खुद को नुकसान पहुँचाना

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जब कोई जान बूझ कर अपने शरीर को चोट पहुंचाता है तब उसे खुद को नुकसान पहुंचाना कहते हैं। यह बहुत गहरे भावनात्मक संकट को जाहिर करने या उस का सामना करने का एक तरीका होता है।

कभी-कभी जब लोग खुद को चोट पहुंचाते हैं तो उनका उद्देश्य मर जाना होता है पर अधिकांश बार उनका इरादा खुद को सजा देने का या अपने दुःख को जाहिर करने या फिर असहनीय तनाव को कम करने का होता है। खुद को चोट पहुंचाना, मदद के लिए इशारा भी हो सकता है।

आमतौर पर, डॉक्टर आपको एक स्थानीय सामुदायिक मानसिक स्वास्थ्य सुविधा के स्वास्थ्य कर्मियों के पास आगे की जांच के लिए जाने को कहेंगें। इस जाँच के नतीजे के हिसाब से आपका देखभाल केंद्र आपके आगे के इलाज के लिए आपके साथ एक योजना बनाएगा।

खुद को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के इलाज में सामान्यतयः उन्हें एक थेरेपिस्ट से मिलना भी जरूरी होता है जिससे वो अपनी भावनाओं और विचारों और किस तरह ये उनके व्यवहार और स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं, के बारे में चर्चा कर सकें। अगर आप बुरी तरह से डिप्रेस्ड या अवसादग्रस्त हैं तो इसमें एन्टी डिप्रेसेंट्स लेना भी शामिल हो सकता है।

अगर आप खुद को नुकसान पहुँचाते हैं तो मदद लेने के बारे में और पढ़ें।

लोग

खुद को नुकसान पहुंचाना जितना हम समझते हैं, उससे कहीं ज्यादा आम बात है, खासकर युवा लोगों में। UK में हुए 2002 के 15-16 साल के लोगों पर हुए सर्वेक्षण के हिसाब से यह अंदाजा है कि, पीछे के साल में 10% से ज्यादा लड़कियों और 3% से ज्यादा लड़कों ने खुद को नुकसान पहुंचाया है।

ज्यादातर मामलों में, जो लोग खुद को नुकसान पहुँचाते हैं, वो असहनीय और बहुत गहरी भावनात्मक तकलीफ़ का सामना करने के लिए ऐसा करते हैं। ये तकलीफें इन वजहों से हो सकती हैं: 

  • सामाजिक कारण - किसी को दरकार या दबाव मीन रखा जाना, स्कूल या काम की जगह दिक्कतें होना, या घर और दोस्तों से परेशानी वाले सम्बन्ध होना।
  • ट्रॉमा या आघात - जैसे कोई शारीरिक, सेक्सुअल या यौन आघात, या किसी करीबी रिश्तेदार या दोस्त की मृत्यु
  • मानसिक स्वास्थ्य स्थिति - जैसे डिप्रेशन या अवसाद या बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर या पर्सनालिटी डिसॉर्डर।
  • ये समस्याएँ क्रोध, निराशा और खुद से नफरत की गहरी भावनाओं को जन्म दे सकती हैं।

हालांकि, जो लोग खुद को नुकसान पहुँचाते हैं उनमें से कुछ अपने जीवन को खत्म कर देने के बहुत बड़े खतरे पर होते हैं, पर बहुत से खुद को नुकसान पहुंचाने वाले लोग खुद को मारना नहीं चाहते। बल्कि, खुद को नुकसान पहुंचाना उनको जज्बाती कष्ट का सामना करने में मदद करता है जिससे उन्हें ख़ुद की जान लेने का ख़याल नहीं आए।

खुद को नुकसान पहुंचाने के कारणों के बारे में और पढ़ें।

खुद

लोगों के खुद को जानबूझकर नुकसान पहुंचाने के कई तरीके हैं, जैसे: 

  • अपनी त्वचा को काटना या जलाना
  • खुद को घूंसे मारना
  • खुद को गोली से जहर देना
  • ड्रग्स या शराब का दुरुपयोग करना
  • खुद को जानबूझकर भूखा रखना (अनोरोक्सिया नर्वोसा) या बहुत खाना(बुलिमिया नर्वोसा)

