो, हो सकता है कि यह किसी गंभीर बीमारी के संकेत हों।
उपचार
अत्यधिक पसीने का उपचार करना थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है और साथ ही आपके लिए सही उपचार ढूंढने में थोड़ा समय भी लग सकता है।
डॉक्टर आमतौर पर शुरूआत में कम से हल्के उपचार के साथ शुरू करने की सलाह देते हैं, जैसे पसीना रोधी दवाइयों से उपचार। यदि यह काम नहीं करता है, तो आपकी पसीने की ग्रंथियों को अवस्र्द्ध करके, और सर्जरी द्वारा भी उपचार किया जा सकता है।
समय के साथ अधिकांश लोग अपने लक्षणों में काफी महत्वपूर्ण सुधार महसूस करते हैं।
हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) के उपचार के बारे में और पढ़ें।
हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) के प्रकार
- शरीर के केवल कुछ हिस्सों को प्रभावित कर सकता है, आमतौर पर सबसे अधिक बगल, हाथ, पैर या चेहरा; इसे फोकल हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) कहा जाता है।
- जब यह पूरे शरीर को प्रभावित करता हैं, तब इसे जनरलाइज़ड हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) कहा जाता है।
सामान्यत हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) के ज़्यादातर मामलों में एक अंतर्निहित कारण (underlying cause) होता है, जैसे की :
- किसी दवा का दुष्प्रभाव हो सकता है
- यह किसी अन्य स्थिति से भी संबंधित हो सकता है, जैसे कि अतिसक्रिय थायरॉयड ग्रंथि ()।
डॉक्टर इसे सेकेंडरी हाइपरहाइड्रोसिस (secondary Hyperhidrosis) के नाम से भी संदर्भित कर सकते हैं।
फोकल हाइपरहाइड्रोसिस (focal Hyperhidrosis) के अधिकांश मामलों में इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं होता है, हालांकि कई विशेषज्ञों का ऐसा मानना है, कि तंत्रिका तंत्र से जुड़ी कुछ समस्याएं इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं। कभी-कभी डॉक्टर इसे प्राइमरी हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) के नाम से संदर्भित करते हैं।
हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) के कारणों के बारे में और पढ़ें।
कौन प्रभावित होता है?
हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) एक सामान्य स्थिति है।
आमतौर पर प्राथमिक हाइपरहाइड्रोसिस बचपन में शुरू होता है और यौवनावस्था के पश्चात बदतर हो जाता है। पुरुष और महिलाएं दोनों समान रूप से इससे प्रभावित होते हैं।
सेकेन्डरी हाइपरहाइड्रोसिस (Secondary Hyperhidrosis) किसी भी उम्र में शुरू हो सकता है।
हाइपरहाइड्रोसिस अत्यधिक परेशान करने वाली स्थिति हो सकती है और कभी-कभी असहाय महसूस करा सकती है। ऐसी स्थिति में लोग अवसाद और व्यग्रता की भावनाओं का भी अनुभव कर सकते हैं।
हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) के लक्षण
शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए शरीर द्वारा आवश्यकता से अधिक पसीना बहाने को हाइपरहाइड्रोसिस के रूप में परिभाषित किया गया है।
फोकल हाइपरहाइड्रोसिस (जहां शरीर के केवल कुछ हिस्से ही प्रभावित होते हैं) के मामलों में, आमतौर पर शरीर के सबसे प्रभावित होने वाले भाग हैं :
- बगल (काँख)
- हथेलियाँ
- पैर के तलवे
- चेहरा और छाती
कुछ लोगों में, हाइपरहाइड्रोसिस के कारण उनके शरीर का केवल एक ही भाग प्रभावित हो सकता है, जबकि अन्य लोगों में शरीर के कई भाग प्रभावित हो सकते हैं। आमतौर पर शरीर के दोनों तरफ समान रूप से प्रभावित होते हैं - उदाहरण के लिए, दोनों पैर या दोनों हाथ।
