सिस्टोस्कोपी (Cystoscopy)

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सिस्टोस्कोपी क्या है? (What is a cystoscopy?)

सिस्टोस्कोपी एक चिकित्सा प्रक्रिया है जिसका उपयोग मूत्राशय के अंदर की जांच करने के लिए किया जाता है। इसमें सिस्टोस्कोप नाम के एक उपकरण का उपयोग किया जाता है।

सिस्टोस्कोप (cystoscope) एक पतली और फाइबर-ऑप्टिक ट्यूब है जिसके एक छोर पर लाइट और कैमरा होता है। इसे मूत्रमार्ग (शरीर से पेशाब को बाहर निकालने वाली नली) में डालकर मूत्राशय में ले जाया जाता है।

कैमरा तस्वीरों को एक स्क्रीन पर भेजता है, जहां उन्हें यूरोलॉजिस्ट (मूत्राशय में समस्या के इलाज में विशेषज्ञ) देखते हैं।

सिस्टोस्कोप दो तरह के होते हैं:

  • लचीला (फ्लेक्सिबल) सिस्टोस्कोप- यह एक पतली और लचीली नली है। इसका उपयोगतब होता है, जब सिस्टोस्कोपी केवल मूत्राशय के अंदर की जांच करने के लिए की जाती है।
  • सख्त (रिजिड) सिस्टोस्कोप- यह धातु की पतली और सीधी नली होती है। इसका उपयोग टिश्यू का सैंपल लेने और और इलाज के लिए छोटे सर्जिकल उपकरणों को सिस्टोस्कोप की मदद से अंदर भेजने के लिए किया जाता है।

ज्यादातर सिस्टोस्कोपी प्रक्रिया के लिए मरीज को अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ता है, इसलिए आप उसी दिन घर जा सकते हैं।

सिस्टोस्कोपी के दौरान क्या होता है
, इसके बारे में और पढ़ें

सिस्टोस्कोपी क्यों की जाती है

सिस्टोस्कोपी का उपयोग मूत्राशय और मूत्र प्रणाली में समस्याओं और लक्षणों की जांच और इलाज के लिए किया जाता है। जैसे कि, इसका उपयोग इन कामों के लिए किया जा सकता है:

  • मूत्राशय में असामान्य स्थिति की जाँच के लिए
  • कैंसर
    की संभावना होने पर आगे की जांच (
    बायोप्सी
    ) के लिए मूत्राशय के टिश्यू का सैंपल निकालने के लिए
  • मूत्राशय से जुड़ी कुछ समस्याओं जैसे कि छोटे
    मूत्राशय की पथरी
    को निकालने के लिए

सिस्टोस्कोपी का उपयोग क्यों किया जाता है
, इसके बारे में और पढ़ें।

क्या सिस्टोस्कोपी के दौरान दर्द होता है?

फ्लेक्सिबल सिस्टोस्कोपी के दौरान मूत्रमार्ग को सुन्न करने के लिए

लोकल एनेस्थेटिक
जेल या स्प्रे का उपयोग किया जाता है। इसलिए इस दौरान ज़्यादा दर्द का अनुभव नहीं होता है। सख्त सिस्टोस्कोपी करने से पहले आमतौर पर
जनरल एनेस्थेटिक
(जिसमें आप सो जाते हैं) या स्पाइनल एनेस्थेटिक (
एपिड्यूरल
) दिया जाता है। इसमें रीढ़ के नीचे कुछ भी महसूस नहीं होता है।

हालांकि इस प्रकिया के दौरान कुछ लोग असहज महसूस कर सकते हैं और आपको मांसपेशियों में दर्द और मितली जैसे हल्के दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।

सिस्टोस्कोपी होने के कुछ दिन बाद आप पेशाब करते समय जलन महसूस कर सकते हैं और पेशाब में खून आ सकता है। यह बहुत सामान्य है और चिंता करने की बात तब तक नहीं है जब तक यह गंभीर नहीं हो जाता और ज़्यादा दिनों तक नहीं बना रहता है।