लोग अक्सर शर्म या डर से खुद को नुकसान पहुंचाने की इस स्थिति को छुपाने की कोशिश करते हैं। उदाहरण के लिए, वो अपनी त्वचा को ढक कर रखेंगे और इस समस्या के बारे में बात नहीं करेंगें।

इसलिए, जब कोई खुद को नुकसान पहुँचाता है तो, ये अक्सर उसके परिवार और दोस्तों के उपर होता है कि इस बात का ध्यान रखें और समझदारी और सावधानी से इस विषय में बात करें। बिना कारण चोट जिनके बारे में वो समझ ना पाएँ कि कैसे लगी, अवसाद और आत्म सम्मान कम होना, इसकी ओर इशारा करते हैं

जो खुद को नुकसान पहुंचा रहा है, वो खुद को गम्भीर रूप से घायल कर सकता है, इसलिये यह आवश्यक है कि वो इसके पीछे के बुनियादी मुद्दे के बारे में डॉक्टर से बात करें और उनसे इसमे मदद करने वाले इलाज या थेरेपी की मांग करें।

खुद को नुकसान पहुंचाने के लक्षणों के बारे में और पढ़ें।

लक्षण

खुद को नुकसान पहुंचाने के कई अलग तरीके हैं और उन्हें पहचानना हमेशा इतना आसान नहीं होता है।

जो लोग खुद को नुकसान पहुँचाते हैं वो अक्सर इसे परिवार और दोस्तों से छुपाते हैं और अक्सर ऐसी जगह पर चोट पहुँचाते हैं जो कपड़ों में आसानी से छुपाई जा सके।

अगर आपको शक है कि कोई मित्र या रिश्तेदार खुद को नुकसान पहुंचा रहा है तो इन लक्षणों के लिए ध्यान रखें: 

  • बिना किसी कारण के कटने के निशान, चोट या सिगरेट से जलने के निशान जिनके बारे में वो समझा नई पाएँ कि कैसे लगे, वो अक्सर कलाईयों, बाँह, जांघ और सीने पर पाए जाते हैं
  • खुद को हर समय, यहाँ तक की गर्मी में भी पूरा ढक कर रखना
  • अवसाद के लक्षण, जैसे सुस्त रहना,  हमेशा उदास या रोआंसा रहना या उत्साह की कमी या किसी चीज में रुचि नहीं होना
  • बहुत ज्यादा खुद में खोए रहना और किसी से बात नहीं करना
  • खान-पान की आदतों में बदलाव करना या उन्हें छुपाना, और असामान्य रूप से वजन काम होना या बढ़ना
  • आत्म सम्मान में कमी के लक्षण, जैसे किसी भी परेशानी के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराना या ये सोचना कि वो किसी काम के लिए अच्छे नहीं हैं
  • अपने बाल नोचने के लक्षण
  • शराब और ड्रग्स का अधिक सेवन

खुद

अगर आपको चिंता है कि कोई खुद को नुकसान पहुंचा रहा है तो, ये कुछ चीजें हैं जो आप उनकी मदद के लिए कर सकते हैं: 

  • उनके साथ बैठ कर प्यार और सहानुभूति से उनकी तकलीफ़ के बारे में बात करने के लिए समय निकालना और उनके बारे मे बिना राय बनाये या बिना आलोचना किये, उन्हें सुनना
  • उनकी ज़िंदगी की मुश्किलों को समझ इस बात के लिए सराहना करना और उन्हें ये जताना कि आप समझते हैं
  • उनसे पेशेवर परामर्शदाता से मदद लेने की संभावना पर चर्चा करना
  • अगर कोई चोट ज्यादा गंभीर है तो डाक्टरी मदद लेना
  • यह बहुत आवश्यक है कि बहुत ही ज्यादा नकारात्मक या आलोचनात्मक रवैया(जैसे गुस्सा हो जाना) नहीं दिखाना क्योंकि इस तरह की प्रतिक्रिया उनकी तकलीफ़ को और बिगाड़ सकती है।

