गर्भावस्था के दौरान इन खाद्य पदार्थों से बचें (Foods to avoid during pregnancy)

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जब आप गर्भवती हों, तो कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिनसे बचना चाहिए या ख्याल रखना चाहिए क्योंकि ये आपको बीमार कर सकते हैं या आपके बच्चे को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

सुनिश्चित करें कि गर्भावस्था (pregnancy) के दौरान आप इस बात से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य जानते हैं कि आपको कौन से खाद्य पदार्थों (foods) से बचना चाहिए और किन के साथ सावधानी बरतनी चाहिए।

गर्भावस्था में चीज़ खाने से बचना चाहिए (Cheese to avoid in pregnancy)

सफेद पपड़ी के साथ सॉफ्ट चीज़ (Soft cheese with white rinds)

मोल्ड-राइपंड नरम पनीर (एक सफेद परत के साथ चीज़) जैसे कि ब्री और कैमेम्बर्ट ना खाएं। इसमें मोल्ड-राइपंड सॉफ्ट गोट्स चीज़, जैसे कि Chèvre शामिल हैं। ये चीज़ केवल गर्भावस्था में खाने के लिए तभी सुरक्षित हैं जब इसे पकाया गया हो।

सॉफ्ट ब्लू चीज़ (Soft blue cheeses)

आपको सॉफ्ट ब्लू-वेन्ड चीज़ से भी बचना चाहिए जैसे कि Danish blue, गोर्गोन्ज़ोला और roquefort । सॉफ्ट-ब्लू चीज़ गर्भावस्था में खाने के लिए तभी सुरक्षित हैं जब उसे पकाया गया हो।

यह सलाह दी जाती है कि गर्भवती महिलाओं को कुछ प्रकार के सॉफ्ट चीज़ खाने से बचना चाहिए क्योकि ये हार्ड चीज़ की तुलना में कम एसिडिक होते हैं और उनमें अधिक नमी होती है। जिसका अर्थ है कि वे हानिकारक बैक्टीरिया जैसे लिस्टेरिया के बढ़ने के लिए एक आदर्श वातावरण हो सकते हैं।

यद्यपि लिस्टेरिया (लिस्टेरियोसिस) के साथ संक्रमण दुर्लभ है, गर्भावस्था में विशेष सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है- यहां तक ​​कि एक गर्भवती महिला में बीमारी का हल्का रूप भी गर्भपात, स्टिल बर्थ या नवजात में किसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।

यदि आप गर्भवती हैं और आप में लिस्टेरिया संक्रमण के लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत मेडिकल सहायता लें।

गर्भावस्था में खाने के लिए सुरक्षित चीज़ (Cheeses that are safe to eat in pregnancy)

गर्भावस्था में सभी हार्ड चीज़ सुरक्षित हैं। आप हार्ड चीज़ खा सकते हैं, जैसे कि चेडर, पारमेसन और स्टिलटन, भले ही वे अनपॉश्चराइज्ड दूध के बने हों। हार्ड चीज में नरम चीज के जितना पानी नहीं होता है, इसलिए उनमें बैक्टीरिया बढ़ने की संभावना कम होती है। हार्ड चीज़ में लिस्टेरिया होना संभव है, लेकिन जोखिम कम माना जाता है।

सॉफ्ट चीज़, जिसे गर्भावस्था में खाना सुरक्षित है (Soft cheeses that are safe to eat in pregnancy)

मोल्ड-राइपंड सॉफ्ट चीज के अलावा, अन्य सभी नरम प्रकार के पनीर खाने के लिए ठीक हैं, बशर्ते वे पॉश्चराइज्ड दूध से बने हों।

इनमें शामिल हैं-

  • कॉटेज चीज़
  • मोजरेला
  • फेटा
  • क्रीम चीज़
  • पनीर
  • रिकोटा
  • हलूमी
  • गोट चीज़
  • प्रोसेस्ड चीज़, जैसे कि चीज़ स्प्रेड्स