सिस्टोस्कोपी से ठीक होने के बारे में
और पढ़ें।

जोखिम

सिस्टोस्कोपी के बाद आमतौर पर किसी गंभीर समस्या का अनुभव नहीं होता है, लेकिन कुछ लोगों को लगातार रक्तस्राव या पेशाब करने में परेशानी हो सकती है।

इसके अलावा

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन
(यूटीआई) होने का भी खतरा रहता है। यह आपके मूत्रमार्ग, मूत्राशय और किडनी को प्रभावित कर सकता है। अगर आपको इंफेक्शन के लक्षण जैसे 38ºC (100.4ºF) या इससे अधिक तापमान (बुखार) महसूस करते हैं, तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

सिस्टोस्कोपी के संभावित जोखिम
के बारे में और पढ़ें।

सिस्टोस्कोपी के जोखिम

सिस्टोस्कोपी आमतौर पर एक सुरक्षित प्रक्रिया है और इसमें किसी गंभीर जोखिम की संभावना कम होती है। हालांकि कभी-कभी पेशाब करने में परेशानी या इंफेक्शन की समस्या हो सकती है।

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन
(यूटीआई) मूत्रमार्ग, मूत्राशय और किडनी में होने वाला इंफेक्शन है। यूटीआई में ये लक्षण नज़र आ सकते हैं:

  • पेशाब में जलन, जो दो दिन से अधिक समय तक रहती है
  • 38ºC (100.4ºF) या इससे अधिक तापमान (बुखार)
  • पेशाब से बदबू आना
  • जी मिचलाना
  • उल्टी
  • पीठ के निचले हिस्से या बगल में दर्द होना

अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होते हैं, तो अपने डॉक्टर या अस्पताल के स्टाफ़ से संपर्क करें। ज़्यादातर यूटीआई

एंटीबायोटिक
से ठीक हो सकते हैं।

पेशाब करने में परेशानी

सिस्टोस्कोपी कराने के बाद कुछ लोगों को पेशाब करने में परेशानी होती है। इसे यूरिनरी रिटेंशन कहा जाता है। सिस्टोस्कोपी के बाद महिलाओं में यूरिनरी रिटेंशन बहुत कम होता है, लेकिन पहले से ही पेशाब की समस्या से पीड़ित पुरुषों में जोखिम ज़्यादा होता है।

यूरिनरी रिटेंशन आपके मूत्रमार्ग (शरीर से पेशाब को बाहर निकालने वाली नली) या प्रोस्टेट (पुरुषों में) में सूजन का संकेत हो सकता है। इसलिए अगर आपको यह समस्या होती है तो आपको अस्पताल में उन स्टाफ से संपर्क करना चाहिए जहां आपकी सिस्टोस्कोपी हुई थी।

कुछ मामलों में पेशाब को बाहर निकालने के लिए कैथेटर नामक एक पतली नली को मूत्रमार्ग के जरिए कुछ समय के लिए अंदर डाला जाता है।

रक्तस्राव और मूत्राशय को नुकसान होना

सिस्टोस्कोपी के बाद कुछ दिनों तक हल्का रक्तस्राव होना सामान्य है, ख़ासतौर से जब सिस्टोस्कोपी करते समय बायोप्सी के लिए सैंपल लिया गया हो। हालांकि कुछ मामलों में रक्तस्राव मूत्राशय को नुकसान पहुंचने का संकेत हो सकता है।

अगर आपको लगातार या गंभीर रक्तस्राव होता है, तो चिकित्सीय सलाह लें, क्योंकि आपको अपने मूत्राशय में समस्या को ठीक करने के लिए अस्थायी कैथेटर लगाने या सर्जरी की ज़रूरत हो सकती है।

यह कैसे की जाती है

सिस्टोस्कोपी करने के लिए अपॉइंटमेंट लेने से पहले आपको कुछ जानकारी दी जाएगी और निर्देशों का पालन करने के लिए कहा जाएगा।

अगर आपको

लोकल एनेस्थेटिक
दिया जाता है, तो आप अपॉइंटमेंट के दिन भी सामान्य रूप से खा-पी सकते हैं।

