क्या मुझे पीएसए(PSA) टेस्ट कराना चाहिए?

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PSA टेस्ट, एक प्रकार की खून की जांच(blood test) होती है, जिसमें प्रोस्टेट ग्रन्थि के असामान्य तौर पर बड़े होने के शुरुआती लक्षणों के बारे में पता लगाया जाता है। यह पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर की शुरुआती जांच का सबसे सामान्य तरीका है।

इस जांच में डॉक्टर द्वारा आपके खून में मौजूद प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन(PSA) का स्तर मापा जाता है।

PSA, प्रोस्टेट ग्रंथि द्वारा बनने वाला एक तरह का प्रोटीन होता है। इस प्रोटीन की कुछ मात्रा खून में मिल जाती है। यह मात्रा पुरुष की उम्र और स्वास्थ्य पर निर्भर करती है।

PSA का स्तर बढ़ने पर

खून में PSA की मात्रा नेनोग्राम में मापी जाती है। प्रत्येक एक मिलीलीटर खून पर नैनोग्राम PSA होता है। इसके स्तर का क्रम 1एनजी/एमएल (1ng/ml ) से कम और सैंकड़ों एनजी/एमएल(ng/ml) तक हो सकता है।

अगर आपकी उम्र 50 से 69 वर्ष के बीच है और आपके PSA का स्तर 3 एनजी/एमएल (ng/ml) या उससे ज्यादा है तो इसका मतलब आपका PSA स्तर बढ़ा हुआ है।

खून में बढ़ा हुआ यह PSA स्तर प्रोस्टेट कैंसर का लक्षण हो सकता है। हालांकि असामान्य तौर पर बढ़ा हुआ प्रोस्टेट, प्रोस्टेटाइटिस(prostatitis) या यूरिन इन्फेक्शन(मूत्र मार्ग से सम्बंधित संक्रमण) जैसी कई अन्य स्थितियाँ भी इसका कारण हो सकती हैं।

देश-विदेश में इस टेस्ट की सटीकता और इसके हानिकारक संभावित परिणामों को लेकर कुछ मुद्दे हैं।

50 की उम्र से ऊपर के पुरुष स्वयं इस टेस्ट के बारे में जानकारी ले सकते हैं और साथ ही अपने डॉक्टर से किसी सरकारी योजना(जैसे प्रोस्टेट कैंसर रिस्क मैनेजमेंट) के अंतर्गत जांच के बारे में पता कर सकते हैं।

योजना के तहत आपके डॉक्टर आपको इस टेस्ट से संबंधित सभी फायदे, नुकसान और खतरों के बारे में विस्तार से बताएंगे, जिससे आप ये फैसला कर सकेंगे कि आपको यह टेस्ट कराना है या नहीं।

डॉक्टर आपको प्रोस्टेट कैंसर से जुड़े PSA टेस्ट से संबंधित जरूरी जानकारी वाली एक छोटी पुस्तिका दे सकते हैं। इस पुस्तिका में आपको वही जानकारी ज्यादा विस्तार के साथ मिलेगी।

जिन पुरुषों के परिवार में पहले भी किसी को यह बीमारी हो चुकी है, उन्हें प्रोस्टेट कैंसर का खतरा और बढ़ जाता है। काले जातीय मूल के या ज्यादा वजन होना भी इसका एक कारण हो सकता है।

अगर आपको प्रोस्टेट कैंसर से जुड़ा कोई सवाल परेशान कर रहा है, तो आप अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं। प्रोस्टेट कैंसर, उसके लक्षणों और उपचार के बारे में और पढ़ें हमारे हेल्थ ए-जेड सेक्शन में।

PSA टेस्ट के फायदे

फायदे:

  • अगर परिणाम सामान्य आते हैं तो यह मन की बड़ी शंका दूर कर देता है
  • यह आपको कैंसर के लक्षण दिखने से पहले ही उसका अंदाज़ा दे देता है
  • शुरुआती दौर में कैंसर की पहचान हो जाने के कारण सही उपचार के जरिये स्थिति को अधिक खराब होने से रोका जा सकता है
  • यह टेस्ट प्रोस्टेट कैंसर से होने वाली मृत्यु दर को 21% तक कम कर सकता है
  • अगर उपचार सफलतापूर्वक हो जाए तो गंभीर कैंसर होने के खतरे को दूर किया जा सकता है
  • गंभीर कैंसर के मामले में जीवन जीने की अवधि को बढ़ाया जा सकता है

नुकसान:

  • जरूरी नहीं कि हमेशा सही परिणाम मिलें
  • अगर कैंसर नहीं हैं तो अनावश्यक चिंता और चिकित्सीय टेस्ट परेशान कर सकते हैं
  • यह धीरे-धीरे बढ़ने वाले और तेज़ी से बढ़ने वाले कैंसर में अंतर नहीं बता पाता
  • धीरे-धीरे बढ़ने वाले कैंसर का पता लगने पर चिंता बढ़ जाती है, जबकि संभावना है कि यह कभी किसी लक्षण या पुरुष की उम्र कम करने का कारण नहीं हो सकता
  • प्रोस्टेट कैंसर से किसी 1 पुरुष की जान बचाने के लिए कम से कम 27 पुरुषों में इसका परीक्षण करना होगा

टेस्ट से पहले ध्यान देने योग्य बातें

अगर आप PSA टेस्ट कराने जा रहे हैं तो आपको निम्न बातों का ध्यान रखना जरूरी हैः

  • आपको मूत्र मार्ग से संबंधित संक्रमण न हो
  • पिछले 48 घंटों में वीर्य स्खलन न हुआ हो
  • पिछले 48 घंटों में भारी व्यायाम न किया हो
  • पिछले 6 हफ्तों में प्रोस्टेट बायोप्सी(prostate biopsy) न हुई हो

टेस्ट के दौरान इनमें से कुछ भी होने पर परिणाम सही नहीं आता।

टेस्ट के बाद क्या होता है ?

