हार्ट पैल्पिटेशन (heart palpitations) दिल कि ऐसी अनियित धड़कनें हैं जो अचानक कुछ देर के लिए महसूस होती है।
इस दौरान आपको महसूस होगा कि आपका हृदय अनियमित रूप से तेज धड़क रहा है, ऐसा अक्सर कुछ सेकेंड या मिनटों के लिए होता है। आप इस सनसनी को अपने गले और गर्दन पर भी महसूस कर सकते हैं।
पैल्पिटेशन (palpitations) खतरनाक लग सकता है लेकिन ज़्यादातर मामलों में ये हानिरहित होते हैं और यह आपके हृदय के साथ समस्या का संकेत नहीं है।
हालांकि कभी-कभी पैल्पिटेशन के साथ कुछ अन्य लक्षण जैसे कि चक्कर आना (dizziness) या सीने में खिंचाव, किसी हृदय समस्या का संकेत हो सकते हैं। (नीचे देखें)
यदि आपको पैल्पिटेशन के साथ ही कुछ अन्य लक्षण हैं या आप अपनी स्थिति को लेकर चिंतित हैं तो अपने डॉक्टर से मिलें।
ऐसा किन वजहों से होता है?
जीवनशैली का प्रभाव (Lifestyle triggers)
पैल्पिटेशन एड्रेनेलिन (adrenaline) के प्रवाह से बढ़ सकता है। एक ऐसा हार्मोन जो ज़्यादा काम करने के बाद या जब आप नर्वस, चिंतित या उत्साहित होते हैं तब आपके शरीर द्वारा निर्मित किया जाता है।
बहुत ज़्यादा मसालेदार खाना, बहुत ज़्यादा मात्रा में कैफ़ीन या शराब का सेवन, धूम्रपान या रिक्रियेशनल ड्रग के इस्तेमाल से पैल्पिटेशन हो सकता है।
अगर आपको लगता है कि आपकी जीवनशैली की वजह से आपको पैल्पिटेशन हो रहे हैं तो रिलैक्सेशन तकनीक से अपने तनाव के स्तर को कम करने की कोशिश करें और अपने व्यायाम के स्तर को भी बदलें।
आपको कॉफी या एनर्जी ड्रिंक के सेवन की मात्रा भी कम करनी चाहिए और रिक्रिएशनल ड्रग्स (recreational drug) के सेवन से बचना चाहिए।
पैनिक अटैक (Panic attack)
अगर आप नियमित रूप से पैल्पिटेशन का अनुभव कर रहे हैं और चिंता, तनाव व घबराहट भी महसूस करते हैं तो आपको पैनिक अटैक (panic attack) आने कि संभावना हो सकती है।
पैनिक अटैक की वजह से बेहद गंभीर चिंता, डर एवं शंका के साथ ही मिचली (nausea), पसीना, कंपकंपी और पैल्पिटेशन (palpitations) जैसे लक्षणों की सम्भावना होती है।
पैनिक अटैक डरावने और बहुत प्रबल होते हैं लेकिन आमतौर पर ये खतरनाक नहीं होते हैं।
दवाइयाँ (medication)
कुछ मामलों में पैल्पिटेशन (palpitations) कुछ विशेष प्रकार की दवाओं के दुष्प्रभाव हो सकते हैं जैसे कि
(asthma inhaler) या थायराइड की समस्या के लिए ली जाने वाली टैबलेट।अगर आपको लगता है कि आपके पैल्पिटेशन के लिए दवाएं ज़िम्मेदार हैं तो अपने डॉक्टर से बात करें। बिना डॉक्टरी सलाह के अपने नियमित या चल रहे इलाज को न रोकें।
माहवारी, गर्भावस्था एवं रजोनिवृत्ति (Periods, pregnancy and the menopause)
पैल्पिटेशन (palpitations) कभी-कभी हार्मोनल बदलाव का परिणाम हो सकता है। जो महिला की
(period), गर्भावस्था (pregnancy) या (menopause) के समय होता है। हालांकि ये आमतौर पर अस्थाई होते हैं और चिंता का कारण नहीं होते हैं।चिकित्सीय स्थितियां (medical conditions)
निम्न अवस्थाओं में हृदयगति तेज़, प्रबल और अनियमित हो जाती हैं और जिससे हार्ट पैल्पिटेशन होने कि संभावना होती है:
- एक (an overactive thyroid)
- एनीमिया (anaemia)
- के कुछ प्रकार (low blood pressure)
- 38℃ (100.4°F) या उससे अधिक का बुखार
- (dehydration) (शरीर में पानी की कमी)
- हृदय की समस्या
आपको कब हृदय की समस्या हो सकती है?
