स्लिप डिस्क (Slipped disc)

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स्लिप डिस्क क्या है?

स्लिप डिस्क को प्रोलैप्सड या हर्नियेटेड डिस्क (prolapsed or herniated disc) भी कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें रीढ़ की हड्डी में मौजूद डिस्क टूट जाती है और जेल अंदर बहने लगता है।

इससे पीठ दर्द के साथ-साथ शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द हो सकता है।

स्लिप डिस्क (Slipped disc) के मामलों में आमतौर पर सियाटिक तंत्रिका (sciatic nerve) प्रभावित होती है। यह शरीर की सबसे लंबी तंत्रिका है। यह नितंबों औऱ दोनों पैरों के नीचे से होते हुए श्रोणि के पीछे तक जुड़ी होती है।यदि सियाटिक तंत्रिका (sciatic nerve) पर दबाव पड़ता है तो इसके कारण निम्न समस्याएं हो सकती हैं:

  • लंबे समय तक दर्द
  • सुन्न होना (numbness)
  • एक या दोनों पैरों में झुनझुनी और सनसनी

स्लिप डिस्क के लक्षणों के बारे में और पढ़ें

रीढ़ की हड्डी (The spine)

रीढ़ की हड्डी में कशेरुक (vertebrae) नामक 24 अलग-अलग हड्डियां होती हैं जो एक दूसरे के ऊपर खड़ी होती हैं।

प्रत्येक कशेरुका (vertebra) के बीच में डिस्क नामक कार्टिलेज (संयोजी टिशू) के सुरक्षात्मक, गोलाकार पैड होते हैं। इनमें एक कठोर और रेशेदार पेटी होती है जिसमें नरम, और जेल जैसा पदार्थ भरा होता है। जब आप घूमते हैं तो डिस्क कशेरुकाओं को कुशन करने में मदद करती है।

रीढ़ की हड्डी अधिक संवेदनशील होती है और कशेरुक कॉलम के बीच से होकर गुजरती है। इसमें तंत्रिका कोशिकाएं और तंत्रिका तंतुओं के बंडल होते हैं जो शरीर के सभी हिस्सों को मस्तिष्क से जोड़ते हैं।

स्लिप डिस्क किस वजह से होती है?

स्लिप डिस्क (slipped disc) तब होती है जब डिस्क का बाहरी खोल फट जाता है जिसके कारण जेल डिस्क के अंदर उभरकर बाहर फैलने लगता है।

क्षतिग्रस्त डिस्क पूरे रीढ़ की हड्डी पर या एक तंत्रिका जड़ पर दबाव डाल सकती है। इसका मतलब है कि स्लिप डिस्क के कारण प्रोट्रूडिंग डिस्क के क्षेत्र में और तंत्रिका द्वारा नियंत्रित होने वाले शरीर के उस क्षेत्र में दर्द पैदा हो सकता है जो डिस्क पर दबाव डाल रहा है।

यह हमेशा स्पष्ट नहीं हो पाता है कि डिस्क किस कारण से टूट जाती है। हालांकि कई मामलों में उम्र एक सामान्य कारक है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, रीढ़ की हड्डी में पानी की मात्रा कम होने लगती है, जिससे ये कम लचीले हो जाती हैं और फटने की संभावना बढ़ जाती है।

स्लिप डिस्क के कारण के बारे में और पढ़ें

स्लिप डिस्क को पहचानना (Diagnosing a slipped disc)

आपके डॉक्टर आमतौर पर आपके लक्षणों और चिकित्सा इतिहास को देखकर स्लिप डिस्क का निदान करते हैं। इसके अलावा वे शारीरिक परीक्षण और निम्न जांच भी कर सकते हैं:

  • असामान्य क्रिया
  • मांसपेशियों की ताकत
  • चलने की क्षमता
  • अंगों में सनसनाहट

स्लिप डिस्क का निदान कैसे किया जाता है, इसके बारे में और पढ़ें।

स्लिप डिस्क का इलाज (Treating a slipped disc)

स्लिप डिस्क से उबरने में लगभग चार से छह सप्ताह लग सकते हैं। इलाज में आमतौर पर फिजिकल थेरेपी जैसे कि मालिश और व्यायाम, और दर्द को दूर करने के लिए दवा दी जाती है।

