कौन से आहार और पेय पदार्थ पेट से गैस निकलने का कारण बनते हैं? (What foods and drinks causes flatulence?)

17th July, 2020 • 6 min read

यह लेख मूल रूप से अंग्रेजी में लिखा गया था। इस लेख का मूल संस्करण यहां देखा जा सकता है। यह Georgina Newman द्वारा लिखा गया है और Healthily's medical team ने इसकी मेडिकल समीक्षा की है।

कौन से आहार और पेय पदार्थ पेट से गैस निकलने का कारण बनते हैं? (What foods and drinks causes flatulence?)

जब पाचन के दौरान अतिरिक्त गैस बनती है तो गुदा से उसके मुक्त होने को उदरवायु या गैस निकलना कहते हैं।

बहुत से लोगों को पेट से गैस निकलने का अनुभव होता है लेकिन यदि यह अक्सर होता है तो यह किसी अंदरूनी समस्या का संकेत हो सकता है जैसे इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (irritable bowel syndrome) या सिलियक (coeliac) रोग।

बहुत से मामलों में फ्लैटुलेंस (flatulence) कुछ आहार के कारण और अपने आहार और जीवनशैली में परिवर्तन कर इसे नियंत्रित कर सकते हैं।

किस आहार और पेय से गैस बनने की अधिक संभावना होती है? (which food and drink are most likely cause gas?)

आहार जो आपके शरीर में अधिक गैस का कारण बनते हैं वे वह होते हैं जिनमें चीनी, कार्बोहाइड्रेट (carbohydrates) या फाइबर (fibres) मिला होता है। जो आपके छोटी आंत में विखंडित नहीं होते हैं। यह उन्हें आपके कोलोन (colon) में स्थानांतरित करने का कारण बनता है।

इस कोलोन में बहुत से बैक्टीरिया (bacteria) होते हैं जो इन उत्पादों को विखंडित करते हैं और प्रक्रिया में गैस का निर्माण करते हैं।

यहां कुछ सामान्य आहार के नाम हैं जो आपके कोलोन के बैक्टीरिया को सक्रिय होने और अधिक गैस निर्माण का कारण बनते हैं।

हाई फोडमैप सब्ज़ियां (High FODMAP vegetables)

कुछ सब्ज़ियाँ जैसे प्याज, लहसुन, फूलगोभी, हरा प्याज़, आर्टिचोक में कार्बोहाइड्रेट (carbohydrates) मिला होता है शरीर जिसे अवशोषित करना मुश्किल पाता है।

इन कार्बोहाइड्रेट को फर्मेंटेबल (fermentable), ओलिगोसैकैराइड (oligosaccharides), डाइसैकेराइड (disaccharides), मोनोसैकेराइड (monosaccharides) और पोल्योल ((

FODMAPs
)) के रूप में जाना जाता है। ये छोटी आंत में विखंडित नहीं होते हैं इसलिए कोलोन (colon) में चले जाते हैं।

यदि आपको लगता है कि ये सब्ज़ियाँ अतिरिक्त गैस का कारण बन रही हैं तो आप इन्हें जितनी मात्रा में खाते हैं उसे कम करने का प्रयास कर सकते हैं। आपको अपने आहार में उन सब्ज़ियों को शामिल करना चाहिए जो इन कार्बोहाइड्रेट (carbohydrates) में निम्न स्तर पर हों, जैसे गाजर, पालक, आलू, सलाद पत्ता।

लेकिन अपने आहार में कोई भी बड़ा बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर को दिखाएं।

उच्च फ़्रुक्टोस युक्त आहार और पेय (Food and drink high in fructose)

फ़्रुक्टोस (fructose) वह चीनी है जो फलों और सब्ज़ियों में सामान्य रूप से पाई जाती है। जैसे तरबूज, अंगूर, सेब, मटर और एस्पेरेगस।

यदि आपको पाचन संबंधी समस्या है जिसे फ्रुक्टोज मालबसोर्पशन (malabsorption) कहते हैं तो आपके शरीर को इन आहार में पाए जाने वाले फ्रुक्टोज को अवशोषित करने में समस्या हो सकती है। इसका मतलब है वे आहार जिनमें फ्रुक्टोज होता है वे कोलोन में जा सकते हैं।

फल के रस का भी कुछ लोगों पर यही प्रभाव पड़ता है।

ज़्यादा फाइबर वाले आहार (Food high in fibre)

कुछ आहार जैसे फल, ओट्स (oats), बीन्स (beans) और मसूर दाल में ज़्यादा फाइबर होता है।

फाइबर कार्बोहाइड्रेट होता है जो आसानी से छोटी आंत में पचता नहीं है, तो यह बिना पचे कोलोन में पहुँच सकता है।

यदि आप पेट से हवा निकलने को नियंत्रित करने का प्रयास कर कर रहे हैं तो आपको फाइबर युक्त आहार को सीमित करने की कोशिश करनी चाहिए। हालांकि अपने आहार में कोई बड़ा परिवर्तन करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए।

