ओवरएक्टिव थॉयराइड- हाइपरथॉयराइडिज्म (Overactive thyroid- hyperthyroidism)

18th May, 2022 • 17 min read

यह लेख मूल रूप से अंग्रेजी में लिखा गया था। इस लेख का मूल संस्करण यहां देखा जा सकता है। यह Amelia Glean द्वारा लिखा गया है और Dr Ann Nainan ने इसकी मेडिकल समीक्षा की है।

ओवरएक्टिव थॉयराइड क्या है? (What is an overactive thyroid)

ओवरएक्टिव थॉयराइड (Overactive thyroid) एक ऐसी बीमारी है जिसमें थॉयराइड ग्रंथियां (thyroid glands) बहुत अधिक थॉयराइड हार्मोन का निर्माण करने लगती हैं। इस रोग को हाइपरथॉयराइडिज्म (hyperthyroidism) भी कहा जाता है।

थॉयराइड (thyroid) गर्दन के सामने पाया जाता है। यह हार्मोन का निर्माण करता है जो हृदय गति और शरीर के तापमान जैसी चीजों को प्रभावित करता है।

जब ये हार्मोन अधिक मात्रा में बनने लगते हैं, तो इनके कारण कई गंभीर समस्याएं पैदा होने लगती हैं। जिन्हें समय पर इलाज कराने की जरूरत पड़ती है।

ओवरएक्टिव थायरॉयड (overactive thyroid) किसी को भी प्रभावित कर सकता है। लेकिन यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं में लगभग 10 गुना अधिक आम है। यह आमतौर पर 20 से 40 वर्ष की उम्र के बीच शुरू होता है।

ओवरएक्टिव थॉयराइड के लक्षण (Symptoms of an overactive thyroid)

ओवरएक्टिव थॉयराइड होने पर बहुत से लक्षण होते हैं, जिसमें शामिल हैं:

  • घबराहट, चिंता और चिड़चिड़ापन
  • मूड बार बार बदलना
  • सोने में कठिनाई
  • लगातार थकान और कमजोरी
  • गर्मी के प्रति संवेदनशीलता
  • थायरॉयड ग्रंथि बढ़ने के कारण गर्दन में सूजन (गोइटर)
  • असामान्य रूप से हृदय गति (धड़कन) तेज या अनियमित होना
  • कंपकंपाहट या सिहरन
  • वजन घटना

ओवरएक्टिव थॉयराइड के लक्षणों
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डॉक्टर के पास कब जाएं (When to see your doctor)

यदि आपको ओवरएक्टिव थॉयराइड के लक्षण महसूस होते हैं, तो डॉक्टर के पास जाएं।

वे आपके लक्षणों के बारे में पूछेंगे। यदि उन्हें लगता है कि आपको थॉयराइड की समस्या हो सकती है तो आपका थॉयराइड किस तरह काम कर रहा है यह देखने के लिए डॉक्टर आपको खून की जांच कराने के लिए कह सकते हैं।

यदि खून की जांच से पता चलता है कि आपको ओवरएक्टिव थॉयराइड है, तो कारणों की पहचान करने के लिए आपको आगे भी कुछ जांच करानी पड़ सकती है।

ओवरएक्टिव थॉयराइड का निदान कैसे किया जाता है
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ओवरएक्टिव थॉयराइड का इलाज (Treatments for an overactive thyroid)

आमतौर पर ओवरएक्टिव थॉयराइड का इलाज किया जा सकता है।

कुछ मुख्य उपचार हैं:

  • दवा जो अधिक थॉयराइड हार्मोन के निर्माण को रोकती है
  • रेडियोआयोडीन ट्रीटमेंट - इसमें विकिरण का उपयोग करके थॉयराइड को क्षतिग्रस्त किया जाता है, जिससे थॉयराइड हार्मोन बनने की क्षमता कम हो जाती है
  • सर्जरी के जरिए थॉयराइड के कुछ या सभी हिस्सों को हटा दिया जाता है। इससे थॉयराइड हार्मोन का निर्माण बंद हो जाता है।