अगर आपको स्पाइनल एनेस्थेटिक (

एपिड्यूरल
) या
जनरल एनेस्थेटिक
दिया जाता है, तो सिस्टोस्कोपी से कुछ घंटे पहले आप कुछ भी खा या पी नहीं सकते हैं।

सिस्टोस्कोपी के दौरान एक उपकरण का उपयोग किया जाता है जिसे सिस्टोस्कोप (एक पतली, फाइबर-ऑप्टिक ट्यूब जिसमें एक छोर पर लाइट और कैमरा लगा होता है) कहा जाता है। किस एनेस्थेटिक की ज़रूरत है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि सख्त या फ्लेक्सिबस सिस्टोस्कोप का उपयोग किया जा रहा है। फ्लेक्सिबल सिस्टोस्कोप के दौरान आमतौर पर लोकल एनेस्थेटिक का उपयोग किया जाता है जबकि सख्त सिस्टोस्कोप के साथ जनरल या एपिड्यूरल एनेस्थेटिक का उपयोग किया जाता है।

अपॉइंटमेंट के दिन डॉक्टर द्वारा लिखी दवाएं रोज की तरह ली जा सकती हैं। हालांकि आप

एस्पिरिन, वार्फरिन या आइबुप्रोफेन
नहीं ले सकते हैं क्योंकि इन दवाओं का सेवन करने से सिस्टोस्कोपी के दौरान अधिक रक्तस्राव हो सकता है।

अगर आप इनमें से कोई भी दवा ले रहे हैं, तो अपने अपॉइंटमेंट से पहले सलाह लेने के लिए अस्पताल से संपर्क करें। आपको कुछ दिनों के लिए इन दवाओं को बंद करना पड़ सकता है।

सिस्टोस्कोपी की प्रक्रिया से पहले आपके डॉक्टर आपको जोखिमों के बारे में बताएंगे।

आपको एक

सहमति
पत्र पर हस्ताक्षर करके बताना होगा कि आप प्रक्रिया को समझ गए हैं और इसे पूरा करने की अनुमति देते हैं।

सर्जरी गाउन बदलने से पहले आपको टॉयलेट जाने के लिए कहा जाएगा। आपको पेशाब का सैंपल देने के लिए कहा जा सकता है ताकि इंफेक्शन की जांच हो सके। इंफेक्शन होने पर सिस्टोस्कोपी की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकती है।

सिस्टोस्कोपी की प्रक्रिया

ज्यादातर मामलों में सिस्टोस्कोपी के लिए मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ती है और मरीज उसी दिन घर जा सकता है।

अगर आपको लोकल एनेस्थेटिक दिया जाता है, तो आपके मूत्रमार्ग (शरीर से पेशाब को बाहर निकालने वाली नली) को सुन्न करने के लिए इस पर एक एनेस्थेटिक जेल लगाया जाता है। अगर आपको एपिड्यूरल या जनरल एनेस्थेटिक दिया जाता है, तो आपकी रीढ़ (एपिड्यूरल) या बांह (जनरल एनेस्थेटिक) में एनेस्थेटिक का इंजेक्शन दिया जाएगा।

आपके जननांगों को एक एंटीसेप्टिक से साफ किया जाएगा और आसपास की हिस्सों पर स्टेराइल पेपर शीट रखी जाएगी।

सिस्टोस्कोप को मूत्रमार्ग में डालकर मूत्राशय तक ले जाने से पहले उसे एक विशेष जेल से चिकना किया जाता है। मूत्राशय को बड़ा करने के लिए सिस्टोस्कोप से जीवाणुरहित पानी को पंप किया जाता है। इससे यूरोलॉजिस्ट (मूत्राशय की समस्या का इलाज करने के विशेषज्ञ) को स्पष्ट रूप से देखने में आसानी होती है।

अगर लोकल एनेस्थेटिक का उपयोग किया जाता है, तो आप सिस्टोस्कोप द्वारा प्रदर्शित तस्वीरों को देख सकते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान नर्स आपके साथ रहेगी और वह आपको हर स्थिति के बारे में बता सकती हैं।

सिस्टोस्कोप को आमतौर पर दो से 10 मिनट के लिए आपके मूत्राशय में रखा जाता है।

सिस्टोस्कोपी के बाद, आपको टॉयलेट जाने की ज़रुरत पड़ सकती है ताकि जीवाणुरहित पानी आपके सिस्टम से बाहर निकल सके। मूत्राशय में इंफेक्शन के खतरे को कम करने के लिए आपको

एंटीबायोटिक्स
दिए जा सकता है।

क्या सिस्टोस्कोपी के दौरान दर्द होता है?

