लंबर पंक्चर (Lumbar Puncture) क्या होता है?
लंबर पंक्चर (lumbar puncture) एक चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और तंत्रिका तंत्र के अन्य भागों को प्रभावित करने वाली स्थितियों के प्रमाण जानने के लिए रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में एक सुई डाली जाती है।
प्रक्रिया के दौरान, दबाव का माप लिया जाता है और रीढ़ के अंदर से द्रव के नमूने लिए जाते हैं। इस द्रव को मस्तिष्कमेरु द्रव (cerebrospinal fluid) के नाम से जाना जाता है। इसका परीक्षण विभिन्न स्थितियों के निदान में सहायता करने के लिए किया जा सकता है, जैसे:
- – एक ऐसा संक्रमण जो दिमाग और रीढ़ की हड्डी को ढंकने वाली परतों (membranes) में होता है।
- : एक प्रकार का स्ट्रोक, जो मस्तिष्क और उसके आसपास रक्तस्राव के कारण होता है।
- - एक दुर्लभ स्थिति जिसके कारण हाथ और पैर की नसों में सूजन आ जाती है।
हालाँकि, यदि आपको एक लंबर पंक्चर (lumbar puncture) की सलाह दी जाती है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप इनमें से किसी स्थिति या किसी अन्य गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं। बल्कि, इस प्रक्रिया का उपयोग ऐसी स्थितियों से निदान पाने के लिए किया जा सकता है।
कुछ मामलों में इलाज के लिए लंबर पंक्चर (lumbar puncture) का उपयोग किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, इसका उपयोग
या को मस्तिष्कमेरु द्रव (cerebrospinal fluid) में इंजेक्ट करने के लिए किया जा सकता है। प्राप्त करें।लम्बर पंक्चर (lumbar puncture) कैसे किया जाता है?
के प्रभाव में, एक खाली सुई रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में डाली जाती है। सुई रीढ़ की नाल (spinal canal) में जाती है, जो कि नाली होती है जिसके अंदर मेरुदण्ड (spinal cord) और उससे निकलने वाली तंत्रिकाएँ (nerves) होती हैं।रीढ़ की नाल (spinal canal) पर दबाव मापा जाता है, जिसके बाद थोड़ा मस्तिष्कमेरु द्रव (cerebrospinal fluid) निकाला जाता है। ऐसा दबाव कम करने या प्रयोगशाला में परीक्षण हेतु नमूना लेने के लिए किया जाता है।
अधिकतर मामलों में लंबर पंक्चर (lumbar puncture) तब किया जाता है जब आप अपनी बाजू के सहारे लेटे हुए हों और आपके पैर सामने की ओर मुड़े हुए और ठुड्डी नीचे अंदर की ओर झुकी हुई हो।
वैकल्पिक रूप से, यह प्रक्रिया आगे की ओर हल्का झुककर बैठे होने पर भी की जा सकती है।
लंबर पंक्चर (lumbar puncture) की प्रक्रिया को पूरा होने में 30-45 मिनट का समय लगता है।
सामान्यतौर पर प्रयोगशाला से मस्तिष्कमेरु द्रव (CSF) परीक्षण के परिणाम 48 घंटों के भीतर प्राप्त किए जा सकते हैं। परंतु किसी विशेष परीक्षण का परिणाम उपलब्ध होने में कई सप्ताह भी लग सकते हैं।
के लिए पढ़ें।क्या इसमें कोई जोखिम है?