पकी हुई सॉफ्ट चीज़ गर्भावस्था में खाने के लिए सुरक्षित है।

चीज़ को पकाने से उसमें मौजूद किसी भी बैक्टीरिया को खत्म हो जाना चाहिए, इसलिए पका हुए मोल्ड-राइपंड सॉफ्ट चीज़, जैसे कि ब्री, कैमेम्बर्ट और गोट, और पका हुआ सॉफ्ट ब्लू चीज़ जैसे कि Roquefort (फ्रांसीसी पनीर), गोर्गोन्ज़ोला (इटैलियन चीज़) या वो डिशेज़ जिनमें ये होता है, उन्हे खाना सुरक्षित है।

यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि चीज़ पूरी तरह से पक गया हो।

गर्भावस्था में पाते (Pâté in pregnancy)

वेजिटेबल पाते (Pâté) समेत सभी प्रकार के पाते (Pâté) से बचें क्योकि इनमें लिस्टीरिया हो सकता है।

यदि आप गर्भवती हैं तो कुछ कच्चे या आंशिक रूप से पके हुए अंडों से बचें। गैर-मुर्गी के अंडे जैसे बत्तख, हंस और बटेर अंडे को हमेशा अच्छी तरह से पकाया जाना चाहिए।

गर्भावस्था में कच्चा या अधपका मांस खाना जोखिम भरा है।

टॉक्सोप्लास्मोसिस(toxoplasmosis) के संभावित जोखिम के कारण, मीट ज्वाइंट्स और पके हुए स्ट्रेकस रियर समेत अधपके या कच्चे मीट को ना खाएं।

सभी मांस और कुक्कुट (पोल्ट्री) को अच्छी तरह से पकाएं ताकि यह गर्म हो जाए और इसमें गुलाबी या रक्त का कोई निशान न हो - विशेष रूप से मुर्गी, सूअर का मांस, सॉसेज और कीमा बनाया हुआ मांस, इसमें बर्गर भी शामिल है।

हानिकारक कीड़ों के फैलने से बचने के लिए कच्चा मांस तैयार करने के बाद सभी सतहों और बर्तनों को अच्छी तरह से धो लें। कच्चे मांस को छूने या संभालने के बाद अपने हाथों को धोएं और सुखाएं।

टॉक्सोप्लास्मोसिस (toxoplasmosis) परजीवियों के कारण होने वाला एक संक्रमण है जो कच्चे और अधपके मांस, बकरियों के अनपॉश्चाइज़्ड दूध, मिट्टी, बिल्ली के पू, और अनुपचारित पानी में पाया जाता है।

यदि आप गर्भवती हैं, तो संक्रमण आपके बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि गर्भावस्था में टॉक्सोप्लास्मोसिस (toxoplasmosis) बहुत दुर्लभ है।

टॉक्सोप्लास्मोसिस(toxoplasmosis) के अक्सर कोई लक्षण नहीं होते हैं लेकिन अगर आपको लगता है कि आपको इसका खतरा हो सकता है तो अपने डॉक्टर, दाई या प्रसूति रोग विशेषज्ञ से चर्चा करें, अगर आप गर्भावस्था के दौरान संक्रमित हो जाती है तो टॉक्सोप्लास्मोसिस (toxoplasmosis) के लिए उपचार मौजूद है।

गर्भावस्था में कोल्ड मीट से सावधान रहें (Be cautious with cold cured meats in pregnancy)

कई ठंडे मीट, जैसे सलामी, प्रोसिट्यूटो, चोरिज़ो और पेपरोनी, पकाए नहीं जाते हैं, वे ठीक और खमीरयुक्त होते हैं। इसका मतलब ये जोखिम होता है कि इनमें टॉक्सोप्लास्मोसिस (toxoplasmosis) पैदा करने वाले परजीवी हों।

पैक पर दिए गए निर्देशों की जांच करना सबसे अच्छा है ताकि ये पता चल सके कि प्रोडक्ट खाने के लिए तैयार है या पहले उसे पकाने की ज़रूरत है।

