हर महिला के मासिक चक्र की अवधि अलग-अलग होती है लेकिन औसत रूप से हर 28 दिन पर मासिक धर्म होता है। इससे लंबी अवधि या कम अवधि यानी 24 से 35 दिन तक के नियमित मासिक चक्र सामान्य होते हैं।
टोनी बेलफील्ड, यौन स्वास्थ्य विशेषज्ञ तथा प्रशिक्षित प्रजनन क्षमता जागरुकता शिक्षक कहते हैं कि मासिक चक्र किसी महिला के मासिक धर्म के पहले दिन से उसके अगले मासिक धर्म से पहले वाला दिन होता है।
वह कहते हैं, लड़कियों के मासिक धर्म की शुरुआत 10 साल की उम्र से कभी भी हो सकती है लेकिन औसत आयु लगभग 12 वर्ष होती है। रजोनिवृत्ति (जब मासिक धर्म रुक जाता है) की औसत आयु 50 से 55 वर्ष है।
12 से लेकर 52 साल की उम्र के बीच किसी भी महिला को लगभग 480 बार माहवारी होती है, अगर वह इस दौरान गर्भवती होती है इससे कम।
मासिक
मासिक चक्र को समझने के लिए किसी महिला के शरीर के प्रजनन अंगों के बारे में जानने से मदद मिल सकती है। ये हैं:
- दो अंडाशय (overies-जहां पर अंडाणु रहते हैं, विकसित होते हैं और जारी किए जाते हैं)
- गर्भ (गर्भाशय, uterus)- जहां उर्वर अंडाणु स्थापित होता है और गर्भावस्था विकसित होती है
- डिम्बवाही नलिकाएं(the fallopian tubes)- दो पतली नलिकाएं जो अंडाशय को गर्भ से जोड़ती हैं
- गर्भाशय ग्रीवा(the cervix)-गर्भ का निचला भाग जो उसे योनि से जोड़ता है
- योनी(vagina)-गर्भाशय ग्रीवा को शरीर के बाहर जोड़ने वाली मांसपेशी की नलिका
मासिक चक्र हार्मोन्स द्वारा नियंत्रित होता है। प्रत्येक चक्र में ओस्ट्रोजेन के बढ़ते स्तर के कारण अंडाशय में एक अंडाणु विकसित होता है और इसे जारी किया जाता है (अंडोत्सर्ग)। गर्भ की लाइनिंग भी मोटी होनी शुरू हो जाती है।
अंडोत्सर्ग के बाद हार्मोन प्रोजेस्टेरोन गर्भ की लाइनिंग को मोटा होने और गर्भधारण के लिए तैयार होने में मदद करता है।
अंडाणु डिम्बवाही नलिकाओं से होकर गुजरता है। अगर गर्भधारण नहीं होता है तो अंडाणु शरीर में अवशोषित कर लिया जाता है। ओस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर घटता है और गर्भ की लाइनिंग अलग हो जाती है और माहवारी(मासिक स्राव) के रूप में शरीर को छोड़ देती है।
एक अंडाणु के जारी होने के समय से मासिक धर्म के शुरू होने तक लगभग 10 से 16 दिन लगते हैं। मासिक धर्म चक्र कैसे काम करता है, इसके बारे में एक एनीमेशन देखें।
माहवारी क्या
मासिक धर्म रक्त और गर्भ की लाइनिंग से बना होता है। महिला के मासिक धर्म का पहला दिन मासिक चक्र का पहला दिन होता है।
माहवारी कितने
बेलफील्ड के मुताबिक माहवारी लगभग तीन से सात दिन तक चलती है और इस माहवारी की अवधि में महिला तीन से पांच चम्मच तक खून गंवा देती है।
कुछ महिलाओं को इससे ज्यादा मात्रा में रक्त आने की समस्या होती है लेकिन इससे अगर परेशानी हो रही हो तो चिकित्सकीय मदद उपलब्ध होती है। भारी माहवारी के उपचार के बारे में जानकारी हासिल करें।
अंडोत्सर्ग(ovulation)
अंडाशय से अंडाणु के जारी होने को अंडोत्सर्ग कहा जाता है। महिला अपने सभी अंडाणुओं के साथ पैदा होती है। एक बार जब उसे मासिक धर्म शुरू होता है तो एक अंडाणु(कभी कभी दो) विकसित होते हैं और प्रत्येक मासिक चक्र के दौरान यह निकल जाते हैं।
अंडोत्सर्ग के बाद अंडाणु 24 घंटे तक जीवित रहता है। विशेषज्ञ के मुताबिक अगर एक महीने में आप एक से ज्यादा अंडाणु जारी करती हैं तो आप पहले अंडाणु के 24 घंटे के अंदर दूसरा अंडाणु भी उत्पन्न कर देती हैं।
गर्भावस्था तब होती है जब पुरुष का शुक्राणु अंडाणु से मिलता है और उसे प्रजनन योग्य बना देता है। यौन क्रिया के बाद शुक्राणु सात दिन तक डिम्बवाही नलिकाओं में जीवित रह सकता है।
अगर अंडोत्सर्ग नहीं हुआ हो तो महिला गर्भ नहीं धारण नहीं कर सकती। गर्भ निरोध के कुछ हारमोनल तरीके जैसे कंबाइंड गोली, गर्भ निरोध पैच और गर्भ निरोध टीका अंडोत्सर्ग को रोकने का काम करते हैं।
फ़रटाईल होने
विशेषज्ञों के मुताबिक सैद्धांतिक रूप से एक अल्पअवधि ही होती है जब महिला गर्भधारण करती है और यह समय अंडोत्सर्ग के आसपास होता है।
अगर आप प्रजनन के बारे में जागरूकता नहीं बरत रही हैं तो निश्चित रूप से यह बता पाना कि अंडोत्सर्ग किस समय होगा, मुश्किल होगा। ज्यादातर महिलाओं में अगले माहवारी से 10 से 16 दिन पहले अंडोत्सर्ग होता है।
प्रजनन संबंधी जागरूकता हासिल कर गर्भधारण की योजना बनाने या उसे दूर रखने का कार्य किया जा सकता है, लेकिन यह कार्य किसी प्रशिक्षित प्रजनन जागरुकता निर्देशक के द्वारा सिखाया जाना चाहिए। इसमें आपको अपनी योनि के स्राव पर नजर रखना, हर रोज अपना तापमान लेना और किस समय अंडोत्सर्ग होने की संभावना है इसकी पहचान करने के लिए अपने मासिक चक्र का कैलेंडर बनाना शामिल होता है।
विशेषज्ञ कहते हैं कि यह कहना सही नहीं होगा कि महिला मासिक चक्र के 14वें दिन प्रजनन के लिए तैयार हो जाती है। यह उन महिलाओं के संबंध में सही हो सकती है जिनका नियमित 28 दिन का मासिक चक्र होता है लेकिन यह उन महिलाओं पर लागू नहीं होता जिनका मासिक चक्र छोटा या लंबी अवधि का है।
सामान्य
योनि स्राव ( जिसे कई बार योनि से निकलने वाला डिस्चार्ज कहा जाता है) मासिक चक्र के दौरान बदल जाता है। अंडोत्सर्ग के समय के आसपास यह पतला और खिंचाव वाला हो जाता है, ठीक वैसे जैसे कच्चे अंडे का सफेद भाग।