नेक्रोटाइज़ींग फेसाइटीस (Necrotising fasciitis)

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नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस(Necrotising fasciitis) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर जीवाणु(बैक्टीरीयल) संक्रमण है जो त्वचा के नीचे स्थित ऊतकों(tissue) तथा आस पास की मांसपेशियों एवं अंगों (fascia) (फेशिआ)को प्रभावित करता ह।

इसे कभी कभी “माँस खाने वाला रोग(flesh-eating disease)” कहते हैं ,हालांकि इसको उत्पन्न करने वाला जीवाणु माँस नही खाता - ये विषैले तत्वों का उत्सर्जन करते हैं जो आसपास के ऊतकों(tissues) को नुकसान पहुँचाते है।

नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस(Necrotising fasciitis) एक बहुत मामूली चोट से शुरू हो सकता है जैसे कोई छोटा चीरा आदि लेकिन ये बहुत जल्दी बिगड़ जाता है तथा यदि इसकी पहचान व चिकित्सा जल्दी ना की जाए तो यह प्राण घातक हो सकता है।

इस पृष्ठ मे सम्मिलित है:

  • लक्षण
  • मेडिकल सहायता कब ली जाए
  • उपचार
  • दृष्टिकोण
  • कारण
  • बचाव

नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस (necrotising fasciitis) के लक्षण

नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस (necrotising fasciitis) के लक्षण कुछ घंटों या दिनों के अंदर बहुत तेजी से बढ़ जाते हैं। शुरुआत मे हो सकता है कि ये स्पष्ट नही हों, तथा किसी अन्य कम गंभीर स्थिति जैसे फ्लू, गैस्ट्रोएन्टेरेटाइटिस (gastroenteritis) या सेलुलाईटिस (cellulitis) के समान हो।

प्रारम्भिक लक्षणों मे निम्न सम्मिलित हो सकते हैं :

  • त्वचा पर एक छोटा लेकिन दर्दनाक चीरा या खरोंच होना
  • त्वचा को होने वाली किसी भी प्रकार की क्षति के अनुपात मे अत्यधिक पीड़ा
  • तापमान बढ़ना(बुखार) तथा फ्लू के समान अन्य लक्षण होना

कुछ घंटों से दिनों के अंतराल पर, आपमे निम्न विकसित हो सकते हैं:

  • दर्द वाले भाग मे सूजन तथा लालिमा - आमतौर पर ये सूजन छूने मे ठोस महसूस होगी
  • दस्त तथा उल्टियाँ
  • त्वचा पर गहरे रंग के दाने होना जो द्रव से भरे फफोलों मे बदल जाते हैं

यदि इसका इलाज ना किया जाए तो यह संक्रमण बहुत जल्दी पूरे शरीर में फैल जाता है और चक्कर आना, कमजोरी तथा भ्रम जैसे लक्षणों को उत्पन्न करता ह।

मेडिकल सहायता कब लेनी चाहिए

नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस (Necrotising fasciitis) एक आपातकालीन मेडिकल स्थिति है जिसमें तुरंत चिकित्सा की आवश्यकता होती है।

यदि आपको लगता है कि आपमे यह स्थिति है तो जितना जल्दी हो सके अपने नजदीकी दुर्घटना तथा आपातकालीन विभाग मे संपर्क करें।

आपके लक्षणों का कारण जानने के लिए रक्त जांच तथा स्कैन करवाया जा सकता है लेकिन आमतौर पर नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस (necrotising fasciitis) का परीक्षण सिर्फ ऑपरेशन द्वारा प्रभावित ऊतकों की जांच करने पर ही सुनिश्चित किया जा सकता है।

नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस (necrotising fasciitis)

नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस का इलाज अस्पताल में करने की आवश्यकता होती है।

मुख्य इलाज:

  • संक्रमित ऊतकों को हटाने के लिए ऑपरेशन- यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी संक्रमित ऊतकों को निकाल दिया गया है इसको कई बार दोहराना पड़ सकता है, तथा कभी-कभी प्रभावित अंग को काटने की आवश्यकता भी पड़ जाती है
  • एंटीबायोटिक्स(antibiotics)- आमतौर पर विभिन्न प्रकार की एंटीबायोटिक्स (antibiotics) सीधे नसों में दी जाती हैं
  • सहायक चिकित्सा- इसमें आपके रक्तचाप को, तरल पदार्थों के स्तर को तथा अंगों की कार्यशीलता को नियंत्रित करने के लिए चिकित्सा करना सम्मिलित है