सामान्यतः लंबर पंक्चर (Lumber Puncture) सुरक्षित होता है और इसमें किसी गंभीर जटिलता की संभावना बेहद कम है।
आमतौर पर इसका कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होता है, लेकिन कई लोग सुई द्वारा रीढ़ में बने छेद से मस्तिष्कमेरु द्रव (CSF) के रिसाव की वजह से सिर दर्द का अनुभव करते हैं। आप इस रिसाव को नहीं देख सकते क्योंकि यह त्वचा के माध्यम से नहीं बल्कि अंदरूनी तौर पर होता है।
सीधी स्थिति में बैठने या खड़े होने पर सिर दर्द बढ़ जाता है, जिससे आमतौर पर लेटकर राहत पाई जा सकती है। ऐसी स्थिति में तरल पदार्थों का अधिक सेवन और साधारण दर्द निवारक लेना फायदेमंद होता है। रीढ़ का छेद भरने और द्रव का स्राव रुकने में एक सप्ताह तक का समय लग सकता है।
के विषय में अधिक जानें।दुष्प्रभाव
लंबर पंक्चर (lumbar puncture) आमतौर पर बेहद कम जोखिम वाली प्रक्रिया है। हालांकि कभी-कभी इसके कुछ अल्पकालिक दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।
पीठ दर्द
कुछ लोग लंबर पंक्चर (lumbar puncture) के बाद पीठ के निचले हिस्से में दर्द का अनुभव करते हैं। यह आमतौर पर उस जगह के आसपास महसूस किया जाता है जहां सुई डाली गई थी। ज्यादातर मामलों में यह दर्द कुछ दिनों में कम हो जाता है और आवश्यक होने पर दर्द निवारक दवाओं (painkillers) जैसे पेरासिटामोल (paracetamol) से इसका इलाज किया जा सकता है।
सिर दर्द
सिर दर्द लंबर पंक्चर (lumbar puncture) का एक सामान्य दुष्प्रभाव है।
जो आमतौर पर प्रक्रिया के 24 से 48 घंटों के भीतर विकसित होता है। अधिकांश लोग अपने सिर के सामने एक स्पंदनशील दर्द का वर्णन करते हैं और कभी-कभी यह गर्दन और कंधों तक फैल सकता है। खड़े होने या बैठने की स्थिति में दर्द बेहद बढ़ जाता है जिससे लेटने पर राहत मिलती है।
आमतौर पर सिरदर्द का इलाज सामान्य दर्द निवारक दवाओं जैसे पैरासेटामॉल द्वारा किया जा सकता है। कुछ लोगों ने यह भी बताया है कि कैफीन युक्त पेय, जैसे कि कॉफी, चाय या कोला के सेवन से दर्द में थोड़ी राहत मिलती है।
यदि लंबर पंक्चर (lumbar puncture) के बाद सिरदर्द लगातार बना रहे या बढ़ जाए, साथ में बीमार एवं उल्टी जैसा महसूस हो तो प्रक्रिया को अंजाम देने वाले अस्पताल से संपर्क किया जाना चाहिए।
अन्य जोख़िम
लम्बर पंक्चर (lumbar puncture) की वजह से सिर के अंदरूनी हिस्सों में रक्तस्राव होने का हल्का जोखिम होता है, हालांकि ऐसा बेहद दुर्लभ स्थिति में ही होता है। ज्यादातर मामलों में, लंबर पंक्चर (lumbar puncture ) से होने वाले लाभ के सामने यह जोखिम बेहद छोटा नजर आता है। लम्बर पंक्चर (lumbar puncture) की वजह से रीढ़ में संक्रमण होने की संभावना भी बेहद कम है।
हालांकि, यदि आप तेज रोशनी के प्रति संवेदनशीलता या लम्बर पंक्चर वाली जगह में दर्द व सूजन महसूस करते हैं तो तो आपको चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए।
लंबर पंक्चर (lumbar puncture) कैसे किया जाता है?
लंबर पंक्चर तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को आपातकालीन स्थिति में अस्पताल में भर्ती किया जाए, लेकिन अक्सर इसे एक दिन की तैयारी के साथ पूर्व नियोजित तौर पर भी किया जाता है।
तैयारी
लंबर पंक्चर से पहले, यह प्रक्रिया आपके लिए सुरक्षित है यह सुनिश्चित करने हेतु जांच की जाएगी। लंबर पंक्चर की आवश्यकता है या नहीं और इससे कोई नुकसान नहीं होगा यह सुनिश्चित करने के लिए आमतौर पर
या किया जाता है। यदि आपने हाल ही में खून पतला करने वाली दवा () जैसे वार्फरिन () ली है तो यह की जाएगी।एक डॉक्टर या विशेष रूप से प्रशिक्षित नर्स आपको लंबर पंक्चर (lumbar puncture) की आवश्यकता के बारे में समझाएंगे। इसके बाद आपको इस प्रक्रिया के लिए लिखित सहमति प्रदान करने के लिए कहा जाएगा।