इनमें से प्रत्येक उपचार में फायदे और नुकसान हैं। आपको आम तौर पर एंडोक्रिनोलॉजिस्ट (हार्मोन की समस्या में विशेषज्ञ) से चर्चा करनी चाहिए कि कौन सा इलाज आपके लिए बेहतर है।

ओवरएक्टिव थॉयराइड का इलाज कैसे किया जाता है
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ओवरएक्टिव थॉयराइड के कारण (Causes of an overactive thyroid)

थॉयराइड के अतिसक्रिय या ओवरएक्टिव होने के कई कारण हैं।

इसमें शामिल है:

  • ग्रेव्स रोग (Graves' disease) - एक ऐसी स्थिति जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से थायरॉयड पर हमला कर देती और नुकसान पहुंचाती है
  • थायरॉयड पर गांठ (nodules) - इसके कारण अतिरिक्त थॉयराइड टिश्यूज़ का निर्माण होता है, जिससे अधिक थॉयराइड हार्मोन उत्पन्न हो सकता है
  • कुछ दवाएँ - जैसे एमियोडारोन, असामान्य हृदय गति (एरिथ्मिया) को कम करने वाली दवा

इसके हर चार में से लगभग तीन मामले ग्रेव्स रोग के कारण होते हैं।

ओवरएक्टिव थॉयराइड के कारणों
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आगे की समस्याएं (Further problems)

यदि ओवरएक्टिव थॉयराइड का इलाज नहीं कराया गया या इसे अच्छी तरह से नियंत्रित नहीं किया गया, तो कभी-कभी आगे गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

इसमें शामिल है:

  • आंखों की समस्याएं - जैसे आंखों में जलन, दोहरी दृष्टि या आंखें उभरी हुई दिखना
  • गर्भावस्था में परेशानी - जैसे प्री-एक्लेमप्सिया, समय से पहले जन्म या गर्भपात
  • थॉयराइड स्टॉर्म - अचानक जीवन के लिए घातक लक्षणों का उभरना

ओवरएक्टिव थॉयराइड की जटिलताओं
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ओवरएक्टिव थॉयराइड के लक्षण (Symptoms of an overactive thyroid)

ओवरएक्टिव थॉयराइड (हाइपरथॉयराइडिज्म) के कारण कई तरह के लक्षण विकसित होते हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि आपको उन सभी लक्षणों का अनुभव हो।

लक्षण धीरे-धीरे या अचानक विकसित हो सकते हैं। कुछ लोगों में ये अपेक्षाकृत हल्के होते हैं, जबकि दूसरों में काफी गंभीर हो सकते हैं और उनके जीवन को प्रभावित कर सकते हैं।

सामान्य लक्षण (Common symptoms)

ओवरएक्टिव थॉयराइड के लक्षणों में शामिल हैं:

  • घबराहट, चिंता और चिड़चिड़ापन
  • हाइपरएक्टिविटी - सहज रहने में कठिनाई और अधिक बेचैनी होना
  • मूड स्विंग
  • सोने में कठिनाई
  • हर समय थकान महसूस करना
  • गर्मी के प्रति संवेदनशीलता
  • मांसपेशियों में कमज़ोरी
  • दस्त
  • सामान्य से अधिक बार पेशाब जाने की ज़रूरत होना
  • लगातार प्यास लगना
  • खुजली
  • सेक्स की इच्छा घटना

सामान्य लक्षण (Common signs)

ओवरएक्टिव थॉयराइड के कारण निम्न शारीरिक लक्षण पैदा हो सकते हैं:

  • थॉयराइड ग्रंथि (गोइटर) बढ़ने के कारण गर्दन में सूजन
  • असामान्य रूप से हृदय गति (धड़कन) तेेज होना
  • कंपकंपाहट
  • त्वचा गर्म होना और अधिक पसीना आना
  • हाथों की हथेलियाँ लाल हो जाना
  • नाखून ढीले होना
  • खुजली वाले चक्कते होना - जिसे हाइव्स (यूर्टिकेरिया) कहा जाता है
  • बालों का झड़ना या पतला होना
  • वजन काम होना - अक्सर भूख ज़्यादा लगने के बावजूद
  • आंखों की समस्याएं, जैसे लालिमा, सूखापन या दृष्टि की समस्याएं - इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए ओवरएक्टिव थायरॉयड की जटिलताओं के बारे में पढ़ें