उच्च रैफिनोज़ वाले आहार (Foods high in raffinose)

बीन्स (beans) और ब्रसल स्प्रोउट (brussels sprouts) में चीनी का जटिल रूप रैफिनोज़ (raffinose) मिला होता है। एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट जिसका छोटी आंत में पाचन मुश्किल होता है। जिसका मतलब है इसका पाचन बैक्टीरिया (bacteria) द्वारा कोलोन (colon) में होगा।

रैफिनोज़ का निम्न स्तर पत्ता गोभी और एस्प्रेगस (asparagus) में पाया जा सकता है।

दुग्ध उत्पाद (Dairy products)

सभी प्रकार के दूध और दुग्ध उत्पाद जिसमें योगर्ट और पनीर शामिल है, उनमें प्राकृतिक चीनी लैक्टोज़ (lactose) होता है, जो समस्या पैदा कर सकता है।

कुछ लोगों में लैक्टेस का स्तर सामान्य से कम होता है, वह एन्जाइम (enzyme) जो लैक्टोज़ को पचाने में मदद करता है। यदि लैक्टोज़ (lactose) छोटी आंत में विखंडित नहीं होता है तो यह बड़ी आंत में चला जायेगा जहां बैक्टीरिया इसे विखंडित कर गैस बनाएँगे।

यह लैक्टोज़ इन्टॉलरेंस से सम्बंधित लक्षण का कारण बनते हैं ।

कुछ लोग जिन्हें लैक्टोज़ इन्टॉलरेंस होता है वह दूध की तुलना में दही (yoghurt) को पचाना आसान पाते हैं। यह इसलिए क्योंकि योगर्ट में जीवित बैक्टीरिया होते हैं जो पाचन के दौरान लैक्टोज़ को विखंडित करने में सहायता करते हैं, और लैक्टोज़ इन्टॉलरेंस के लक्षणों से आराम दिलाते हैं।

आहार में सुरक्षित रूप से कटौती (cutting out foods safely)

अपने शरीर द्वारा निर्मित गैस की मात्रा को कम करने के लिए आपको इन खाद्य पदार्थों से यथासंभव बचना चाहिए। फिर भी बिना डॉक्टर या डाइटीशियन (dietitian) से बात किये अपने आहार से कुछ पदार्थों को निकालना सुरक्षित नहीं है।

इसके बजाय, यह देखने के लिए निगरानी करें कि आपका शरीर इन खाद्य पदार्थों को एक-एक कर कम करने पर कैसे प्रतिक्रिया करता है और डॉक्टर के साथ किसी भी बदलाव पर चर्चा करें।

फ्लैटुलेंस को कम करने के लिए और क्या कर सकते हैं? (what else can i do to reduce flatulence?)

कुछ आहारों को सीमित करने के साथ साथ आप ये भी प्रयास कर सकते हैं:

  • नियमित व्यायाम करें, यह पाचन में सहायता करेगा
  • गैस बनने से रोकथाम के लिए धीरे धीरे खाएँ पीएँ
  • थोड़ी थोड़ी देर पर थोड़ी मात्रा में भोजन लें

अपने फ्लैटुलेंस में मदद करने के लिए दवाओं को सुरक्षित रूप से कैसे प्राप्त और उपयोग करें इसके आगे के मार्गदर्शन के लिए डॉक्टर या फार्मासिस्ट से बात करें

डॉक्टर को कब दिखाएं

यदि आपको नियमित रूप से अत्यधिक गैस निकल रही है और यह आपके लिए समस्या बन गयी है तो डॉक्टर को दिखाएं।

अत्यधिक गैस कुछ पाचन की समस्याओं का लक्षण हो सकती है। जैसे इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (

irritable bowel syndrome
) और लैक्टोज़ इन्टॉलरेंस (
lactose intolerance
), सिलियक रोग (
coeliac disease
) आदि।

यदि आपको फ्लैटुलेंस है तो आपको डॉक्टर द्वारा जांच करवानी चाहिए, अगर आपको इनमीं से भी कुछ है:

  • पेट में बार बार दर्द और पेट फूलना
  • मल में खून निकलना
  • मांसपेशियों या जोड़ो में दर्द
  • उच्च तापमान (बुखार) या ठंड लगना
  • बिना प्रयास के वज़न कम होना
  • दस्त (
    diarrhoea
    ) और कब्ज (
    constipation
    ) के बार-बार होने वाले दौरे
  • अचानक मल त्याग की ज़रूरत (
    bowel incontinence
    )

यदि आहार में परिवर्तन करना ज़्यादा प्रभाव नहीं डालता है तो पेट से हवा निकलने के अन्य कारण (

causes of flatulence
) देखें कि क्या इनमें से कोई भी आप पर लागू हो सकता है।

महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।