गर्भपात होने के बाद कुछ दिन और कुछ हफ्ते बहुत चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। अनचाहा गर्भपात किसी भी दम्पति के लिए दुखद और दर्दनाक अनुभव होता है।
गर्भपात होने के बाद कुछ दिन और कुछ हफ्ते बहुत चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। अनचाहा गर्भपात किसी भी दम्पति के लिए दुखद और दर्दनाक अनुभव होता है।
गर्भपात होने पर झटका लगता है, दुख महसूस होता है और गुस्सा भी आता है। कुछ लोगों को गर्भपात होने पर बहुत पछतावा भी होता है - और वो किसी तरह से दोषारोपण भी करने लग जाते हैं।
प्रारंभिक गर्भपात का असर, पार्टनर भी काफी गहरा पड़ता है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) द्वारा किए गए शोध के अनुसार, पार्टनर को बहुत दुख, कष्ट और शॉक महसूस होता है।
इसी यूसीएल के रिसर्च पेपर में शामिल हुए 58% पुरुषों ने कहा है कि गर्भपात के बाद उन्हें किसी भी काम पर ध्यान केंद्रित करने में बहुत दिक्कत हुई, जबकि 47% पुरुषों ने इसके बाद नींद न आने को सबसे बड़ी समस्या बताया।
अगर आपके पार्टनर ने हाल ही में अपनी अजन्मी संतान को खोया है तो आप भी निम्न बिंदुओं को महसूस कर सकते हैं:
ये भावनाएं सामान्य हैं, और शुरुआती गर्भपात के सदमे की प्राकृतिक प्रतिक्रिया के चलते ऐसा होना कोई चिंताजनक बात नहीं है। जर्नल ऑफ रिप्रोडक्टिव एंड इन्फेंट साइकोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन से पता चलता है कि लोग विभिन्न तरीकों से गर्भपात पर प्रतिक्रिया देते हैं, और गर्भावस्था के नुकसान के बारे में महसूस करने का कोई सही या गलत तरीका नहीं है।
गर्भपात आपके रिश्ते पर एक महत्वपूर्ण दबाव डाल सकता है, खासकर जब आप या आपका साथी:
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित सलाह इंगित करती है कि अपनी भावनाओं को व्यक्त करना और एक-दूसरे से खुलकर बताने से गर्भपात होने के बाद आपके रिश्ते में इसके प्रभाव का असर नहीं पड़ता है बल्कि मजबूती आती है।
इस लेख में, आपको गर्भपात होने के बाद खुद की मदद के लिए गाइडेंस मिलेगा, इस बुरी परिस्थिति में अपने पार्टनर को सहयोग देने के लिए जानकारी को व्यवस्थित किया गया है और इसके भावनात्मक प्रभाव से निपटने के लिए मददगार प्रैक्टिकल टिप्स दिए गए गए हैं।
यदि आपने हाल ही में अपनी अजन्मी संतान को खोया है तो सबसे पहले इसके कारण को जानने का प्रयास करें जोकि आपके लिए मददगार होगा।
शुरुआत गर्भपात, अपेक्षाकृत सामान्य होता है। वास्तव में, सभी गर्भावस्थाओं में से 12-24% में गर्भपात हो जाता है, और कुछ चिकित्सकों का मानना है कि वास्तविक संख्या इससे भी अधिक हो सकती है, क्योंकि कई माताओं का गर्भपात उस स्थिति में हो जाता है जब उन्हें पता भी नहीं होता है कि वो गर्भवती हैं।
लगभग 85% गर्भपात, गर्भावस्था के प्रथम तिमाही में (या 13 हफ्तों में) हो जाते हैं। गर्भपात होने के कुछ कारण निम्न होते हैं:
हो सकता है कि आपका पार्टनर इस गर्भपात के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराएं, लेकिन इसमें उनकी कोई गलती नहीं है। अधिकांश तौर पर गर्भपात का कारण ऐसा होता है जो कि हमारे नियंत्रण में नहीं होता है। इसलिए यह बात ध्यान देने लायक है कि प्रत्येक गतिविधि जैसे - व्यायाम करना, काम पर जाना और सेक्स करना आदि गर्भपात का कारण नहीं होता है।
हर कोई अलग-अलग तरीके से अपने दुख को व्यक्त करता है। अगर आपके पार्टनर का गर्भपात हो गया है, तो आप कई तरीके की जटिल भावनाओं को महसूस कर सकते हैं जिनमें शामिल हैं:
गर्भपात के बाद, पार्टनर को अकेला, अलग और उपेक्षित महसूस करना बहुत सामान्य बात है। आप शायद अपनी जरूरतों को बताने में तकलीफ महसूस करते हों, या अपनी भावनाओं को एक तरफ रखकर यह दबाव महसूस करते हैं कि आप अपने पार्टनर को सपोर्ट कर पाएं।
कभी-कभार, आप महसूस कर सकते हैं कि भावनाएं अनुचित या निरर्थक हैं क्योंकि आप कभी अपने बच्चे से मिल नहीं पाए।
वहीं दूसरी ओर सम्भावना है कि, आप पाते हैं कि आप अपने पार्टनर के दुख को शेयर नहीं कर पा रहे हैं और आपको इस बात का दुख, हीन भावना और पश्चाताप होता है, विशेषकर अगर आप पिता बनने की भावना को लेकर उत्साहित नहीं थे, या गर्भावस्था के बारे में उससे पहले नहीं जानते थे।
ये सभी भावनाएं वैध हैं: गर्भपात के बारे में महसूस करने के लिए कोई भी तरीका सही नहीं है। दुख अलग-अलग तरीकों से व्यक्त किया जाता है, और आपकी निजी प्रतिक्रिया, कई कारकों के प्रकार पर निर्भर करेगा, जिसमें शामिल है:
अगर आप अपनी भावनाओं के साथ डील करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो अपने पार्टनर, परिवार के किसी सदस्य या नजदीकी मित्र के साथ इन्हें शेयर करें। वैकल्पिक रूप से, आप किसी सपोर्ट ग्रुप की मदद लें या किसी थेरेपिस्ट से सम्पर्क करें। पहली बार अपनी भावनाओं के बारे में बात करना कठिन हो सकता है, विशेषकर जब आपको लगता हो कि इस विपरीत स्थिति में भी आपको हिम्मत दिखाते हुए सभी के सामने रहना है।
बातचीत करना बहुत सहायक होता है, और कई लोगों ने इसे बहुत ही असरदार माना है जब उन्होंने इसे शुरू किया। संज्ञानात्मक व्यवहारपरक चिकित्सा (सीबीटी) से आपको दुख, असहायता या तनाव महसूस होना कम हो सकता है। सीबीटी को इस प्रकार से डिजाइन किया जाता है जिससे आप चुनौतियों का सामना कर सकें और अपने नकारात्मक विचारों पर जीत पा सकें, और इसके माध्यम से आपको हुई हानि से उबरने में मदद भी मिलेगी।
सीबीटी, एक समूह में या एक ऑनलाइन सर्विस में व्यक्ति-दर-व्यक्ति दी जाती है। या आप ब्रेब के साथ सीबीटी (
) को भी आज़मा सकते हैं।नोट: अगर आप अपने दुख से घिर गए हैं - या आप पाते हैं कि आपकी भावनाएं आपके दैनिक जीवन पर असर डाल रही हैं तो अपने डॉक्टर से बात करें। शायद वो आपको एक अच्छा परामर्शदाता (ग्रीफ काउंसलर) बता सकें या इस मामले में आपकी ज्यादा अच्छे से मदद कर सके।
इन सबसे ऊपर, अपने आप समय दें, और समर्थन की तलाश करें अगर आप वाकई में संघर्ष कर रहे हैं। यह एक बहादुरी भरा कदम हो सकता है, लेकिन अगर आप अभिभूत महसूस कर रहे हैं तो मदद मांगने में कोई शर्म नहीं है।
