लैक्टोज इंटॉलरेंस/असहिष्णुता ( Lactose intolerance)

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लैक्टोज इंटॉलरेंस क्या होती है?

लैक्टोज इंटॉलरेंस (Lactose intolerance) एक सामान्य पाचन समस्या है जिसमें शरीर लैक्टोज को पचा नहीं पाता है। लैक्टोज एक प्रकार का शुगर या शर्करा होती है जो मुख्य रूप से दूध या दूध से निर्मित खाद्य पदार्थों में पाई जाती है। 

आम तौर पर लैक्टोज युक्त पदार्थ खाने या पीने के कुछ ही घंटों में लैक्टोज इन्टॉलरेंस के लक्षण शुरू हो जाते हैं। उनमें शामिल हैं:

  • फ्लेचुलंस (flatulence)(उदर वायु या पेट में गैस)
  • दस्त (diarrhoea)
  • पेट फूलना (bloated stomach)
  • पेट में दर्द या ऐंठन होना ( stomach cramps and pains)
  • पेट में गड़गड़ाहट/रंबलिंग महसूस होना (stomach rumblings)
  • उबकाई

आपके लक्षणों की तीव्रता या उनके प्रकट होने का समय आपके द्वारा ली गई लैक्टोज की मात्रा पर निर्भर करती है। 

कुछ लोग फिर भी बिना किसी लक्षण के एक छोटा गिलास दूध पीने में सक्षम होते हैं, परन्तु बाकी लोग चाय या कॉफी में भी दूध नहीं ले सकते।

मेडिकल सलाह कब लें 

लैक्टोज इन्टॉलरेंस के लक्षण कुछ अन्य बीमारियों से मिलते जुलते होते हैं , इसलिए यह जरूरी है कि दूध या दूध से बने पदार्थ अपने भोजन से हटाने से पहले डॉक्टर से मिलें और  इस रोग का निदान करवायें। 

उदाहरण के लिये ऊपर दिये गये लक्षणों के अन्य कारण भी हो सकते हैं , जैसे :

  • इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम / irritable bowel syndrome (IBS) -  एक दीर्घावधि समस्या जो पाचन तंत्र पर असर डालती है 
  • दूध के प्रोटीन से  इंटॉलरेंस या असहिष्णुता /Milk protein intolerance – गाय के दूध के प्रोटीन से अप्रिय रिएक्शन ( यह दूध से  एलर्जी से अलग होती है  )

यदि आपके डॉक्टर को लगता है कि आपको लैक्टोज इंटॉलरेंस है तो वो आपको दो हफ्तों तक लैक्टोजयुक्त पदार्थ ना खाने कि सलाह देगें, यह देखने के लिये की क्या इससे आपके लक्षणों में सुधार होता है। 

लैक्टोज इंटॉलरेंस के निदान के बारे में और पढ़ें। 

लैक्टोज इंटॉलरेंस के कारण 

हमारा शरीर लैक्टेज (lactase) नाम के पदार्थ से लैक्टोज को पचाता है। इससे लैक्टोज दो प्रकार के शुगर में विभाजित हो जाता है जिन्हें ग्लूकोज (glucose) और गैलेक्टोज (galactose) कहते हैं, जो खून में आसानी से अवशोषित हो जाते हैं। 

जिन लोगों को लैक्टोज इंटॉलरेंस होता है वे पर्याप्त मात्रा में लैक्टेज का निर्माण नहीं कर पाते हैं, जिससे लैक्टोज पाचन तंत्र में ही रहता है जहां इसे बैक्टीरिया फरमेंट कर देते हैं। इससे  कई  प्रकार के गैस बनते हैं जो लैक्टोज इंटॉलरेंस से जुड़े  लक्षण पैदा करते हैं।

शरीर पर्याप्त लैक्टेज का उत्पादन क्यों नहीं कर रहा है, इसके अंतर्निहित कारणों के आधार पर, लैक्टोज असहिष्णुता अस्थायी या स्थायी हो सकती है। 

अधिकतर वयस्कों में मिलने वाले अधिकांश मामले वंशानुगत (inherited ) और जीवन पर्यन्त (lifelong) होते हैं, पर छोटे बच्चों में यह अधिकतर पाचन तंत्र के संक्रमण के कारण होता है और कुछ ही हफ्ते तक चलता है।   

लैक्टोज इंटॉलरेंस के कारणों के बारे में पढ़ें। 

लैक्टोज इंटॉलरेंस किसे हो सकता है ?

