फफोले (ब्लिस्टर्स/Blisters)

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परिचय

त्वचा की ऊपरी परत में जब तरल पदार्थ का एक छोटा पॉकेट बनता है, उसे फफोला (ब्लिस्टर/Blister) कहते हैं।

यह अमूमन उस समय होते हैं जब त्वचा की बाहरी परत क्षतिग्रस्त हो जाती है। क्षतिग्रस्त त्वचा के नीचे तरल पदार्थ जमा हो जाता है और उनके नीचे टिशू दब जाते हैं। यह टिशू को और नुकसान होने से बचाता है और उसे ठीक होने में मदद करता है।

ज्यादातर फफोलों में एक साफ तरल भर जाता है जिसे सेरम (serum) कहते हैं जो खून का हिस्सा होता है। यह रेड ब्लड सेल्स (red blood cells) और क्लॉटिंग एजेंट्स (and clotting agents) के हटने के बाद बचने वाला तरल होता है।

बहरहाल कई बार फफोलों के संक्रमित होने या उनमें जलन होने से उनमें खून (खून वाले फफोले) या पस भर जाता है।

फफोले शरीर में कहीं भी हो सकते हैं लेकिन सबसे ज्यादा हाथ और पैरों पर होते हैं।

फफोलों की वजह क्या है?

फफोले इन वजहों से हो सकते हैं:

  • त्वचा में घर्षण
  • रसायन के संपर्क में आना जैसे डिटर्जेंट
  • गर्मी - उदाहरण के लिए सनबर्न या जलने की वजह से चिकित्सकीय कारण- जैसे चिकनपॉक्स (chickenpox) तथा फोड़ा (इम्पैटिगो- impetigo)

फफोले के कारणों के बारे में और अधिक पढ़ें।

अपने डॉक्टर से कब मिलें

ज्यादातर फफोले प्राकृतिक रूप से अपने आप तीन से सात दिन में ठीक हो जाते हैं और उन्हें किसी तरह की मेडिकल इलाज की जरूरत नहीं होती।

  • अपने डॉक्टर से केवल तभी मिलें जब आपको लगे कि वे संक्रमित हो गए हैं
  • काफी दर्द कर रहे हों
  • बार-बार वापस आ जाते हों

संक्रमित फफोलों में पीले या हरे रंग का पस भर जाता है और इसमें दर्द होता है, यह लाल और गर्म होता है।

संक्रमित फफोलों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे दूसरे स्तर का फोड़ा (त्वचा में संक्रमित बैक्टीरिया वाला संक्रमण) हो सकता है और आगे और भी जटिलताएं हो सकती हैं जैसे सेल्यूलाइटिस या सेप्सिज (cellulitis or sepsis)

अगर किसी असहज जगह पर आपको छाले हो गए हैं तो अपने डॉक्टर से बात करें जैसे आपकी पलक या आपके मुंह के अंदर या वे गंभीर सनबर्न, जलने या झुलसने या किसी एलर्जिक रिएक्शन या कैमिकल या किसी अन्य पदार्थ के संपर्क में आने के बाद निकले हों।

फफोलों के उपचार के बारे में और अधिक पढ़ें।

फफोलों की रोकथाम

घर्षण, सनबर्न या कैमिकल से होने वाले फफोलों से बचने के लिए आप इन उपायों का इस्तेमाल कर सकते हैं। उदाहरण के लिए आप:

  • आरामदायक, सही फिटिंग वाले जूते पहनें
  • कैमिकल को उठाते समय दस्ताने पहनें
  • सनस्क्रीन का प्रयोग करें

फफोलों की रोकथाम के बारे में और अधिक पढ़ें।

कारण

फफोले किसी घर्षण से त्वचा को पहुंचने वाली चोट की वजह से होते हैं। पैरों में जूते रगड़ने से भी ये हो सकते हैं।

त्वचा पर ज्यादा गर्मी से सम्पर्क होने पर भी यह हो सकते हैं जैसे सनबर्न या झुलसना, किसी रसायन वाले पदार्थ का रिएक्शन, या शरीर में मौजूद किसी बीमारी के लक्षण के रूप में।

अगर त्वचा किसी घर्षण या गर्मी का सामना करती है तो यह नीचे की परत से त्वचा की ऊपरी परत (एपिडर्मिस- epidermis) को फाड़ सकती है। त्वचा की सतह सुरक्षित रहती है लेकिन बाहर की तरफ धकेल दी जाती है क्योंकि सेरम ( बिना रेड सेल्स या क्लॉटिंग एजेंट वाला रक्त) त्वचा की परतों के बीच नई बनी खाली जगह में भर जाता है।

घर्षण

इस तरह के फफोले उन लोगों में आम होते हैं जो काफी सक्रिय होते हैं जैसे खिलाड़ी और सैन्य सेवा वाले। ये आमतौर पर ख़राब फिटिंग वाले जूतों की वजह से होते हैं।