अगर वो खुद को नुकसान की स्थिति पर चर्चा नहीं करना चाहते ,तो आप उन्हें डॉक्टर या किसी गुमनाम सहायता केंद्र पर फ़ोन से बात करने के लिए कह सकते हैं।

खुद को नुकसान पहुंचाने के लिए मदद के बारे में और पढ़ें।

कारण

खुद को नुकसान पहुंचाने के कई कारण होते हैं और वो समय के साथ बदल सकते हैं, पर कारण अधिकतर उदास जज्बातों से पैदा होते हैं।

खुद को नुकसान पहुंचाने को "भावात्मक या जज्बाती तकलीफ का जाहिर होना" कहते हैं। कुछ लोग जिस्मानी तौर पर खुद को नुकसान या चोट पहुंचाने को असहनीय जज्बाती और मनोवैज्ञानिक तकलीफों का सामना करने में मददगार पाते हैं।

सामाजिक

शोध ये बताते हैं कि आमतौर पर सामाजिक कारण कम आत्म-सम्मान वाले लोगों में जज्बाती पीड़ा पैदा करते हैं। इनमें आते हैं : 

  • दोस्तों या साथियों के साथ कठिन सबन्ध होना
  • स्कूल में दिक्कत होना, जैसे पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन नहीं करना
  • कार्यक्षेत्र में मुश्किलें होना
  • घर, काम की जगह या स्कूल में डराया जाना
  • पैसों की चिंता होना
  • शराब या ड्रग का अधिक सेवन
  • अगर आपको लगता है कि आप समलैंगिक हैं तो उस बात से सहज होना
  • सांस्कृतिक उम्मीदों, जैसे माता-पिता द्वारा तय विवाह में साथी के साथ तालमेल बैठाना

खुद का नुकसान कई बार किसी गहरी चोट वाले अनुभव का सामना करने का ढंग भी हो सकता है। जैसे :

  • यौन, शारीरिक या भावनात्मक शोषण जिसमे बलात्कार और घरेलू हिंसा आते हैं
  • किसी क़रीबी परिवार के सदस्य या दोस्त की मृत्यु
  • गर्भपात होना
  • जज्बाती तकलीफ़
  • किसी गहरी चोट के अनुभव या ख़ुश ना रहने की स्थिति से हुई पीड़ा खुद से घृणा और आत्म-सम्मान को कम कर सकती हैं। आपको ये भावनाएं भी हो सकती हैं: 
  • गुस्सा
  • ग्लानि
  • चिंता
  • अकेलापन या अलग-थलग रहना
  • दुःख
  • निराशा
  • ख़ालीपन
  • अगर आपका शोषण हुआ है, तो खुद का गंदा समझना, या ख़ुद को किसी काम का ना होना, फंसा हुआ या चुप रहने को मजबूर कराया हुआ महसूस करना।

ये भावनाएं धीरे-धीरे आपके अंदर विकसित हो सकती हैं और आपको ये समझ नहीं आ पाता कि किस से मदद मांगी जाए। खुद को नुकसान पहुंचाना इन सभी दबी हुई भावनाओं से रिहा होना है। यह बहुत ज्यादा जज्बाती तकलीफ़ का सामना करने का तरीका हो सकता है।

खुद को नुकसान पहुंचाना चिंता और अवसाद से जुड़ा है। ये मानसिक स्वास्थ्य स्थिति किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती हैं। खुद को नुकसान पहुंचाना, गैर सामाजिक व्यवहार, जैसे स्कूल में बुरा व्यवहार करना या पुलिस के साथ मुसीबत में पड़ना, की स्थिति में भी हो सकता है।

मनोवैज्ञानिक

कुछ मामलों में, खुद के नुकसान पहुंचाने के मनोवैज्ञानिक कारण हो सकते हैं। जैसे: 