डॉक्टर के पास कब जाएं (When to see your doctor)

यदि आपको ओवरएक्टिव थॉयराइड के लक्षण महसूस होते हैं, तो डॉक्टर के पास जाएं। सभी लक्षणों की एक सूची बनाएं और इसे अपने डॉक्टर को दिखाएं। यह आपके लिए उपयोगी हो सकता है।

इन लक्षणों के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन एक साधारण से खून की जांच से यह पता लगाया जा सकता है कि क्या आपको ये लक्षण थाइरॉइड की वजह से हैं।

ओवरएक्टिव थॉयराइड के परीक्षण के बारे में और पढ़ें।

ओवरएक्टिव थॉयराइड के कारण (Causes of overactive thyroid)

ओवरएक्टिव थॉयराइड (हाइपरथॉयराइडिज्म) तब होता है जब थॉयराइड ग्रंथि थॉयराइड हार्मोन का बहुत अधिक उत्पादन करती है।

इससे शरीर में थायराइड हार्मोन जिसे ट्राईआयोडोथायरोनिन (जिसे "T3" भी कहा जाता है) और थायरोक्सिन ("T4" भी कहा जाता है) का स्तर बहुत अधिक बढ़ जाता है।

थॉयराइड कई कारणों से अति सक्रिय हो सकता है। मुख्य कारणों में से कुछ नीचे दिए गए हैं।

ग्रेव्स डिजीज (Grave’s disease)

हर चार में से लगभग तीन मामलों में ओवरएक्टिव थॉयराइड ग्रेव्स रोग के कारण होता है।

यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से शरीर पर हमला करती है। ग्रेव्स रोग में यह थॉयराइड पर हमला करता है और इसके कारण यह अति सक्रिय हो जाता है।

ग्रेव्स रोग होने का कारण ज्ञात नहीं है, लेकिन यह ज्यादातर युवा या मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं को प्रभावित करता है और यह आमतौर पर पीढ़ी दर पीढ़ी चलता है। धूम्रपान करने से भी इसके होने का खतरा बढ़ सकता है।

थॉयराइड नोड्यूल (Thyroid nodules)

ओवरएक्टिव थॉयराइड तब भी हो सकता है यदि गांठ जिसे नोड्यूल कहा जाता है, थॉयराइड पर विकसित होती है।

ये नोड्यूल आमतौर पर नॉन-कैंसरस होते हैं, लेकिन इनमें अतिरिक्त थायरॉयड ऊतक होते हैं, जिसके कारण अतिरिक्त थायराइड हार्मोन का उत्पादन होता है।

यह ज्ञात नहीं है कि कुछ लोगों में थॉयराइड नोड्यूल क्यों विकसित होते हैं। लेकिन ये 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को अधिक प्रभावित करते हैं।

दवा (medication)

शरीर में आयोडीन का स्तर बढ़ने के कारण थॉयराइड अधिक मात्रा में थॉयराइड हार्मोन का उत्पादन कर सकता है।

यह तब भी हो सकता है यदि आप ऐसी दवा ले रहे हैं जिसमें आयोडीन होता है, जैसे कि एमियोडारोन - ऐसी दवा जो असामान्य हृदय गति (एरिथ्मिया) को नियंत्रित करने के लिए उपयोग की जाती है।

दवा के कारण होने वाला ओवरएक्टिव थॉयराइड आमतौर पर दवा बंद होने के बाद ठीक हो जाता है। हालांकि थॉयराइड हार्मोन के स्तर को सामान्य होने में कई महीने लग सकते हैं।

अन्य कारण (Other causes)

ओवरएक्टिव थॉयराइड के अन्य संभावित कारणों में शामिल हैं:

  • शरीर में ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रॉफ़िन ( human chorionic gonadotrophin) नामक पदार्थ का उच्च स्तर - यह प्रारंभिक गर्भावस्था, मल्टीपल गर्भावस्था या मोलर गर्भावस्था (जहां ऊतक गर्भावस्था सफल न होने के बाद गर्भ में रहते हैं) में हो सकता है।
  • पिट्यूटरी एडिनोमा (pituitary adenoma) - पिट्यूटरी ग्रंथि का एक गैर-कैंसरस ट्यूमर (मस्तिष्क के आधार पर स्थित एक ग्रंथि जो थॉयराइड द्वारा उत्पन्न हार्मोन के स्तर को प्रभावित करता है)
  • थॉयराइडाइटिस (thyroiditis) - थायरॉयड की सूजन, जिसके कारण अधिक थॉयराइड हार्मोन का उत्पादन हो सकता है
  • थॉयराइड कैंसर - कुछ दुर्लभ मामलों में कैंसरयुक्त थॉयराइड ट्यूमर थॉयराइड हार्मोन के उत्पादन को प्रभावित कर सकता है

ओवरएक्टिव थॉयराइड की पहचान (Diagnosing an overactive thyroid)

यदि आपको लगता है कि आपको थॉयराइड ग्रंथि ओवरएक्टिव (हाइपरथॉयराइडिज्म) हो सकती है तो डॉक्टर के पास जाएं।

आपके लक्षणों और

खून की जांच
के परिणामों के आधार पर इस बीमारी का निदान किया जाता है। साथ ही यह भी देखा जाता है कि आपकी थॉयराइड ग्रंथि कितनी अच्छी तरह काम कर रही है। इस रक्त परीक्षण को थॉयराइड फंक्शन टेस्ट कहा जाता है।

थॉयराइड फंक्शन टेस्ट (Thyroid function test)

यदि आपको लगता है कि आपको ओवरएक्टिव थॉयराइड ग्रंथि (हाइपरथॉयराइडिज्म) की समस्या हो सकती है तो डॉक्टर के पास जाएं।

आपके लक्षणों और खून की जांच के परिणाम के आधार पर इस बीमारी का निदान किया जाता है। साथ ही यह भी देखा जाता है कि आपकी थॉयराइड ग्रंथि कितनी अच्छी तरह काम कर रही है।

थॉयराइड फंक्शन ब्लड टेस्ट (Thyroid function blood test)

डॉक्टर रक्त का एक नमूना ले सकते हैं और इसे हार्मोन के स्तर की जांच के लिए प्रयोगशाला में भेज सकता है। इसे थॉयराइड फंक्शन टेस्ट कहा जाता है।

इनका स्तर जांचने के लिए इसका उपयोग किया जाता है:

  • थॉयराइड-स्टीमूलेटिंग हार्मोन (TSH) - पिट्यूटरी ग्रंथि (मस्तिष्क के आधार स्थित एक ग्रंथि) द्वारा निर्मित एक हार्मोन है जो थॉयराइड हार्मोन के उत्पादन को नियंत्रित करता है
  • ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) - मुख्य थायराइड हार्मोन में से एक
  • थायरोक्सिन (T4) - एक अन्य मुख्य थायराइड हार्मोन

आपके थॉयराइड के स्तर की तुलना एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए जरूरी सामान्य स्तर से की जाती है। TSH का निम्न स्तर और T3 या T4 का उच्च स्तर का मतलब यह है कि आपको ओवरएक्टिव थॉयराइड है।

थॉयराइड का सामान्य स्तर आपकी उम्र और प्रयोगशाला द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सटीक परीक्षण तकनीक जैसी चीजों पर निर्भर करता है।

आगे के परीक्षण (Further tests)

यदि आपके थॉयराइड हार्मोन का स्तर अधिक बढ़ गया है, तो आपको नीचे दिए गए परीक्षणों के लिए एक विशेषज्ञ को भेजा जा सकता है ताकि इसके कारणों का पता चल सके।

आगे के रक्त परीक्षण (Further blood tests)

एंटी थॉयराइड एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए एक और रक्त परीक्षण किया जा सकता है।

ये आमतौर पर तब पाए जाते हैं यदि आपको ग्रेव्स रोग है। यह रोग ओवरएक्टिव थॉयराइड का एक सामान्य कारण है।

आपके शरीर में सूजन की जाँच के लिए एरिथ्रोसाइट सेडिमेंटेशन रेट (ESR) नामक रक्त परीक्षण भी किया जा सकता है।