आमतौर पर PSA टेस्ट के बाद तीन विकल्प हो सकते हैं:

  • सामान्य PSA स्तर - अगर आपका PSA स्तर बढ़ा हुआ नहीं आया है तो आपको कैंसर होने की संभावना नहीं है, तत्काल कुछ करने की ज़रूरत नहीं है। भविष्य में आप यह टेस्ट दोबारा करा सकते हैं। हालांकि जरूरी नहीं कि हर बार इस टेस्ट में कैंसर का पता लग ही जाए।
  • मामूली बढ़ा हुआ PSA स्तर- 4 में से 3 पुरुषों का PSA स्तर बढ़ा हुआ होने पर भी उन्हें प्रोस्टेट कैंसर नहीं होता, मगर भविष्य में और टेस्ट कराने की जरूरत पड़ सकती है।
  • बढ़ा हुआ PSA स्तर- 4 पुरुषों में से 1 का बढ़ा हुआ PSA स्तर प्रोस्टेट कैंसर का कारण बन सकता है। जितना अधिक स्तर बढ़ेगा, उतना ही कैंसर होने के आसार बढ़ सकते हैं। अगर आपका PSA स्तर अधिक बढ़ा हुआ है तो आपके डॉक्टर आपको आगे के टेस्ट कराने के लिए विशेषज्ञ के पास भेजेंगे।

केवल इस टेस्ट के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि आपको कैंसर है या नहीं। आगे की जांच के लिए डॉक्टर डिजिटल रेक्टल एग्जामिनेशन (डीआरई, digital rectal examination (DRE) का इस्तेमाल करते हैं। यह प्रोटेस्ट ग्रंथि की जांच के लिए किया जाता हैं, जिसमे डॉक्टर दस्ताने पहने हुए ऊंगली को गुदा में डाल कर जांच करते हैं।

इस जांच में प्रोस्टेट कैंसर के लक्षणों की पहचान करने की कोशिश की जाती है। जैसे- प्रोटेस्ट ग्रंथि का कठोर लगना, हालांकि यदि यह सामान्य लगती है तो भी जरूरी नहीं कि आपको कैंसर नहीं है।

शुरुआती दौर के कई कैंसर DRE की पकड़ में नहीं आ पाते। इसे PSA टेस्ट के स्थान पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

डॉक्टर आपकी उम्र, पारिवारिक इतिहास, पुरुष की प्रजातीय पृष्ठभूमि और पुराने PSA टेस्ट परिणाम को भी ध्यान में रखते हैं।

कुछ मामलों में दोबारा PSA टेस्ट करने से स्थति और अधिक समझ आती है।

PSA से संबंधित प्रमुख तथ्य

  • कई बार स्तर बढ़ा हुआ नहीं आता और ग़लत रिज़ल्ट झूठी दिलासा दे सकता है। करीब 15 प्रतिशत मामलों में सामान्य PSA स्तर वाले पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर पाया गया है।
  • 4 में से 3 पुरुषों में बढ़े हुए PSA स्तर के बावजूद कैंसर नहीं मिला।
  • 4 में से 1 को बढे हुए PSA स्तर के कारण कैंसर होगा।
  • बायोप्सी में पांच में एक पुरुष का कैंसर पकड़ में नहीं आ पाता।

बायोप्सी और आगे होने वाले अन्य टेस्ट

अगर आपका PSA स्तर बढ़ा हुआ आया है तो बायोप्सी के जरिए प्रोटेस्ट ग्रंथि के तिश्यू के नमूने को लेकर जांचा जाता है कि आपको कैंसर है कि नहीं।

प्रोस्टेट बायोप्सी, कैंसर के कुछ मामलों को नहीं पकड़ पाते। पांच में से एक मामले में परिणाम आने के बाद भी कैंसर का पता नहीं लग पाता। कई बार दोबारा बायोप्सी करानी पड़ जाती हैं।

बायोप्सी में कई बार कुछ दुष्प्रभाव भी देखने को मिलते हैं, जैसे- खून बहना या संक्रमण हो जाना। कई पुरुषों को मूत्र और वीर्य में खून आने की परेशानी हो जाती है। इसके निवारण के लिए एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं।

प्रोस्टेट कैंसर का इलाज़

यदि शुरुआती दौर में ही कैंसर का पता लग जाता है तो इसका इलाज व्यक्तिगत परिस्थितियों पर निर्भर करता है। कैंसर का आकार, प्रकार और आपका सामान्य स्वास्थ्य जैसे कुछ अन्य कारक हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर ही सही इलाज सुनिश्चित किया जाता है।

विभिन्न तरह के इलाज जैसे- सर्जरी और रेडियो थेरेपी कई दुष्प्रभाव भी देते हैं, जिनमें शामिल हैं - इरेक्शन, पुरुष बांझपन और मूत्राशय संबंधी परेशानियां।

प्रोस्टेट कैंसर के इलाज के बारे में और पढ़ें।

आपको अपने डॉक्टर से किसी भी इलाज को शुरू करने से पहले उसके फ़ायदों और खतरों के बारे में विस्तार से जान लेना चाहिए।

महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।