यदि आप सहमति देने की स्थिति में नहीं हैं - उदाहरण के लिए, यदि आप बेहोशी या उलझन में हैं, और यदि यह प्रक्रिया आपके लिए जरूरी एवं आपके हित में है तो चिकित्सा कर्मचारी प्रक्रिया शुरू करने का फैसला कर सकते हैं। आमतौर पर ऐसी स्थिति में क़रीबी रिश्तेदारों के साथ चर्चा की जाएगी, लेकिन अंतिम निर्णय चिकित्सा कर्मचारियों द्वारा ही किया जाता है।
प्रक्रिया
आपको प्रक्रिया से पहले अस्पताल का गाउन पहनना होगा।
ज्यादातर मामलों में, आपको अपनी बाजू के सहारे लेटने के लिए कहा जाएगा। घुटनों को ऊपर की ओर और आपकी ठुड्डी को अंदर नीचे की ओर करते हुए सिकुड़ कर लेटने के लिए कहा जाएगा ताकि आपकी रीढ़ घुमावदार हो जाए। यह मुद्रा आपकी रीढ़ में हड्डियों को अलग करने में मदद करेगी, जिससे सुई को आसानी से अंदर डाला जा सके।
बैठकर आगे की ओर झुकना एक वैकल्पिक स्थिति है। जिसे अक्सर रीढ़ में ऐनिस्थेटिक (anaesthetic) प्रशासित होने पर उपयोग किया जाता है। हालांकि, यह स्थिति हमेशा उपयुक्त नहीं होती है।
रीढ़ के निचले हिस्से की त्वचा पर एक एंटीसेप्टिक घोल लगाया जाएगा। जिसके बाद एक
का इस्तेमाल उस जगह को सुन्न करने के लिए किया जाएगा जहां लंबर पंक्चर के लिए सुई घुसाई जानी है। ऐनिस्थेटिक (anaesthetic) लगाए जाने पर प्रारंभिक चुभन के अलावा थोड़ी सी असुविधा महसूस होती है, जिसके बाद ऐनिस्थेटिक के गहराई तक पहुँचने पर दबाव की अनुभूति होती है।यदि किसी बच्चे को लंबर पंक्चर (lumbar puncture) की आवश्यकता है, तो उसे आराम पहुंचाने और शांत रखने में मदद करने के उद्देश्य से दवा थोड़ी पहले ही दी जा सकती है।
डॉक्टर रीढ़ के निचले हिस्से में हड्डियों के बीच एक विशेष स्पाइनल सुई डालेगा। सुई को रीढ़ की नाल (spinal canal) में उस परत को भेदते हुए पारित किया जाता है जिसमें मस्तिष्कमेरु द्रव (cerebrospinal fluid) होता है।
इस दौरान कभी-कभी आप अपने पैरों में से एक में अचानक, तेज सनसनी महसूस कर सकते हैं, ऐसा तब होता है जब सुई की नोक रीढ़ की नाल (spinal canal) के भीतर की तंत्रिकाओं में से किसी एक को छूती है। यह बेहद हल्का दर्द मात्र है जो डॉक्टर को संकेत देगा कि सुई की दिशा को ठीक करने की आवश्यकता है।
एक बार सुई सही स्थिति में या जाए तो मस्तिष्कमेरु द्रव (CSF) बाहर टपकना शुरू हो जाएगा। आमतौर पर इसी समय मस्तिष्कमेरु द्रव (CSF) का दबाव मापा जाता है। ऐसा करने के लिए, चिकित्सक प्लास्टिक की एक नली सुई के साथ संलग्न करेगा और नली में मस्तिष्कमेरु द्रव (CSF) कितना बढ़ता है, यह नोट करेगा। इसे मैनोमेट्री (manometry) कहा जाता है। इस दौरान आपको खांसने या तनाव कम करने के लिए कहा जा सकता है। मस्तिष्कमेरु द्रव (CSF) सिर और रीढ़ की नाल (spinal canal) के बीच स्वतंत्र रूप से गुजर सकता है यह जाँचने के लिए डॉक्टर आपकी गर्दन के एक ओर धीरे से दबा सकता है।
मैनोमेट्री (manometry) के बाद, मस्तिष्कमेरु द्रव (CSF) के नमूने आमतौर पर जीवाणुरहित कंटेनरों में एकत्र किए जाते हैं। ज्यादातर मामलों में प्रयोगशाला परीक्षण के लिए केवल एक छोटी मात्रा की आवश्यकता होती है, लेकिन अगर डॉक्टर सिर के दबाव को कम करना चाहते हैं तो थोड़ी अधिक मात्रा निकाली जा सकती है।
एक बार प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद, सुई को हटा दिया जाएगा और त्वचा पर एक छोटा सा प्लास्टर लगाया जाएगा। ज्यादातर मामलों में यह पूरी प्रक्रिया लगभग 30-45 मिनट का समय लेती है।
प्रक्रिया के बाद
लंबर पंक्चर (Lumber Puncture) होने के बाद आपको कुछ समय के लिए सीधा लेटने को कहा जा सकता है। ऐसा करने से लंबर पंक्चर के बाद होने वाला सिरदर्द कम हो सकता है, हालाँकि अक्सर यह सिरदर्द कई घंटों से लेकर अगले दिन तक विकसित नहीं होते हैं।
एक दिन के मामले के आधार पर गैर-आपातकालीन लंबर पंक्चर (lumbar puncture) से गुजरने वाले अधिकांश लोगों को जल्द से जल्द घर लौटने की अनुमति होगी, जहां वे बिस्तर पर आराम, तरल पदार्थ और सामान्य दर्द निवारक के साथ किसी भी सिरदर्द का इलाज कर सकते हैं। अगले दिन त्वचा का प्लास्टर हटाया जा सकता है।