फोकल हाइपरहाइड्रोसिस वाले ज़्यादातर लोगों में, अत्यधिक पसीना आने का सप्ताह में कम से कम एक प्रकरण होता है। सेकेन्डरी हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) (जहां स्थिति का कोई अंतर्निहित कारण होता है) वाले लोगों में पसीने की आवृत्ति, अंतर्निहित कारणों पर निर्भर करती है।
यह निर्धारित करने के लिए कोई दिशानिर्देश नहीं हैं कि "सामान्य पसीना आना" किसे कहा जा सकता है, लेकिन यदि आप ऐसा महसूस करते हैं कि आपको अत्यधिक पसीना आता है, और इस कारण आपकी रोज़मर्रा की गतिविधियाँ और सामाजिक जीवन प्रभावित हो रहा है, तो आपको हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) हो सकता है।
उदाहरण के लिए, आपको हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) हो सकता है यदि:
- आप अपने पसीने के बारे में सोच कर किसी से हाथ मिलाने या अन्य किसी शारीरिक संपर्क से संकोच करते हैं।
- आप नृत्य या व्यायाम जैसी गतिविधियों में भाग लेने से इस डर से कतराते हैं कि इससे आपकी पसीने वाली स्थिती और बिगड़ जाएगी।
- आपको लगता हैं कि अत्यधिक पसीना आपको अपना व्यावसायिक कार्य करने में हस्तक्षेप कर रहा है - उदाहरण के लिए, आपको उपकरणों को पकड़ पाने या कंप्यूटर की-बोर्ड का उपयोग करने में समस्या होती है।
- आपको ड्राइविंग जैसी सामान्य दैनिक गतिविधियों में समस्या हो रही है।
- पसीने की समस्या का सामना करने के प्रयास में आपका काफी समय निकाल जाता है - उदाहरण के लिए, आपको दिन में कई बार स्नान करना पड़ता है और दो या तीन बार कपड़े भी बदलने की आवश्यकता होती है।
- आप सामाजिक रूप से पिछ्ड़ जाते हैं और संकोची हो जाते हैं।
हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) के कारण
प्राइमरी हाइपरहाइड्रोसिस (Primary Hyperhidrosis)
ज़्यादातर विशेषज्ञ ऐसा मानते हैं कि प्राथमिक हाइपरहाइड्रोसिस (Primary Hyperhidrosis), सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम (sympathetic nervous system) में समस्याओं के कारण होता है।
सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम (sympathetic nervous system)
यह सिस्टम आपके शरीर के ऐसे सभी कार्यों को नियंत्रित करता है, जिनके लिए सचेतन विचारों की आवश्यकता नहीं होती है, जैसे शरीर में भोजन का प्रसार, या गुर्दों में मूत्र का बनना और वहाँ से मूत्राशय में पहुँचना।
सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम (sympathetic nervous system), पसीने का उपयोग एक थर्मोस्टैट (thermostat) की तरह करता है। यदि यह भाँप लेता है कि आपका शरीर बहुत गर्म हो रहा हैं, तो यह आपके मस्तिष्क से शरीर की लाखों पसीने की ग्रंथियों को, पसीने के उत्पादन के लिए संकेत भेजेगा। पसीना आपकी त्वचा को ठंडा करता है, और शरीर के तापमान को कम करता है।
एक्राइन ग्रंथि (eccrine glands) नामक पसीने की ग्रंथियां को हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) से संबद्ध माना जाता है। एक्राइन ग्रंथियां (eccrine glands) आपके कांख, हाथ, पैर और चेहरे पर सबसे बड़ी संख्या में मौजूद होती हैं, जिसकी वजह से ये भाग अक्सर हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) से प्रभावित होते हैं।
