यदि आपको पीठ दर्द (back pain) है, तो अपने बैठने के तरीके को सुधारने से आपके दर्द को ठीक करने की का संभावना तो कम है, लेकिन यह मांसपेशियों में तनाव (muscle tension) को कम करने में मदद कर सकता है।
यदि आपको पीठ दर्द (back pain) है, तो अपने बैठने के तरीके को सुधारने से आपके दर्द को ठीक करने की का संभावना तो कम है, लेकिन यह मांसपेशियों में तनाव (muscle tension) को कम करने में मदद कर सकता है।
फिजियोथेरेपिस्ट (physiotherapist) निक सिनफील्ड ने आठ सामान्य गलत शारीरिक मुद्राओं और उन्हें शक्ति और खिंचाव के व्यायाम से कैसे सही करें इसका वर्णन किया है।
सिनफील्ड कहते हैं "आसन (posture) को सही करना पहली बार में अजीब लग सकता है क्योंकि आपका शरीर एक विशेष तरीके से बैठने या उठने का आदी हो चुका है।"
लेकिन थोड़े अभ्यास के साथ, अच्छा आसन स्वभाव बन जाएगा और लंबी अवधि में आपकी पीठ के लिए अच्छा साबित होगा। "
झुक कर या पसार कर बैठना (slouching) हमेशा असहजता का कारण नहीं बनता है लेकिन समय के साथ यह आसन पहले से संवेदनशील मांसपेशियों और नरम ऊतकों पर खिंचाव डाल सकता है। खिंचाव मांसपेशियों में तनाव पैदा कर सकता है तो दर्द का कारण बन सकता है।
ठीक से बैठने की आदत डालें। शुरुआत में यह असहज लगेगा। क्योंकि मांसपेशियां उस अवस्था में नहीं होती कि आपका सही अवस्था में समर्थन कर सकें।
अपने कमर और पीठ (core) और नितंब (buttocks) को मजबूत करने के लिए व्यायाम करें, और बैक एक्सटेंशन (back extension) भी जो बैठने के आसन को ठीक करने में मदद करेगा।
सुस्त मुद्रा को सही करने के व्यायामों में ये शामिल हैं:
यदि आपका नितंब (bottom) बाहर निकल जाता है या आपके निचले पीठ पर स्पष्ट घुमाव बन गया है। तो आपको हाइपरलॉर्डोसिस (hyperlordosis) हो सकता है। यह निचली पीठ का एक बढ़ा हुआ वक्र है जो इसको डोनाल्ड डक आसन बनाता है।
हाई हील्स पहनना, पेट के चारो हो अत्यधिक वज़न होना और गर्भावस्था ये सभी इसका कारण बन सकती हैं।
बाहर निकले नितंब को सही करने में सहायता के लिए ऊपर के धड़ और नितंब (buttock) को मजबूत करने वाले व्यायाम हिप फ्लेक्सर (hip flexor) और थाई स्ट्रेचेज़ (thigh stretches) और अपने खड़े होने के आसन को सही करने के लिए एक सचेत प्रयास की सलाह दी जाती है।
‘डोनाल्ड डक’ आसन को सही करने वाले व्यायाम में ये शामिल हैं
अपने खड़े होने के आसन को सही करने में मदद के लिए कल्पना करें कि आपके सिर से एक धागा जुड़ा हुआ है जो आपको ऊपर की ओर खींच रहा है।
ये उपाय आपके शरीर को सही संरेखण में रखने के लिए है, रीढ़ की प्राकृतिक घुमाव को बनाए रखते हुए, गर्दन को सीधे और कंधों को कूल्हों के समानांतर रखते हुए आपको करना चाहिए:
एक सपाट पीठ (flat back) का अर्थ है आपके पेल्विस (pelvis) अंदर को मुड़ी हो और आपका निचला पीठ (lower back) प्राकृतिक रूप से घूमे होने की जगह सीधा हो।जो आपके आगे की ओर झुके होने का कारण बनता है ।
सपाट पीठ (flat back) के साथ लोग अक्सर लम्बे समय तक खड़े रहना मुश्किल पाते हैं।
यह आसन मांसपेशियों में असंतुलन (muscle imbalance) के कारण होता है। जो आपको ऐसा आसन अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। लम्बे समय तक बैठे रहना भी सपाट पीठ (flat back) में योगदान देता है।
सीधी पीठ (flat back) आपकी गर्दन और सिर को आगे की ओर झुका देती है, जिससे गर्दन और ऊपरी पीठ में खिंचाव हो सकता है।
अपने ऊपर के धड़ (core), नितंब (buttock), गर्दन (neck) और कंधे के पीछे की मांसपेशियों (read shoulder muscles) को मजबूत करने के लिए व्यायाम करें। और सपाट पीठ को सही करने के लिए बैक एक्सटेंशन (back extension) का सुझाव दिया जाता है।