सर्जरी से संकुचित तंत्रिका को राहत मिलती है। गंभीर मामलों में या छह हफ्ते से अधिक समय तक लगातार दर्द बने रहने पर डिस्क के हिस्से को हटाने के लिए विचार किया जा सकता है।

कई मामलों में,स्लिप डिस्क अंततः तंत्रिका से पीछे हट जाती है। इस दौरान डिस्क प्रभावित तंत्रिका पर दबाव डालना बंद कर देती है जिससे दर्द कम हो जाता है।

यदि आपको स्लिप डिस्क की समस्या है, तो आपको एक्टिव रहना बहुत जरूरी है। शुरू में, चलने फिरने में कठिनाई हो सकती है लेकिन कुछ दिनों तक आराम करने के बाद आपको घूमना शुरू कर देना चाहिए। यह आपको दोबारा गतिशील बनाने और तेजी से ठीक होने में मदद करता है।

इस दौरान आपको कोई भी हल्का व्यायाम करना चाहिए और अपनी पीठ पर दबाव नहीं डालना चाहिए। तैराकी सबसे बेहतर है क्योंकि पानी आपके वजन को सपोर्ट करता है और आपके जोड़ों पर हल्का तनाव पड़ता है।

स्लिप डिस्क के इलाज के बारे में और पढ़ें।

स्लिप डिस्क से बचाव (Preventing a slipped disc)

कुछ जरूरी सावधानियां बरतने और जीवनशैली में बदलाव करने से पीठ दर्द को रोकने में मदद मिल सकती है और स्लिप डिस्क होने का खतरा कम हो सकता है। उदाहरण के लिए, आपको रोजाना निम्न चीजें करनी चाहिए:

  • नियमित व्यायाम करें
  • भारी वस्तुओं को उठाते समय सुरक्षित तकनीक का उपयोग करें
  • हमेशा असहज मुद्रा में बैठे और खड़े रहें

स्लिप डिस्क से बचने के बारे में और पढ़ें।

स्लिप डिस्क के लक्षण (Slipped disc symptoms)

स्लिप डिस्क से पीड़ित अधिकांश लोगों को दर्द होता है, जो आमतौर पर शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने से पहले पीठ के निचले हिस्से में शुरू होता है।

हालांकि, स्लिप डिस्क से पीड़ित कुछ लोगों में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि डिस्क का उभार वाला हिस्सा बहुत छोटा होता है या नसों या रीढ़ की हड्डी पर दबाव नहीं पड़ता है।

साइटिका (Sciatica)

स्लिप डिस्क के ज्यादातर मामलों में, दर्द तब होता है जब डिस्क का एक हिस्सा रीढ़ की हड्डी के साथ जुड़ने वाली नसों में दबाव डालने लगता है। इस दौरान सियाटिक तंत्रिका के अंग सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।

सियाटिक तंत्रिका शरीर की सबसे लंबी तंत्रिका होती है और यह कई छोटी नसों से बनी होती है। यह श्रोणि के पीछे से, नितंबों से होकर पैरों के नीचे तक फैली होती है।

साइटिक तंत्रिका पर दबाव पड़ने के कारण निम्न समस्याएं हो सकती हैं:

लगातार दर्द होना

सुन्न होना

एक या दोनों पैरों में झुनझुनी और सनसनाहट

ये लक्षण आमतौर पर पीठ के निचले हिस्से में शुरू होते हैं और नितंबों से होते हुए पैरों तक पहुंचते हैं।

साइटिका के बारे में और पढ़ें।

अन्य तंत्रिकाएं (Other nerves)

यदि स्लिप डिस्क आपकी रीढ़ की हड्डी के नीचे मौजूद किसी भी अन्य नस पर दबाव डालती है, तो आपको निम्न लक्षण नजर आ सकते हैं:

मांसपेशियों में लकवा लगना
(muscle paralysis)

मांसपेशियों में ऐंठन - जहां मांसपेशियां अचानक सिकुड़ जाती हैं और दर्द होता है

यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस (मूत्राशय पर नियंत्रण न होना)

मांसपेशियों में ऐंठन और लकवा आपके हाथ, पैर और नितंबों में होता है। जब डिस्क तंत्रिका पर दबाव डालती है तो दर्द का अनुभव होता है। लेकिन जब आप तंत्रिका पर दबाव डालते हैं तो यह और बदतर हो सकता है। यह आमतौर पर तब होता है जब आप खांसते, छींकते या बैठते हैं।