इस स्थिति से ग्रस्त लोगों की देखभाल अक्सर इंटेंसिव केयर यूनिट(intensive care unit) मे करने की आवश्यकता होती है तथा इसके लिए आपको कई हफ्तों तक अस्पताल में रुकना पड़ सकता है।

अस्पताल में, संक्रमण के फैलने की संभावना को कम करने के लिए उन्हें अन्य रोगियों से अलग रखा जा सकता है।

नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस

नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस बहुत तेजी से बढ़ सकता है तथा रक्त विषाक्तता(सेप्सिस)और ऑर्गन फेल्योर जैसी गंभीर समस्याओं को उत्पन्न करता ह।

इलाज होने पर भी, यह अनुमानित है कि प्रत्येक 5 मामलों में से 1 या 2 प्राणघातक होते हैं।

अधिक मात्रा में संक्रमित ऊतकों को निकालने के कारण अथवा किसी अंग को काट दिए जाने के कारण इस संक्रमण से जीवित बचे लोग कभी-कभी लंबे समय तक रहने वाली विकलांगता से ग्रसित हो जाते है |

उन्हे अपने प्रभावित भाग की बनावट को सुधारने के लिए अन्य ऑपरेशन करवाने की आवश्यकता हो सकती है तथा उन्हे अपनी विकलांगता के साथ सामंजस्य बिठाने में सहायता के लिए पुनरुद्धार सहयोगकी आवश्यकता हो सकती है|

नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस

नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस (necrotising fasciitis) अनेक विभिन्न प्रकार के जीवाणु के कारण उत्पन्न हो सकता है।

संक्रमण को उत्पन्न करने वाला जीवाणु कुछ लोगों के पेट में, गले में या त्वचा पर रह सकते हैं,जहां आमतौर पर वे कोई गंभीर समस्या उत्पन्न नहीं करते।

लेकिन,कुछ असाधारण मामलों में, यदि वे गहरे ऊतकों मे चले जाते हैं तो वे नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस (necrotising fasciitis) उत्पन्न कर सकते हैं - रक्तप्रवाह के माध्यम से अथवा किसी चोट या घाव द्वारा जैसे :

  • चीरा या खरोंच लगने से
  • कीड़े के काटने से
  • इंजेक्शन द्वारा औषधियाँ देने पर बने पंक्चर वून्ड(puncture wounds) या चुभने के घाव से
  • किसी ऑपरेशन आदि के कारण बने घाव स

नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस आमतौर से तब उत्पन्न होता है जब त्वचा पर या शरीर मे पहले से ही उपस्थित जीवाणु गहरे ऊतकों में चले जाते हैं। यह संक्रमण एक से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है लेकिन यह बहुत दुर्लभ होता है|

नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस किसी को भी हो सकता है -जिसमें युवा तथा अन्यथा स्वस्थ लोग भी शामिल हैं लेकिन इसके वृद्ध लोगों को तथा जिनका सामान्य स्वास्थ्य खराब हो उनको प्रभावित करने की संभावना अधिक होती है|

नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस

नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस के लिए कोई वैक्सीन नहीं है तथा इसकी रोकथाम करना हमेशा संभव नहीं हो पाता। आपके जोखिम को कम करने के लिए निम्न उपाय सहायक हो सकते हैं:

  • घावों का इलाज तुरंत करें- किसी प्रकार के रक्तस्राव को रोकने के बाद, बहते पानी से घावों को साफ करें तथा एक साफ तौलिए से उनको सुखा लें।
  • घावों को सूखा तथा साफ रखें- घाव को साफ करने के पश्चात, स्टेरायल ड्रेसिंग पट्टी (जैसे प्लास्टर) से उसे ढक दें, ड्रेसिंग या पट्टी के गंदा या गीला होने पर उसे बदल दें।
  • अपने हाथों को साबुन तथा गर्म पानी से नियमित रूपसे धोएं- अल्कोहल आधारित हाथों के जेल भी सहायक हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर साबुन तथा पानी से धोना ही उत्तम रहता है|

यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति के निकट संपर्क में हों जिसे नेक्रोटाईसिंग फसाइटिस (necrotising fasciitis) हो, तो आपमें संक्रमण की संभावना को कम करने के लिए आपको एंटीबायोटिक्स का एक कोर्स दिया जा सकता है|

महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।