सुस्त मनोदशा और अवसाद

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हमारे जीवन में कुछ कठिन घटनाक्रम और अनुभव हमारे उत्साह में कमी या हमारे अवसाद का कारण बन सकते हैं।

यह घटनाएँ- रिश्तों में परेशानी, किसी की मृत्यु, निद्रा संबंधी परेशानी, काम में तनाव, डराना, कोई पुरानी बीमारी या दर्द हो सकता है।

कभी कभी ये भी संभव है कि बिना किसी स्पष्ट कारण के भी आप निराशा महसूस करें।

निराशा और अवसाद के बीच क्या अंतर है?

एक सामान्य निराशा में शामिल हैं

  • उदासी
  • व्याकुलता या घबराहट महसूस होना
  • चिंता
  • थकावट
  • आत्म सम्मान में कमी
  • चिड़चिड़ापन
  • गुस्सा

हालांकि निराशा कुछ दिनों या कुछ हफ्तों में ठीक हो जाती है।

अपने जीवन में कुछ छोटे-मोटे बदलाव करके, जैसे कि मुश्किल समस्या को सुलझाना, अपनी परेशानी के बारे में बात करना या अधिक नींद लेकर भी आप अपनी मनोदशा को सुधार सकते हैं।

वो निराशा जो जाने का नाम न ले रही हो अवसाद का लक्षण हो सकती है । अवसाद के लक्षणों में ये भी शामिल हैं:

  • निराशा का दो सप्ताह से अधिक तक रहना
  • जीवन में कोई रोचकता ना रहना
  • निराशाजनक महसूस करना
  • थका हुआ महसूस करना या ऊर्जा की कमी महसूस होना
  • रोज़मर्रा के कामों में ध्यान लगाने में असमर्थता जैसे कि अखबार पढ़ने या टीवी देखने में
  • भूख ना लगना या मनपसंद खाना ज्यादा खाना
  • आमतौर पर निर्धारित समय से ज्यादा सोना या सोने में असमर्थ रहना
  • आत्महत्या के ख्याल या खुद को हानि पहुंचाने के ख्याल आना

अवसाद के लक्षणों के बारे में और पढ़ें

अवसाद आपके जीवन के कुछ खास समय में भी आ सकती है, जैसे कि सर्दियों के महीनों में (seasonal affective disorders या SAD) और बच्चे को जन्म देने के बाद (postnatal depression)

खराब मनोदशा या निराशा के लिए कब मदद ले

चाहे कोई भी कारण हो, यदि नकारात्मक एहसास ना जा रहा हो, आप चीज को संभाल नहीं पा रहे हों या कोई चीज जो आपको सामान्य जीवन जीने से रोक रही हो, इसके बचाव के लिए आपको कुछ बदलाव करने की आवश्यकता होगी। इतना ही नहीं कुछ अधिक प्रयास करने की भी जरूरत होगी।

बावजूद इसके आप कुछ हफ्तों तक निराश ही महसूस करते हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें। डॉक्टर आपके लक्षणों के बारे में आपसे चर्चा करेंगे और इलाज का सुझाव देंगे।

किस प्रकार की मदद उपलब्ध है

यदि आप अवसाद से ग्रस्त हैं तो आपका डॉक्टर आपसे हर प्रकार के उपलब्ध इलाज के बारे में चर्चा करेगा, जिनमें शामिल है-स्वयं सहायता, बातचीत द्वारा इलाज और एंटीडिप्रेसेंट (antidepressant) दवाएँ।

स्वयं सहायता

चाहे आप अवसाद से ग्रस्त हों या अपने आप को कुछ समय से मायूस महसूस कर रहे हों, स्वयं सहायता की कुछ तकनीकों का प्रयोग करना फ़ायदेमंद रहेगा।

जीवन में बदलाव करना, जैसे कि रोज़ाना रात में अच्छी नींद लेना, पौष्टिक आहार लेना, शराब पीने की मात्रा को कम करना और रोज़ाना व्यायाम करना आपको अपने में संयम बनाने और चीजों को करने की क्षमता रखने में मदद करेगा।

स्वयं सहायता की तकनीकों में शामिल है- ध्यान केंद्रित करना, श्वास क्रिया का व्यायाम और यह सीखना की समस्याओं को दूसरी दृष्टि से कैसे देखें। स्वयं सहायता की किताबें और ऑनलाइन परामर्श भी बहुत प्रभावशाली साबित हो सकता है।

यदि आपके डॉक्टर ने आपको एंटीडिप्रेसेंट (antidepressant) दवाओं की सलाह दी है तो आपके लिए जरूरी है कि आप उन्हें लेते रहें।

बातचीत की थेरेपी

इसमें बातचीत द्वारा इलाज भी उपलब्ध है। आपके लिए सही इलाज का चयन करने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें, जो आपको विभिन्न प्रकार के टॉकिंग थेरेपीस के बारे में बताएँगे।

कई इलाकों में आप सीधे स्थानीय मनोवैज्ञानिक इलाज संस्था के पास भी जा सकते हैं।

एंटीडिप्रेसेंट(Antidepressant)

अवसादरोधी दवाओं (एंटीडिप्रेसेंट) का प्रयोग सामान्य तौर पर डिप्रेशन का इलाज करने के लिए किया जाता है। इसके कई प्रकार उपलब्ध है।

यदि डॉक्टर आपको अवसादरोधी (antidepressant) दवाओं की सलाह देते हैं, तो वह आपके साथ इसके विभिन्न प्रकारों की चर्चा करेगा और बताएँगे कि आपके लिए सबसे बेहतर क्या है।

अवसादरोधी (Antidepressant) दवाओं के बारे में और जानें

आपको कब तुरंत मदद की जरूरत है:

यदि आपको लगने लगे कि आपकी जिंदगी के कोई मायने नहीं या आप अपने को हानि पहुंचाने की सोचें तो तुरंत मदद के लिए जाएं, अपने डॉक्टर से मिले या तुरंत आपातकालीन विभाग में जाएं।

महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।