कॉडा इक्विना सिंड्रोम (Cauda equina syndrome)

कॉउडा इक्विना सिंड्रोम एक गंभीर स्थिति है जिसमें रीढ़ की हड्डी के बहुत नीचे की नसें संकुचित हो जाती हैं। इसके लक्षणों में शामिल हैं:

कमर के निचले हिस्से में दर्द

श्रोणि में सुन्नता

एक या दोनों पैरों में लकवा लगना

मलाशय का दर्द

आंत की गड़बड़ी

पेशाब करने में परेशानी या इनकॉन्टिनेंस

जांघों में दर्द

इन लक्षणों के विकसित होने पर आपको तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। अपने डॉक्टर या नजदीकी अस्पताल के दुर्घटना और आपातकालीन (ए एंड ई) विभाग में जाएं।

यदि कॉडा इक्विना सिंड्रोम का तुरंत इलाज नहीं किया जाता है, तो मूत्राशय और आंत की नसें स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो सकती हैं।

स्लिप डिस्क किस कारण से होती है?

स्लिप डिस्क तब होती है जब डिस्क के आसपास के संयोजी ऊतक का घेरा टूट जाता है। इसके कारण डिस्क के नरम, जेल जैसे हिस्से बाहर निकालने और फैलने लगते हैं।

संयोजी ऊतक के टूटने का कारण अक्सर स्पष्ट नहीं हो पाता है। हालांकि, स्लिप डिस्क आमतौर पर बढ़ती उम्र में होता है।

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, रीढ़ की हड्डी में पानी की मात्रा कम होने लगती है। यह हड्डियां कम लचीली हो जाती हैं और टूटने की संभावना बढ़ जाती है।

इसके अलावा ऐसे कई अन्य कारक हैं जो रीढ़ पर दबाव और तनाव को बढ़ा सकते हैं। इसमें शामिल है:

  • अजीब तरह से झुकना
  • ऐसा काम जिनमें भारी या अजीब चीज उठानी पड़े
  • ऐसा काम जिसमें बहुत अधिक बैठने की जरूरत पड़े, विशेष रूप से ड्राइविंग
  • धूम्रपान
  • वजन अधिक होना
  • वजन उठाने वाले खेल, जैसे वेट लिफ्टिंग
  • पीठ की गंभीर चोट, जैसे कि गिरने या कार दुर्घटना में चोट लगने

इस तरह की स्थितियां डिस्क ऊतक को कमजोर कर सकती हैं और कभी-कभी स्लिप डिस्क की समस्या पैदा कर सकती हैं।

संयोजी ऊतक अन्य ऊतक और अंगों को सहायता और संरचना प्रदान करने में मदद करते हैं।

स्लिप डिस्क का निदान

डॉक्टर आमतौर पर आपके लक्षणों और चिकित्सा इतिहास से स्लिप डिस्क का निदान करते हैं।इसके अलावा डॉक्टर कई तरह के शारीरिक परीक्षण भी करते हैं जिसमें शामिल है:

  • असामान्य क्रिया
  • मांसपेशियों की ताकत
  • चलने की क्षमता
  • अंगों में सनसनी

स्ट्रेट लेग-रेजिंग टेस्ट (Straight leg-raising test)

आपको सपाट लेटाकर आपके डॉक्टर पैर को धीरे-धीरे ऊपर उठाकर यह देखते हैं कि आपके पैरों या पीठ में किस कारण से कोई दर्द या परेशानी होती है। इसे स्ट्रेट लेग-रेजिंग टेस्ट कहा जाता है।स्लिप डिस्क से पीड़ित अधिकांश लोग अपने पैर को दो तिहाई से अधिक ऊपर नहीं उठा पाते हैं। इस दौरान उन्हें झुनझुनी, सुन्नता और दर्द महसूस होता है।

अन्य परीक्षण (Further tests)