गर्भपात के बाद बहुत ज्यादा दुख: महसूस होना सामान्य है, और आप आपने यह नोटिस किया होगा कि आपके पार्टनर की भावनाएं एक रोलर कोस्टर की तरह हो गई हैं। वे शोक के लक्षण प्रकट कर सकती है, और इन भावनाओं को व्यक्त कर सकती है:
आपने नोटिस किया होगा कि आपके पार्टनर की भूख मर गई होगी, वो हर समय रोती रहती है या उन्हें अच्छी नींद (ट्रबल स्लीपिंग) नहीं आती है।
गर्भपात के बारे में बात करना कठिन हो सकता है। ये लोगों को अलग-अलग प्रकार से प्रभावित करता है, इसलिए अपने पार्टनर पर निगरानी रखें, और उनकी भावनाओं को जानते रहें जब भी आपको मौका मिले। कुछ लोगों के लिए अपनी भावनाओं के बारे में बात करना सहज होता है, जब कि अन्य लोगों के लिए इस विषय पर बात करना बहुत मुश्किल हो जाता है, और उन्हें अधिक प्रैक्टिकल सपोर्ट की जरूरत पड़ती है।
अपने पार्टनर की भावनाओं के प्रति सर्पोटिव रहें और उन्हें कभी ऐसा एहसास न होने दें कि उनका गर्भपात एक गलत काम हो गया। गर्भपात से रिकवर होने में बहुत लंबा और कठिन समय लग सकता है, इसलिए अपने पार्टनर को पूरा समय लेने दीजिए और उन्हें एहसास कराएं कि आप हमेशा उनके साथ हैं।
उन्हें उनकी भावनाओं के बारे में बात करने के लिए प्रेरित करें, लेकिन अगर वो बात नहीं करना चाहती या विषय को बदल देती हैं तो उनका सम्मान करें, कोई ज़ोर न डालें। कुछ मामलों में, यह आपकी भी मदद करता है जिससे आप अपनी भावनाओं को उनसे व्यक्त कर सकते हैं। इससे आपके पार्टनर को पता चलेगा कि आप उनकी बातों को गंभीरता से सुनते हैं।
यूके स्थित मिसलर्ज एसोसिएशन के विशेषज्ञों का कहना है कि एक-दूसरे से बात करना शायद सबसे अच्छी बात है जो आप अपने साथी की मदद करने के लिए कर सकते हैं, खासकर यदि आप उन्हें अपनी भावनाओं के अनुसार जितनी बार चाहे उतनी बार अपनी बात को कहने की अनुमति देते हैं।
आपके डॉक्टर की सलाह के आधार पर, अपने साथी को रोजमर्रा की गतिविधियों जैसे टहलने या दोस्तों से मिलने जाना में शामिल करने से उनको प्रोत्साहित होने में मदद सकती है।
आप प्रारंभिक गर्भपात के साथ डील करने (
) के लिए अन्य उपयोगी टिप्स को टॉमी वेबसाइट पर ढूंढ सकते हैं, जिसमें दी गई सलाह आपको अपने पार्टनर का समर्थन करने में भी मदद कर सकता है।कुछ लोग अपने गर्भपात से बहुत जल्दी उबर जाते हैं जबकि कुछ लोगों को इस दुख से बाहर आने में महीनों या सालों का समय लग जाता है। इस प्रक्रिया में कोई जल्दबाजी न करें, लेकिन याद रखें कि आप और आपके पार्टनर को इससे रिकवर होने में समय लग सकता है।
कुछ दंपति फिर से संतान पाने के लिए प्रयास करते हैं और उन्हें स्वस्थ संतान प्राप्त भी हो जाती है। बाकी कुछ दंपति अगली बार गर्भ धारण करने की योजना को कठिन मानते हैं - जो कि एक हिसाब से ठीक भी है। इस बारे में निर्णय लेने का समय अभी नहीं है। अभी आप अपने दुख को भुलाने में एक-दूसरे की मदद और समर्थन करें।
महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।