सपाट पीठ (flat back) को सीधा करने वाले व्यायामों में ये शामिल हैं:
खड़े होते हुए एक पैर पर झुकना सहज लग सकता है। मुख्यरूप से तब जब आप थोड़ी देर से खड़े हों ।
लेकिन सीधे खड़े रहने के लिए अपने नितम्ब या ऊपर के धड़ की मांसपेशियों का इस्तेमाल करने की जगह आप अत्यधिक दबाव एक तरफ के कूल्हे और निचली पीठ पर डालते हैं।
समय के साथ आपकी पेल्विस (pelvis) के चारों ओर की मांसपेशियों में असंतुलन विकसित हो सकता है जो कूल्हे और निचली पीठ की मांसपेशियों में तनाव का कारण बन सकता है।
असमान कूल्हों (uneven hips) के अन्य कारणों में 1 कंधे पर भारी बैकपैक ले जाना, और 1 कूल्हे पर बच्चे को उठाने वाली मांएं शामिल हैं।
इस आसन को सुधारने के लिए अपने दोनों पैरों पर बराबर वज़न डालते हुए खड़े होने का प्रयास करें।
आसमान कूल्हों को सही करने में नितंब और मूल मांसपेशियों को मज़बूत करने वाले व्यायाम मदद कर सकते हैं। ये शामिल हैं
आपके कीबोर्ड पर हंचिंग होना आमतौर पर संकेत है कि आपकी छाती तंग (tight chest) और ऊपरी पीठ कमज़ोर (weak upper back) है।
समय के साथ इस प्रकार का आसन ऊपरी गोल पीठ विकसित करने में योगदान दे सकता है। जो कंधों और ऊपरी पीठ में अकड़न का कारण बन सकता है।
जब आप कम्प्यूटर पर हंचिंग करते हैं तो आपका सिर आगे की ओर झुका हो सकता है तो खराब आसन की ओर ले जा सकता है। मोबाइल का इस्तेमाल करना भी समान समस्या का कारण बन सकता है। इसे टेक्स्ट नेक (text neck) कहते हैं।
कूबड़ को सही करने के लिए ऊपरी पीठ, गर्दन और पीछे के कंधे को मजबूत करने वाले व्यायाम, छाती में खिंचाव और गर्दन के आसन के अभ्यास की सलाह दी जा सकती है।
झुकी हुई पीठ (hunched back) को सही करने वाले व्यायामों में ये शामिल हैं:
बाहर निकली हुई ठोड़ी का अर्थ है अपनी ठोड़ी को बाहर किये रहना। यह बहुत नीचे बैठे होने के कारण, स्क्रीन के बहुत ऊपर होने से , कूबड़ या तीनों के संयोजन से हो सकता है।
बाहर निकली हुई ठोड़ी को सही करने में आपके बैठने की आदत को सही करना और आसन को सही करने के लिए व्यायाम करना शामिल है।
बहार निकली हुई ठोड़ी को सही कैसे करें
यदि आपको गोल कंधे (rounded shoulder) हैं तो इसे बताने का तरीका है कि शीशे के सामने खड़े हो जाइए और अपने हाथों को सामान्यरूप से अपनी ओर झूलने दीजिये ।
यदि आपके पोर (knuckles) आगे की ओर झुकते हैं, तो यह संकेत दे सकता है कि आपकी छाती तंग (tight chest) और ऊपरी पीठ कमजोर (weak upper back) है, जो गोल कंधों (rounded shoulder) का कारण बन रही है।
गोल कंधे आमतौर पर खराब आसन की आदतों, मांसपेशियों में असंतुलन और कुछ व्यायाम पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित करने के कारण होते हैं, जैसे कि ऊपरी पीठ की उपेक्षा करते हुए छाती की ताकत पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित करना।
आपके कोर, ऊपरी पीठ और छाती की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए व्यायाम, गोल कंधों (rounded shoulder) को सही करने में मदद करेगा। उनमे शामिल है:
अपने फोन को कान और कंधे के बीच रखना गर्दन, ऊपरी पीठ और कंधों की मांसपेशियों पर तनाव डाल सकता है।
गर्दन और कंधे किसी भी लम्बे समय के लिए इस अवस्था में कुछ पकड़ने के लिए नहीं बने हैं।
समय के साथ यह आसन मांसपेशियों और नरम ऊतकों पर खिंचाव डाल सकता है। और दाएं और बाएं ओर की गर्दन के मांसपेशियों में असंतुलन का कारण बन सकता है ।
अपने हाथ से फोन पकड़ने की आदत डालने का प्रयास करें। या हाथ मुक्त डिवाइस का इस्तेमाल करें।
गर्दन के अकड़न और दर्द के लिए व्यायामों में ये शामिल हैं:
महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।