लगभग 20% नवयुवकों में शुक्राणुओं की कमी पायी जाती हैं, जिसे प्रति मिलीलीटर वीर्य मे 2 करोड़ से कम शुक्राणु के रूप मे परिभाषित किया जाता है।
लगभग 20% नवयुवकों में शुक्राणुओं की कमी पायी जाती हैं, जिसे प्रति मिलीलीटर वीर्य मे 2 करोड़ से कम शुक्राणु के रूप मे परिभाषित किया जाता है।
प्रजनन शक्ति की समस्या से ग्रसित दम्पत्तियों के लगभग 20% मामलों का कारण शुक्राणुओं की कमी अथवा शुक्राणुओं की गुणवत्ता का खराब होना है तथा अन्य 25% दम्पत्तियों मे यह एक सहयोगी कारण होता है।
यह लेख उन लोगों को सलाह प्रदान करता है जिनको यह लगता है कि उनमे अथवा उनके साथी में शुक्राणु की कमी है, जिसे चिकित्साशास्त्र मे ओलिगोस्पर्मिया(oligozoospermia) कहते हैं। यहा शुक्राणु की कमी के कारणों, इस समस्या के उचित निदान, तथा उपलब्ध चिकित्सा विकल्पों के बारे में जानकारी उपलब्ध है।
एक साल तक प्रयत्न करने के बाद भी यदि आप गर्भधारण करने में असमर्थ हैं तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। वे आपके प्रजनन क्षमता की जांच करने के लिए आपके वीर्य की जांच करेंगे जिसमे आपके(या आपके सहयोगी) की शुक्राणुओं की गुणवत्ता और मात्रा की जांच शामिल होगी
10 में से लगभग 1 पुरुष की पहली वीर्य जांच का परिणाम असामान्य होगा किन्तु इसका अर्थ सदैव यह नहीं होता कि उनमें वास्तव में कोई असामान्यता है| इसलिए यदि पहली वीर्य जांच का परिणाम असामान्य आता है तो यह जांच दोबारा करवानी चाहिए।
आदर्श रूप से, पहली जांच कराने के 3 महीने बाद दोबारा जांच करनी चाहिए, लेकिन यदि यह लगता है कि आपके शुक्राणुओं की संख्या बहुत ज्यादा कम है अथवा आप में शुक्राणु ही नहीं है तो जितनी जल्दी हो सके इसे दोबारा करवाना चाहिए।
आमतौर पर, शुक्राणु की कमी का कोई कारण नहीं मिल पाता। लेकिन इसको अनेक अनुवांशिक तथा गैर अनुवांशिक स्थितियों के साथ संबंधित किया जाता है। इसमे निम्नलिखित स्थितियाँ शामिल हैं :
यदि आपमे या आपके साथी में शुक्राणुओं की कमी का पता चलता है, तो इसके लिए कुछ चिकित्सा विकल्प उपलब्ध हैं |
इंट्रा सायटोप्लास्मिक स्पर्म इंजेक्शन (आईसीएसआई, Intracytoplasmic sperm injection, ICSI)
इंट्रा सायटोप्लास्मिक स्पर्म इंजेक्शन (आईसीएसआई ) मे एक अकेले शुक्राणु को इन्जेक्शन द्वारा सीधे अंडाणु मे प्रविष्ट कराना शामिल है जिससे वह अंडाणु को निषेचित(फर्टिलाइज़) कर सके। फिर इस निषेचित अंडाणु (भ्रूण) को महिला के गर्भाशय मे स्थानांतरित किया जाता है।
यदि आपके वीर्य में शुक्राणु ना हो अथवा आपके शुक्राणु बहुत खराब गुणवत्ता के हो तो आईसीएसआई की सलाह दी जा सकती है |
आईसीएसआई (ICSI) का विचार करने से पहले, आपके डॉक्टर को आप दोनों की उचित जांच कारवाई जानी चाहिए तथा उसके परिणाम एवं पहलुओं के बारे मे आपसे विचार विमर्श करना चाहिए। उनको यह भी विचार करना चाहिए कि आपकी फर्टिलिटी की समस्या मे कोई आनुवांशिक कारण शामिल है या नही।
कुछ पुरुषों में फर्टिलिटी की समस्या उनके वाय(Y) क्रोमोज़ोम (पुरुष क्रोमोज़ोम) मे जीन की असामान्यता के परिणामस्वरूप होती है। लेकिन जब तक इसका संदेह नही होता ,तक तक आईसीएसआई से पहले आपको सामान्यतः इसके लिए जांच करवाने की आवश्यकता नही होती।
यदि आप या आपके डॉक्टर को पता है या संदेह है की आपमें किसी विशिष्ट जीन का दोष है तो उन्हें आपकी उचित जेनेटिक काउंसलिंग तथा जांच करनी चाहिए।
यदि आपमें गोनाडोट्रोपिन हार्मोन(जो शुक्राणु उत्पादन को उत्तेजित करते हैं) का स्तर कम है तो आपकी प्रजनन शक्ति को बेहतर बनाने के लिए आपकी चिकित्सा गोनाडोट्रोपिन दवा द्वारा की जानी चाहिए |
लेकिन यदि आपकी असामान्य शुक्राणु संख्या का कोई कारण नहीं मिलता तो आपको हॉर्मोन आधारित औषधियां नहीं दी जाएंगी क्योंकि ये प्रजनन शक्ति को बेहतर बनाने के लिए नही जानी जाती हैं |
डोनर इन्सेमिनेशन (वीर्यारोपण ) का अर्थ है किसी अन्य पुरुष द्वारा अज्ञात रूप में दान किए गए शुक्राणुओं का इस्तेमाल करना।एक दम्पत्ति के रूप मे, आप आईसीएसआई (ICSI) के विकल्प के रूप मे डोनर इन्सेमिनेशन (वीर्यारोपण ) का प्रयोग करने पर विचार कर सकते हैं |
यदि किसी पुरुष मे कोई अनुवांशिक रोग है जो उसके बच्चे में भी हो सकता है तब भी आप डोनर इन्सेमिनेशन(वीर्यारोपण ) पर विचार कर सकते हैं|
यदि आवश्यकता हो तो इसको IVF के भाग के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है।
यदि आप डोनर इन्सेमिनेशन (वीर्यारोपण ) पर विचार कर रहे हैं, तो एक दंपत्ति के रूप में आपके और होने वाले बच्चे के लिए इसके पहलुओं के बारे मे आपको स्वतंत्र काउंसलिंग प्रदान की जानी चाहिए।
महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।