फफोले उस स्थिति में होते हैं जब त्वचा को लंबी अवधि तक रगड़ा जाता है या छोटी अवधि में काफी तेजी से रगड़ा जाता है।

ये फफोले कई बार पैर और हाथों पर निकलते हैं जो जूतों या हाथों में पकड़े गए उपकरणों की वजह से होते हैं जैसे औजार या खेलकूद के उपकरण। ये नमी वाली त्वचा पर भी आसानी से निकल आते हैं और गर्म स्थितियों में भी इनके होने की संभावना होती है।

मेडिकल कारण

कई मेडिकल कारणों से फफोले हो सकते हैं। उनमें सबसे आम हैं:

  • चिकनपॉक्स (chickenpox) - बचपन में होने वाली बीमारी जिसमें लाल खुजली वाले दाग बन जाते हैं
  • मुंह के छाले कोल्ड सोर्स (cold sores)
  • हरपीज (herpes) - यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) जो ज्यादातर पेट और जांघ के बीच के हिस्से पर असर करते हैं
  • फोड़े (इम्पैटिगो/ impetigo) - संक्रामक बैक्टीरिया वाला त्वचा का संक्रमण
  • पोमफोलिक्स ( pompholyx) - एक प्रकार का एग्जिमा (eczema)

कई ऐसी दुर्लभ स्थितियां भी हैं जिनकी वजह से फफोले हो सकते हैं, जैसे-

  • बुलस पेमफिगोएड ( bullous pemphigoid)- एक त्वचा रोग जिसमें बड़े फफोले हो जाते हैं और ये अमूमन 60 साल से अधिक की उम्र वाले लोगों पर असर करती है
  • पेमफिगस वल्गैरिस (pemphigus vulgaris) - एक गंभीर स्थिति जिसमें त्वचा पर दबाव पड़ने पर फफोले बन जाते हैं, ये फफोले आसानी से फट जाते हैं और कच्चा हिस्सा छोड़ देते हैं जो आसानी से संक्रमित हो सकता है
  • डेरमाइटाइटिस हेरपेटिफोर्मिस (dermatitis herpetiformis) - त्वचा की ऐसी स्थिति जो खुजली और जलन वाले फफोले से होती है, यह आमतौर पर कोहनी, घुटने, पीठ और नितंबों पर होते हैं, ये फफोले शरीर के दोनों तरफ समान आकार और रूप में पैच में बनते हैं
  • एपिडेरमोलिसिस बुलोसा (epidermolysis bullosa) - एक दुर्लभ आनुवंशिक त्वचा विकारों का समूह होता है जिसमें त्वचा काफी भंगुर हो जाती है, कोई आघात या घर्षण होने से त्वचा में दर्द वाले फफोले हो जाते हैं
  • क्रोनिक बुलोस डेर्माटोसिस ऑफ चाइल्डहुड (epidermolysis bullosa)- एक ऐसी स्थिति जिसकी वजह से चेहरे, मुंह और गुप्तांगों पर फफोलों का झुंड बन जाता है

उपचार

ज्यादातर फफोले अपने आप ठीक हो जाते हैं और उनका इलाज नहीं करना पड़ता।

फफोलों के नीचे नई त्वचा तैयार हो जाती है, आपका शरीर धीरे-धीरे फफोलों के तरल पदार्थ को सोख लेता है और ऊपर की त्वचा सूख जाती है जिसे छील कर उतारा जा सकता है।

घर्षण वाले फफोले

फफोले के ऊपर मौजूद साबुत त्वचा संक्रमण से बचाव की प्राकृतिक बाधा के रूप में का काम करती है। यह महत्वपूर्ण है कि संक्रमण से बचाव के लिए त्वचा साबुत रहे।

चाहे जितना भी मन करे उन फफोलों को सुई से छेदने का प्रयास न करें क्योंकि इससे संक्रमण हो सकता है या उनके ठीक होने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है। त्वचा को नीचे की त्वचा के ठीक हो जाने के बाद खुद ब खुद अपनी परत उतारने दें।

आप छोटे फफोलों को किसी प्लास्टर से ढक सकते हैं। बड़े फफोलों को किसी गेज पैड या ड्रेसिंग से टेप लगाकर ढका जा सकता है।

दर्द वाले फफोले या जो ऐसी स्थिति में हैं जो फट सकते हैं जैसे आपके पैर में हों उन्हें किसी मुलायम ड्रेसिंग से कवर करें ताकि उन्हें आराम मिले और वे सुरक्षित रहें। ड्रेसिंग को रोज बदलें और फफोलों को छूने से पहले हाथ जरूर धोएं ताकि संक्रमण न हो।

फफोलों को फोड़ना

अगर फफोला फट गया हो तो उसके ऊपर की मृत त्वचा को छील कर न उतारें। उसके अंदर के तरल पदार्थ को बह जाने दें और उस फफोले और उसके आसपास के हिस्से को किसी सूखे, स्टेराइल ड्रेसिंग से उसके ठीक हो जाने तक ढक दें ताकि उसमें संक्रमण न हो।

