प्लास्टिक सर्जरी (plastic surgery)

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प्लास्टिक सर्जरी क्या है? (What is plastic surgery?)

प्लास्टिक सर्जरी, सर्जरी की वह शाखा है जहाँ बीमारी, चोट, सर्जरी या पैदा होने के साथ आई असामान्यता के कारण चोटिल ऊतकों (टिश्यु) और त्वचा को सुधारने और फिर से बनाने में विशेषता हासिल होती है।

प्लास्टिक सर्जरी (plastic surgery) का मुख्य उद्देश्य टिशू (tissue) के कार्यों को सुधारना और त्वचा को जितना संभव हो सके उतना सामान्य बनाना होता है। शरीर के हिस्सों के बनावट को सुधारना महत्वपूर्ण काम है लेकिन प्लास्टिक सर्जरी का सेकेंडरी लक्ष्य है।

प्लास्टिक सर्जरी का इस्तेमाल कब होता है? (When plastic surgery is used?)

प्लास्टिक सर्जरी (plastic surgery) का इस्तेमाल निम्न स्थितियों को ठीक करने के लिए किया जाता है:

  • जन्म दोष के कारण होने वाली असामान्यता जैसे कि क्लेफ्ट लिप एंड पैलेट (
    cleft lip and palate
    ), जुड़ी हुई उँगलियाँ, पैदाइशी निशान (
    birthmarks
    )
  • कैंसर युक्त टिशू (cancerous tissue) के कारण चोटिल जगह जैसे कि चेहरा और स्तन (breast)
  • गंभीर रूप से जलना (extensive
    burns
    ) या अन्य चोट जैसे मोटर वाहन दुर्घटना के दौरान

प्लास्टिक सर्जरी (plastic surgery) जन्मजात असामान्यता, चोट या बीमारी के लिए सर्जरी करके व्यक्ति के आत्म सम्मान और आत्म विश्वास को सुधारने में सहायता कर सकता है

प्लास्टिक सर्जरी (plastic surgery) क्यों की जाती है
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प्लास्टिक सर्जरी तकनीक (plastic surgery techniques)

प्लास्टिक सर्जरी (plastic surgery) में बहुत सी तकनीक का इस्तेमाल होता है जो आपकी अवस्था पर निर्भर करता है। यहां पुनःनिर्माण प्रणाली के तीन मुख्य समूह हैं।

  • स्किन ग्राफ्ट (skin graft): एक प्रकिया जिसमें शरीर के अप्रभावित क्षेत्र की स्वस्थ त्वचा को ज़ख्मी या खत्म हो चुकी त्वचा से बदला जाता है। ग्राफ्ट को जीवित रखने के लिए ग्राफ्टेड जगह पर निर्भर रखा जाता है।
  • स्किन फ्लैप सर्जरी (skin flap surgery): एक प्रक्रिया जिसमें शरीर के एक हिस्से से जीवित टिशू (living tissue) को धमनियों के साथ दूसरी जगह भेजा जाता है जो इसे जीवित रखती है। इसे फ्लैप सर्जरी कहते हैं क्योंकि आमतौर पर जब इसे पुनर्निर्धारित करते हैं तब स्वस्थ टिशू (healthy tissue) आंशिक रूप से शरीर से जुड़ा होता है
  • टिशू एक्सपेंशन (tissue expansion): एक प्रक्रिया जो आसपास के टिशू को खींच कर अतिरिक्त त्वचा विकसित करती है। फिर यह अतिरिक्त त्वचा प्रभावित जगह के पुननिर्माण में मदद करती है।

इन मुख्य तकनीकों के अलावा प्लास्टिक सर्जन (plastic surgeon) अन्य प्रणालियों जैसे कि वैक्यूम क्लोजर (vacuum closure) (जिसमें बेहतर इलाज के लिए जख्म में जीवाणुरहित झाग के टुकड़े (sterile piece of foam) के माध्यम से खिंचाव पैदा किया जाता है।) कैमोफ्लैग मेकअप (camouflage make up) या क्रीम और प्रोस्थेटिक यंत्र जैसे कि बनावटी अंग (artificial limb) का इस्तेमाल करते हैं।

