क्या कभी आपकी आंख फड़की (eye twitching) है? आंख का फड़कना (eye twitching) सामान्यतः: थकान, तनाव और बहुत अधिक कॉफी या शराब के सेवन से संबंधित होता है।
आंख क्यूँ फड़कती है?
आंख फड़कना या आईलिड मायोकेमिया (eyelid myokymia) आपकी आंख के आसपास की मांसपेशियों में होने वाला अनैच्छिक संकुचन हैं। आंख फड़कना ऊपरी और निचली दोनों ही पलकों को प्रभावित कर सकता है। आंख में होने वाली फड़फड़ाहट अपने आप ठीक हो जाती है और इसके लिए बहुत ही कम मामलों में मेडिकल देखभाल की जरूरत पड़ती है।
आंख फड़कना लगातार चलने वाली प्रक्रिया नहीं है यह दो-चार मिनट होकर बंद हो जाती है और कभी-कभार दिन में कई बार थोड़ी-थोड़ी देर के लिए होती रहती है।
अगर आपकी आंख दो हफ्ते से ज्यादा समय से फड़क रही है, तो आपको देरी न करते हुए डॉक्टर से मिलना चाहिए। कभी-कभार आंख का फड़कना, चिंताजनक बात नहीं है लेकिन अगर ऐसा लगातार होता है या आंख बहुत तेजी से फड़कती है तो ये सौम्य प्रावरणी सिंड्रोम (benign fasciculation syndrome) या डिस्टोनिया (
) जैसे न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का लक्षण हो सकता है।लगातार या लंबे समय तक आंख के फड़कने से आपकी आंख कुछ मिनट या घंटों के लिए बंद हो सकती है जो कि ब्लेफेरोस्पाज्म (blepharospasm) का लक्षण भी हो सकता है, यह एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल स्थिति है जो आपकी आंखों को लंबे समय तक बंद कर सकती है।
नीचे आपको आंख फड़कने के सामान्य व असामान्य कारणों के बारे में बताया जा रहा है, जो आपकी आंख फड़कने की समस्या से निपटने में मदद करेंगे और आपको इस बारे में चिंतित होने से बचाएंगे।
आंख फड़कने को लेकर कब चिंतित हों (When to worry about eye twitches)
आमतौर पर आंख फड़कने की समस्या चिंताजनक बात नहीं है और ये अपने आप ही ठीक हो जाती है। आपको इसे लेकर तब गंभीर होना चाहिए जब निम्नलिखित लक्षण हों:
- दो हफ्ते से अधिक समय के लिए आंख फड़कने की समस्या हो।
- आंख में एक से अधिक जगह पर फड़कने की दिक्कत हो
- प्रभावित हिस्से में आपको कमजोरी महसूस हो रही हो
- अगर आपको लगता है कि ऐसा आपको किसी दवा के सेवन से हो रहा है
आंख फड़कने के सामान्य कारण
- थकान ()
- तनाव और चिंत ा()
- बहुत अधिक कॉफी या शराब का सेवन
- आंख में जलन
- आंख पर जोर
- मिनरल की कमी (विशेष रूप से मैग्नीशियम और पोटेशियम)
- कुछ दी गई दवाओं के दुष्प्रभाव
आंख फड़कने कम सामान्य कारण
लगातार आंख फड़कने के पीछे कुछ असामान्य और दुर्लभ कारण हो सकते हैं जो कि निम्न प्रकार हैं:
- आंखों की समस्या जैसे ब्लेफेराइटिस () और आंखों का सूखापन (dry eyes)
- सौम्य प्रावरणी सिंड्रोम (benign fasciculation syndrome)
- डिस्टोनिया ()
- टॉरेट सिंड्रोम ()
- पार्किंसंस रोग () जैसा तंत्रिका तंत्र विकार
- मल्टीपल स्क्लेरोसिस ()
अगर आपको ऊपर दिए गए लक्षणों में से कोई भी महसूस होते हैं तो आपको डॉक्टर से परामर्श लेने की जरूरत है। डॉक्टर आपको आवश्यक टेस्ट करवाने को कह सकते हैं और आपकी स्थिति के कारण का पता लगाएंगे।
आंख फड़कने को रोकने के लिए क्या किया जा सकता है?
फड़कने को रोकने के लिए आपको नीचे दी गई विधियों का प्रयोग कर सकते हैं।
कैफीन का सेवन कम कर दें (Cut down on caffeine)
कैफीन एक तंत्रिका तंत्र (nervous system) उत्तेजक है जो पूरे शरीर की मांसपेशियों में मरोड़ और ऐंठन पैदा कर देता है। इसका सेवन न करने से आंख में होने वाली फड़फड़ाहट में कमी आ सकती है।
कैफीन, कॉफी, एनर्जी ड्रिंक, सॉफ्ट ड्रिंक और चाय में पाई जाती है। कैफीन का कुछ अंश चॉकलेट में भी पाया जाता है। कैफीन मात्रा का सेवन कम करने के लिए आपको इन चीजों के सेवन के बजाय पानी को पीना शुरू कर देना चाहिए लेकिन ऐसा आपको धीरे-धीरे करना होगा। अचानक से कैफीन के सेवन को रोक देना, सिरदर्द (headaches) और चिड़चिड़ा (irritable) का कारण बन सकता है।
अपनी खुराक को सही करें (Adjust your diet)
मैग्नीशियम (magnesium) और पोटेशियम (potassium) जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर में मांसपेशियों की गतिविधि को विनियमित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन से आंख में फड़फड़ाहट हो सकती है। डॉक्टर आप में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट करवा सकता है।
अगर आपको आंख में फड़फड़ाहट इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के कारण होती है तो आपको इस समस्या को दूर करने हेतु नीचे दी गई खाद्य सामग्रियों का सेवन भरपूर मात्रा में करना होगा:
- फल और सब्जियां
- साबुत अनाज
- फलियां
- नट्स
- दूध
ये सभी खाद्य पदार्थ मैग्नीशियम (magnesium) और पोटेशियम (potassium) जैसे आवश्यक इलेक्ट्रोलाइट्स के अच्छे स्रोत होते हैं। फोर्टिफाइड ब्रेकफास्ट अनाज भी आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों का भरपूर स्रोत होता है और आपको किसी भी प्रकार के पोषक असंतुलन से निपटने में मदद कर सकता है।
भरपूर नींद लेना (Get more sleep)
थकावट और थकान आमतौर पर मांसपेशियों की ऐंठन के साथ जुड़ी होती है। अपनी नींद में सुधार करने और शरीर को आराम देने की प्राथमिकता से, आप आंखों के फड़कने को कम कर सकते हैं।
अपनी नींद को कैसे सुधारे (
) पर कुछ उपयोगी सलाह जानिए।