हाइड्रोकोलाइड ड्रेसिंग्स (Hydrocolloid dressings) दवा की दुकानों पर उपलब्ध हैं जिनसे परेशानी और उपचार करने में मदद मिलती है।

अगर फटे हुए फफोले की मृत त्वचा की ऊपरी परत पहले ही रगड़कर उखड़ चुकी है को बाकी त्वचा के बाकी बचे किनारों को न उखाड़ें। उसे संक्रमण से बचाने के लिए ऊपर लिखी गई सलाह का पालन करें।

अगर फफोला आपके पैर पर है तो उसका कारण बनने वाले जूते न पहनें, खासकर तब तक जब तक वे ठीक न हो जाएं।

रक्त वाले फफोले

रक्त वाले फफोलों को प्राकृतिक रूप से ठीक होने के लिए छोड़ देना चाहिए। अगर खून वाला फफोला फटता है तो उस हिस्से के साफ और सूखा रखें। इसे स्टेराइल ड्रेसिंग (sterile dressing) से बचाकर रखें ताकि संक्रमण न हो।

खून वाले फफोले कई बार दर्दनाक होते हैं। चोट के बाद प्रभावित हिस्से पर तुरंत आईस पैक लगाने से दर्द में राहत मिलती है (फ्रोजन सब्जियों का बैग भी यह काम बेहतर कर सकता है)। 10 से 30 मिनट के बीच रखने से आराम मिल सकता है।

बर्फ आपकी त्वचा को सीधे न छुएं इसके लिए प्रभावित हिस्से पर बर्फ लगाने से पहले वहां पर तौलिया रख सकते हैं।

मेडिकल स्थिति

अगर आपके फफोले किसी मेडिकल स्थिति की वजह से हुए हैं जैसे चिकनपॉक्स (chickenpox), हरपीज (herpes) या फोड़े (इम्पैटिगो- impetigo) तो आपका डॉक्टर इन चिकित्सकीय कारणों के उपचार के बारे में आपको सलाह दे सकता है।

रोकथाम

घर्षण, सनबर्न (sunburn) और कैमिकल से हुए फफोलों को रोकने के कई तरीके हैं।

किसी मेडिकल कंडीशन की वजह से होने वाले फफोलों को रोका नहीं जा सकता, इनका इलाज डॉक्टर ही कर सकते हैं।

घर्षण

आरामदायक, सही फिटिंग वाले जूते और साफ जुराबें पहनने से फफोलों से बचा जा सकता है।

ये फफोले नमी वाली त्वचा पर होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। अगर आपके पैरों में पसीना आता है तो नमी सोखने वाली जुराबें पहनें या एक दिन में दो बार इन्हें बदलें ताकि उन्हें बचाया जा सके।

अगर आप खिलाड़ी हैं या नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं तो स्पोर्ट्स सॉक्स या मोटी ऊनी जुराबें पहनने से आपके पैर सूखें रहेंगे और आपको फफोले होने का खतरा कम होगा।

अगर आप लंबी सैर पर जा रहे हैं तो वही जूते पहनें जो पूरी तरह फिट, आरामदायक हों और आपने उन्हें पहले भी पहना हो। बिल्कुल नए जूते आरामदायक नहीं होंगे और उनसे रगड़ लग सकती है।

चलते हुए, एक्सरसाइस करते हुए और खेलते हुए अगर आपके पैर पर गर्मी महसूस हो तो तुंरत रुक जाएं। यदि संभव हो उस जगह पर कुछ पैडिंग चिपका लें।

शॉवल या पिकऐक्सिस (shovels or pickaxes) जैसे औजारों को इस्तेमाल करते हुए या गार्डनिंग जैसे मैन्युअल काम करते हुए दस्ताने पहनें। इनसे आपके हाथों में फफोले नहीं होंगे।

गर्मी और सनबर्न (sunburn)

भाप, आग या खौलते पानी से काम करते हुए सावधान रहें। यह सुनिश्चित करें कि गर्म या रसायन वाले कार्यस्थल पर सही सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग करें।

जो सामान काफी गर्म होते हैं जैसे स्टोव या केतली को सावधानी से उठाना चाहिए ताकि जलने या झुलसने से फफोले न हों।

जब धूप में निकलें सनस्क्रीन का प्रयोग करें। अपनी त्वचा को कपड़े से ढक कर रखें ताकि सनबर्न (sunburn) से फफोले न हों। आप सन हैट भी पहन सकते हैं।

अगर आपको सनबर्न (sunburn) की समस्या है तो मोएस्चराइजर, ऑफ्टरसन या कैलामाइन लोशन का प्रयोग करने से परेशानी कम हो सकती है।

रसायन

डिटर्जेंट से काम करते समय, सामान को साफ करते हुए सॉल्वेंट और अन्य कैमिकल का प्रयोग करते समय हमेशा रक्षात्मक दस्ताने पहनें। कैमिकल के साथ अनावश्यक संपर्क करने से बचें और उनका प्रयोग करते समय सावधानी बरतें।

महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।