यदि सूजन के संकेत मिलते हैं, तो इसका मतलब हो सकता है कि थॉयराइड हार्मोन में वृद्धि थॉयराइडिटिस (थायरॉयड की सूजन) के कारण होती है।

थॉयराइड स्कैन (Thyroid scan)

थॉयरॉइड पर गांठ जैसी समस्याओं की जांच के लिए थॉयराइड स्कैन किया जा सकता है।

परीक्षण के लिए आपको थोड़ी मात्रा में रेडियोएक्टिव पदार्थ निगलने के लिए कहा जाएगा या इंजेक्शन लगाया जाएगा। इसे आपका थॉयराइड अवशोषित कर लेता है।

थॉयराइड के साइज और शेप की जांच करने के लिए और यह देखने के लिए एक स्कैन किया जाता है कि पदार्थ का कितना हिस्सा अवशोषित हो गया है।

ओवरएक्टिव थॉयराइड का इलाज (Treatment for an overactive thyroid)

ओवरएक्टिव थॉयराइड (हाइपरथॉयराइडिज्म) का इलाज आमतौर पर संभव है।

ज़्यादातर मामलों में उपचार की योजना बनाने के लिए आपको एंडोक्रिनोलॉजिस्ट (हार्मोन की समस्या में विशेषज्ञ) के पास भेजा जाएगा।

मुख्य उपचार हैं:

  • दवा
  • रेडियोआयोडीन ट्रीटमेंट
  • सर्जरी

इनके बारे में नीचे दिया गया है। आप ओवरएक्टिव थायरॉयड के उपचार से जुड़े फायदे और नुकसान का सारांश भी पढ़ सकते हैं, जिससे आपको बेहतर विकल्प चुनने में आसानी होगी।

दवा (Medication)

थियोनामाइड्स नामक दवा ओवरएक्टिव थॉयराइड का एक सामान्य इलाज है। यह दवा थॉयराइड को अधिक हार्मोन पैदा करने से रोकती है।

सबसे अधिक उपयोग की जाने वाले मुख्य दवाएं कार्बिमाज़ोल (carbimazole) और प्रोपीलिथियोयूरेसिल (propylthiouracil) हैं।

आमतौर पर एक से दो महीने तक दवा का सेवन करने के बाद ही इसके फायदे नजर आते हैं। इस बीच आपके लक्षणों को जल्दी से दूर करने के लिए आपको बीटा-ब्लॉकर (beta-blocker) नामक एक और दवा दी जा सकती है।

एक बार जब थॉयराइड हार्मोन का स्तर नियंत्रित हो जाता है, तो आपकी खुराक धीरे-धीरे कम हो सकती है और फिर इसे बंद किया जा सकता है। लेकिन कुछ लोगों को जीवनभर दवा का सेवन करना पड़ सकता है।

दुष्प्रभाव (Side-effects)

पहले कुछ महीनों के दौरान, कुछ लोग निम्नलिखित दुष्प्रभावों का अनुभव करते हैं:

  • उबकाई
  • सिर दर्द
  • जोड़ो में दर्द
  • पेट खराब होना
  • चकत्ते और खुजली होना

जब शरीर दवा का आदी हो जाता है तो ये लक्षण गायब हो जाते हैं।

इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाओं (white blood cell) का स्तर अचानक कम हो सकता है (एग्रानुलोसाइटोसिस) जो इस दवा का एक गंभीर दुष्प्रभाव है। इसके कारण आपको संक्रमण होने की संभावना बढ़ सकती है।

यदि आपको एग्रानुलोसाइटोसिस के लक्षण जैसे बुखार, गले में खराश या लगातार खांसी हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। वे सफेद रक्त कोशिकाओं के स्तर की जांच के लिए रक्त परीक्षण कराने की सलाह देंगे।

रेडियोआयोडीन ट्रीटमेंट (Radioiodine treatment)

रेडियोआयोडीन उपचार में विकिरण का उपयोग करके थॉयराइड को क्षतिग्रस्त किया जाता है। यह हार्मोन का उत्पादन कम करने में मदद करता है। यह अधिक प्रभावी उपचार है जो ओवरएक्टिव थॉयराइड को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