प्लास्टिक सर्जरी कैसे करते हैं
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खतरे (Risks)

अन्य किस्म की सर्जरी की तरह ही प्लास्टिक सर्जरी (plastic surgery) के साथ भी जटिलताएँ हैं। खतरे का स्तर कई कारकों जैसे सर्जरी किस जगह हो रही है, सर्जन के अनुभव का स्तर, प्रक्रिया और जिस व्यक्ति की सर्जरी होनी है उसका स्वास्थ्य वगैरह पर निर्भर होता है।

कुछ प्रक्रियाओं में विशेष खतरे होते हैं लेकिन सामान्य खतरों में संक्रमण, निशान, खून की आपूर्ति रुकने के कारण पुननिर्मित त्वचा की जगह का असफल होना शामिल होता है।

प्लास्टिक सर्जरी की संभावित जटिलताओ
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प्लास्टिक सर्जरी में क्या शामिल है?

प्लास्टिक सर्जरी में शरीर के ऊतकों को हटाने या बदलने के लिए कई अलग-अलग तकनीक शामिल हो सकती हैं।

प्लास्टिक सर्जरी करवाने से पहले आपको प्लास्टिक सर्जन (plastic surgeon) से सलाह लेनी चाहिए। वे आपको स्पष्ट रूप से समझाएंगे कि सर्जरी के पहले, सर्जरी के दौरान और उसके बाद क्या होगा। आपको मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन (psychological assessment) देना पड़ सकता है।

प्लास्टिक सर्जरी (plastic surgery) को स्किन ग्राफ्ट (skin graft) नामक प्रक्रिया तक ही सीमित रखा जाता था, लेकिन इन दिनों टिशू विस्तार (tissue expansion) और फ्लैप सर्जरी (flap surgery) जैसी नई तकनीकों का अक्सर उपयोग किया जाता है। इन तकनीकों पर नीचे अधिक विस्तार से चर्चा की गई है।

स्किन ग्राफ्ट (skin graft)

स्किन ग्राफ्ट (skin graft) एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें शरीर के अप्रभावित क्षेत्र से स्वस्थ त्वचा को हटाकर चोटिल या खत्म हो चुकी त्वचा पर लगाते हैं।

हड्डियों के फ्रैक्चर जिसमें त्वचा फट जाती है (open fracture), बड़े घाव (large wound), कैंसर, जलने या कटे-फटे होंठ (cleft lip palate) की स्थिति में त्वचा की जगह को सर्जिकल विधि से हटाने में स्किन ग्राफ्ट (skin graft) का इस्तेमाल किया जा सकता है।

दो मुख्य तरह के स्किन ग्राफ्ट (skin graft) होते हैं:

  • अ फुल थिकनेस स्किन ग्राफ्ट (a full thickness skin graft): जहां त्वचा की ऊपरी परत एपिडर्मिस (epidermis) और त्वचा के अंदर की सारी परत को हटा देते हैं और जगह को टांके से बन्द कर दिया जाता है। आमतौर पर गर्दन, कान के पीछे, या हाथ के अंदर वाले हिस्से से त्वचा के छोटे हिस्से को निकाला जाता है
  • a partial or split thickness skin graft: जहां एपिडर्मिस (epidermis) और डर्मिस (dermis) के छोटे हिस्से को हटाया जाता है और जगह को बिना टांका लगाए ठीक होने के लिए छोड़ देते हैं त्वचा को आमतौर पर जांघ (thighs), कूल्हे (buttock) या ऊपरी हाथ से लिया जाता है।

प्रक्रिया से पहले आपको

सामान्य एनेस्थेटिक
(general anaesthetic) या
लोकल एनेस्थेटिक
(local anaesthetic) दिया जाएगा जो किस जगह का इलाज करना है उसपर निर्भर करता है।