रेडी-टू-ईट मीट के लिए, आप इन्हें खाने से पहले घर पर चार दिनों के लिए फ्रीज़ या फरमेंटेड कर किसी भी प्रकार के परजीवी के जोखिम को कम कर सकते हैं। फ्रीजिंग अधिकांश परजीवियों को मारता है और मांस को खाने के लिए सुरक्षित बनाता है।

यदि आप मीट बनाने का प्लान कर रहे हैं - उदाहरण के लिए, पिज्जा पर पेपरोनी - आपको इसे पहले फ्रीज करने की आवश्यकता नहीं है।

यदि आप बाहर एक ऐसे रेस्तरां में भोजन कर रहे हैं, जो ठंडा या फरमेंटेड मीट बेचता है, तो हो सकता है वो फ्रोजन ना हो। यदि आप चिंतित हैं, तो स्टाफ से पूछें या इसे खाने से बचें।

यदि आप गर्भवती हैं, तो पहले से पैक किया हुआ मांस खाना सुरक्षित है

पहले से पैक हुए मीट्स जैसे हैम और कॉर्नड बीफ़ गर्भावस्था में खाने के लिए सुरक्षित हैं। अन्य देशों की कुछ वेबसाइट यह सुझाव दे सकती हैं कि अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो पहले से पैक किए हुए मीट से बचें

लिवर खाना अजन्मे बच्चो को नुकसान पहुंचा सकता है (Liver can harm your unborn baby)

लिवर या लिवर वाले उत्पादों का सेवन न करें, जैसे कि लिवर पाटे, लिवर सॉसेज या हैगिस, क्योंकि इनमें बहुत अधिक विटामिन ए हो सकता है। बहुत अधिक विटामिन ए आपके बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है।

गेम (Game)

गर्भावस्था के दौरान सीसे के छर्रों से शूट किए गए गेम को खाने से बचना सबसे अच्छा है, क्योंकि इसमें लेड के उच्च स्तर हो सकते हैं। वेनसन और सुपरमार्केट में बेचे जाने वाले अन्य बड़े गेम की आमतौर पर खेती की जाती है और इसमें सीसे का स्तर बहुत कम होता है या नहीं होता है। यदि आप सुनिश्चित नहीं हैं कि किसी उत्पाद में लीड शॉट हो सकता है, तो रिटेलर से पूछें।

विटामिन और मछली के तेल के सप्लीमेंट्स (Vitamin and fish oil supplements)

हाई-डोज़ मल्टीविटामिन सप्लीमेंट्स, फिश लिवर ऑयल सप्लीमेंट्स या विटामिन ए युक्त कोई भी सप्लीमेंट्स न लें।

गर्भावस्था में मछली (Fish in pregnancy)

आप गर्भावस्था के दौरान अधिक ज्यादातर सभी प्रकार की मछली खा सकते हैं। मछली खाना आपके स्वास्थ्य के लिए और आपके बच्चे के विकास के लिए अच्छा है, लेकिन आपको कुछ प्रकार की मछलियां खाने से बचना चाहिए और कुछ अन्य की खाने की मात्रा को सीमित करें।

मछली, जिनसे बचना चाहिए (Fish to avoid)

जब आप गर्भवती हों या गर्भवती होने का प्लान कर रहे हों , तो आपको शार्क, स्वोर्डफ़िश या मर्लिन नहीं खाना चाहिए।

मछली जिन्हे बिल्कुल नहीं खाना चाहिए (Fish to restrict)

आपको अपने द्वारा खाए जानी वाली टूना की मात्रा को भी सीमित करना चाहिए:

  • एक हफ्ते में दो टूना के टुकड़े से अधिक नहीं( 140g पका हुआ या 170g कच्चा प्रत्येक) या
  • एक सप्ताह में टूना के चार मध्यम आकार के डिब्बे (लगभग 140 ग्राम जब ड्रेन्ड