प्राइमरी हाइपरहाइड्रोसिस (primary Hyperhidrosis) के मामलों में ऐसा माना जाता जाता है कि, मस्तिष्क के पसीने की प्रक्रिया को नियंत्रित करने वाले भाग में कोई समस्या है, जिस कारण वह एक्राइन ग्रंथियों (eccrine glands) को पसीना बहाने के संकेत भेजता है, जबकि शरीर को ठंडा करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है।
पारिवारिक हाइपरहाइड्रोसिस (वंशनुगत)
प्राइमरी हाइपरहाइड्रोसिस (primary Hyperhidrosis) के मामले परिवारों में वंशगत पाये जा सकते हैं, मतलब हर 4 में से 1 प्रभावित व्यक्ति का कोई ना कोई करीबी रिश्तेदार इस समस्या से प्रभावित है (या था)। यह दर्शाता है कि इसके लिए आनुवंशिक उत्परिवर्तन (genetic mutation) जिम्मेदार है।
आनुवंशिक उत्परिवर्तन वह होता है जिसमें जीवित कोशिकाओं में पाए जाने वाले अनुदेश किसी कारण से बिखर जाते हैं, जिसकी वजह से शरीर के सामान्य कामकाज बाधित हो सकते हैं। कुछ आनुवंशिक उत्परिवर्तन माता-पिता से अपने बच्चों में पारित हो सकते हैं।
सेकेंडरी हाइपरहाइड्रोसिस (Secondary Hyperhidrosis)
सेकेंडरी हाइपरहाइड्रोसिस के सामान्य कारणों (जहां कोई अंतर्निहित कारण है) में शामिल हैं:
- मेनोपॉज () - जब महिलाओं का मासिक धर्म रुक जाता है, आमतौर पर 52 साल की उम्र के आसपास
- अति-सक्रिय थायरॉयड ग्रंथि
- शराब या मादक पदार्थों का अत्यधिक सेवन - विशेष रूप से कोकीन या एक्स्टसी (ecstasy) जैसी उत्तेजक दवाइयों लेना
- अचानक से शराब या ड्रग्स का सेवन छोड़ देना (उन लोगों में जो इनके आदि होते हैं)
कुछ लोगों में, कुछ खास प्रकार की दवाओं के कारण भी अत्यधिक पसीना आ सकता है। उदाहरण के लिए:
- एंटीडिप्रेसेंट() - विशेष रूप से, वैनलाफैक्सीन (venlafaxine) नामक एंटीडिप्रेसेंट
- टमोक्सीफेन (tamoxifen) - जिसका इस्तेमाल अक्सर स्तन कैंसर के उपचार में किया जाता है
- गोनाडोट्रोपिन (gonadotropin) - रिलीजिंग हार्मोन एंटागोनिस्ट (releasing hormone antagonist) - जिसका इस्तेमाल पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर और महिलाओं में बांझपन के इलाज के लिए किया जाता है
सेकेन्डरी हाइपरहाइड्रोसिस के कुछ कम सामान्य कारणों में शामिल हैं:
- एचआईवी या तपेदिक ( or ) जैसे कुछ संक्रमण
- पार्किंसंस रोग () - ऐसी स्थिति जो मस्तिष्क द्वारा शारीरिक गतिविधियों के समन्वय और तालमेल को प्रभावित करती है
ल्यूकेमिया (
) और लिम्फोमा (lymphoma) (यह दोनों सफेद रक्त कोशिकाओं के कैंसर हैं) जैसे विकार जो रक्त कोशिकाओं या अस्थि मज्जा के अंदर विकसित होते हैंजटिलताएं
हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) की जटिलताओं में शामिल हो सकते हैं, फफूंदीय संक्रमण का बढ़ा हुआ खतरा, त्वचा संबंधी समस्याएं और शरीर से दुर्गंध। कुछ व्यक्ति भावनात्मक रूप से भी प्रभावित हो सकते हैं।
फ़ंगल संक्रमण (Fungal infections)
हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) से ग्रस्त लोगों में फफूंदीय संक्रमण विकसित होने की संभावना अधिक होती है, खास कर के पैरों के आसपास। अत्यधिक पसीना, जूतों और मोजों के साथ मिलकर एक गर्म और नमी वाला वातावरण बना देता है। यह फफूंद के विकसित होने के लिए आदर्श वातावरण होता है।
हाइपरहाइड्रोसिस वाले लोगों को प्रभावित करने वाले 2 सबसे आम संक्रमण हैं :
- नाखूनों का फ़ंगल संक्रमण, इसके कारण नाखून बदरंग और नाज़ुक हो जाते हैं
- एथलीट फुट (athlete’s foot ) , आमतौर से ये पैर की उंगलियों के बीच की त्वचा को प्रभावित करता है, जिसके कारण त्वचा लाल और पपड़ीदार हो जाती और इसमें खुजली होती है।