आप प्रक्रिया के बाद घर जाने के लायक हो सकते हैं या आपको असपताल में रुकने की ज़रूरत पड़ सकती है। यह प्रभावित जगह के आकार और स्थान पर निर्भर करता है।

स्किन ग्राफ्ट (skin graft) आमतौर पर टांके, स्टेपल, क्लिप या विशेष गोंद का उपयोग करके किया जाएगा। इस क्षेत्र को एक जीवाणुरहित ड्रेसिंग द्वारा तब तक के लिए ढंक दिया जाएगा जब तक कि यह ठीक न हो जाए और खून की आपूर्ति से जुड़ न जाए। इसमें आमतौर पर पांच से सात दिन लगते हैं।

किसी भी प्रकार के संक्रमण से रक्षा में मदद के लिए उस जगह पर भी पट्टी की जाएगी जहां से त्वचा ली गयी है। डोनर एरिया के पार्शियल थिकनेस स्किन ग्राफ्ट (partial thickness skin graft) के आमतौर पर ठीक होने में लगभग दो सप्ताह लग सकते हैं। फुल थिकनेस स्किन ग्राफ्ट (full thickness skin graft) के लिए डोनर एरिया को ठीक होने में लगभग पांच दिन लगते हैं।

स्किन ग्राफ्ट (skin graft) करवाने के बाद स्किन ग्राफ्ट (skin graft) की जगह (जहां से त्वचा ली गयी है) पर असहज महसूस होना बेहद सामान्य है। किसी प्रकार के दर्द या असहजता में आराम के लिए दर्दनिवारक का इस्तेमाल करने की सलाह दी जा सकती है।

जब आप घर आते हैं, तो प्रभावित क्षेत्र के ठीक होने लिए आपको जितना हो सके उतना आराम करने की सलाह दी जा सकती है। यह स्किन ग्राफ्ट (skin graft) की जगह और आप किस तरह का काम करते हैं इसपर निर्भर करता है। आपको काम से छुट्टी लेने की सलाह दी जा सकती है।

ऊतकों का विस्तार करना (tissue expansion)

टिशू एक्सपेंशन (tissue expansion) एक प्रक्रिया है जिसमें आसपास के टिशू को खींचकर शरीर को अतिरिक्त त्वचा विकसित करने में सक्षम किया जाता है। फिर यह अतिरिक्त त्वचा पास की जगह के पुननिर्माण में मदद करती है।

उदाहरण के लिए स्तन के पुननिर्माण और बड़े घाव को ठीक करने के लिए टिशू एक्सपेंशन (tissue expansion) का इस्तेमाल होता है।

इस तकनीक में ठीक होने वाली जगह के करीब की त्वचा के अंदर एक गुब्बारेनुमा यंत्र जिसे एक्सपेंडर (expander) कहते हैं डाला जाता है। फिर इसे धीरे-धीरे नमक के पानी से भरा जाता है जो समय के साथ त्वचा के फैलने और बढ़ने का कारण बनता है।

एक्सपेंडर (expander) को अंदर डालने वाला ऑपरेशन लोकल या सामान्य एनेस्थेटिक से करते हैं।

टिशू एक्सपेंशन में लगने वाला समय अलग-अलग हो सकता है और ज़्यादातर ठीक होने वाली जगह के आकार पर निर्भर करता है। अगर त्वचा का बड़ा क्षेत्र शामिल है तो पर्याप्त त्वचा के बढ़ने में तीन से चार महीने का समय लग सकता है। इस दौरान एक्सपेंडर (expander) आपकी त्वचा में उभार बना सकता है।

एक बार जब त्वचा फैल जाती है तो एक्सपेंडर (expander) को हटाने और नए टिशू (tissue) को दूसरी जगह लगाने के लिए दूसरे ऑपरेशन की ज़रूरत पड़ती है।

इस तकनीक में यह सुनिश्चित किया जाता है कि ठीक हुए क्षेत्र की त्वचा का रंग और बनावट (texture) आसपास के क्षेत्र के समान है। यहां खून की आपूर्ति त्वचा से जुड़ी होती है जिससे सुधार के असफल होने की बेहद कम संभावना होती है। ज़्यादा जानकारी के लिए

