प्रोफ़ेसर ऐन मक्ग्रेगॉर ने अभिभावकों के लिए बच्चों में सिरदर्द का पता लगाने और उसका इलाज करने के सुझाव दिए हैं।
प्रोफ़ेसर ऐन मक्ग्रेगॉर ने अभिभावकों के लिए बच्चों में सिरदर्द का पता लगाने और उसका इलाज करने के सुझाव दिए हैं।
अधिकतर बच्चों और किशोरों को साल में कम से कम एक बार सिरदर्द होता है। ये अक्सर ही वयस्कों को होने वाले सिरदर्द से अलग होते हैं, इसलिए अभिभावक और डॉक्टर समस्या को पहचानने से चूक सकते हैं।
बार्ट्स एंड द लंदन स्कूल ऑफ़ मेडिसिन और डेंटिस्ट्री के सेंटर फ़ॉर न्यूरोसाइंस एंड ट्रॉमा की प्रोफ़ेसर ऐन मक्ग्रेगॉर के अनुसार, बच्चों में
(migraines) सहित सिरदर्द कम समय के लिए होते हैं।बच्चों में सिरदर्द अचानक शुरू होते हैं, इससे बच्चे तुरंत कमजोर तथा सुस्त हो जाते हैं और अक्सर ही बीमार महसूस करते हैं व उल्टियाँ करते हैं।
आमतौर पर बच्चे बहुत जल्दी ठीक भी हो जाते हैं। प्रोफ़ेसर मक्ग्रेगॉर कहती हैं कि “आधे घंटे बाद सिरदर्द जा सकता है, बच्चा ठीक होकर बाहर खेल सकता है, जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो।”
उनका कहना है कि बच्चों में सिरदर्द होने से उनका पेट भी प्रभावित हो सकता है, इसलिए
एक बहुत ही आम शिकायत है।प्रोफ़ेसर मक्ग्रेगॉर कहती हैं, “मेरे अनुभव के अनुसार बच्चे बहुत कम ही सिरदर्द के बारे में झूठ बोलते हैं।”
बच्चों को अक्सर तब सिरदर्द होता है, जब वे अपना पैक किया हुआ खाना नहीं खाते हैं या वे दिनभर कुछ भी नहीं पीते हैं।
प्रोफ़ेसर मक्ग्रेगॉर कहती हैं, “अपने बच्चों को सिरदर्द से बचाने के लिए अभिभावकों के पास सबसे अच्छा रास्ता यह सुनिश्चित करना है कि वे नियमित रूप से कुछ खाते और पीते रहें।”
बच्चों को अच्छा नाश्ता दें, ताकि अगर वे लंच नहीं खाते हैं तो भी उनका दिनभर का काम चल जाए। बच्चों को शाम को नियत समय पर सुलाने से भी मदद मिलती है।
बच्चों को खेल के कारण सिरदर्द हो सकता है, शायद
(dehydration) और ब्लड शुगर पर प्रभाव के कारण। प्रोफ़ेसर मक्ग्रेगॉर कहती हैं, “खेल के दौरान बहुत सारा पानी पीने और ग्लूकोज की टेबलेट (दवा की दुकानों और सुपरमार्केट में उपलब्ध) चूसने से मदद मिल सकती है। इसके साथ ही सुबह से शाम तक बीच में स्नैक के साथ ही खाना देना भी मददगार हो सकता है।”सिरदर्द और बचपन से जुड़ी भावनात्मक समस्याएँ (Headaches and childhood emotional problems)
कभी-कभी सिरदर्द भावनात्मक समस्याओं के कारण भी हो सकता है। प्रोफ़ेसर मक्ग्रेगॉर कहती हैं, “वे तनाव के समय हो सकते हैं, जैसे स्कूल में डराया-धमकाया जाना या अभिभावकों के अलगाव के कारण चिंता होना।” अभिभावकों को अक्सर ही लगता है कि उनका बच्चा ठीक है, वे तलाक को लेकर एडजस्ट कर रहे हैं और उन्हें अपने अभिभावक का नया पार्टनर पसंद है। हालाँकि, कभी-कभी बच्चा ठीक नहीं होता है और उनकी नाखुशी सिरदर्द के रूप में व्यक्त होती है।
अपने बच्चे के सिरदर्द के बारे में डायरी रखने से मदद मिल सकती है। अगर आपका बच्चा थोड़ा बड़ा है तो वह खुद अपनी डायरी बना सकता है। यह सिरदर्द के विशेष कारणों को पहचानने का अच्छा तरीका है।
इस बात का रिकॉर्ड रखें कि सिरदर्द कब होता है। सामान्य दिनचर्या से अलग घटना या प्रासंगिक घटना को भी रिकॉर्ड करें। यह खाना नहीं खाना, खेल से जुड़ी गतिविधि या देर रात तक जागना या तनावपूर्ण परीक्षा अथवा दोस्तों या अभिभावकों से बहस होना जैसी भावनात्मक रूप से परेशान करने वाली घटना हो सकती है।
कुछ महीनों बाद, अपने बच्चे के साथ मिलकर डायरी को देखें और पता लगाएँ कि क्या कुछ समान प्रकार के कारणों से सिरदर्द हो रहा है।
संभावित कारणों की पहचान कर लेने के बाद अगले कुछ महीनों तक एक-एक कर उनसे बचने में अपने बच्चे की मदद करें और देखें कि क्या इससे सिरदर्द रुक जाते हैं।
बच्चों के सिरदर्द से ख़ुद निपटने के सुझाव (Headache self-help tips for children)
अक्सर ही, आसान से चरण सिरदर्द या माइग्रेन (migraine) के दौरे से निपटने में आपके बच्चे की मदद करने के लिए पर्याप्त होंगे:
अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे को पेनकिलर की जरूरत है तो सिरदर्द होते ही तुरंत दवा शुरू कर दें।
(Paracetamol) और (ibuprofen), दोनों ही सुरक्षित होती हैं और बच्चों के सिरदर्द पर असर करती हैं। बच्चों के लिए गोली के बजाए सिरप लेना आसान होता है। इसके अलावा, माइग्रालीव (Migraleve) को आजमाएँ, यह दवा माइग्रेन (migraine) का इलाज करती है और यह 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए उचित है।वयस्कों की तरह ही, बच्चों के अधिकतर सिरदर्द गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं होते हैं।
वे घर पर भी दवा लेकर ठीक किए जा सकते हैं और बच्चे पर्याप्त खाना, पेय तथा नींद लेते हैं, यह सुनिश्चित करके इनसे बच सकते हैं।
लेकिन अगर आपको अपने बच्चे के सिरदर्द के बारे में चिंता है तो डॉक्टर या फार्मासिस्ट से सलाह लेने में देरी न करें, प्रोफ़ेसर मक्ग्रेगॉर कहती हैं। “मैं सलाह दूँगी कि अगर बच्चे को पेनकिलर से आराम नहीं मिलता है या सिरदर्द से स्कूल के काम में रुकावट आ रही है तो अभिभावक मदद लें। ऐसे बच्चों के लिए डॉक्टर से ये आश्वासन लेना कि कोई ख़तरा नहीं, महत्वपूर्ण होता है।”
महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।