फ़ंगल संक्रमण का उपचार एंटीफंगल मल्हम के साथ किया जा सकता है। अधिक गंभीर मामलों में एंटीफंगल गोलियों और कैपसूल की आवश्यकता हो सकती है।
त्वचा संबंधी स्थितियाँ
अत्यधिक पसीना, आपके कुछ अन्य त्वचा संबंधी स्थितियों के चपेट में आने की संभावना को बढ़ा सकता है, जैसे :
- मस्से ()- HPV वायरस के कारण त्वचा पर होने वाली छोटी और खुरदरी गांठ
- एग्जिमा () - एक त्वचा की स्थिति जिसके कारण त्वचा लाल, रूखी और फटी हुई हो जाती है और उसमें खुजली होती है (एग्जिमा, पसीने के कारण नहीं होता है लेकिन इसके कारण एग्जिमा बिगड़ जाता है)
- फोड़े () - त्वचा पर लाल-पीले उभर, जो रोम छिद्रों के संक्रमित होने के कारण विकसित हो सकते हैं
शरीर से दुर्गंध
एपोक्राइन स्वेट ग्रंथियां (apocrine sweat glands), जो आमतौर पर हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) के कारण प्रभावित नहीं होती हैं, वे शारीरिक दुर्गंध से संबद्ध, अप्रिय गंध वाले पसीने के उत्पादन के लिए जिम्मेदार होती हैं। हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) में पसीना, आमतौर पर एक्राईन ग्रंथियों से आता है और इसमें दुर्गंध नहीं होती है।
हालांकि यदि बैक्टीरिया पसीने आने को प्रभावित करता है तो अप्रिय गंध आ सकती है। शराब और मसालेदार भोजन के सेवन के कारण भी एक्राईन ग्रंथियों से आने वाला पसीना बदबूदार हो सकता है। जीवनशैली सलाह का पालन करके इसे रोका या कम किया जा सकता है, जैसे एंटीपरस्पिरेंट स्प्रे (antiperspirant spray) का इस्तेमाल करना या पसीने को सोखने के लिए armpit shields का इस्तेमाल करना। अधिक जानकारी के लिए हाइपरहाइड्रोसिस के उपचार पृष्ठ को देखें।
भावनात्मक प्रभाव
हाइपरहाइड्रोसिस से प्रतिकूल भावनात्मक प्रभाव काफी गंभीर हो सकते हैं। शोध में पाया गया है कि इस स्थिति से ग्रस्त आधे से ज्यादा लोग दुखी पाये गए, और कुछ मामलों में अवसादग्रस्त भी। अवसादग्रस्त होने के लक्षणों में शामिल हैं :
- पिछले कुछ महीनों के दौरान उदास या निराश महसूस किया है
- पिछले कुछ महीनों के दौरान काम में रुचि और मन नहीं लगता हो
यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने मानसिक स्वास्थ्य को नज़रअंदाज़ ना करें, क्योंकि ऐसा करने पर आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर इसके अनुरूप प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकते हैं। यदि आपको ऐसा लगता है कि आप अवसादग्रस्त हैं तो अपने डॉक्टर से अवश्य मिलें।
अवसाद के लिए अनेक प्रभावी उपचार उपलब्ध हैं, जैसे अवसादरोधी दवाइयाँ और संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (
) (CBT) जैसी व्यवहारिक चिकित्सा।हाइपरहाइड्रोसिस का निदान
आपको अत्यधिक पसीना आने की दशा में, यह सम्भावना है कि डॉक्टर इसके लिए जिम्मेदार किसी अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति की संभावना की जांच करने के मकसद से, आपके रक्त और मूत्र के परीक्षण करेंगे।
डॉक्टर आपसे आपके लक्षणों के स्वरूप के बारे में पूछ सकते हैं, जैसे क्या आपको रात में पसीना आता है, जो प्राइमरी हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) (जहां कोई स्पष्ट कारण नहीं है) के मामलों में सामान्यतः नहीं होता है, और क्या पसीना आपके शरीर के केवल कुछ खास भागों को (फोकल) या पूरे शरीर को (सामान्यीकृत) प्रभावित करता है।
