पोलियो (polio)

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पोलियो (polio) एक गंभीर वायरल संक्रमण है जो भारत और दुनियाभर में सामान्य था। आजकल शायद ही किसी में ये देखने को मिलता है, क्योंकि टीके के माध्यम से इसे होने से रोका जा सकता है।

ज़्यादातर लोगों में पोलियो (polio) के लक्षण नहीं मिलते हैं और उन्हें पता भी नहीं रहता कि वे संक्रमित हैं। लेकिन 100 में से 1 व्यक्ति को अस्थायी या स्थायी

पक्षाघात (paralysis)
हो सकता है। जो जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है।

पोलियो का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है इसलिए यह ज़रूरी है कि आप और आपके बच्चे इससे बचाव के लिए टीकाकरण करवा चुके हों।

पोलियो के लक्षण (Symptoms of polio)

95% लोगों में पोलियो के कोई लक्षण नहीं पाए जाते हैं और वे बिना किसी लक्षण के संक्रमण से लड़ते रहते हैं।

कुछ लोगों को संक्रमण के बाद 3-21 दिनों तक

फ्लू
जैसी बीमारी महसूस होती है। जिनमें निम्नलिखित लक्षण होते हैं:

ये लक्षण आमतौर पर एक सप्ताह तक रह सकते हैं।

1% से भी कम मामलों में पोलियो वायरस रीढ़ की हड्डी के नस और दिमाग के अंदर हमला करता है। ये आमतौर पर पैरों में पक्षाघात (paralysis) का कारण बनता है; जिसे विकसित होने में कुछ घंटों या दिनों का समय लगता है।

आमतौर पर पक्षाघात स्थायी नहीं होता है और धीरे-धीरे कुछ सप्ताह या महीनों में मूव्मेंट लौटकर आ सकता है। लेकिन कुछ लोगों को बार-बार समस्याएं होती है और अगर सांस लेने वाली मांसपेशियाँ प्रभावित होती हैं तो यह जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है।

पोलियो से होने वाली दीर्घकालिक समस्याएं (Long-term problems caused by polio)

हालांकि पोलियो बिना किसी समस्या का कारण बने शीघ्र चला जाता है। यह कभी-कभी लगातार या जीवन भर चलने वाली परेशानियाँ भी पैदा कर सकता है।

हर 200 में से 1 इंसान को कुछ डिग्री का स्थायी पक्षाघात (permanent paralysis) होता है और बाकियों को ऐसी समस्याएं हो सकती हैं जिसमें लम्बे समय तक उपचार और सहयोग की ज़रूरत पड़ती है, जैसे:

  • मांशपेशियों में कमज़ोरी
  • मांशपेशियों का सिकुड़ना (atrophy)
  • जोड़ों का तंग होना (tight joints)
  • विकृति (घूमें हुए पंजे या पैर) (deformities)

इसकी भी सम्भावना है कि कोई इंसान जिसे पहले पोलियो हुआ था उसे समान लक्षण फिर से हो सकते हैं या बचे हुए लक्षण दशकों बाद और खराब हो सकते हैं। इसे

पोस्ट-पोलियो सिंड्रोम
(post-polio syndrome) कहते हैं।

पोलियो होने के क्या कारण हैं? (What causes polio)

अगर आप किसी के संक्रमित मल या छींकने या खांसने से निकली बूंदों के संपर्क में आते हैं तो आप पोलियो वायरस से संक्रमित हो सकते हैं।

आपको संक्रमित मल या बूंदों से दूषित भोजन या पानी से भी संक्रमण हो सकता है।

अगर वायरस आपके मुंह में चला जाता है तो वह आपके गले और आंतों तक पहुँच सकता है जहां वह दोगुना होने लगता है। कुछ मामलों में यह खून की धारा (bloodstream) में मिलकर नर्वस सिस्टम (nervous system) तक फैल सकता है।

ऐसा कोई भी जिसमें एक सप्ताह पहले या कुछ सप्ताह बाद संक्रमण के लक्षण मिले हों उनसे भी वायरस फैल सकता है। संक्रमित लोग जिन्हें कोई भी लक्षण नहीं है उनसे भी दूसरों में पोलियो फैल सकता है।

ऐसे दुर्लभ मामले सामने आए हैं जहां पोलियो वायरस के लाइव संस्करण के साथ टीका लगाया गया है।

पोलियो कहाँ पाया जाता है? (Where is polio found?)

