लिपोडेमा (Lipoedema) पैरों, जांघों और कुल्हे में वसा कोशिकाओं के असामान्य रूप से बढ़ने की स्थिति को कहते है।
लिपोडेमा (Lipoedema) पैरों, जांघों और कुल्हे में वसा कोशिकाओं के असामान्य रूप से बढ़ने की स्थिति को कहते है।
इस लेख का उद्देश्य, लिपोएडेमा (lipoedema) से जुड़े सामान्य सवालों का जवाब देना है, उन सभी लोगों के लिए जो इस समस्या से ग्रस्त हैं।
लिपोडेमा में पैर एड़ी से कूल्हों तक एक समान रूप से मोटे हो जाते हैं, लेकिन पैर के पंजों और हाथों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इसमें पैरों के पंजों के ठीक ऊपर गोलाई में वसा ऊतकों का इस प्रकार घेरा बन जाता है, जैसे कि टखनों ( एड़ी) पर कस कर डोरी बांध दी गई हो।
त्वचा के नीचे चर्बी अथवा वसा के बढ़ जाने के कारण प्रभावित व्यक्ति के पैर शरीर के बाकी भाग की तुलना में अक्सर ठंडे महसूस होने लगते हैं और उसकी रंगत भी पीली दिखने लगती है। त्वचा गद्देदार और मुलायम लगने लगती है और उसमें आसानी से खरोंच लग जाती है।
पैर के पंजों और हाथों पर प्रभाव नहीं होता, हालांकि बांहों पर कुछ असर हो सकता है।
लिपोएडेमा (Lipoedema) बहुत दर्द भरा भी हो सकता है। इस समस्या से ग्रस्त महिलाएं अक्सर प्रभावित अंगों और घुटनों में दर्द की शिकायत करती हैं।
महिलाओं को ऐसा अनुभव भी हो सकता है कि जैसे शरीर के इन हिस्सों में पानी भर गया हो। ऐसे लगभग 60 फीसदी मामलों में त्वचा की सतह के नीचे पतली-पतली वैरिकोज़ नसें (varicose veins) दिखाई देने लगती हैं।
लिपोएडेमा (Lipoedema) आमतौर पर महिलाओं को होता है। यह उनके यौवन और हार्मोन परिवर्तन के समय शुरू होता है। जैसे की गर्भावस्था और समय बीतने के साथ ही यह समस्या बढ़ती है।
असल में वसा (Fat) का संचय, उन लोगों के लिए ज्यादा खराब हो जाता है, जो मोटे हैं । लेकिन सामान्य वजन वाले लोग भी इस समस्या से पीड़ित हो सकते हैं। मोटापे के लिए इसे दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए, क्योंकि परहेज़ करने से भी इस स्थिति पर कोई फर्क नहीं पड़ता। (इसके लिए नीचे वर्णित उपचार का विवरण पढ़ें)
लिपोएडेमा (Lipoedema) रोग होने के कारणों की जानकारी नहीं है, लेकिन 50% मामले आनुवंशिक पाए गए हैं।
वस्तुतः यह यौवन की दहलीज पार करने के बाद अथवा गर्भावस्था में सामने आता है और इससे पीड़ित होने के बाद ही यह मालूम हो पाता है कि ऐसा हार्मोन्स के कारण हुआ है।
पुरुषों में लिपोएडेमा (Lipoedema) की समस्या बहुत कम पाई जाती है । पुरुषों में यह तब देखी जाती है जब कोई पुरुष हार्मोन चिकित्सा ले रहा हो अथवा वह लिवर सिरोसिस (cirrhosis) से पीड़ित हो।
लिपोडेमा (Lipoedema) के लिए न तो कोई विशेष स्कैन होता है न ही जांच ।
लिम्फोएडेमा (lymphoedema) के उलट, लिपोएडेमा (lipoedema) में शरीर के प्रभावित हिस्से को दबाने पर वहां गड्ढा नहीं बनता और न ही कपड़ों के दवाब से इसकी सूजन कम होती है।
लिपोडेमा (lipoedema) के उपचार के लिए एकमात्र प्रभावी तरीका, एक प्रक्रिया है, जिसे ट्यूमेसेंट लिपोसक्शन (tumescent liposuction.) कहा जाता है ।
ट्युमेसेन्ट लिपोसक्शन (Tumescent liposuction) में एक तरल पदार्थ को पैरों में इंजेक्शन के माध्यम से डाला जाता है ताकि उस स्थान को सुन्न किया जा सके और रक्त की कमी की जा सके , जिससे अवांछित वसा को निकाला जा सके।
इस प्रक्रिया को इस समस्या का लंबे समय तक कारगर रहने वाला उपचार माना गया है।
और ऑपरेशन करवाने के बारे में और जानेंकुछ प्रकार के ऊतकों और मांसपेशियों की सूजन के लिए किए जाने वाले उपचार आमतौर पर लिपोडेमा के इलाज के लिए कारगर नहीं होते हैं। लिपोडेमा की इन हरकतों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती:
महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।