  • आप ऐसी आवाजें सुन सकते हैं जो आपको खुद को नुकसान पहुंचाने के लिए कहेंगी
  • आपको खुद के नुकसान के बारे में लगातार खयाल आ सकते हैं और आपको ये लगेगा कि आपको ये करना ही है
  • आप खुद से अलग(अपने और आने आस-पास के माहौल को भूल जाना) हो सकते हैं और खुद को बिना ये समझे कि आप ये कर रहे हैं, नुकसान पहुंचा सकते हैं
  • यह बॉर्डरलाइन परस्नेलटी डिसॉर्डर या व्यक्तित्व विकार(एक स्थिति जो मनुष्य के सोचने, महसूस करने और व्यवहार में अस्थिरता पैदा करती है ) के लक्षण हो सकते हैं

इलाज

जो भी खुद को नुकसान पहुँचाता है उसका डॉक्टर से मिलना जरूरी है। वो किसी भी शारीरिक चोट का इलाज कर,जरूरत के अनुसार, आगे की जांच के लिए सलाह दे सकते हैं।

डॉक्टर आपकी भावनाओं के बारे में विस्तार में पूछ सकते हैं। वो ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आप खुद को नुकसान क्यों पहुँचाते हैं, क्या इसको शुरू करता है और आप बाद में कैसा महसूस करते हैं।

डॉक्टर आपकी अंदर की कोई दबी स्थिति , जैसे अवसाद, चिंता या बोर्डरलाईन पर्सनालिटी डिसऑर्डर को जानने के लिए आपसे कुछ सवाल पूछ सकते हैं। अगर आपका खुद को नुकसान पहुंचाने का व्यवहार किसी खास क्रम का पालन करता है, जैसे खाने से संबंधित असमन्यता, तो आपसे कुछ और सवाल भी पूछे जा सकते हैं।

आपकी लम्बाई, वजन और रक्तचाप की जाँच की जाएगी और आपसे आपके ड्रिंक करने या ड्रग सम्बन्धी आदतों के बारे में पूछा जाएगा।

यह आवश्यक है कि आप अपने डॉक्टर को अपने लक्षणों और भावनाओं के बारे में सच बताएं। अगर आपको पता नहीं है कि आप खुद को क्यों नुकसान पहुँचाते हैं तो डॉक्टर को यह बता दें।

आगे की जाँच

एक शुरुआती जांच के बाद, आपका डॉक्टर आपको आगे की जांच के लिए एक स्थानीय सामुदायिक मानसिक स्वास्थ्य सुविधा केंद्र पर स्वास्थ्यकर्मी के पास भेज सकता है।

यह जांच , जो कई मुलाक़ातों में हो सकती है, आपके और आपके खुद के नुकसान पहुंचाने के व्यवहार के बारे में और जानने के लिए होती है। इस जांच के नतीजे आपकी समस्या के मुताबिक इलाज और सहयोग को निर्धारित करने में मदद करेंगें।

किसी जांच के दौरान, आपसे अक्सर ये सवाल पूछे जा सकते हैं : 

  • आपकी शारीरिक स्वास्थ्य
  • आपके दूसरों के साथ सम्बन्ध और आपके रहने का प्रबंध
  • खुद को नुकसान पहुंचाने के आपके तरीके
  • कितनी बार आप खुद को नुकसान पहुँचाते हैं
  • आपके खुद को नुकसान पहुंचाने से पहले कोई खास भावना या घटना
  • वो चीजें जिन्हें आपने खुद को नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए इस्तेमाल किया है
  • क्या आपको लगता है कि आप फिर से खुद को नुकसान पहुंचाएंगे
  • आपको क्या लगता है कि आप खुद को क्यों नुकसान पहुंचा रहे है
  • क्या आपको कभी ख़ुदकुशी के ख्याल आया है

आगे का कोई भी इलाज आप और आपकी स्वास्थ्य की देखभाल कर रहे लोगों के बीच मे निर्धारित होगा। यह आपकी जरुरतो और आपके लिए क्या असरदार है, के हिसाब से एक खास कार्यक्रम होगा। किसी भी इलाज के शुरू होने से पहले आपकी सहमति ली जाएगी।

आपका केयर प्लान

अधिकतर मामलों में, खुद को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के लिए मनोवैज्ञानिक इलाज (बातचीत ट्रीटमेंट) कि सलाह दी जाती है।