ऐसा इसलिए है क्योंकि टूना में अन्य प्रकार की मछलियों की तुलना में अधिक मर्करी होता है। भोजन से मिलने वाले मर्करी की मात्रा ज्यादातर लोगों के लिए हानिकारक नहीं होती है, लेकिन यदि आप गर्भवती हैं तो आपके बच्चे के विकासशील तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकती हैं।

जब आप गर्भवती हो, तो आपको सप्ताह में ऑयली मछलियों के दो हिस्से से अधिक के सेवन से बचना चाहिए, जैसे कि स्यालमन (Salmon), ट्राउट (Trout), मैकेरल(mackerel) और हेरिंग(herring) , क्योंकि इसमें डाइऑक्सिन और पॉलीक्लोराइनेटेड बाइफिनाइल (PCBs) जैसे प्रदूषक शामिल हो सकते हैं।

याद रखें, ताजा टूना एक तैलीय मछली है, इसलिए यदि आप एक सप्ताह में दो ताज़े टूना के टुकड़े खाते हैं, तो आपको उस सप्ताह कोई अन्य तैलीय मछली नहीं खानी चाहिए।

डिब्बाबंद टूना की गिनती ऑयली फिश के रूप में नहीं की जाती है, इसलिए आप इसे ऑयली फिश के दो भागों की अधिकतम मात्रा में खा सकते हैं (जब तक कि यह ताजा टूना नहीं है)।

लेकिन याद रखें कि जब आप गर्भवती हों या गर्भवती होने की कोशिश कर रही हों तो हफ्ते में मध्यम आकार के चार से ज्यादा डिब्बे न खाएं।

मछली जो खाने के लिए सुरक्षित है

जब आप गर्भवती हों या स्तनपान करवा रही हों तो सफेद मछली और पकी हुई शैलफिश की मात्रा को सीमित करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

गर्भावस्था में शैलफिश (Shellfish in pregnancy)

जब आप गर्भवती हों तो हमेशा कच्ची शैलफिश के बजाय पकी हुई शैलफिश खाएं - जिसमें सीप, झींगा मछली, केकड़े, झींगे, स्कैलप्ल और क्लैम्स शामिल हैं। क्योंकि इनमें हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस हो सकते हैं जो फूड पॉइज़निंग का कारण बन सकते हैं। ठंडे और पहले से पके हुए झींगे ठीक हैं।

गर्भावस्था में स्मोक्ड मछली सुरक्षित है।

स्मोक्ड मछली, जिसमें स्मोक्ड स्यालमन (Salmon) और स्मोक्ड ट्राउट शामिल हैं, गर्भावस्था में खाने के लिए सुरक्षित माना जाता है।

सुशी और गर्भावस्था (Sushi and pregnancy)

जब आप गर्भवती हो तो व्यंजनों जैसे सुशी में कच्ची या हल्की पकी हुई मछली खाना ठीक है, जब तक कि इसे बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कोई भी कच्ची जंगली मछली पहले फ्रोजन की गई हो।

ऐसा इसलिए क्योंकि कभी-कभी जंगली मछली में छोटे परजीवी कीड़े होते हैं जो आपको बीमार कर सकते हैं। फ्रीज़ करना, कीड़ों को मारता है और कच्ची मछली को खाने के लिए सुरक्षित बनाता है। कुकिंग भी उन्हे मार देती है।

सुशी जैसे व्यंजनों में कुछ फॉर्म्ड मछलियां कच्ची ही इस्तेमाल की जाती है , जैसे कि फॉर्म्ड स्यालमन (Salmon), को पहले फ्रीज किए जाने की ज़रूरत नहीं है।

इसका कारण ये है कि पालन की गई मछलियों में इस्तेमाल होने वाले पालन के तरीकों के परिणामस्वरूप परजीवी कीड़े होने की संभावना नहीं है।