आप सामान्य गतिविधियाँ फिर से कब कर सकते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि लंबर पंक्चर (lumbar puncture) के बाद का सिरदर्द कितना गंभीर है और यह कितने समय तक रहता है। सिरदर्द की परेशानी खत्म होने पर आप काम या स्कूल और ड्राइविंग सहित सामान्य गतिविधियाँ फिर से कर सकते हैं। हालांकि, एहतियात के तौर पर कम से कम एक हफ्ते के लिए खेल और ज़्यादा मेहनत वाली गतिविधियों से बचना सबसे अच्छा रहता है।
परिणाम प्राप्त करना
आपके डॉक्टर आपको सीधे दबाव माप के परिणाम बता सकते हैं और उनका मतलब समझा सकते हैं। कुछ प्रयोगशाला में हुई जाँच के परिणाम, जैसे कि सूजन के लक्षणों का पता लगाना या सिर में रक्तस्राव के साक्ष्य देखना, बहुत जल्दी उपलब्ध होते हैं - एक चिकित्सा आपातकाल के मामले में, कुछ घंटों के भीतर।
अन्य परीक्षण, जैसे कि दिमागी बुखार (meningitis) का कारण बनने वाले बैक्टीरिया की पहचान करना ज़्यादा मुश्किल होता है और इन्हें पूरा करने में कम से कम 48 घंटे लग सकते हैं। ज़्यादा विशेष जाँचों के परिणाम उपलब्ध होने में कई सप्ताह लग सकते हैं।
लंबर पंक्चर (lumbar puncture) की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
लंबर पंक्चर (lumbar puncture) का उपयोग अक्सर दिमाग और मेरुदण्ड (spinal cord) को प्रभावित करने वाली कुछ परिस्थितियों का निदान करने के लिए किया जाता है।
इनमें से कुछ परिस्थितियों के बारे में नीचे समझाया गया है।
मेनिन्जाइटिस (Meningitis)
मेनिन्जाइटिस (meningitis) मस्तिष्क और मेरुदण्ड (spinal cord) को ढंकने वाली मेम्ब्रेन परतों की सूजन है। यह कई कारणों से विकसित हो सकता है, जिसमें बैक्टीरिया या वायरस द्वारा संक्रमण भी शामिल है। बैक्टीरियल मेनिन्जाइटिस (bacterial meningitis) एक गंभीर व जानलेवा स्थिति हो सकती है।
ऐसी स्थिति को पहचानने और सही उपचार शुरू करने के लिए लम्बर पंक्चर (lumbar puncture) की आवश्यकता होती है।
सबरैक्नॉइड हैमरेज (subarachnoid haemorrhage)
तब होता है जब मस्तिष्क के भीतर या नीचे एक रक्त वाहिका फट जाती है। इस स्थिति की पहचान के माध्यम से होती है, लेकिन कुछ मामलों में मस्तिष्कमेरु द्रव (cerebrospinal fluid) में रक्त की उपस्थिति का पता लगाने के लिए लंबर पंक्चर (lumbar puncture) करना आवश्यक हो सकता है।ऐसी स्थिति का निदान महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें आगे रक्तस्राव का खतरा बना रहता है। इससे बचाव के लिए उपचार उपलब्ध है।
गुइलेन-बर्रे सिंड्रोम (Guillain-Barré syndrome)
एक दुर्लभ स्थिति है जो हाथों और पैरों में खून की आपूर्ति करने वाली नसों में सूजन का कारण बनती है। इस स्थिति से जूझ रहे लोगों के मस्तिष्कमेरु द्रव (CSF) में प्रोटीन का स्तर सामान्य से अधिक होता है, जिसकी जांच करने के लिए लम्बर पंक्चर की आवश्यकता होती है।उपचार उपलब्ध कराना
परिस्थिति की पहचान करने के साथ ही लम्बर पंक्चर (lumbar puncture) का उपयोग कभी-कभी मस्तिष्कमेरु द्रव (CSF) में दवा इंजेक्ट कर उपचार हेतु भी किया जाता है। इस तरह की दवाओं में बैक्टीरियल मेनिन्जाइटिस (bacterial meningitis) के उपचार हेतु
और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने वाले कुछ खास किस्म के कैंसर के लिए दवा शामिल है।लंबर पंक्चर (lumbar puncture)
देने के लिए उपयोग किया जा सकता है, इससे शरीर के निचले हिस्से में का प्रयोग किए बगैर ऑपरेशन किया जा सकता है।लम्बर पंक्चर (lumbar puncture) का उपयोग खोपड़ी के अंदर बने दबाव या इंट्राक्रेनियल दबाव (raised intracranial pressure) को कम करने के लिए मस्तिष्कमेरु द्रव (CSF) निकालने में भी किया जा सकता है। यह अंतर्निहित समस्या के लिए ज़्यादा स्थायी उपचार होने तक सामान्य लक्षणों से अल्पकालिक राहत प्रदान कर सकता है।