बलात्कार और यौन शोषण के बाद मदद

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अगर आप यौन हमले का शिकार हुए हैं, भले ही आप वयस्क हों या कोई उम्र में कम, तो इस बात का जरूर ध्यान रखना जरूरी है कि इसमें आपकी कोई गलती नहीं थी। यौन हिंसा एक अपराध है, यह मायने नहीं रखता कि यह किसने किया या यह कहां हुआ। इसमें मदद लेने में हिचकिचाएं नहीं ।

यौन हमला क्या है ?

किसी भी तरह की यौन क्रिया, जिसमें व्यक्ति की सहमति न हो अथवा, जबरन की गई हो, वह यौन हमला है। यह एक तरह की यौन हिंसा है और इसमें बलात्कार शामिल है (एक ऐसा शोषण जिसमें योनि, गुदा या मुख में लिंग प्रवेश करना शामिल है) या अन्य यौन अपराध, जैसे किसी महिला को अंधेरे में जबरन छूना , जबरन चूमना , बाल यौन शोषण या व्यक्ति का यौन आधारित उत्पीड़न। 

यौन हमला एक ऐसा कृत्य है जो पीड़ितों की सक्रिय सहमति के बिना किया जाता है। इसका मतलब वे इसके लिए सहमत नहीं थे।

यौन उत्पीड़न के शिकार शख्स के लिए असामान्य नहीं है कि हमले में उसके शरीर पर कोई चोट का निशान न हो। लेकिन यौन उत्पीड़न फिर भी एक अपराध है और उसे पुलिस में वैसे ही दर्ज किया जा सकता है जैसे दूसरे अपराधों को किया जाता है।

अधिकांश यौन अपराधों को अंजाम देने वाला पीड़ित का परिचित ही होता है। यह साथी, पूर्व साथी, संबंधी, दोस्त या सहयोगी हो सकता है। उत्पीड़न कई स्थानों में हो सकता है, लेकिन अक्सर उत्पीड़न पीड़ित के घर या दोषी शख्स के घर(व्यक्ति जिसने उत्पीड़न किया है) पर होता है।

विशेषज्ञों के अनुसार -यौन हिंसा अथवा उत्पीड़न, पुरुषों, महिलाओं और बच्चों में से किसी का, किसी भी उम्र में हो सकता है। पीड़ित के लिए, यौन उत्पीड़न की सीमा, इस बात का संकेत नहीं है कि वे कितना परेशान महसूस करते हैं, या वे कितना अपमानित महसूस करते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हर प्रभावित पीड़ित को सही सलाह और समर्थन मिले। 

यदि आपके साथ यौन उत्पीड़न हुआ है

यदि आपके साथ यौन उत्पीड़न/हमला हुआ है तो ऐसी कई सेवाएं हैं जो आपकी मदद कर सकती हैं। अगर आप इस यौन शोषण की शिकायत पुलिस में नहीं करना चाहते , तो ये आपके ऊपर है। आपको यह सोचने के लिए समय की जरूरत पड़ सकती  है कि आपको साथ क्या हुआ है। हालांकि, जितनी जल्दी हो सके मेडिकल सहायता प्राप्त करने पर विचार करना चाहिए , क्योंकि आपको गर्भावस्था या यौन संक्रमित संक्रमण ’एसटीआइ(STI)’ का खतरा हो सकता है। यदि आप चाहते हैं कि अपराध की जांच हो, तो जल्द ही एक फोरेंसिक चिकित्सा परीक्षा करवाना बेहतर है।

इस बात की कोशिश करें कि यौन उत्पीड़न के एकदम बाद अपने कपडों को न बदलें , न ही धोएं। इससे फोरेंसिक सबूत मिट सकते हैं। ये आपके साथ हुए उत्पीड़न की रिपोर्ट पुलिस में करने लिए अहम हो सकते हैं ।

निम्नलिखित सेवाएं आपको उपचार या सहायता प्रदान करने में सक्षम होंगी। अगर आपको विशेषज्ञ से मदद की आवश्यकता है, तो ऐसे में आपके लिए अन्य सेवाओं की सिफारिश की जा सकती है । 

  • एक डॉक्टर या प्रैक्टिस नर्स की 
  • स्वयंसेवी संगठन
  • अस्पताल दुर्घटना और आपातकालीन विभाग
  • सेक्सुअल हेल्थ क्लीनिक 
  • एक गर्भनिरोधक क्लीनिक 
  • युवा लोगों की सेवा केंद्र
  • पुलिस

फोरेंसिक मेडिकल जांच

यदि आप यौन उत्पीड़न की शिकार हैं, तो आपको फोरेंसिक मेडिकल जांच करवाने की जरूरत नहीं है। हालांकि, अगर मामला कोर्ट में जाता है तो यह एक उपयोगी सबूत हो सकता है। 

आप किसी भी स्तर पर फोरंसिक मेडिकल जांच करवाने का फैसला ले सकती हैं। हालांकि जितना जल्दी आप इस पर फैसला लेंगी , सबूत इकठ्ठा करने के अवसर उतने ज्यादा होंगे। अगर , उत्पीड़न 7 दिन से पहले हुआ है, तब भी विशेषज्ञ से सलाह या पुलिस से फोरंसिक मेडिकल जांच करवाइ जा सकती है।

