बाउल पॉलीप्स (bowel polyps)

4 min read

बाउल पॉलीप्स (bowel polyps) बड़ी आंत की अंदरूनी परतों या मलाशय पर बने छोटे उभार को कहते हैं। ये बेहद आम हैं और अक्सर बिना किसी लक्षण के होते हैं।

आमतौर पर पॉलीप्स (polyps) का आकार 1 सेमी से भी कम होता है, हालांकि ये कई सेंटीमीटर तक बढ़ सकते हैं। इनके विभिन्न रूप हैं:

  • कुछ छोटे से उभरे हुए क्षेत्र या उभार होते हैं, जिन्हें सेसाइल पॉलीप (sessile polyp) कहा जाता है
  • कुछ डंठल पर एक अंगूर की तरह दिखते हैं, जिन्हें पेंडुनकुलटेड पॉलीप (pedunculated polyp) के रूप में जाना जाता है
  • कुछ मामलों में कई छोटे उभार एक साथ मिलकर संयुक्त हो जाते हैं।

बाउल पॉलीप्स (bowel polyps) आमतौर पर कैंसरकारक नहीं होते हैं, हालांकि उन्हें हटा दिए जाने की आवश्यकता होगी क्योंकि यदि उन्हें बिना उपचार के छोड़ दिया जाए तो उनमें से कुछ अंततः कैंसर में बदल जाएंगे।

कुछ लोगों में सिर्फ एक पॉलीप (polyp) विकसित होता है, जबकि अन्य में इनकी संख्या कुछ ज्यादा हो सकती है। 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में इसके होने की संभावना होती है।

बाउल पॉलीप्स के कारण (Bowel polyps causes)

बाउल पॉलीप्स (bowl polyps) कोशिकाओं के असामान्य उत्पादन के कारण होते हैं। आंत की अंदरूनी परत लगातार खुद को नवीनीकृत करती है और किसी दोषपूर्ण जीन की वजह से इन परतों में कोशिकाओं को अधिक तेज़ी से विकसित करने की क्षमता आ जाती है।

बाउल पॉलीप्स (bowl polyps) या बाउल कैंसर (bowel cancer) वंशानुगत भी हो सकते हैं ।

बाउल पॉलीप्स के लक्षण (signs of bowel polyps)

पॉलीप्स (polyps) वाले अधिकांश लोगों को इसके होने की जानकारी नहीं होती है क्योंकि ये कोई लक्षण पैदा नहीं करते हैं, अक्सर इनका पता ग़लती से चलता है।

हालांकि, कुछ बड़े पॉलीप्स (polyps) इन लक्षणों का कारण बन सकते हैं, जैसे:

  • थोड़ी मात्रा में रक्तस्राव
  • जब आप अपने बोवेल ओपन करते हैं तो बलगम का उत्पादन होता है
  • दस्त या कब्ज
  • पेट दर्द

इनका पता कैसे लगाया जाता है?

बाउल पॉलीप्स (Bowel polyps) आमतौर पर किसी और वजह से की गई आंतों की जांच से सामने आते हैं, जैसे कि सिग्मोइडोस्कोपी (sigmoidoscopy) (आंत के अंतिम हिस्से की जांच) या

बेरियम एनीमा (barium enema)
(जहां आपकी आंत में एक सफेद तरल पारित किया जाता है, ताकि एक स्पष्ट एक्स-रे छवि ली जा सके।)

पॉलीप्स (polyps) पाए जाने पर पूरी बड़ी आंत को देखने के लिए कोलोनोस्कोपी (colonoscopy) की आवश्यकता होती है। नीचे कॉलोनोस्कोपी (colonoscopy) के बारे में पढ़ें।

इनका इलाज कैसे किया जाता है?

पॉलीप्स (polyps) का इलाज करने के कई तरीके हैं, लेकिन सबसे आम प्रक्रियाएं हैं:

  • कोलोनोस्कोपी (colonoscopy) के वक्त पॉलिप (polyp) की स्नैरिंग (snaring) करना। स्नैरिंग (snaring) पॉलीप (polyp) को तार से काटने जैसा है, और दर्द रहित होता है।
  • गर्म बायोप्सिन्ग (hot biopsying), जो पॉलिप (polyp) को इलेक्ट्रिक प्रोब के स्पर्श द्वारा हटाता है। (यह भी दर्द रहित होता है)

उपरोक्त दोनों विधियों में आपकी आंत में नीचे से कोलोनोस्कोप (colonoscope) नामक एक लचीले उपकरण को पारित करना शामिल है। कोलोनोस्कोप (colonoscope) में विद्युत प्रवाह के साथ एक तार होता है जो पॉलिप (polyp) को दागता (जलाना) या हटाता है।

पॉलीप्स (polyps) के इलाज का एक और असामान्य तरीका आंत के एक हिस्से को सर्जिकल रूप से हटाना है - यह आमतौर पर केवल तब किया जाता है जब पॉलीप (polyp) में कोई कोशिका परिवर्तन हो या वह बड़ा हो।

पॉलीप या पॉलीप्स (polyps) को हटा दिए जाने के बाद, उन्हें एक प्रयोगशाला में विशेषज्ञ डॉक्टरों के पास भेजा जाता है जो आपके सलाहकार को सूचित करेंगे यदि:

  • पॉलिप (polyp) पूरी तरह से हटा दिया गया है
  • इसके दोबारा बढ़ने का कोई खतरा है
  • पॉलीप (polyp) में कोई कैंसरकारक परिवर्तन होता है

यदि पॉलीप (polyp) में कोई कैंसरकारक परिवर्तन होता है, तो आपको आगे के उपचार (परिवर्तन की डिग्री और सीमा के आधार पर) की आवश्यकता हो सकती है। इस बारे में विशेषज्ञ आपको उचित सलाह देंगे।

आगे की संभावना (Outlook)

कुछ लोगों को और अधिक कोलोनोस्कोपी (colonoscopy) की आवश्यकता होगी क्योंकि पॉलीप्स (polyps) फिर से उभर सकते हैं। कभी-कभी पॉलीप्स (polyps) वंशानुगत भी हो सकते हैं - यह असामान्य है, लेकिन इसका मतलब है कि आपको नियमित अंतराल पर कोलोनोस्कोपी (colonoscopy) जांच की आवश्यकता होगी।

आपको लगभग हर तीन से पांच साल के अंतराल पर फिर से परीक्षण के लिए कहा जा सकता है, ताकि ऐसे पॉलीप्स (polyps) को पकड़ा जा सके जो बढ़ सकते हैं और आंत के कैंसर में बदल सकते हैं।

महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।