यूनाइटेड किंगडम में लैक्टोज इंटॉलरेंस एशियन या अफ्रीकी-कैरेबियन मूल (Asian or African-Caribbean descent ) के लोगों में अधिक पाया जाता है। 

लैक्टोज इंटॉलरेंस किसी भी आयु में शुरू हो सकता है। कई बार यह २० से ४० वर्ष की आयु के लोगों में पहली बार शुरू होता है, हालांकि शिशुओं या छोटे बच्चों को भी हो सकता है।  

क्या यह एलर्जी है ?

लैक्टोज इंटॉलरेंस दूध या दूध से बने पदार्थों से ऐलर्जी जैसा नहीं है, आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune system) जब कुछ खास प्रकार के भोजन से प्रतिक्रिया /रिएक्शन करती है तो फूड एलर्जी ( food allergy) होती है। रैश (rash), व्हीज़िंग (wheezing) और खुजली ( itching) इसके लक्षण होते हैं।

यदि आप किसी चीज़ से एलरजिक हैं  तो एक छोटा सा कण भी रिएक्शन शुरू करने के लिये काफी है, जबकि ज्यादातर लोग जिन्हें लैक्टोज इंटॉलरेंस है वो भी बिना किसी परेशानी के कम मात्रा में लैक्टोजले सकते हैं ( हालांकि यह हर व्यक्ति के लिए अलग अलग हो सकता है)। 

लैक्टोज इंटॉलरेंस का इलाज़ 

लैक्टोज इंटॉलरेंस का कोई इलाज़ नहीं है, पर लैक्टोजयुक्त पदार्थों का सेवन कम करके इसके लक्षणों को रोक सकता है। 

आपको अपनी हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ रखने के लिए अतिरिक्त कैल्शियम और विटामिन डी/vitamin D की भी जरूरत हो सकती है, यह इसपर निर्भर करता है कि आप कौन सा दुग्ध उत्पाद ले सकते हैं। कुछ मामलों में आपके डॉक्टर आपको  आहार विशेषज्ञ (dietician)  के पास आगे की सलाह के लिए भेज सकते हैं । 

भोजन में बदलाव के अलावा, लैक्टेज के विकल्प भी मदद कर सकते हैं। ये गोलियों या बूंदों के रूप में होते हैं जो आप पाचन सुधारने के लिए भोजन या तरल पदार्थों के साथ ले सकते हैं। 

लैक्टोज इंटॉलरेंस के इलाज़ के बारे में और पढ़ें 

लैक्टोज इंटॉलरेंस की जटिलताएं (Complications of lactose intolerance)

दूध और दुग्ध पदार्थों में कैल्शियम (calcium), प्रोटीन (protein) और ए (A), बी 12(B12) और डी (D) जैसे विटामिन होते हैं। लैक्टोज हमारे शरीर को बहुत सारे मिनरल्स (minerals) जैसे मैग्नीशियम (magnesium) और जिंक अवशोषित करने में मदद करता है । यह विटामिंस और मिनरल्स मजबूत और स्वस्थ हड्डियों के विकास के लिए जरूरी हैं। 

यदि आप लैक्टोज इंटोलेरेन्ट हैं, तो आपको जरूरी मात्रा में विटामिंस / vitamins और मिनेरल्स / minerals प्राप्त करने में परेशानी होगी। इससे अस्वस्थ रूप से वज़न में कमी होगी और आपको निम्नलिखित समस्याओं का खतरा बढ़ जाएगा:

  • ऑस्टियोपीनिया (osteopenia) -  इसमें अस्थि-खनिज-घनत्व/ bone mineral density - बहुत कम हो जाती है। यदि ऑस्टियोपीनिया का इलाज़ नहीं किया गया तो ऑस्टियोपोरोसिस/(osteoporosis) हो सकता है।
  • ऑस्टियोपोरोसिस/(osteoporosis) - इसमें आपकी हड्डियाँ पतली और दुर्बल हो जाती हैं। यदि आपको ऑस्टियोपोरोसिस है तो आपकी फ्रैक्चर (fracture) और हड्डी टूटने की संभावना बढ़ जाती है। 
  • कुपोषण/malnutrition - जब आपको एक स्वस्थ शरीर के लिये जरूरी नुट्रिएंट्स आपके भोजन से नहीं मिलते तो इसे कुपोषण कहा जाता है। यदि आप कुपोषित हैं तो घाव (wound) भरने में अधिक समय लगेगा और थका हुआ और उदास ( depressed) महसूस करेंगे। 