आमतौर से फोकल हाइपरहाइड्रोसिस का कोई अंतर्निहित कारण नहीं होता है (प्राइमरी हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis)), जबकि सामान्यीकृत या सेकेन्डरी हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) किसी अन्य अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति के परिणामस्वरूप होता है।
आमतौर पर प्राइमरी हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) का निश्चित और सटीक निदान किया जा सकता है, यदि:
- कोई भी अंतर्निहित कारण नहीं पाया गया है
- अत्यधिक पसीना आने का सप्ताह में कम से कम एक प्रकरण हुआ है
- शरीर के केवल कुछ खास भाग ही (पूरे शरीर के बजाय) प्रभावित होते हैं
- शरीर के प्रभावित दोनों अंगों, जैसे कि दोनों काँख या दोनों हाथ, में अत्यधिक पसीना आता है
- आपको रात में पसीना नहीं आता है।
उपचार
जीवन शैली में परिवर्तन
अपनी जीवनशैली और दैनिक दिनचर्या में बदलाव लाकर प्राइमरी हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) को ठीक तो नहीं किया जा सकता है, लेकिन इससे आपके लक्षणों में सुधार हो सकता है और आप अधिक आत्मविश्वासी महसूस करते हैं।
नीचे दी गई सलाह के पालन से आप अपने लक्षणों को बेहतर कर सकते हैं।
- मसालेदार भोजन और शराब जैसे ज्ञात ट्रिगर्स से बचें जो आपके शरीर में पसीने को बढ़ाते हैं।
- डिओडोरेंट्स के बजाय, एंटीपर्सपिरेंट (antiperspirant) स्प्रे का बरबार उपयोग करें।
- ऐसे कपड़े जिसमें आपको कसा हुआ महसूस हो और नायलॉन जैसे मानव निर्मित फाइबर के कपडों को पहनने से बचें।
- काले या सफेद कपडों को पहनने से आपके पसीने के निशानों को छुपाने में मदद मिल सकती है।
- आर्मपिट शील्डस (Armpit shields) अत्यधिक पसीने को अवशोषित करने और कपड़ों की सुरक्षा में मदद कर सकते हैं।
- नमी को अवशोषित करने वाले मोजे पहनें, जैसे प्राकृतिक फाइबर से बने मोटे और नरम मोजे, या नमी को अवशोषित करने के लिए डिज़ाइन किए गए स्पोर्ट्स सॉक्स। सिंथेटिक सामग्री से बने मोज़े पहनने से बचें और दिन में कम से कम दो बार अपने मोज़े बदलें।
- सिंथेटिक सामग्री के बजाय चमड़े और कैनवास से बने, या जालीदार जूते खरीदें।
प्रिस्क्रिप्शन एंटीपर्सपिरेंट (Prescription antiperspirant)
यदि आम एंटीपर्सपिरेंट्स (antiperspirant) आपके पसीने को नियंत्रित करने में नाकाम रहते हैं, तो आपका डॉक्टर आपके लिए एक अधिक प्रभावशाली एंटीपर्सपिरेंट लेने की सलाह दे सकते हैं। हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) के उपचार के लिए अक्सर एल्यूमीनियम क्लोराइड का उपयोग किया जाता है, और यह पसीने की ग्रंथियों को अवरुद्ध करने का काम करता है।
आपको रात में सोने से ठीक पहले एलुमिनियम क्लोराइड लगाने की आवश्यकता होगी। जलन से बचने के लिए आपको यह ध्यान देना होगा कि इसे लगाने से पहले लगाने वाली जगह पूरी तरह सूखी हुई हो। सुबह उठते ही आपको एलुमिनियम क्लोराइड को धो देना होगा।
एल्युमीनियम क्लोराइड को चेहरे पर लगाने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इसके कारण आंखों में गंभीर जलन हो सकती है।
एलुमिनियम क्लोराइड के सबसे आम दुष्प्रभाव है, जहां इसे लगाया जाता है उस स्थान पर हल्की जलन, खुजली या झनझनाहट। हालांकि इस प्रकार के दुष्प्रभाव शीघ्र ही समाप्त हो जाते हैं।
त्वचा विशेषज्ञ से सलाह
यदि जीवन शैली में बदलाव और डॉक्टर द्वारा बताया गया एंटीपर्सपिरेंट्स का प्रयोग आपके लक्षणों में सुधार नहीं ला पा रहे हैं तो ऐसी दशा में डॉक्टर आपको एक त्वचा रोग विशेषज्ञ से परामर्श की सलाह देंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि आपको कुछ अतिरिक्त उपचार जैसे आयोंटोंफोरेसिस (iontophoresis ), बोटुलिनम टॉक्सिन (botulinum toxin) अथवा सर्जरी (नीचे देखें) की आवश्यकता हो सकती है, जिसे डॉक्टर आपको देने में असमर्थ होंगे।