उपचार के दौरान आपको विकिरण की कम खुराक वाला एक पेय पदार्थ या कैप्सूल दिया जाता है। इसे थॉयराइड अवशोषित कर लेता है। अधिकांश लोगों को केवल एक ही उपचार की आवश्यकता होती है।

पूरी तरह से राहत महसूस होने में कुछ सप्ताह या महीने लग सकते हैं। इसलिए आपको थोड़े समय के लिए ऊपर बताई गई दवाओं में से एक लेने की आवश्यकता हो सकती है।

इस दौरान आपको विकिरण की बहुत कम खुराक दी जाती है, लेकिन उपचार के बाद आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए:

  • कुछ दिनों या हफ्तों तक बच्चों और गर्भवती महिलाओं के साथ लंबे समय तक संपर्क से बचें
  • महिलाओं को कम से कम छह महीने तक गर्भवती होने से बचना चाहिए
  • पुरुषों को कम से कम चार महीने तक पिता बनने की कोशिश नहीं करनी चाहिए

यदि आप गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं तो रेडियोआयोडीन ट्रीटमेंट आपके लिए उपयुक्त नहीं है। यदि ओवरएक्टिव थॉयराइड के कारण आपको आंखों की गंभीर समस्या हो रही है तो भी यह इलाज आपके लिए उपयुक्त नहीं है।

सर्जरी (Surgery)

थॉयराइड को हटाने के लिए सर्जरी की सलाह भी दी जा सकती है।

यह सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है अगर:

  • थॉयराइड ग्रंथि में गंभीर रूप से सूजन हो ( बड़ा गोइटर)
  • आपको ओवरएक्टिव थायरॉइड के कारण आंखों की गंभीर समस्याएं हैं
  • आप ऊपर बताए गए अन्य उपचार नहीं करा सकते
  • ऊपर बताए गए उपचारों को आजमाने के बाद भी आपके लक्षण वापस आ सकते हैं

आमतौर पर मरीज को पूरी थायरॉयड ग्रंथि को हटाने की सलाह दी जाती है क्यूँकि इससे ओवरएक्टिव थॉयराइड पूरी तरह ठीक हो जाता है और दोबारा कोई लक्षण वापस नहीं आते।

लेकिन आपको थायरॉयड की कमी को पूरा करने के लिए जीवनभर दवा लेने की आवश्यकता पड़ सकती है। ये वही दवाएँ हैं जिनका उपयोग अंडरएक्टिव थायरॉयड के इलाज के लिए किया जाता है।

ओवरएक्टिव थॉयराइड की जटिलताएँ (Complications of an overactive thyroid)

ओवरएक्टिव थॉयराइड (हाइपरथॉयराइडिज्म) से पीड़ित व्यक्ति को कई जटिलताएँ हो सकती हैं, खासकर तब जब इस समस्या का इलाज नहीं कराया जाता है।

आँखों में समस्या (Eye problems)

आंखों की समस्या को थॉयराइड नेत्र रोग या ग्रेव्स ओफ्थाल्मोपैथी (Graves' ophthalmopathy) कहा जाता है। ग्रेव्स रोग के कारण ओवरएक्टिव थॉयराइड से पीड़ित तीन में से एक व्यक्ति को यह प्रभावित करता है।

इनमें शामिल हो सकते हैं:

  • आंखें शुष्क होना या आंखों में किरकिरी महसूस होना
  • प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता
  • आँखों में पानी आना
  • धुंधला दिखाई देना या दोहरी दृष्टि
  • आंखें लाल होना
  • पलकों पर लालिमा, सूजना और खिंचाव
  • बाहर निकली हुई आंखें

ओवरएक्टिव थॉयराइड के इलाज के बाद कई लक्षण हल्के और पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। लेकिन हर 20 से 30 मामलों में आंखों की नज़र कम होने का खतरा होता है।

यदि आप आंखों की समस्याओं का अनुभव करते हैं, तो आपको उपचार के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास भेजा जाएगा। वे आपको आई ड्रॉप, स्टेरॉयड दवा या सर्जरी की सलाह देंगे।