यदि आप चिंतित है कि भोजन के प्रतिबंध आपकी समस्याओं को बढ़ा रहें हैं तो आपके लिये आहार विशेषज्ञ  से सलाह लेना मददगार होगा।  वे आपको आपके भोजन और पूरक आहार (food supplements) के बारे मैं सलाह दे सकते हैं। 

डॉक्टर आपको आहार विशेषज्ञ के पास भेज सकते है, या आप किसी आहार विशेषज्ञ/ dietician से संपर्क कर सकते हैं।

लैक्टोज इंटॉलरेंस के कारण (Causes of lactose intolerance)

लैक्टोज इंटॉलरेंस सामान्यतः तब होता है जब आपका शरीर जरूरी मात्रा में लैक्टेज/lactase नहीं  बना रहा हो।

लैक्टेज एक एन्ज़ाइम होता है  जो (एक प्रोटीन जो एक रासायनिक प्रतिक्रिया करवाता है) सामान्यतः आपकी छोटी आंत में बनता है जो लैक्टोज के पाचन में  काम आता है। 

अगर आपको लैक्टेज की कमी है तो इसका मतलब है कि आपका शरीर जरूरी मात्रा में लैक्टेज नहीं बना रहा है।

लैक्टोज का पाचन (digesting lactose)

लैक्टोज युक्त कुछ भी खाने के बाद  वह आपके अन्नप्रणाली (oesophagus) (gullet) से होता हुआ आपके पेट में जाता है जहां वह हजम होता  है। यह पचा हुआ खाना इसके बाद आपकी स्मॉल इंटेस्टाइन / छोटी आंत में जाता है । 

आपकी छोटी आँत (small intestine) मैं लैक्टेज मौजूद  होता है जिसे लैक्टोज  को शुगर और गैलेक्टोज (अन्य  प्रकार की शुगर) में विभाजित करना चाहिए, जो इसके बाद आपके  खून में मिल जाते हैं। यदि उचित मात्रा में नहीं हो अनवशोषित बचा हुआ लैक्टोज आपके पाचन तंत्र में आगे जा कर आपकी कोलोन (बड़ी आंत) में पहुँच जाता है। 

कोलोन में मौजूद बैक्टीरिया लैक्टोज का विभाजन करते हैं , जिससे वसा अम्ल (फैटी एसिड) और गैस जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन और मीथेन।  कोलोन में लैक्टोज के विभाजन और उससे उत्पन्न ऐसिड/ अम्ल और गैस के बनने के कारण लैक्टोज इनटॉलेरेंस के  लक्षण जैसे फ्लेचुलंस और बलोटिंग होते हैं। 

लैक्टेज की कमी के प्रकार 

मुख्य प्रकार की लैक्टेज की कमियां (lactase deficiency) नीचे बताई गई  हैं ।  

लैक्टेज की प्राथमिक कमी

पूरी दुनिया में लैक्टेज की कमी का सामान्य कारण है लैक्टेज की प्राथमिक कमी। इस तरह की लैक्टेज की कमी वंश जीन दोष (inherited gene fault) के  कारण होती है और परिवारों में पीढ़ी दर पीढ़ी होती है । 

जब आपके भोजन में दूध और दुग्ध पदार्थ की कमी होती है तो लैक्टेज  का निर्माण कम हो जाता है और इससे प्राथमिक लैक्टेज की कमी शुरू हो जाती है। यह सामान्यतः 2 वर्ष की आयु के बाद शुरू होती है जब स्तनपान या बोतल से दूध पीना बंद हो जाता है , हालांकि इसके लक्षण वयस्क होने तक नहीं नजर आते।

लैक्टेज की माध्यमिक कमी

छोटी आंत में किसी दोष के कारण लैक्टेज की कमी की वजह से माध्यमिक (सेकेंडरी) लैक्टेज की कमी होती है। यह किसी भी आयु में हो सकती है और यह किसी अन्य वजह से होती है जैसे कि छोटी आंत की शल्य क्रिया या कुछ खास दवाओं को लाने के कारण। 