आगे के परीक्षणों की आवश्यकता आमतौर पर नहीं होती है क्योंकि ज्यादातर मामलों में स्लिप डिस्क के लक्षण कुछ ही हफ्तों में खत्म हो जाते हैं।हालांकि, यदि आपके लक्षण चार से छह सप्ताह के बाद कम नहीं होते हैं, तो अन्य समस्याओं का पता लगाने और स्लिप डिस्क की साइज और पोजिशन की जांच करने के लिए आगे के परीक्षणों की आवश्यकता हो सकती है।आपको कुछ जांच करानी पड़ सकती है जिसके बारे में नीचे दिए गया है।मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग स्कैन (Magnetic resonance imaging scan)मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (MRI) स्कैन में शरीर के अंदर की विस्तृत चित्रों को लेने के लिए मजबूत चुंबकीय क्षेत्र और रेडियो तरंगों का उपयोग किया जाता है।एमआरआई स्कैन स्लिप डिस्क की पोजिशन और साइज को प्रदर्शित करने में प्रभावी है। वे प्रभावित नसों को का भी पता लगाया जा सकता है।एमआरआई स्कैन (MRI scan) के बारे में और पढ़ें।

कम्प्यूटराइज्ड टोमोग्राफी स्कैन (Computerised tomography scan)

कम्प्यूटराइज्ड टोमोग्राफी (CT) स्कैन में शरीर के कुछ हिस्सों को स्कैन करने के लिए एक्स-रे का इस्तेमाल किया जाता है। इस दौरान कंप्यूटर का उपयोग शरीर की विस्तृत छवियों को बनाने के लिए किया जाता है।यह रीढ़ की हड्डी के कॉलम और इसे घेरने वाली संरचनाओं की क्रॉस-सेक्शनल इमेज तैयार करता है। एमआरआई स्कैन की तरह, सीटी स्कैन भी स्लिप डिस्क का निदान करने में मदद करता है। हालांकि यह अक्सर उतना प्रभावी नहीं होता है।सीटी स्कैन के बारे में और पढ़ें।

डिस्कोग्राफी (Discography)

डिस्कोग्राफी एक परीक्षण है जिसमें रीढ़ की डिस्क में एक विशेष डाई इंजेक्ट की जाती है।फिर यह देखने के लिए एक्स-रे किया जाता है कि डाई आपकी पीठ के चारों ओर कैसे फैली है। यह छवि में डिस्क के लीक को भी प्रदर्शित करती है।अन्य कारण (Other causes)ऊपर सूचीबद्ध परीक्षणों का उपयोग यह जांचने के लिए किया जा सकता है कि आपकी पीठ दर्द किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या के कारण नहीं हो रहा है जैसे:ट्यूमर (उभार) (Tumour)संक्रमणअर्थराइटिस - यह एक पीड़ादायक समस्या है जो जोड़ों और हड्डियों को प्रभावित करती है

स्लिप डिस्क का इलाज

ज्यादातर मामलों में स्लिप डिस्क अपने आप वापस सिकुड़ जाती है। इस दौरान आमतौर पर दर्द कम हो जाता है क्योंकि डिस्क प्रभावित तंत्रिका पर दबाव डालना बंद कर देती है।

स्लिप डिस्क से उबरने में आमतौर पर चार से छह सप्ताह लगते हैं। अधिकांश लोगों को कुछ हल्के व्यायाम करने की जरूरत पड़ती है। इसके साथ ही दर्द निवारक दवा लेने की आवश्यकता हो सकती है।

एक्टिव रहना (Keeping active)

यदि आपको स्लिप डिस्क की समस्या है तो आपको सक्रिय रहना बहुत जरूरी है।

शुरूआत में चलने फिरने में मुश्किल हो सकता है। यदि आपको गंभीर दर्द हो रहा हो, तो आपको पहले कुछ दिनों तक पूरी तरह से आराम करना पड़ सकता है।

हालांकि, इस अवधि के बाद, आपको जितनी जल्दी हो सके चलना फिरना शुरू कर देना चाहिए। इससे आपकी पीठ में गति होगी और आपको तेजी से ठीक होने में मदद मिलेगी।

हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि आप जो भी व्यायाम करते हैं वह काफी हल्का हो और आपकी पीठ पर खिंचाव नहीं डालता हो। तैराकी व्यायाम का एक बेहतर विकल्प है क्योंकि पानी आपके वजन को सपोर्ट करता है और यह जोड़ों पर बहुत कम दबाव डालता है।

चलने फिरने और व्यायाम करने से कमजोर मांसपेशियों में मजबूती आती है। लेकिन ऐसी किसी भी गतिविधि से बचें जो आपकी समस्या को बढ़ा सकती है। जैसे कि:

  • फैलाना
  • उठाना
  • लंबे समय तक बैठे रहना

फिजियोथेरेपी (Physiotherapy)