प्लास्टिक सर्जरी की जटिलताओं
को देखिये।

फ्लैप सर्जरी (flap surgery)

फ्लैप सर्जरी (flap surgery) में जीवित टिशू (tissue) को इसे जीवित रखने वाली शिराओं के साथ शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से ले जाया जाता है।

फ्लैप सर्जरी (flap surgery) कई विभिन्न कारणों के लिए इस्तेमाल की जा सकती है। जिसमें ब्रेस्ट पुनर्निर्माण (breast reconstruction), ओपन फ्रैक्चर (open fracture), बड़े घाव और कटे-फटे होंठ (cleft lip and palate) को सुधारना शामिल है।

ज़्यादातर मामलों में त्वचा आंशिक रूप से शरीर से जुड़ी होती है और एक फ्लैप (dalo) का निर्माण करती है। फिर फ्लैप का स्थान बदल कर चोटिल जगह पर टांके लगा दिए जाते हैं।

कभी-कभी फ्री फ्लैप (free flap) नाम की तकनीक का इस्तेमाल होता है। इसमें त्वचा के एक हिस्से और उसमें खून की आपूर्ति करने वाली शिराओं को खून के मूल स्रोत से अलग कर नई जगह पर जोड़ा जाता है। खून की बारीक शिराओं को नई जगह पर जोड़ने के लिए माइक्रोसर्जरी (माइक्रोस्कोप का उपयोग करके होने वाली सर्जरी) नामक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।

फ्लैप के स्थान और आकार के आधार पर, ऑपरेशन को सामान्य या लोकल एनेस्थेटिक के इस्तेमाल से किया जा सकता है।

फ्लैप सर्जरी में प्रभावित क्षेत्र में खून की आपूर्ति को बनाए रखा जाता है इसलिए स्किन ग्राफ्ट की अपेक्षा इसके असफल होने की संभावना कम होती है।

प्लास्टिक सर्जरी कब आवश्यक होती है?

प्लास्टिक सर्जरी का इस्तेमाल जन्मजात दोष को ठीक करने के लिए या चोट या बीमारी से चोटिल टिशू और त्वचा को सुधारने के लिए करते हैं।

यहां बहुत सी अलग-अलग परिस्थितियां है जहां प्लास्टिक सर्जरी (plastic surgery) की ज़रूरत पड़ सकती है और कई प्रकार के सर्जिकल प्रक्रियाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है ।

जन्मजात स्थितियां (Conditions present from birth)

प्लास्टिक सर्जरी (plastic surgery) का इस्तेमाल जन्म से उपस्थित दोष को ठीक करने के लिए किया जा सकता है जिसमें ये शामिल है :

  • कटे-फटे होंठ (
    cleft lip and palate
    ): जन्म दोष जो ऊपरी होंठ और मुँह के तालु (palate) को प्रभावित करता है।
  • पैदाइशी निशान (
    birthmarks
    ): पोर्ट वाइन के दाग (port wine strains) और हेमांगीओमास (haemangiomas) शामिल होते हैं - ये कैपिलरी (capillaries), नसों (veins) और धमनियों (arteries) के बिगड़ने के कारण होते हैं।
  • craniosynostosis
    : खोपड़ी के साथ होने वाली एक दुर्लभ समस्या जो बच्चे के असमान्य सिर के साथ जन्म लेने का कारण बनती है।
  • हाइपोस्पाडिआस (hypospadias): मूत्रमार्ग (urethra) का खुलना। एक ट्यूब जो मूत्राशय से लिंग तक पेशाब को ले जाता है। यह लिंग के अंदर होता है।

अवस्थाएं जो जन्म के बाद विकसित होती हैं (Conditions that develop later in life)

प्लास्टिक सर्जरी (plastic surgery) का इस्तेमाल जन्म के बाद विकसित होने वाली समस्याओं के कारण चोटिल टिशू तो सुधारने और पुननिर्मित करने के लिए किया जाता है। जैसे,