यूसेकेंडरी लैक्टेज की कमी की के कारणों में शामिल है :

  • जठरान्त्रशोथ (gastroenteritis) – पेट और आतों का संक्रमण 
  • सीलियक रोग/celiac disease – आंतों की एक समस्या जो ग्लूटेन / gluten नाम के प्रोटीन के अप्रिय रिएक्शन से होती है
  • क्रोन रोग/Crohn’s disease – यह समस्या लंबे समय तक चलती है और इसकी वजह से पाचन तंत्र की सतह में सूजन हो जाती है
  • अल्सरेटिव कोलाइटिस (ulcerative colitis) -  यह एक दीर्घ कालीन समस्या है जो लार्ज इन्टेस्टिन को  प्रभावित करती है
  • कीमोथेरेपी/chemotherapy – कैंसर का इलाज़ 
  • लंबे समय तक एंटिबयोटिक्स (antibiotics) का उपयोग

लैक्टेज की सेकेंडरी कमी के दौरान लैक्टेज के निर्माण में कमी का कारण आम तौर पर अस्थायी होता है, लेकिन यह स्थाई भी हो सकता है यदि यह किसी दीर्घकालिक समस्या के कारण हुआ है। 

यह संभव है की द्वितीयक लैक्टेज की कमी, जीवन के बाद के सालों में उत्पन्न हो, भले ही उसे शुरू करने के लिए कोई और परिस्थितियां न हो। यह इसलिये होता है क्योंकि  बढ़ती  उम्र के साथ आपके शरीर में लैक्टेज का बनना कम हो जाता है।

जन्मजात लैक्टेस की कमी

जन्मजात लैक्टेस की कमी एक दुर्लभ समस्या है जो परिवारों में पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है और नवजात शिशुओं में पाई जाती है।  

इसका कारण है एक वंशानुगत जेनेटिक दोष और इसकी  वजह से प्रभावित बच्चों में लैक्टेज का उत्पादन कम या ना के बराबर होता है। 

 वंशनुगत जनेटिक दोष के लिये जो आनुवंशिक उत्परिवर्तन जिम्मेदार होता है वह एक औटोसोमदोषपूर्णल रेससीवे इन्हेरिटन्स पैटर्न (autosomal recessive inheritance pattern) से आगे बढ़ता  है। इसके मतलब यह है की इस दोष को आगे होने के लिए दोनों अभिभाविकों में दोष पूर्ण जीन की एक कॉपी होनी चाहिए जिससे यह जीन आगे बढ़े। 

आनुवंशिक इन्हेरिटन्स के बारे मैं आधिक पढ़ें।

विकासात्मक लैक्टेज की कमी

(विकास के दौरान लैक्टेज की कमी)

जो बच्चे समय से पूर्व पैदा होते हैं (गर्भावस्था के 37 हफ्ते के पहले) उनमे अस्थाई लैक्टेज इंटॉलरेंस (temporary lactose intolerance) होता है क्योंकि जन्म के समय तक उनकी समाल इन्टेस्टाइन (small intestine) पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाती। 

इसे डिवेलप्मेनल लेक्टसए डिफिशन्सी / developmental lactase deficiency कहा जाता है और यह समान्यततः ठीक हो जाती जब बच्चा बड़ा हो जाता है।

लैक्टोज इनटॉलेरेंस का निदान (Diagnosing lactose intolerance)

यह जरूरी है कि आप डॉक्टर से मिलें यदि आपको लगता है कि आपको या आपके बच्चे को लैक्टोज इनटॉलेरेंस है, क्योंकि इसके लक्षण अन्य रोगों के जैसे होते हैं। 

अपने  डॉक्टर से मिलने से पहले आप अपने खाने पीने की चीजों और उनसे होने वाले लक्षणों की जानकारी लिख कर रखें। यदि आप किसी खास वस्तु से प्रभावित होते हैं, या आप कुछ पैटर्न देखते हैं तो अपने डॉक्टर को इसकी जानकारी दें। 

आपके लक्षणों में सुधार लाने के लिये आपके डॉक्टर दो हफ्तों के लिये भोजन मे लैक्टोज न लेने की सलाह दे सकते हैं। इससे आपके लैक्टोज इन्टोलेरेंट होने के बारे में साक्ष्य मिल सकता है। 

आगे के परीक्षण 

आगे के परीक्षण सामान्यतः जरूरी नहीं हैं , लेकिन आपके डॉक्टर आपको शायद आगे के परीक्षण की सलाह दे सकते हैं। इससे यह फायदा होगा:

  • निदान की पुष्टि हो सकती है 
  • शरीर द्वारा लैक्टेज (वह एन्ज़ाइम जो लैक्टोज के पाचन में काम आता है) के उत्पादन की मात्रा का पता लगाया सकता है 
  • लैक्टोज इनटॉलेरेंस के कारणों का पता लगाया जा सकता है.