इलाज के तहत आपको फिजियोथेरेपिस्ट के पास भेजा जा सकता है। फिजियोथेरेपिस्ट स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर होते हैं जो मालिश और हस्त कौशल जैसे शारीरिक तरीकों का इस्तेमाल करते हैं।

फिजियोथेरेपिस्ट आपको कुछ व्यायाम के बारे में भी बता सकते हैं। यह आपको सक्रिय रखेगा, दर्द को कम करेगा और आपकी पीठ को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने में मदद करेगा।

फिजियोथेरेपी के बारे में और पढ़ें।

ऑस्टियोपैथी और काइरोप्रैक्टिक (Osteopathy and chiropractic)

कुछ लोग ऑस्टियोपैथी को आजमाना चाहते हैं या काइरोप्रैक्टर से इलाज कराना पसंद करते हैं। दोनों प्रकार की थेरेपी का उपयोग पीठ दर्द के इलाज के लिए किया जाता है।

ऑस्टियोपैथी और काइरोप्रैक्टिक के बारे में अधिक पढ़ें।

दवा (Medication)

स्लिप डिस्क के पीड़ादायक लक्षणों को कम करने के लिए कई तरह की दवाएं मौजूद हैं। इनके बारे में नीचे दिया गया है।

दर्दनाशक (एनाल्जेसिक) (Analgesics)

एनाल्जेसिक दर्द निवारक दवाएं हैं, जैसे पैरासिटामोल। वे फार्मेसियों से ओवर-द-काउंटर या पर्चे पर उपलब्ध हैं।

हमेशा एनाल्जेसिक का उपयोग करने से पहले निर्माता के निर्देशों को पढ़ें।

नॉन स्टेरिओडल एंटी इंफ्लेमेटरी ड्रग

नॉन स्टेरिओडल एंटी इंफ्लेमेटरी ड्रग (एनएसएआईडी), जैसे कि इबुप्रोफेन, डाइक्लोफेनेक और नेप्रोक्सन दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं।

एनएसएआईडी उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों के लिए उपयुक्त नहीं होताहै। (yourmd: / condition / blood-pressure-high) (उच्च रक्त-चाप), अस्थमा, हार्ट फेल, या किडनी खराब होगा। आपको इसका इस्तेमाल करने से पहले निर्माता के निर्देशों को पढ़ना चाहिए।

एनएसएआईडी के बारे में और पढ़ें।

कोडीन (Codeine)

कोडीन एक शक्तिशाली दर्द निवारक दवा है जिसे आमतौर पर पैरासिटामोल के साथ में लिया जाता है। इसका सेवन केवल तब किया जाता है जब अन्य दर्द निवारक और एनएसएआईडी काम नहीं करते हैं।

कोडीन दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है, जैसे कि कब्ज (पेट खाली करने में परेशानी)।

कॉर्टिकोस्टेरॉइड (Corticosteroids)

कॉर्टिकोस्टेरॉइड एक प्रकार की दवा है जिसमें हार्मोन होते हैं (शक्तिशाली रसायन जो शरीर पर व्यापक प्रभाव डालते हैं।) सूजन को कम करने के लिए इन्हें रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में इंजेक्ट किया जाता है।

कॉर्टिकोस्टेरॉइड के बारे में और पढ़ें।

मसल रिलैक्सेंट (Muscle relaxants)

यदि आपकी पीठ या पैर की मांसपेशियों में बहुत तनाव है तो आपको कुछ दिनों के लिए डायज़ेपैम जैसे मसल रिलैक्सेंट का इस्तेमाल करने के लिए कहा सकता है।

सर्जरी (Surgery)

स्लिप डिस्क के 10 मामलों में से एक मेंसर्जरी की आवश्यकता होती है। इस पर विचार किया जा सकता है:

  • गंभीर तंत्रिका संकुचन होने पर
  • अन्य इलाज से यदि लक्षणों में सुधार नहीं हुआ है
  • खड़े होने या चलने में कठिनाई हो रही है
  • आप बहुत गंभीर लक्षण जैसे कि मांसपेशियों की कमजोरी या मूत्राशय की क्रिया में बदलाव से पीड़ित हों

सर्जरी का उद्देश्य डिस्क के उभरे हुए टुकड़े को काटना है। इसे डिस्केक्टॉमी कहा जाता है और इसे कई तरीकों से किया जा सकता है।