आयोंटोंफोरेसिस (Iontophoresis)
यदि आपको हाथों और पैरों में अत्यधिक पसीना आने की समस्या है तो आयोंटोंफोरेसिस (Iontophoresis) एक अत्यंत प्रभावी उपचार है। इसका इस्तेमाल बगल (कांख) के लिए भी किया जा सकता है, हालांकि यह इसके लिए कम प्रभावी है।
यदि आपके हाथों और पैरों को उपचार की आवश्यकता है तो उन्हें एक पानी से भरे हुए बर्तन में रखना होता है और फिर उस पानी में से हल्का करंट गुजारा जाता है।
यदि आपके काँख में उपचार की आवश्यकता है तो एक गीले संपर्क पैड को बगल में रखा जाता है और फिर उसमें हल्का करंट भेजा जाता है।
ऐसा माना जाता है कि करंट, पसीने की ग्रंथियों को अवरुद्ध करने में मदद करता है।
यह उपचार पीड़ादायक तो नहीं होता है परंतु करंट के कारण त्वचा में हल्की अल्पकालिक जलन और असुविधा हो सकती है।
आयोंटोंफोरेसिस का प्रत्येक सत्र 20 से 30 मिनट का होता है, और साधारणतया आपको सप्ताह में 2 से 4 सत्रों की आवश्यकता होगी। एक से दो सप्ताहों में आप के लक्षणों में सुधार होना शुरू हो जाएगा, जिसके बाद आपके लक्षणों की गंभीरता के अनुसार आपको दो से चार हफ्तों के अंतराल पर आगे के उपचार की आवश्यकता होगी।
80% से 90% मामलों में आयोंटोंफोरेसिस प्रभावी साबित हुआ है। यद्यपि आपको उपचार प्राप्त करने के लिए अपने स्थानीय अस्पताल के त्वचा रोग क्लिनिक में नियमित रूप से जाना होगा। वैकल्पिक तौर पर आयोंटोंफोरेसिस किट्स, जिन्हें आप घर पर इस्तेमाल कर सकते हैं, भी उपलब्ध हैं, जिनकी कीमत करीब 31 हजार रुपये (325 पौंड) से 47 हजार रुपये (500 पौंड़) के बीच है।
बोटुलिनम टॉक्सिन (Botulinum toxin)
हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) से ग्रस्त लोगों के इलाज के लिए बोटुलिनम टॉक्सिन (Botulinum toxin) अपेक्षाकृत एक नया उपचार है। बोटुलिनम टॉक्सिन एक शक्तिशाली प्रोटीन है जिसका इस्तेमाल बहुत छोटी मात्रा में, सुरक्षित रूप से किया जा सकता है। बगल (कांख), हाथ, पैर और चेहरे जैसे शरीर के प्रभावित क्षेत्रों में बोटुलिनम टॉक्सिन के 12 से 20 इंजेक्शन दिए जाते हैं।
इस प्रक्रिया में 30 से 45 मिनट लगते हैं। टॉक्सिन, मस्तिष्क द्वारा पसीने की ग्रंथियों को भेजे जा रहे संदेशों को बाधित करके, उत्पन्न होने वाले पसीने की मात्रा को कम करने का काम करता है।
बोटुलिनम टॉक्सिन का प्रभाव आमतौर पर 2 से 8 हफ्तों तक रहता है, जिसके बाद आपको आगे और उपचार की आवश्यकता होगी।
सर्जरी
वीडियो एसेस्टिड थोरेसिस सिम्पेथेक्टोमी (Video-assisted thoracic sympathectomy) (VATS), हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) के इलाज के लिए सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल में लाई जाने वाली सर्जरी है। आमतौर पर VATS की सलाह हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) के ऐसे मामलों में की जाती है जहां इलाज के अन्य तरीके असफल रहे हों।
इस प्रक्रिया में, सहानुभूति तंत्रिका तंत्र से, प्रभावित पसीने की ग्रंथियों की ओर जाने वाली कुछ तंत्रिका ऊतकों को हटाने के उद्देश्य से डॉक्टर आपकी छाती में एक तरफ 2 छोटे छोटे छेद करेगा।
