कभी-कभार कार्यस्थल पर थोड़ा बहुत तनाव अच्छा रहता है, लेकिन अधिक होने पर यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। यूके में लगभग 500,000 लोग कार्य संबंधित तनाव (work-related stress) से जूझते हैं जो उन्हें बहुत ज्यादा बीमार बना देते हैं।
तनाव से डील करने के हमारे तरीके, हमेशा स्वास्थ्यवर्धक नहीं होते हैं। एक यूके सर्वे से पता चला है कि 5 में से 3 लोग काम के बाद शराब का सेवन करते हैं जबकि कुछ लोग धूम्रपान (smoking), नींद की गोलियों (sleeping pills) या अवसादरोधी (एंटीडिप्रेसेंट antidepressants)) लेना शुरू कर देते हैं।
ऐसे में महसूस हो सकता है कि अब कोई रास्ता नहीं बचा है, विशेषकर अगर नौकरी छोड़ना विकल्प नहीं है। हालांकि, कुछ ऐसे चरण हैं जिनके माध्यम से आप तनाव को सफलतापूर्वक प्रबंधित करना सीख सकते हैं और शायद यह आपकी कार्य स्थिति को भी सुधार दे।
कार्यस्थल पर तनाव के स्रोत (Sources of stress at work)
उच्च अपेक्षाएं आपको बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित कर सकती हैं, लेकिन अधिक दबाव आपको तनाव (stress) की ओर ले जा सकता है। कार्यस्थल पर तनाव (stress) निम्नलिखित कारणों से हो सकता है:
- काम के बोझ तले दब जाना
- काम समाप्त करने की बहुत कम समय सीमा
- अपने कार्य को लेकर निश्चित नहीं होना
- आपके पद के हिसाब से गलत योग्यता
- सहकर्मियों के साथ अच्छे संबंध न होना
- प्रबंधन में कमियाँ
- अपने कार्य पर नियंत्रण की कमी
- कार्यस्थल पर शोषण
जीवन के अन्य हिस्सों में परेशानियां होने से आपके कार्य पर तनाव और बढ़ सकता है।
आप कार्यस्थल पर बहुत अधिक तनाव में हैं तो इसका कैसे पता चलेगा
जब आप कार्यस्थल पर बहुत अधिक तनाव में हों, तो आप अपने सामान्य व्यवहार में परिवर्तन को देख सकते हैं।
नीचे दिए गए प्रश्नों का उत्तर हां या नहीं में दें और देखें कि क्या आपको कार्यस्थल पर तनाव है।
- क्या आपको लगता है कि आप अपने कार्य को बहुत जल्दबाजी में खत्म करते हैं?
- क्या आपका कार्य प्रदर्शन कम होता जा रहा है?
- क्या कार्यस्थल पर आपका मत, सामान्य बातों में भी दूसरों से बिल्कुल भिन्न है?
- क्या आप ज्यादातर लंच करना छोड़ देते हैं या खुद को ब्रेक नहीं देते हैं?
- क्या आपको ऐसा महसूस होता है कि आपको आराम नहीं मिल पा रहा है?
- क्या आप अपने प्रियजनों से दूर होते जा रहे हैं?
- क्या आप अपनी छुट्टियों का उपयोग भी नहीं कर पा रहे हैं?
हर कोई तनाव होने पर अलग प्रकार से प्रतिक्रिया करता है, लेकिन अगर आपको ऊपर दिए गए कार्य-संबंधित तनाव के व्यावहारिक लक्षणों में से कोई भी महसूस होता है तो कार्यस्थल पर कुछ बदलाव लाने की आवश्यकता है। ऐसा करने के लिए डॉक्टर से सलाह लें।
तनाव के दीर्घकालिक प्रभाव (Long-term effects of stress)
बहुत लम्बे समय तक अधिक तनाव (stress) में रहना, मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक थकान का कारण बन जाता है जिसे बर्नआउट (burnout) कहा जाता है। ऐसा होने से आपको थकान महसूस होती है और काम करने में भी मन नहीं लगता है। हो सकता है कि आपको अपनी नौकरी में संतुष्टि भी न मिले। बर्नआउट आपके स्वास्थ्य और कार्यप्रदर्शन को क्षति पहुंचा सकता है इसलिए इससे कैसे निपटा जाए, इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
कार्यशाल पर तनाव से कैसे निपटें (How to deal with stress at work)
कार्य को लेकर होने वाले तनाव (stress) से जूझने के कई तरीके होते हैं जिनमें सचेतन (mindfulness), मेडिटेशन (meditation) और अन्य मन को शांत करने वाली तकनीक (relaxation techniques) होती हैं या आप कुछ समय के लिए थोड़ा ब्रेक भी ले सकते हैं।
सुनिश्चित करें कि आप अपनी जीवनशैली को जितना संभव हो उतना स्वास्थ्यवर्धक रखें। अच्छी नींद लाने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें और संतुलित आहार का सेवन करें। शराब का सेवन (drinking), धूम्रपान (smoking) या ड्रग्स लेने (taking drugs) जैसी कोपिंग मैकेनिज्म (Coping mechanisms) तनाव को और बढ़ा सकती हैं और चीजों को लम्बे समय के लिए और बुरा कर सकती है।
कार्यस्थल पर तनाव को कैसे कम करें (How to reduce stress at work)
रिलैक्स करने वाली तकनीक और स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली, तनाव को रोकने के लिए हमेशा पर्याप्त नहीं होती हैं। कभी-कभार आपको अपनी कार्यशैली या वातावरण को बदलने की आवश्यकता भी पड़ सकती है।
अच्छे नियोक्ता कभी भी आपकी तनावपूर्ण स्थिति को लेकर आपका आकलन नहीं करेंगे और आपकी कंपनी में भी ऐसी नीतियां हो जिससे तनाव से निपटने में मदद मिले। आपका प्रबंधक (मैनेजर) आपको समर्थन प्रदान करने के लिए उत्तरदायी होता है, इसलिए अगर आपको कोई समस्या है तो उन्हें इस बारे में अवगत कराएं। किसी भी प्रकार का शोषण या उत्पीड़न होने पर अपने मानव संसाधन विभाग (human resources department) को इस बारे में सूचित करें ताकि वो इससे निपट सकें।
यदि आपको लगता है कि तनाव से आपकी मानसिक स्थिति पर प्रभाव पड़ रहा है तो अपने डॉक्टर से बात करें। तनाव को दवाइयों से ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन डॉक्टरों को गाइड कर सकता है और कुछ तकनीकों एवं थेरेपी (therapies) की मदद से तनाव को कम करने के तरीके बता सकता है।