इनमें से कुछ प्रक्रियाओं के बारे में नीचे अधिक विस्तार से समझाया गया है।

ओपन डिस्केक्टॉमी (Open discectomy)

ओपन डिस्केक्टॉमी एक ऐशी प्रक्रिया है जो सभी स्लिप डिस्क को हटा देती है। इसे एनेस्थेटिक देकर (दर्द निवारक दवा) किया जाता है।

इस दौरान रीढ़ में एक चीरा लगाया जाता है और डिस्क को हटा दिया जाता है। इस प्रकार की सर्जरी के बारे में अधिक जानकारी के लिए, लंबर डिकम्प्रेसिव सर्जरी टॉपिक देखें।

प्रोस्थेटिक इंटरवर्टीब्रल डिस्क रिप्लेसमेंट (Prosthetic intervertebral disc replacement)

प्रोस्थेटिक इंटरवर्टीब्रल डिस्क रिप्लेसमेंट में स्लिप डिस्क को बदलने के लिए प्रोस्थेटिक (कृत्रिम) डिस्क को पीठ में डाला जाता है।

इसके लिए रीढ़ में चीरा लगाया जाता है और क्षतिग्रस्त डिस्क या तो आंशिक रूप से या पूरी तरह से हटा दी जाती है। रिप्लेसमेंट डिस्क को फिर खाली जगह में डाला जाता है।

अध्ययन के अनुसार 87% लोगों ने प्रोस्थेटिक इंटरवर्टिब्रल डिस्क रिप्लेसमेंट होने के तीन महीने बाद अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार महसूस किया है। हालाँकि, यह प्रक्रिया अभी भी काफी नई है। इसके दीर्घकालिक परिणाम अभी तक उपलब्ध नहीं हैं।

इंडोस्कोपिक लेजर डिसेक्टॉमी (Endoscopic laser discectomy)

एंडोस्कोपिक लेजर सर्जरी के दौरान, रीढ़ तक पहुंचने के लिए एक छोटा चीरा बनाया जाता है और डिस्क को देखने के लिए एंडोस्कोप का इस्तेमाल किया जाता है। एंडोस्कोप एक लंबा, पतला और लचीला ट्यूब होता है जिसके एक सिरे पर लाइट पर कैमरा लगा होता है।

इस प्रक्रिया को करने से पहले लोकल या जनरल एनेस्थेटिक दिया जाता है। जो इस बात पर निर्भर करती है कि आपकी रीढ़ की हड्डी में कहां स्लिप डिस्क हुई है।

चीरा लगाए जाने के बाद, पीड़ादायक संकुचित तंत्रिका को राहत मिलती है और आपकी डिस्क का एक हिस्सा लेजर से हटा दिया जाएगा।

एक अध्ययन में पाया गया है कि 67% लोग एंडोस्कोपिक लेजर सर्जरी के छह महीने बाद आसानी से घूम फिर सकते हैं। जबकि लगभग 30% लोगों को दर्द निवारक दवा की आवश्यकता होती है। लगभग 2-4% लोगों को दूसरे ऑपरेशन की आवश्यकता पड़ती है।

एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि एंडोस्कोपिक लेजर सर्जरी होने के सात सप्ताह के बाद लोग काम पर लौट आए।

एंडोस्कोपिक लेजर सर्जरी अभी एक नई प्रक्रिया है। इसे आमतौर पर केवल विशेष व्यवस्थाओं के साथ किया जाता है - उदाहरण के लिए, क्लिनिकल ट्रॉयल के एक भाग के रूप में (एक प्रकार का मेडिकल रिसर्च जो दूसरे इलाज के विपरीत एक प्रकार के उपचार का परीक्षण करता है)।

स्वास्थ्य लाभ

स्लिप डिस्क के गंभीर लक्षणों से पीड़ित अधिकांश लोगों को बैक सर्जरी से लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।

आमतौर पर सर्जरी के दो से छह सप्ताह के बाद आप काम पर लौट सकते हैं। हालांकि, सर्जरी सभी के लिए काम नहीं करती है, और यदि प्रारंभिक सर्जरी प्रभावी नहीं है, तो आपको आगे के ऑपरेशन और उपचार की आवश्यकता हो सकती है।

सर्जरी से होने वाली संभावित जटिलताओं में शामिल हैं:

  • संक्रमण
  • तंत्रिका की चोट
  • हेमरेज (गंभीर रक्तस्राव)
  • अस्थायी डिस्टेस्थेसिया (इंद्रियों का काम न करना- जैसे स्पर्श महसूस न कर पाना)

सर्जरी होने से पहले, आपको अपने सर्जन से पूछना चाहिए कि क्या आपको जटिलताओं के विकास का खतरा है और इसे ठीक होने में कितना समय लगेगा। आपको रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम को फॉलो करने के लिए कहा जा सकता है।

कई अध्ययनों में से एक समीक्षा में पाया गया कि व्यायाम कार्यक्रम जो लंबर स्पाइन (पीठ के निचले हिस्से) पर सर्जरी के चार से छह सप्ताह बाद शुरू हुआ, दर्द को कम करने और किसी व्यक्ति की कार्य करने की क्षमता में सुधार करने में मदद करता है।

लम्बर डिकम्प्रेसिव सर्जरी के जोखिमों और लम्बर डिकम्प्रेसिव सर्जरी से उबरने के बारे में और पढ़ें।

स्लिप डिस्क से बचाव (Preventing a slipped disc)

पीठ दर्द और स्लिप डिस्क से बचने के लिए आपको गतिशील रहना चाहिए और नियमित व्यायाम करना चाहिए। इसके अलावा अच्छी मुद्रा बनाए रखना चाहिए और भारी वस्तुओं को सही ढंग से उठाना चाहिए।

पीठ दर्द से बचने के बारे में और पढ़ें।

व्यायाम (Exercise)

नियमित व्यायाम आपकी पीठ में डिस्क की उम्र से संबंधित गिरावट को धीमा कर सकता है। यह आपकी सहायक पीठ की मांसपेशियों को मजबूत और कोमल रखने में भी मदद कर सकता है।

किसी भी वर्कआउट या स्पोर्ट्स एक्टिविटी से पहले और बाद में आपको वार्मअप करना चाहिए और अच्छी तरह से ठंडा होना चाहिए। वार्म अप और कूल डाउन को स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज के साथ शामिल करना चाहिए।

स्लिप डिस्क से उबरने के लिए अधिक तेज गतिविधियों, जैसे कि रनिंग और एरोबिक्स से बचें।

लिफ्टिंग (Lifting)

किसी भी वस्तु को उठाते समय सही तकनीक का उपयोग करें। भारी वस्तुओं को उठाते समय आपको निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • उठाने से पहले वजन का आकलन कर लें
  • उठाते समय अपनी पीठ, कूल्हों और घुटनों को थोड़ा मोड़ें
  • लोड को अपनी कमर के पास रखें
  • अपनी पीठ को मोड़ने या बग़ल में झुकने से बचें
  • अपना सिर ऊपर रखें और जैसे ही आप भार उठाएं आगे देखें

बैठना (Sitting)

जब आप लंबे समय तक बैठते या ड्राइविंग करते हैं, तो यह ध्यान रखें कि आपकी सीट आरामदायक और सहायक है। यदि संभव हो, तो स्ट्रेच और चारों ओर चलकर एक ब्रेक लें।

यदि आपको कंप्यूटर पर काम करना पड़ता है तो कंप्यूटर स्क्रीन से नियमित अंतराल पर ब्रेक लें। ध्यान रखें कि कंप्यूटर स्क्रीन आंख के लेबल पर हो और सीधे आपके सामने हो ताकि आपको इसे देखने के लिए मुड़ना या झुकना न पड़े।

बैठने के लिए पर्याप्त जगह हो और आप आरामदायक स्थिति में बैठें। बहुत अधिक समय तक एक ही स्थिति में न रहें।

आपके नियोक्ता को आपको कंप्यूटर के साथ काम करने के बारे में जानकारी देनी चाहिए और आपको अपने उपकरणों की सही स्थिति के बारे में सलाह देना चाहिए।

सही मुद्रा में उठे-बैठें (Posture)

हमेशा अच्छी मुद्रा रखने की कोशिश करें। अपने सिर और कंधों को सीधे करके थोड़ा पीछे चलें या खड़े हों।

डेस्क पर बैठते समय यह ध्यान रखें कि आपकी कुर्सी डेस्क के लिए सही ऊंचाई पर हो। आपके पैर फर्श पर सपाट और घुटने के 90 डिग्री पर होने चाहिए।

महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।