मनोवैज्ञानिक इलाज जैसे कॉग्निटिव बेहेवियरल थेरेपी (CBT) में सेशन होते हैं जिनमें आप अपने थेरेपिस्ट से अपने विचारों, भावनाओं और ये आपके व्यवहार और स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करते हैं के बारे में बात करते हैं। प्रमाण कहते हैं कि खुद को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को इस तरह के इलाज से लम्बे वक़्त तक फायदा होता है।

अगर आपको मानसिक स्वास्थ्य समस्या जैसे, अवसाद, बोर्डरलायिन पर्सनालिटी डिसऑर्डर(borderline personality disorder) या सिजोफ्रेनिया(schizophrenia) है, तो आपकी इलाज की योजना में मनोवैज्ञानिक इलाज के साथ-साथ दवा की भी जरूरत होगी।

अगर मनोवैज्ञानिक इलाज की सलाह दी गयी है, तो सामान्यतया आपको थेरेपिस्ट के साथ कई सेशन्स करने होंगें।

एक बार जब इलाज खत्म हो जाएगा, आप और आपके उपचार से जुड़े लोगों को आगे के चरणों बारे में चर्चा करनी चाहिए जिससे आगे भी रोकथाम हो सके और जरुरत पड़ने पर लोग आपकी मदद के लिए आपसे जुड़ सकें।

आपकी

आपकी जांच और इलाज के दौरान, आप बहुत अलग तरह के स्वास्थ्य कर्मियों से मिलेंगे, जैसे: 

  • एक परामर्शदाता- वो जो बातचीत की थेरेपी में प्रशिक्षित हो
  • एक मनोचिकित्सक - एक काबिल डॉक्टर जिसे मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के इलाज के लिए अतिरिक्त प्रशिक्षण मिला हो
  • एक मनोवैज्ञानिक - एक स्वास्थ्य प्रोफेशनल जो मानसिक स्वास्थ्य स्थिति की जांच और बातों के द्वारा (आमतौर पर सीबीटी के जरिये) इलाज में विशेषता रखता है।
  • आप के मूल कारण के अनुसार आप अन्य विशेषज्ञों से भी मिल सकते हैं।

उदाहरण के लिए, अगर आपने किसी क़रीबी रिश्तेदार को खोया है, आपको शोक का सामना करने के लिए, शोक सलाह विशेषज्ञ के पास भेजा जा सकता है। अगर आप बलात्कार, शारीरिक या मानसिक शोषण की वजह से खुद को नुकसान पहुंचा रहे हैं, तो आपको किसी ऐसे के पास भेजा जाएगा जो यौन उत्पीड़न या घरेलू हिंसा से प्रताड़ित लोगों की थेरेपी करने में प्रशिक्षित हैं।

अगर आपकी कोई और स्थिति है जो खुद के नुकसान पहुंचाने से जुड़ी है, जैसे अनोरोक्सिया नर्वोसा या बुलिमिया, तब आपको किसी खाने के रोग के विशेषज्ञ या डायटीशियन या नूट्रिशनिस्ट के पास भेजा जा सकता है।

चोट

कुछ शारीरिक चोटों में अस्पताल या लोकल क्लीनिक जाकर इलाज करनी पद सकती हैं। उदाहरण के लिए, आपको एम्बुलेंस की जरूरत पड़ सकती है अगर: 

आप या किसी और ने ड्रग, शराब या सलाह दी गयी दवा की ज्यादा खुराक ले ली है

कोई बेहोश हो गया है

आप या कोई और बहुत दर्द में है

आप या किसी और को सांस लेने में कठिनाई हो रही है

आप या किसी और के घाव या काटने के स्थान से बहुत खून बह रहा है

आप या कोई और गंभीर रूप से कटने या जलने से सदमे में हैं

अगर आपकी चोट गंभीर नहीं है, तो आपका किसी छोटे क्लीनिक में अपना इलाज करा सकते हैं जहाँ के डॉक्टर और नसों छोटी चोटों जैसे, मामूली रूप से जलना या झुलसना ,संक्रमित घावों या टूटी हड्डियों का इलाज कर सकते हैं।

महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।