थॉयराइड नेत्र रोग के इलाज के बारे में और पढ़ें।

अंडरएक्टिव थॉयराइड (Underactive thyroid)

ओवरएक्टिव थॉयराइड का उपचार कराने से हार्मोन का स्तर कम हो जाता है, जिसे अंडरएक्टिव थॉयराइड (हाइपोथॉयराइडिज्म) कहा जाता है।

अंडरएक्टिव थॉयराइड के लक्षणों में शामिल हैं:

  • ठंड के प्रति संवेदनशीलता
  • थकान
  • वजन बढ़ना
  • कब्ज़
  • डिप्रेशन

अंडरएक्टिव थॉयराइड आमतौर पर अस्थायी होता है, लेकिन यह स्थायी भी हो सकता है। इसके इलाज के लिए लंबे समय तक थॉयराइड हार्मोन दवा की आवश्यकता होती है।

थॉयराइड का इलाज के बारे में और पढ़ें।

गर्भावस्था की समस्याएँ (Pregnancy problems)

यदि आपको गर्भावस्था के दौरान ओवरएक्टिव थॉयराइड हो जाता है और यह अच्छी तरह से नियंत्रित नहीं हो पाता है, तो यह निम्न जोखिम को बढ़ा सकता है:

  • प्री-एक्लेम्पसिया
  • गर्भपात
  • समय से पहले जन्म देना (गर्भावस्था के 37 वें सप्ताह से पहले)
  • जन्म के बाद बच्चे का वजन कम होना

यदि आप गर्भधारण की योजना बना रही हैं या आपको लगता है कि आप गर्भवती हो सकती हैं तो अपने डॉक्टर को बताएं।

आपकी स्थिति नियंत्रण में है या नहीं यह जानने के लिए वह जांच करेंगे और इलाज का ऐसा विकल्प बताएंगे जो बच्चे को प्रभावित नहीं करेगा, जैसे कि प्रोपीलियोयूरैसिल (propylthiouracil) मेडिकेशन।

यदि आप गर्भावस्था की योजना नहीं बना रही हैं, तो गर्भनिरोधक का उपयोग करना जरूरी है। क्योंकि ओवरएक्टिव थायरॉयड के लिए मौजूद कुछ उपचार अजन्मे बच्चे को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

थॉयराइड स्टॉर्म (Thyroid storm)

दुर्लभ मामलों में ओवरएक्टिव थॉयराइड का पता ना चलने या इसे पूरी तरह नियंत्रित न कर पाने के कारण यह जीवन के लिए घातक हो सकता है। इसे थायरॉयड स्टॉर्म कहा जाता है।

ऐसी स्थिति में निम्न कारणों से अचानक लक्षण उभर आते हैं:

  • संक्रमण
  • गर्भावस्था
  • दवा सही ढंग से नहीं लेना
  • थायरॉयड ग्रंथि को नुकसान, जैसे कि गले में पंच

थायरॉयड स्टॉर्म के लक्षणों में शामिल हैं:

  • तेज़ हृदय गति
  • 38C (100.4F) से अधिक तापमान (बुखार)
  • दस्त और उल्टी
  • त्वचा और आंखों का पीला पड़ना (पीलिया)
  • गंभीर उत्तेजना और भ्रम
  • बेहोशी

थायरॉयड स्टॉर्म एक मेडिकल इमरजेंसी है। यदि आपको लगता है कि आप या आपका परिचित कोई व्यक्ति इसका अनुभव कर रहा है, तो तुरंत एम्बुलेंस को कॉल करें।

अन्य समस्याएं (Other problems)

ओवरएक्टिव थॉयराइड निम्न समस्याओं को बढ़ा सकता है:

  • आर्टियल फिब्रिलेशन (atrial fibrillation) - यह हृदय से जुड़ी एक बीमारी है जिसमें हृदय गति असामान्य रुप से तेज हो जाती है
  • हड्डियां कमजोर होना (ऑस्टियोपोरोसिस) - इससे आपकी हड्डियां नाजुक और टूटने की संभावना अधिक हो सकती है
  • हार्ट फेल - इसमें हृदय शरीर के चारों ओर रक्त को ठीक से पंप नहीं कर पाता है

महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।