बहुत सारी सुशी जो दुकानों में बेची जाती हैं वो शॉप में नहीं बनाई जाती हैं। इस प्रकार की सुशी खाने के लिए ठीक होनी चाहिए - अगर कोई दुकान या रेस्तरां तैयार सुशी खरीदता है, तो इसे बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कच्ची मछली एक उपयुक्त फ्रीज़िंग ट्रीटमेंट के अधीन होगी।

यदि आप किसी भी प्रकार की शंका में हैं, तो आप सुशी के उन प्रकारों को खाने से बचना चाह सकते हैं जिनमें कच्ची मछली, जैसे टूना शामिल हैं।

सुशी का आनंद लेने का सबसे सुरक्षित तरीका पूरी तरह से पकी हुई या शाकाहारी किस्मों को चुनना है, जिसमें शामिल हो सकते हैं:

  • पका हुआ समुद्री भोजन - उदाहरण के लिए, पूरी तरह से पका हुआ ईल (unagi) या झींगा (ebi)
  • सब्जियां- उदाहरण के लिए खीरा
  • एवाकाडो- उदाहरण के लिए, कैलीफोर्निया रोल
  • पूरी तरह से पका हुआ अंडा

अगर कोई शॉप या रेस्टोरेंट अपने खुद के परिसर में सुशी बना रहा है तो भी इसे सर्व करने से पहले फ्रीज किया जाना चाहिए। अगर आप इस बारे में चिंतित हैं, तो स्टाफ से पूछें।

अगर आप घर पर सुशी बना रही हैं तो इसे इस्तेमाल करने से कम से कम 4 दिन पहले मछली को फ्रीज कर दें।

मूंगफली गर्भावस्था में सुरक्षित है (Peanuts are safe in pregnancy)

आप गर्भावस्था के दौरान मूंगफली या मूंगफली युक्त भोजन खा सकते हैं, जैसे कि मूंगफली का मक्खन, जब तक आपको उनसे एलर्जी नहीं होती है या कोई हैल्थ प्रोफेशनल आपको इसे ना लेने की सलाह दे।

आपने सुना होगा कि गर्भावस्था के दौरान मूंगफली खाने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार ने पहले महिलाओं को सलाह दी थी कि अगर उनके बच्चे के वर्तमान परिवार में एलर्जी का इतिहास रहा हो - जैसे कि अस्थमा, एक्जिमा, हे बुख़ार और फूड एलर्जी, तो उन्हे मूंगफली खाने से बचने की सलाह दी जाती है।

यह सलाह अब बदल गई है क्योंकि नवीनतम शोध ने इस बात का कोई स्पष्ट सबूत नहीं दिया है कि गर्भावस्था के दौरान मूंगफली खाने से आपके बच्चे में पीनट एलर्जी विकसित होने की संभावना प्रभावित होती है।

गर्भावस्था में दूध और दही (Milk and yoghurt in pregnancy)

पॉश्चराइज़्ड या अल्ट्रा-हीट ट्रीटेड (यूएचटी) दूध का उपयोग करते रहे, जिसे कभी कभी लंबे समय तक चलने वाला दूध कहा जाता है।

अगर केवल कच्चा (पॉश्चराइज़्ड) दूध उपलब्ध है, तो पहले इसे उबाले। अनपॉश्चराइज़्ड बकरी या भेड़ के दूध को ना पिएं या उनसे बने फूड को भी ना खाएं, जैसे कि नरम बकरी का चीज़।

जैव, सजीव और कम वसा वाले, सभी तरह के दही ठीक हैं। बस जांच करें कि घर का जमा कोई भी दही पॉश्चराइज़्ड दूध से बना हो, और अगर नहीं, तो इससे बचें।

गर्भावस्था में आईस्क्रीम (Ice cream in pregnancy)

जब आप गर्भवती हों तो सॉफ्ट आइस क्रीम खाना ठीक होना चाहिए, क्योंकि वे पॉश्चरीकृत दूध और अंडों से बने प्रोसेस्ड उत्पाद होते हैं, इसलिए साल्मोनेला फूड पॉइजनिंग का कोई भी खतरा हट गया।