सिस्टोस्कोपी के दौरान मूत्रमार्ग से मूत्राशय में एक नली डाली जाती है। इसलिए लोग इस बात से चिंतित रहते हैं कि उन्हें दर्द होगा। लेकिन सिस्टोस्कोपी के दौरान आमतौर पर दर्द नहीं होता है लेकिन कभी-कभी आप असहज महसूस कर सकते हैं।

अगर सिस्टोस्कोपी के दौरान आपको लोकल एनेस्थेटिक दिया जाता है, तो आपको जलन महसूस हो सकती है।

साथ ही मूत्रमार्ग में सिस्टोस्कोप डालते और निकालते समय पेशाब का अनुभव हो सकता है। इसके अलावा मूत्राशय को फैलाने के लिए पानी पंप करते समय आपको उसके भरे होने असहजता और पेशाब करने की जरूरत महसूस हो सकती है।

अगर आपको एपिड्यूरल दिया जाता है तो पीठ में सूई डालते समय चुभन महसूस हो सकती है। सिस्टोस्कोपी के बाद आपके पीठ और कमर में हल्का दर्द हो सकता है।

जनरल एनेस्थेटिक के बाद आपको मांसपेशियों में दर्द और मितली महसूस हो सकती है।

परिणाम

कुछ मामलों में एनेस्थेटिक का असर खत्म होने के बाद यूरोलॉजिस्ट आपसे सिस्टोस्कोपी के परिणाम और इससे जुड़े प्रभावों के बारे में चर्चा कर सकते हैं।

हालांकि कभी-कभी परिणाम आने में कुछ दिन का समय लगता है। अगर

बायोप्सी
(टिश्यू के सैंपल) लिया गया हो तो परिणाम आने में कुछ हफ्ते लग सकते हैं।

परिणाम के बारे में बात करने के लिए एक अलग अपॉइंटमेंट लेने की जरूरत पड़ती है।

सिस्टोस्कोपी से ठीक होने
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यह क्यों ज़रूरी है

सिस्टोस्कोपी का उपयोग आमतौर पर आपके मूत्राशय या मूत्र प्रणाली से जुड़ी समस्याओं की जांच करने के लिए किया जा सकता है या इसका उपयोग चिकित्सा प्रक्रिया के एक हिस्से के रूप में भी किया जा सकता है।

लक्षणों की जांच करना

आपके मूत्राशय में कोई समस्या होने के संकेत देने वाले लक्षण महसूस होने पर आपको सिस्टोस्कोपी करवाने की ज़रूरत पड़ सकती है। जैसे:

  • यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस
    (
    urinary incontinence
    )- पेशाब पर नियंत्रण न होना
  • पेशाब में खून आना (हीमेचूरिया {haematuria})
  • पेल्विक में लगातार दर्द
  • पेशाब करते समय दर्द या जलन होना (डायसूरिया {dysuria})
  • बार-बार पेशाब लगना
  • पेशाब करने में परेशानी या रुक-रुक पेशाब होना
  • पेशाब करने के बाद मूत्राशय पूरी तरह खाली महसूस न होना।

समस्याओं की जांच

सिस्टोस्कोपी की ज़रूरत तब भी पड़ सकती है, जब आप मूत्र प्रणाली से जुड़ी किसी समस्या से प्रभावित हो, या आपकी पिछली जांच में किसी समस्या का निदान हुआ हो (जैसे यूरिन टेस्ट के असामान्य परिणाम।)

सिस्टोस्कोपी इन समस्याओं का पता लगाने के लिए की जा सकती है:

प्रक्रिया को पूरा करना

यूरोलॉजिस्ट (मूत्राशय की समस्याओं का इलाज करने वाला विशेषज्ञ) सिस्टोस्कोप में डालकर सर्जिकल उपकरणों का उपयोग करके कई चिकित्सा प्रक्रिया करते हैं।

जैसे:

  • मूत्राशय या मूत्रवाहिनी से पथरी को निकालना
  • इंफेक्शन या ट्यूमर की जाँच करने के लिए हर मूत्रवाहिनी से पेशाब का सैंपल लेना
  • मूत्राशय के कैंसर की आशंका होने पर जांच के लिए टिश्यू का सैंपल निकालना (
    बायोप्सी
    )
  • पेशाब के प्रवाह को बढ़ाने के लिए संकरे मूत्रमार्ग में स्टेंट (एक छोटी नली) डालना, या पहले से पड़े स्टेंट को निकालना
  • मूत्रवाहिनी के ज़रिए किडनी की ओर डाई इंजेक्ट करना, जो एक्स-रे के दौरान अलग से दिखाई देता है और समस्याओं को पहचानने में मदद करता है, जैसे कि ब्लॉकेज या किडनी की पथरी
  • मूत्राशय या मूत्रवाहिनी में दवा इंजेक्ट करना, जैसे कि मूत्रवाहिनी से पेशाब बहने पर समस्या का इलाज करने के लिए।

सिस्टोस्कोपी से उबरना

सिस्टोस्कोपी से उबरने में कितना लंबा समय लगेगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि इस प्रक्रिया के दौरान किस तरह के एनेस्थेटिक का उपयोग किया गया है। सिस्टोस्कोपी के बाद कुछ दिनों तक इसके दुष्प्रभावों का अनुभव होना सामान्य है।

एनेस्थेटिक

अगर सिस्टोस्कोपी से पहले आपको

लोकल एनेस्थेटिक
दिया जाता है तो प्रक्रिया समाप्त होने के बाद आप घर जा सकते हैं।

अगर आपको

एपिड्यूरल
या जनरल एनेस्थेटिक दिया जाता है, तो आमतौर पर इसका प्रभाव खत्म होने में कुछ घंटे लगते हैं, इसलिए आपको घर जाने के लिए किसी के सहारे की जरूरत पडे़गी। आपको 24 घंटे आराम करना चाहिए और वाहन चलाने से बचना चाहिए, साथ ही कोई भारी चीज नहीं उठानी चाहिए और 48 घंटों तक शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।

दुष्प्रभाव

सिस्टोस्कोपी के बाद शुरू के कुछ दिनों तक अधिकांश लोगों को पेशाब के दौरान जलन और दर्द का अनुभव होता है। यह सामान्य है और कुछ दिनों के भीतर बंद हो जाना चाहिए।

इसके अलावा सिस्टोस्कोपी के बाद शुरू के कुछ दिनों तक पेशाब में खून या मूत्रमार्ग (शरीर से पेशाब को बाहर निकालने वाली नली) से रक्तस्राव होना सामान्य है, खासतौर से तब जब

बायोप्सी
की गई हो। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से इन दोनों लक्षणों से राहत मिलती है।

आपको केवल तभी चिंता करनी चाहिए जब:

  • जब आपके पेशाब में अधिक खून आता हो
  • पेशाब में थक्के या टिश्यू नज़र आना
  • पेशाब करते समय गंभीर दर्द होना
  • दर्द और रक्तस्राव कुछ दिनों से अधिक रहना
  • सिस्टोस्कोपी के आठ घंटे से अधिक समय तक पेशाब न होना
  • 38ºC (100.4ºF) से अधिक तापमान (बुखार) होना
  • पेशाब से बदबू आना
  • मितली या उल्टी आना
  • पीठ के निचले हिस्से या बगल में दर्द होना

अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण नजर आए तो अस्पताल के स्टाफ़ से सलाह के लिए संपर्क करें (इसके लिए डिस्चार्ज होने से पहले आपको संपर्क करने के लिए फ़ोन नंबर दिया जाएगा।)

सिस्टोस्कोपी से होने वाली समस्याओं
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महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।