कुछ मुख्य परीक्षणों की जानकारी नीचे दी गई है। 

हाइड्रोजन  ब्रेथ टेस्ट (Hydrogen breath test)

हाइड्रोजन  ब्रेथ टेस्ट एक आसान तरीका है जिससे यह पता लगाया जा सकता है कि क्या आप लैक्टोज इन्टोलेरेंट हो सकते हैं। 

आपको टेस्ट की एक रात पहले कुछ नहीं  खाने पीने के लिए कहा जायेगा। परीक्षण के दौरान आपको एक गुब्बारे जैसी थैली में हवा भरने को कहा जाएगा। हवा के इस सैंपल को टेस्ट किया जाएगा, यह पता करने के लिए कि उसमें कितना हाइड्रोजन है, जो की पार्ट्स पर मिलियन ( p.p.m.) में मापा जाता है।

इसके बाद आपको एक लैक्टोज युक्त पेय पीने को दिया जाएगा और अगले कुछ घंटों तक हर 15 मिनट के बाद यह टेस्ट किया जाएगा आपकी हाइड्रोजन  की मात्रा के बदलाव को पता करने के लिये। 

यदि लैक्टोज युक्त पदार्थ पीने की बाद आपकी साँस में अधिक मात्रा में हाइड्रोजन है (आपके बेसलाइन लेवल /  से 20 पी पी एम से अधिक), तो आप लैक्टोज इन्टोलेरेंट हो सकते हैं। यह इसलिए क्योंकि लैक्टोज इनटॉलेरेंस के कारण कोलोन (colon) में मौजूद बैक्टीरिया / जीवाणु सामान्य से अधिक हाइड्रोजन  का उत्पादन करेंगे।

लैक्टोज टॉलरेंस टेस्ट 

लैक्टोज टॉलरेंस टेस्ट के दौरान आपको एक लैक्टोज युक्त पेय दिया जाएगा और एक सुई/सिरिंज से ब्लड सैम्पल लिया जायेगा। खून में शुगर (blood sugar)  की मात्रा पता करने के लिए परीक्षण किया जायेगा। 

यदि आप लैक्टोज इंटोलेरेन्ट है तो खून में ब्लड में शुगर की मात्रा धीरे धीरे बढ़ेगी या बिल्कुल नहीं बढ़ेगी। यह इसलिए क्योंकि आपका शरीर लैक्टोज को ग्लूकोज में परिवर्तित नहीं कर पा रहा होगा।

मिल्क टोलेरेन्स टेस्ट 

मिल्क टॉलरेंस टेस्ट में आपको एक गिलास दूध पीने को दिया जाएगा और इसके बाद आपके खून में शुगर की मात्रा का परीक्षण होगा। यदि दूध पीने के बाद खून में शुगर की मात्रा नहीं बढ़ती है तो आप लैक्टोज से इंटोलेरेन्ट हैं। 

स्माल बॉवेल बायोप्सी (small bowel biopsy) 

स्माल बॉवेल बायोप्सी का उपयोग लैक्टोज इनटॉलेरेंस के रोग निदान में सामान्यतः नहीं किया जाता है। हालांकि इससे यह पता लगाया जा सकता है की आपके लक्षण किसी अन्य रोग, जैसे की सेलियक डिजीज (celiac disease) के कारण तो नहीं हैं ।

स्माल बॉवेल बायोप्सी में आपकी छोटी आंत की परत का एक सैम्पल एन्डोस्कोप (एक पतला, लचीला ट्यूब जिसके एक सिरे पर लाइट और काटने वाला औज़ार होता है) के द्वारा लिया जाता है, इसे आपके गले से अंदर डाला जाता है। आपको दर्द न हो इसलिए यह सब  स्थानीय ऐनस्थेटिक (local anaesthetic ) के इस्तेमाल के बाद किया जाता है। 