कांख, चेहरे और हाथों से अत्यधिक पसीना आने की समस्या के इलाज के लिए VATS का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, पैरों में अत्यधिक पसीना आने की समस्या के इलाज की सलाह नहीं दी जाती है क्योकि इसके ऑपरेशन के दौरान नपुंसकता जैसी स्थाई यौन समस्या होने का जोखिम होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पीठ से पैरों की ओर जानेवाली सहानुभूति तंत्रिका तंत्र के एक हिस्से को होने वाली क्षति के कारण जननांगों से जुड़ी तंत्रिकाओं को भी क्षति का जोखिम होता है।
अभी तक हाइपरहाइड्रोसिस के इलाज में VATS को आंशिक रूप से ही सफलता प्राप्त हुई है। हालांकि, इस ऑपरेशन से संबंधित कुछ खास जोखिमों का नीच उल्लेख किया गया है।
आमतौर पर शरीर के अन्य भागों, जैसे पीठ का निचला हिस्सा और ऊपरी जांघों में अत्यधिक पसीना आना, वीएटीसी (VATS) का सबसे आम दुष्प्रभाव है। इसे कंपेंन्सटॉरी स्वेटिंग (compensatory sweating) कहते हैं।
ऐसा माना जाता है कि ऐसे सभी व्यक्ति, जिन्होंने वीएटीएस (VATS) प्रक्रिया करवाई है, कुछ ना कुछ मात्रा में हल्की कंपेंन्सटॉरी स्वेटिंग (compensatory sweating) अवश्य अनुभव करेंगे। हालांकि, एक अनुमान के मुताबिक हर 20 में से 1 व्यक्ति में कंपेंन्सटॉरी स्वेटिंग का एक गंभीर स्वरूप विकसित हो सकता है। मोटापे की स्थिति में इसकी अधिक आशंका होती है।
वीएटीएस (VATS) के अन्य दुष्प्रभावों में शामिल हैं :
- भोजन के बाद चेहरे और गर्दन पर पसीना आना – इसे गस्टटोरी स्वेटिंग (gustatory sweating) कहते हैं और ऐसा माना जाता है कि इससे हर 20 में से 1 व्यक्ति प्रभावित होता है।
- फैंटम स्वेटिंग (phantom sweating ) - यह बहुत ही असामान्य दुष्प्रभाव है, जहां व्यक्ति ऐसा महसूस करता है कि वह पसीने से सराबोर होने वाला है, परन्तु वास्तव में ऐसा नहीं होता है (यह स्थिति वीएटीएस (VATS) वाले सभी व्यक्तियों में से आधे से भी कम व्यक्तियों को प्रभावित करती है और आमतौर पर समय के साथ बेहतर हो जाती है)।
- सर्दी के प्रति बढ़ी हुई संवेदनशीलता
- रूखे हाथ
- चीजों का स्वाद ले पाने में बदलाव
यह पूरी तरह से साफ नहीं है कि अंतिम 3 दुष्प्रभाव कितने आम हैं, क्योंकि इससे संबंधित शोधों में व्यापक रूप से समानता नहीं है।
वीएटीएस/VATS के कारण विकसित होने वाले दुष्प्रभाव बहुत आम नहीं हैं। हालांकि, एक संभावित दुष्प्रभाव को होमर्स सिड्रोम (Homer’s syndrome) के नाम से जाना जाता है। यह स्थिति चेहरे को केवल एक तरफ से ही प्रभावित करती है, और आँख झूलती हुई या लटकी हुई लगती है, जिस कारण से कभी कभी आँख खोलना भी मुश्किल होता है। चेहरे के प्रभावित आधे हिस्से में पसीना भी नहीं आता है।
होमर्स सिंड्रोम (Homer’s syndrome ), तंत्रिका तंत्र में गलती से हुई क्षति के कारण होता है, जिसे ठीक कर पाना संभव नहीं होता है। ऐसा माना जाता है, कि जो व्यक्ति वीएटीएस (VATS) प्रक्रिया से गुजरते है, उनमें हर 250 में से 1 व्यक्ति में सर्जरी के उपरांत होमर्स सिंड्रोम ( Homer’s syndrome) के विकसित होने की संभावना होती है।
वीएटीएस (VATS) की अन्य जटिलताओं में शामिल हो सकते हैं :
फेफड़ों की परतों के बीच फँस जाने वाली हवा के कारण, सीने में दर्द और सांस लेने में समस्या हो सकती है। इसे नूमथोरैक्स/pneumothorax कहते हैं और यह आमतौर पर बिना किसी उपचार के ही ठीक हो जाती है। उपचार की जरूरत होने पर, इस हवा को निकालने के लिए फेफड़ों में एक ट्यूब डाली जा सकती है।
सर्जरी उपरांत संक्रमण - एक दुर्लभ जटिलता जो 1000 में से 1 मामले में होती है।