नियमित टीकाकरण के परिणाम के रूप में पोलियो दुनियाभर के कई हिस्सों से ख़त्म हो चुका है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा इन क्षेत्रों को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया गया है। जिसमें यूरोप, अमेरिका, वेस्टर्न पैसिफिक रीज़न और हाल ही में दक्षिण पूर्व एशिया को शामिल किया गया है।

हालांकि, कुछ जगहों पर अभी भी पोलियो (polio) मिल जाता है। यह अभी भी अफग़ानिस्तान (Afghanistan), नाइजीरिया (Nigeria) और पाकिस्तान (Pakistan) में बड़ी समस्या है और अफ्रीका (Africa) के कुछ हिस्सों और कुछ मध्य पूर्वी देशों में संक्रमण का संभावित खतरा बना रहता है।

यह देखने के लिए कि जिस देश में आप जाना चाहते हैं वहां आपको पोलियो होने का कितना खतरा है, आप ट्रैवेल हेल्थ प्रो की वेबसाइट पर उस देश के गाइड का उपयोग कर सकते हैं।

पोलियो का उपचार (Treating polio)

वर्तमान में पोलियो का कोई इलाज नहीं है। पोलियो का इलाज शारीरिक कार्य में सहयोग करने और दीर्घकालिक समस्याओं को कम करने के लिए होता है जब शरीर संक्रमण से लड़ रहा होता है।

मांसपेशियों और जोड़ों में होने वाली समस्याओं को रोकने के लिए अस्पताल में आराम, दर्दनिवारक, सांस लेने में सहायक चीजें और नियमित व्यायाम शामिल हो सकते हैं।

अगर आपको पोलियो संक्रमण के परिणाम के रूप में दीर्घकालिक समस्या हो गई है तो आपको चल रहे इलाज और सहयोग की ज़रूरत हो सकती है।

किसी भी प्रकार की गति में परेशानी में मदद के लिए फिजियोथेरेपी (

physiotherapy
), कमज़ोर अंगों और जोड़ों के सहयोग के लिए स्प्लिंट और ब्रेसेस (splints & braces) जैसे यंत्रों का इस्तेमाल किया जाता है। आपको किसी भी परेशानी में मदद के लिए और संभवतः सर्जरी के द्वारा किसी भी विकृति को ठीक करने के लिए ऑक्यूपेशनल थेरेपी (
occupational therapy
) का इस्तेमाल किया जाता है।

पोलियो टीकाकरण (Polio vaccination)

इंजेक्शन के माध्यम से इसकी पाँच खुराक दी जाती है; जिसे निम्नलिखित आयु वर्ग शामिल हैं:

  • उम्र के 8, 12 और 16 वें हफ़्तों में - (DTaP/IPV/Hib) टीका
  • तीन साल और चार महीने की उम्र में (DTaP/IPV) प्री स्कूल बूस्टर (pre-school booster)
  • 14 साल की उम्र में (Td/IPV) टीनऐज बूस्टर (teenage booster)

अगर आप पोलियो प्रभावित देश में यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो आपको टीकाकरण करवाना चाहिए या अगर आपने नहीं करवाया है या अगर आपको अंतिम खुराक लिए 10 साल या उससे अधिक हो रहे हैं तो आपको बूस्टर डोज़ लेनी चाहिए।

यात्रा के समय टीकाकरण
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अगर आपने पहले ठीक से टीका नहीं लगवाया है तो आप किसी भी समय टीकाकरण करवा सकते हैं, तब भी जब आप वहाँ घूमने नहीं जा रहे हों जहां संक्रमित होने का खतरा अधिक है।

अगर आपको पहले पोलियो हो चुका है और आपने टीका नहीं लगवाया है तो आपको अभी भी पूरे टीकाकरण की सलाह दी जाएगी। टीका तीन तरह के पोलियो वायरस से बचाव करता है और जिन लोगों को पहले से संक्रमण हो चुका है, वे तीन में से किसी एक के प्रति ही प्रतिरक्षित हो पाएंगे।

महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।