  • कैंसर (cancer): स्तन या चेहरे जैसी जगहों से कैंसरयुक्त टिशू (cancerous tissues) हटाने के बाद रूप को सुधारने या त्वचा की मरम्मत के लिए करते हैं।
  • चोट (trauma): गंभीर फ्रैक्चर जैसे कि त्वचा के फटने वाली चीजों, या एक गंभीर घाव (उदाहरण के लिए, एक जानवर के काटने से) के कारण चोटिल टिशू (tissue) की मरम्मत करना।
  • संक्रमण (infection): मृत टिशू को हटाने और आसपास के क्षेत्र की मरम्मत के लिये।
  • गंभीर रूप से जलने पर (extensive
    burns
    ): चोटिल त्वचा की मरम्मत और रूप को सुधारने के लिये।

अन्य अवस्थाएँ जैसे कि : ऑस्टियोअर्थराइटिस (osteoarthritis), रूमेटाइड अर्थराइटिस (

rheumatoid arthritis
), कार्पल टनल सिंड्रोम (
carpal tunnel syndrome
), वेनस अल्सर (
venous ulcers
), प्रेशर अल्सर (
pressure ulcers
) और फेशियल पाल्सी जैसे कि बेल्स पाल्सी (
Bell's palsy
)

आत्म सम्मान (self esteem)

चोट और बीमारी के कारण होने वाली शारीरिक क्षति की मरम्मत के साथ-साथ पुनर्निर्माण सर्जरी से व्यक्ति के आत्मविश्वास, आत्म-सम्मान और जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार हो सकता है।

पलास्टिक सर्जरी कैसे की जाती है
इस बारे में और पढ़ें।

प्लास्टिक सर्जरी की जटिलताएँ

अन्य सर्जरी की तरह ही प्लास्टिक सर्जरी में भी खतरे और जटिलताएं होती हैं।

जोखिम का स्तर सर्जरी की जगह, सर्जन के अनुभव और मरीज के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।

प्लास्टिक सर्जरी की जटिलताओं में ये शामिल हो सकते हैं

  • खून निकलना (bleeding) जो अगर गम्भीर है तो
    खून चढ़ाने
    की ज़रूरत पड़ सकती है।
  • दर्द और असहजता जिसमें कुछ दिनों के लिए दर्द निवारक की ज़रूरत पड़ सकती है।
  • संक्रमण (infection) जिसमें
    एंटीबायोटिक
    या सर्जरी की ज़रूरत पड़ सकती है
  • निशान (scars): जहां सर्जरी के दौरान चीरे लगाए गए थे वहां
    निशान
    हो सकते हैं। हालांकि ये समय के साथ गायब हो जाते हैं।
  • इम्प्लांट की असफलता (implant failure): अगर सर्जरी के दौरान प्रत्यारोपण (implant) का इस्तेमाल होता है तो इसके रिसाव या आकार बदलने की स्थिति पैदा हो सकती है। ऐसी स्थिति में इसे बदलने के लिए अगली सर्जरी की ज़रूरत पड़ सकती है।
  • स्किन ग्राफ्ट (skin graft) या फ्लैप असफलता (flap failure): अगर जगह पर खून की आपूर्ति बंद हो जाती है तो स्किन ग्राफ्ट (skin graft) या फ्लैप (flap) खत्म हो सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो पुनर्निर्माण सर्जरी (reconstructive surgery) से पहले इसे हटाने के लिए अगली सर्जरी की ज़रूरत पड़ सकती है।

आप खास अपनी प्लास्टिक सर्जरी (plastic surgery) से जुड़े खतरों के लिए अपने सर्जन से बातचीत कर सकते हैं।

अगर आपको सर्जिकल प्रकिया से ठीक होने में कोई परेशानी जैसे कि दर्द, सूजन, रिसाव या कोई और अप्रत्याशित प्रभाव हो तो तुरंत अपने सर्जन, डॉक्टर या हेल्थ केयर टीम से बात करें।

महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।