फॉरेंसिंक मेडिकल जांच अक्सर किसी विशेष स्वास्थ्य केंद्र या पुलिस कक्ष में की जाती है। यह जांच यौन उत्पीड़न फोरेंसिक में विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉक्टर या नर्स के द्वारा की जाती है।

डाक्टर या नर्स, आपके स्वास्थ्य से जुड़ा कोइ भी सवाल पूछ सकते हैं- उदाहरण के तौर पर उत्पीड़न या कोई नई यौन गतिविधि के बारे में । वे जहां कहीं भी आपको चूमा गया हो , छूआ गया या किसी भी चीज को अंदर डाला गया हो, वहां से नमूने लेंगे। वे खून और मूत्र के नमूने लेंगे और कभी कभी बालों के भी, जो आपकी सूचना पर निर्भर करता है। इसके साथ ही कुछ कपड़ों और अन्य सामान को अपने पास रखेंगें । 

अगर आपने यह निर्णय नहीं लिया है कि पुलिस को इस मामले में शामिल किया जाए या नहीं, ऐसी स्थिति में फोरेंसिक मेडिकल सबूत, जो इकट्ठे किए गए हैं, उन्हें संभाल कर रखकर, आपको समय दिया जाएगा कि आप यह सुनिश्चित कर सकें कि आपको उत्पीड़न की शिकायत पुलिस में करनी है या नहीं । एक वकील , जो व्यावहारिक और भावनात्मक समर्थन भी प्रदान करेगा, चाहे आप पुलिस को शामिल करना चाहते हों या नहीं।

यदि आपने इसकी पुलिस में रिपोर्ट करने का फैसला ले लिया है, तो यौन उत्पीड़न के पीड़ितों के समर्थन में एक प्रशिक्षित पुलिस अधिकारी आपसे बात करेगा। वह यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि आप समझ सकें, हर स्तर पर क्या हो रहा है।

पुलिस उत्पीड़न की जांच करेगी। इसमें वह आपकी फोरेंसिक मेडिकल जांच करने के साथ ही आपके बयान लेगी कि क्या हुआ था। पुलिस अपनी छानबीन को फोरेंसिक रिपोर्ट के साथ अभियोजना सेवा को देगी, जो तय करेंगे कि केस कोर्ट में ट्रायल के लिए जाएगा या नहीं।

गोपनीयता 

जहां तक हो सकेगा , आपकी जानकारियों को गोपनीय रखा जाएगा। हालांकि, उत्पीड़न से जुड़ी कोई पुलिस जांच या उत्पीड़न से जुड़ा कोई आपराधिक अभियोग हो, तो इससे जुड़ी किसी भी सामग्री का खुलासा किया जा सकता है।इसका मतलब यह है कि उसको कोर्ट में प्रस्तुत किया जा सकता है।

अगर कोई तहकीकात या अभियोग नहीं है, तब आपकी अनुमति के बगैर आपकी जानकारी अन्य सेवाओं के साथ साझा नहीं की जाएगी। जब तक कि आपको या किसी और को इससे गंभीर नुकसान के खतरे की आशंका है।

यौन उत्पीड़न से पीड़ित व्यक्ति का समर्थन करना

  • जिसका यौन उत्पीड़न हुआ हो उसके रिश्तेदारों और दोस्तों को इस मामले में सलाह दी जाती है कि आपको कैसी मदद करनी हैः
  • उन्हें आलोचना ना करें , उन्हें दोष ना दें। यौन उत्पीड़न में पीड़ित की गलती नहीं है।
  • उस व्यक्ति की बात सुनें, लेकिन उससे उत्पीड़न के बारे में विस्तार से नहीं पूछें। नहीं पूछें कि क्यों उन्होंने इसे रोका नहीं। इससे वह महसूस कर सकता है कि आप उसे दोष दे रहे हैं।
  • व्यावहारिक मदद दें, जैसे अप्पोईनमेंट्स में उनके साथ जाएं।
  • उसके निर्णयों का आदर करें - उदाहरण के तौर पर, वे पुलिस को उत्पीड़न की सूचना देना चाहते हैं या नहीं इसमें।
  • ध्यान रखें कि वे अपने को छूना पसंद नहीं करेंगे। यहां तक कि गले लगना भी उन्हें परेशान कर सकता है। इसलिए पहले पूछ लें। यदि आप उनके साथ यौन संबंध रखते हैं, इस बात से सावधान रहें कि उनके लिए सेक्स डर का कारण बन सकता है, इसलिए उस पर सेक्स करने के लिए दबाव न डालें। 
  • उससे यह न कहें कि वह उत्पीड़न को भूल जाएं। उन्हें अपनी भावनाओं और अनुभवों से उबरने में कुछ समय लग सकता हैं। आप शांति से उन्हें सुन कर उनकी मदद कर सकते हैं।

महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।