आंत की परत के सैंपल का टेस्ट यह जानने के लिए किया जाता है कि उसमें कितना लैक्टेज है। यदि उसमें कम मात्रा में में लैक्टेज है तो आप लैक्टोज इन्टॉलरेंस हो सकते हैं। इस टेस्ट से अन्य रोगों जैसे की सेलिएक रोग का भी पता लगाया जा सकता है ।

लैक्टोज इंटोलेरेन्स का इलाज़ (Treating lactose intolerance)

लैक्टोज इंटोलेरेन्स का  कोई इलाज़ नहीं है, लेकिन अधिकतर लोग अपने आहार में बदलाव कर के अपने लक्षणों को नियंत्रित कर सकते हैं।

लैक्टोज इनटॉलेरेंस के कुछ मामले, जो की गैस्ट्रोएंटरायटिस (gastroenteritis) के कारण हों , वे अस्थाई होते हैं और कुछ दिनों या हफ्तों में ठीक हो जाते हैं। अन्य मामलों में जो की इन्हेरीटेड जनेटिक फॉल्ट (inherited genetic fault) के कारण हों या किसी लंबे समय से चल रही वजह से हों, वे जीवनपर्यंत रह सकते हैं।

आहार में बदलाव

अधिकतर मामलों में लैक्टोज युक्त पदार्थों में कमी करने या उनका उपयोग ना करने से या उनके स्थान पर लैक्टोज मुक्त पदार्थों के सेवन ही लैक्टोज इनटॉलेरेंस के लक्षणों को रोकने में काफी होता है।  

आहार में बदलाव इस बात पर निर्भर करता है की आप लैक्टोज के प्रति कितने संवेदनशील हैं। कुछ लोगों को थोड़े लैक्टोज से कोई तकलीफ नहीं होती, जबकि अन्य लोगों को थोड़ा सा लैक्टोज खाने के बाद लक्षण नजर आ जाते हैं। 

यदि आप यह पता करना चाहते हैं की आप क्या खा सकते हैं और क्या नहीं तो आपको धीरे धीरे भोजन में नई चीजों को शामिल करना चाहिये, सब एक साथ नहीं। इससे आप संवदेनशील चीज़े खाने के आदि हो जाएंगे और उन खाने की चीजों को पहचान पाएंगे जिनसे आपको तकलीफ होती है। 

यदि आप लैक्टोज युक्त पदार्थों का सेवन कम करते हैं या बंद कर देते हैं, तो आपके भोजन से कुछ वीटामिंस/ और मिनेरल्स नहीं मिलंगे जिससे आपको अन्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाएगा। 

आपको यह सुनियोजित करना होगा की आपको आहार में पूरा पोषण प्राप्त हो रहा है, या तो लैक्टोज मुक्त पढ़ार्थों से या फिर डाइइटेरी सप्लीमेंट्स से।  

यदि आप या आपका बच्चा लैक्टोज के प्रति बहुत ही संवेदनशील है, तो डॉक्टर से अपने आहार के बारे में चर्चा करें। 

दूध से उत्पादों में कैल्सीयम बहुत  होता है जो स्वस्थ हड़डीओ के लिए जरूरी होता है, इसलिये आपको निमियात रूप से अस्थि-खनिज-घनत्व (bone mineral density check)  की जाँच करवानी पड़ेगी। 

आपको एक आहार विशेषज्ञ (आहार और पोषण विशेषज्ञ /dietician) से सलाह लेने के लिए भेजा जा सकता है जो आपको और आपके बच्चे के भोजन में क्या शामिल होना चाहिए इसकी जानकारी दे सकता है। 

लैक्टोज के स्रोत

लैक्टोज के कुछ मुख्य स्रोत जिनको आपको बंद करना चाहिए या जिनका सेवन कम करना है यदि आप लैक्टोस इन्टोलेरेंट हैं तो :

दूध 

लैक्टोज का एक मुख्य स्रोत है गाय का दूध, बकरी का दूध और भेड़ का दूध। आपकी लैक्टोज के प्रति संवेदनशीलता को देखते हुये आपको अपने भोजन में दूध की मात्रा निर्धारित करना पड़ सकती है। 

उदाहरण के लिए:

  • आप चाय या कॉफी में दूध ले सकते हैं पर सीरियल/अनाज के साथ नहीं 
  • कुछ दूध के पदार्थ जैसे मिल्क चॉकलेट (milk chocolate)  कम मात्रा में लिया जा सकता है
  • दूध पीने के बजाय खाने के साथ लेने से लैक्टोज को अवशोषित करने  में सुधार होगा 