यदि आप अक्सर ही पैल्पिटेशन का अनुभव करते हैं या इस दौरान स्थिति और भी खराब हो जाती है अथवा इसके साथ अन्य लक्षणों जैसे कि चक्कर या सीने में खिंचाव (tightness in chest) का अनुभव होता है तो अपने डॉक्टर को दिखाएं। आपको दिल की धड़कन संबंधी समस्या (heart rhythm problem) (arrhythmia) हो सकती है।
डॉक्टर आपके दिल की धड़कनों का आकलन करने के लिए
कर सकते हैं। इससे मिली जानकारी द्वारा किसी भी समस्या या उसके इलाज की जरूरत के संबंध में फैसला लिया जा सकता है।हालांकि अगर आपको पैल्पिटेशन (palpitations) का अनुभव नहीं हो रहा है तो इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (electrocardiogram) ECG का परिणाम पूरी तरह सामान्य आ सकता है। ऐसी स्थिति में आगे की जांच की ज़रूरत पड़ सकती है। जो आपके डॉक्टर द्वारा या स्थानीय अस्पताल में किया जा सकता है।
एट्रियल फिब्रिलेशन (atrial fibrillation) एक बेहद सामान्य धड़कन संबंधी समस्या और
(stroke) का मुख्य कारण है। यह एक गंभीर स्थिति है जो स्थायी रूप से विकलांग कर सकती है।एट्रियल फिब्रिलेशन (atrial fibrillation) के कारण दिल की धड़कन अनियमित और तेज़ हो सकती है, इसकी वजह से ह्रदय बेहद अनियमित एवं फड़कता हुआ महसूस हो सकता है।
आप चक्कर, सांस का उखड़ना (short of breath) और बहुत थका हुआ महसूस कर सकते हैं। एट्रियल फिब्रिलेशन (atrial fibrillation) आमतौर पर ज़िन्दगी के लिए खतरा नहीं होता है। लेकिन असहज हो सकता है और हमेशा इसके इलाज की ज़रूरत होती है।
सुपरवेंट्रिकल टेकीकार्डिया (supraventricular tachycardia) एट्रियल फिब्रिलेशन (atrial fibrillation) की तरह ही धड़कन संबंधी एक समस्या (heart rhythm problem) है। इसकी वजह से भी धड़कन तेज़ हो जाती है, लेकिन अनियमित होने की जगह स्थिर रहती है।
SVT के दौरे आमतौर पर हानिरहित होते है और बिना किसी इलाज के अपने आप ठीक हो सकते हैं। हालांकि अगर आपको SVT के लंबे दौरे आ रहे हैं तो चिकित्सीय सलाह की ज़रूरत पड़ सकती है
इसके अलावा धड़कन संबंधी अन्य अवस्थाएं हैं जो आपके पैल्पिटेशन (palpitations) का कारण बन सकती हैं, उचित जांच द्वारा इनका पता लगाया जा सकता है। जब आपके डॉक्टर या अस्पताल आपके हृदय की एकदम सटीक समस्या का पता लगा लें तो उन्हें आपको जानकारी देने के लिए कहें।