होममेड आईस्क्रीम के लिए, पॉश्चराइज़्ड एग विकल्प का उपयोग करे या एग-फ्री रेसिपी को फॉलो करें।

खाना जिस पर मिट्टी हो (Foods with soil on them)

मिट्टी और दिखने वाली गंदगी के सभी निशानों को हटाने के लिए फल, सब्जियां और सलाद धोएं।

गर्भावस्था में कैफीन (Caffeine in pregnancy)

कैफीन के हाई लेवल के परिणास्वरूप, जन्म लेने वाले बच्चों का जन्म के समय वजन कम हो सकता है, जो उनके बाद के जीवन में स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकते हैं। बहुत अधिक कैफीन की वजह से गर्भपात भी हो सकता है।

कैफीन प्राकृतिक रूप से बहुत सारे खाद्य पदार्थों, जैसे कि कॉफी, चाय(ग्रीन टी शामिल है) और चॉकलेट में पाया जाता है और कुछ सॉफ्ट ड्रिंक्स और एनर्जी ड्रिंक्स में भी मिलाया जाता है।

कुछ ठंड और फ्लू की औषधियों में भी कैफीन होता है। इन उपायों को करने से पहले अपनी दाई, डॉक्टर या फार्मासिस्ट से बात करें।

आपको पूरी तरह से कैफीन छोड़ने की ज़रूरत नहीं है लेकिन एक दिन में 200 mg से ज्यादा ना लें।

भोजन और पेय में पाए जाने वाले कैफीन की अनुमानित मात्रा है:

  • इंस्टैंट कॉफी के एक मग में- 100 mg
  • फिल्टर कॉफी के एक मग में- 140mg
  • एक मग चाय में- 75mg
  • एक कोला की कैन में- 40 mg
  • एनर्जी ड्रिंक की 1 250 मिली की कैन में- 80 mg( एनर्जी ड्रिंक्स की बड़ी कैन्स160 mg तक कैफीन हो सकता है)
  • प्लेन डार्क चॉकलेट के एक 50ग्राम बार में- ज्यादातर यूके ब्रांड्स में 25 mg से कम होता है।
  • मिल्क चॉकलेट के एक 50ग्राम बार में- ज्यादातर यूके ब्रांड्स में 10 mg से कम होता है।

इसलिए, यदि आप कोला का एक और फिल्टर कॉफी का एक मग लेते है, उदाहरण के लिए, आप लगभग 200 मिलीग्राम कैफीन तक पहुंच गए हैं। चिंता न करें यदि आपके पास कभी-कभार इस मात्रा से ज्यादा लेते हैं - जोखिम कम हैं।

कैफीन में कटौती करने के लिए, नियमित चाय, कॉफी, कोला और एनर्जी ड्रिंक्स के बजाय डिकैफ़िनेटेड चाय और कॉफी, फलों का रस या मिनरल वॉटर का उपयोग करें।

गर्भावस्था में हर्बल और ग्रीन टी (Herbal and green teas in pregnancy)

गर्भावस्था में हर्बल और ग्रीन टी की सेफ्टी के बारे में बहुत कम जानकारी है इसलिए बेहतर है कि उन्हे संतुलन में पिएं।

FSA, गर्भावस्था के दौरान एक दिन में चार कप से अधिक हर्बल या ग्रीन टी पीने की सलाह नहीं देता है, और यदि आप इस बारे में अनिश्चित हैं कि किन हर्बल उत्पादों का सेवन करना सुरक्षित है, तो अपने डॉक्टर या दाई से सलाह लें।

ध्यान रखें कि ग्रीन टी में कैफीन होता है।

मुलैठी (Liquorice)

आप गर्भावस्था में मुलैठी वाली मिठाइयों या मुलैठी की चाय की संतुलित मात्रा ले सकते हैं- इनसे बचने की कोई सलाह नहीं दी गई है। हालांकि, आपको हर्बल औषधि लिकोरिस रूट से बचना चाहिए।

महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।