नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस(Necrotising fasciitis) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर जीवाणु(बैक्टीरीयल) संक्रमण है जो त्वचा के नीचे स्थित ऊतकों(tissue) तथा आस पास की मांसपेशियों एवं अंगों (fascia) (फेशिआ)को प्रभावित करता ह।
नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस(Necrotising fasciitis) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर जीवाणु(बैक्टीरीयल) संक्रमण है जो त्वचा के नीचे स्थित ऊतकों(tissue) तथा आस पास की मांसपेशियों एवं अंगों (fascia) (फेशिआ)को प्रभावित करता ह।
इसे कभी कभी “माँस खाने वाला रोग(flesh-eating disease)” कहते हैं ,हालांकि इसको उत्पन्न करने वाला जीवाणु माँस नही खाता - ये विषैले तत्वों का उत्सर्जन करते हैं जो आसपास के ऊतकों(tissues) को नुकसान पहुँचाते है।
नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस(Necrotising fasciitis) एक बहुत मामूली चोट से शुरू हो सकता है जैसे कोई छोटा चीरा आदि लेकिन ये बहुत जल्दी बिगड़ जाता है तथा यदि इसकी पहचान व चिकित्सा जल्दी ना की जाए तो यह प्राण घातक हो सकता है।
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नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस (necrotising fasciitis) के लक्षण कुछ घंटों या दिनों के अंदर बहुत तेजी से बढ़ जाते हैं। शुरुआत मे हो सकता है कि ये स्पष्ट नही हों, तथा किसी अन्य कम गंभीर स्थिति जैसे फ्लू, गैस्ट्रोएन्टेरेटाइटिस (gastroenteritis) या सेलुलाईटिस (cellulitis) के समान हो।
प्रारम्भिक लक्षणों मे निम्न सम्मिलित हो सकते हैं :
कुछ घंटों से दिनों के अंतराल पर, आपमे निम्न विकसित हो सकते हैं:
यदि इसका इलाज ना किया जाए तो यह संक्रमण बहुत जल्दी पूरे शरीर में फैल जाता है और चक्कर आना, कमजोरी तथा भ्रम जैसे लक्षणों को उत्पन्न करता ह।
नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस (Necrotising fasciitis) एक आपातकालीन मेडिकल स्थिति है जिसमें तुरंत चिकित्सा की आवश्यकता होती है।
यदि आपको लगता है कि आपमे यह स्थिति है तो जितना जल्दी हो सके अपने नजदीकी दुर्घटना तथा आपातकालीन विभाग मे संपर्क करें।
आपके लक्षणों का कारण जानने के लिए रक्त जांच तथा स्कैन करवाया जा सकता है लेकिन आमतौर पर नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस (necrotising fasciitis) का परीक्षण सिर्फ ऑपरेशन द्वारा प्रभावित ऊतकों की जांच करने पर ही सुनिश्चित किया जा सकता है।
नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस का इलाज अस्पताल में करने की आवश्यकता होती है।
मुख्य इलाज:
इस स्थिति से ग्रस्त लोगों की देखभाल अक्सर इंटेंसिव केयर यूनिट(intensive care unit) मे करने की आवश्यकता होती है तथा इसके लिए आपको कई हफ्तों तक अस्पताल में रुकना पड़ सकता है।
अस्पताल में, संक्रमण के फैलने की संभावना को कम करने के लिए उन्हें अन्य रोगियों से अलग रखा जा सकता है।
नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस बहुत तेजी से बढ़ सकता है तथा रक्त विषाक्तता(सेप्सिस)और ऑर्गन फेल्योर जैसी गंभीर समस्याओं को उत्पन्न करता ह।
इलाज होने पर भी, यह अनुमानित है कि प्रत्येक 5 मामलों में से 1 या 2 प्राणघातक होते हैं।
अधिक मात्रा में संक्रमित ऊतकों को निकालने के कारण अथवा किसी अंग को काट दिए जाने के कारण इस संक्रमण से जीवित बचे लोग कभी-कभी लंबे समय तक रहने वाली विकलांगता से ग्रसित हो जाते है |
उन्हे अपने प्रभावित भाग की बनावट को सुधारने के लिए अन्य ऑपरेशन करवाने की आवश्यकता हो सकती है तथा उन्हे अपनी विकलांगता के साथ सामंजस्य बिठाने में सहायता के लिए पुनरुद्धार सहयोगकी आवश्यकता हो सकती है|
नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस (necrotising fasciitis) अनेक विभिन्न प्रकार के जीवाणु के कारण उत्पन्न हो सकता है।
संक्रमण को उत्पन्न करने वाला जीवाणु कुछ लोगों के पेट में, गले में या त्वचा पर रह सकते हैं,जहां आमतौर पर वे कोई गंभीर समस्या उत्पन्न नहीं करते।
लेकिन,कुछ असाधारण मामलों में, यदि वे गहरे ऊतकों मे चले जाते हैं तो वे नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस (necrotising fasciitis) उत्पन्न कर सकते हैं - रक्तप्रवाह के माध्यम से अथवा किसी चोट या घाव द्वारा जैसे :
नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस आमतौर से तब उत्पन्न होता है जब त्वचा पर या शरीर मे पहले से ही उपस्थित जीवाणु गहरे ऊतकों में चले जाते हैं। यह संक्रमण एक से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है लेकिन यह बहुत दुर्लभ होता है|
नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस किसी को भी हो सकता है -जिसमें युवा तथा अन्यथा स्वस्थ लोग भी शामिल हैं लेकिन इसके वृद्ध लोगों को तथा जिनका सामान्य स्वास्थ्य खराब हो उनको प्रभावित करने की संभावना अधिक होती है|
नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस के लिए कोई वैक्सीन नहीं है तथा इसकी रोकथाम करना हमेशा संभव नहीं हो पाता। आपके जोखिम को कम करने के लिए निम्न उपाय सहायक हो सकते हैं:
यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति के निकट संपर्क में हों जिसे नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस (necrotising fasciitis) हो, तो आपमें संक्रमण की संभावना को कम करने के लिए आपको एंटीबायोटिक्स का एक कोर्स दिया जा सकता है|
महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।