यदि थोड़े से दूध से भी  आपके लक्षण प्रकट हो जाते हैं , तो आप कुछ विकल्पों का प्रयोग करना होगा जैसे सोया या चावल से बना दूध ( soya or rice milk)।

(नीचे देखें)

दूध के उत्पाद 

यदि आप लैक्टोज इंटोलेरेन्ट हैं तो आपको क्रीम (cream), चीज़ (cheese), योगहर्ट (yoghurt ), आइस क्रीम( ice cream) और बटर/ मक्खन ( butter)   – जिनमें लैक्टोज होता है, के सेवन से बचना होगा। 

 लेकिन इन पदार्थों में लैक्टोज की मात्रा अलग अलग होती है और कई बार काफी कम होती है, इसलिये आप इनका सेवन कर सकते हैं बिना किसी समस्या के। 

आप भिन्न – भिन्न खाने के पदार्थों का इस्तेमाल कर के यह पता लगा सकते हैं की दूध का बना हुआ कौन सा पदार्थ आप खा सकते हैं क्योंकि ये जरूरी पोषण के स्रोत होते हैं, जैसे कैल्सीयम।

अन्य खाने और पीने की चीज़े 

दूध और दूध के उत्पादों के अलावा अन्य खाने और पीने की चीज़े हैं जिनमें  कभी  कभी  लैक्टोज हो सकता  है। 

 इनमें शामिल हैं : 

  • सलाद क्रीम (salad cream,) सलाद ड्रेसिंग (salad dressing) और मेयोनेज़ (mayonnaise)
  • बिस्किट्स (biscuits)
  • चॉकलेट (chocolate)
  • बॉयल्ड स्वीट्स (boiled sweets)
  • केक
  • कुछ प्रकार की रोटी और अन्य पके हुए सामान
  • कुछ नाश्ते के अनाज (breakfast cereals)
  • पेनकेक्स और बिस्कुट बनाने के लिए मिक्स के पैकेट
  • आलू और सूप के इंस्टेंट पैकेट
  • कुछ प्रसंस्कृत मांस, जैसे कटा हुआ हैम (ham)

सभी खाद्य और पेय उत्पादों की सामग्री को ध्यान से जांचें क्योंकि दूध या लैक्टोज में अक्सर छिपे हुए तत्व होते हैं।

कुछ खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले लैक्टोज को आवश्यक रूप से खाद्य लेबल पर अलग से सूचीबद्ध नहीं किया जाता है इसलिए आपको दूध, मट्ठा, दही और दूध उत्पादों जैसे पनीर, मक्खन और क्रीम के लिए सामग्री सूची की जांच करनी चाहिए।

लैक्टिक एसिड (lactic acid), सोडियम लैक्टेट (sodium lactate) और कोकोआ (cocoa) मक्खन ये कुछ घटक ऐसे प्रतीत हो सकते हैं परंतु होते नहीं हैं। अगर आप लैक्टोज असहिष्णु है तो इन चीज़ों से बचने की आवश्यकता नहीं है।

दवा

कुछ डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाओं, ओवर-द-काउंटर (over-the-counter) दवाओं और पूरक दवाओं में लैक्टोज की थोड़ी मात्रा हो सकती है। हालांकि आमतौर पर ज्यादातर लोगों में लैक्टोज असहिष्णुता के लक्षणों को ट्रिगर करने के लिए लैक्टोज पर्याप्त नहीं है, यह समस्या हो सकती है यदि आपकी असहिष्णुता ज्यादा गंभीर है या आप कई अलग-अलग दवाओं का सेवन कर रहे हैं।

यदि आपको एक नई दवा शुरू करने की आवश्यकता है, तो अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट के पास जाकर जांच करें कि कहीं उसमें लैक्टोज तो नहीं है।

लैक्टोज रहित खाद्य पदार्थ और पेय

दूध और डेयरी उत्पादों से बचने के लिए सुपरमार्केट में कई वैकल्पिक खाने-पीने की चीजें उपलब्ध हैं।

खाने-पीने की वह चीजें जिसमें आमतौर पर लैक्टोज नहीं होते हैं:

  • सोया मिल्क, योगहर्ट्स (yoghurts) और कुछ प्रकार के पनीर
  • चावल, जई, बादाम, हेज़लनट्स, नारियल, क्विनोआ (quinoa) और आलू से बना दूध
  • वे खाद्य पदार्थ जो 'डेयरी रहित या शाकाहारी लोगों के लिए उपयुक्त' होते हैं
  • कैरब बार (carob bars)

आप अतिरिक्त लैक्टेज (लैक्टोज को पचाने के लिए उपयोग में लाने वाला एंजाइम (enzyme)) युक्त गाय का दूध भी खरीद सकते हैं। इसका मतलब है कि आपको अब भी दूध के पोषण संबंधी लाभ मिलेंगे और हानि भी कम होगी।

पर्याप्त कैल्शियम प्राप्त करना

यदि आप अधिकांश डेयरी उत्पादों को लेने में समर्थ नहीं हैं, तो आपको अपने रोज़ के आहार में पर्याप्त कैल्शियम नहीं मिलता है। कैल्शियम के कई महत्वपूर्ण कार्य हैं जिनमें शामिल हैं:

  • हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में मदद करना
  • मांसपेशियों में संकुचन को नियंत्रित करना (दिल की धड़कन सहित)
  • सुनिश्चित करना, रक्त के थक्के सामान्य रूप से बने

इसलिए कैल्शियम युक्त बिना लैक्टोज के उत्पादों का चयन करना और अपने आहार में कैल्शियम और कैल्शियम युक्त दूसरी चीज़ों का उपयोग करना अच्छा है, जैसे कि:

  • हरी पत्तेदार सब्जियाँ, जैसे पालक, केल (kale), ब्रोकोली (broccoli), गोभी और भिंडी
  • सोयाबीन
  • टोफू (tofu)
  • दाने
  • रोटी
  • मछली जिसमें खाने योग्य हड्डियां हैं (उदाहरण के लिए, सार्डिन, सैल्मन और pilchards)

आप हड्डियों के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अधिकांश फार्मासिस्टों से संयुक्त कैल्शियम और विटामिन डी की खुराक भी ले सकते हैं।

अपने चिकित्सक या आहार विशेषज्ञ के साथ जांच करना जरूरी है कि आपको पूरक आहार लेना चाहिए या नहीं, हालांकि, ज्यादा मात्रा में कैल्शियम लेने से दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

लैक्टेज के विकल्प

आहार परिवर्तन के अलावा, आपको लैक्टेज के विकल्प वाले ड्रॉप, टैबलेट या कैप्सूल लेना भी उपयोगी हो सकता है। ये अधिकतर स्वास्थ्य खाद्य पदार्थों की दुकानों पर मिल जाते हैं।

आपकी छोटी आंत लैक्टेज उत्पन्न नहीं कर पाती है, लैक्टेज के विकल्प उस लैक्टेज को प्रतिस्थापित करने में सहायता करते है, यह आपके शरीर को आपके आहार में किसी भी लैक्टोज को ओर अधिक आसानी से तोड़ने में मदद करके आपके लक्षणों को कम कर सकती है।

इन्हें दूध में मिला के लिया जा सकता है या लैक्टोज युक्त भोजन खाने से ठीक पहले लिया जा सकता है।

बच्चों में लैक्टोज असहिष्णुता

यदि आपका बच्चा लैक्टोज असहिष्णु है, तो वो लक्षणों का अनुभव किए बिना भी लैक्टोज की छोटी मात्रा का उपभोग करने में सक्षम हो सकता है। यह काफी सुरक्षित है, लेकिन आपको यह पता लगाने के लिए प्रयोग करने की जरुरत हो सकती है कि वे आराम से कितना खा-पी सकते हैं।

यदि आपका बच्चा किसी भी लैक्टोज को सहन नहीं कर पा रहा है, तो आपके डॉक्टर आपको पोषण संबंधी सलाह के लिए आहार विशेषज्ञ के पास भेज सकते हैं क्योंकि अच्छी वृद्धिऔर विकास सुनिश्चित करने के लिए छोटे बच्चों के लिए आहार में कुछ पोषक तत्व होना ज़रूरी है।

सामान्य तौर पर, खाद्य पदार्थों को लेने या उससे बचने के बारे में समान नियम बच्चों और बड़ों के लिए एक जैसे हैं (ऊपर देखें)।

महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।