लोग, पालतू जानवर और भोजन घर में कीटाणुओं के मुख्य वाहक होते हैं। जैसे ही कीटाणु घर में आते हैं, वह हर जगह फ़ैल जाते हैं।
लोग, पालतू जानवर और भोजन घर में कीटाणुओं के मुख्य वाहक होते हैं। जैसे ही कीटाणु घर में आते हैं, वह हर जगह फ़ैल जाते हैं।
यह पता करें कि आपके घर में कीटाणु कहाँ हैं। हालांकि यह बहुत असुविधाजनक होता है मगर यह आपको यह जानने के लिए प्रेरित करेगा कि कीटाणुओं को फैलने से कैसे रोकना है।
अधिकतर लोग यही मानते हैं कि घर की सबसे संदूषित जगह टॉयलेट होता है, मगर हकीकत यह है कि रसोई के सिंक में किसी भी बाथरूम या शौचालय से 100,000 गुना कीटाणु अधिक होते हैं।
जब आप फ्लश करते हैं तो आपके टॉयलेट के बाउल से कीटाणु छह फीट तक सफर कर सकते हैं और फर्श, सिंक और आपके टूथब्रश तक आ सकते हैं। एक अध्ययन ने यह बताया है कि बाथरूम में हर फ्लश के बाद कम से कम दो घंटे तक सूक्ष्म कीटाणु तैरते रहते हैं। हमेशा फ्लशिंग से पहले टॉयलेट का ढक्कन नीचे कर दें।
रसोई में इस्तेमाल किया गया स्पोंज अपने आप में हर वर्ग इंच में हजारों कीटाणु समेट सकता है, फिर चाहे ई.कोली हो और सालमोनेला हो। स्पोंज के नमी वाले छोटे छोटे छेद, कीटाणुओं के लिए जाल होते हैं और उन्हें विसंक्रमित करना सबसे कठिन होता है। स्पोंज को नियमित रूप से बदलते रहें।
रसोई में आम तौर पर इस्तेमाल होने वाले चोप्पिंग बोर्ड में औसत टॉयलेट सीट की तुलना में 200% अधिक घातक कीटाणु होते हैं। सुरक्षा विशेषज्ञ आपको सलाह देते हैं कि आप रेड मीट, मुर्गे, मछली और सब्जियों को काटने के लिए अलग अलग चोप्पिंग बोर्ड का इस्तेमाल करें।
घर में कीटाणुओं को फैलाने में सबसे बड़े सहायक कारक आपके हाथ होते हैं। अध्ययन बताते हैं कि बार बार हाथ धोने से डायरिया (
) और ) के फैलाव में कमी आती है और कुछ जरूरी जगहों पर लक्षित विसंक्रमण से घर में संक्रमण का फैलाव कम होता है। जब भी आप टॉयलेट जाएं उसके बाद तुरंत हाथ धोएं और खाना पकाने से पहले और बाद में भी हाथ जरूर धोएं।जहां सभी कीटाणु बीमारी पैदा करते हैं, मगर सभी सूक्ष्म कीटाणु नुकसान नहीं करते हैं। वह भोजन चेन की नींव होते हैं जो इस धरती पर सभी लोगों को भोजन देते हैं और जिनके बिना हम जीवित ही न रह पाते।
जीवाणु हर बीस मिनट में बढ़ सकते हैं और विभाजित हो सकते हैं। एक अकेला विषाणु 24 घंटे से भी कम समय में आठ मिलियन कोशिकाओं में विभाजित हो सकते हैं।
कार्पेट या कालीन घर में धूल का सबसे बड़ा भंडार होते हैं। उनमें बाल और त्वचा की कोशिकाएं होती हैं, उनमें बचा हुआ खाना, मिट्टी और कीड़े होते हैं। फ्लोर बोर्ड वाले घर में उस घर की तुलना में दस गुना धूल ज्यादा होती है, जिनमें हर दीवार पर कार्पेट लगा हुआ होता है।
बाथरूम में संक्रमण का सबसे बड़ा खतरा उन सतहों से आता है, जिन्हें बार बार हाथों से छुआ जाता है, और उनमें टॉयलेट फ्लश का हत्था, सीट, नल और दरवाजे के हत्थे शामिल हैं।
कपड़े, तौलियां और पर्दों में भी कीटाणु होते हैं। यदि इन मिट्टी और गंदगी में डूबे कपड़ों को एक ज्यादा तापमान पर धोया जता है, तो संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। गन्दी लांड्री का प्रबंधन करने के बाद अपने हाथ धो लें।
कम से कम 50% कच्चे चिकन में कैम्पाइलोबैक्टर जीवाणु होता है, जिसके चलते ब्रिटेन में
) से ज्यादा बीमारी फ़ैली है। चिकन को तब तक पकाएं जब तक 70C (158F) तापमान पर पकाएं, इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि इसे खाना सुरक्षित है।आप किसी फ़ूड थर्मोमीटर के साथ तापमान की जांच कर सकते हैं।
कैमपिलोबैक्टर लगभग आधे कुत्तों और बिल्लियों से आता है और इससे घर के बाकी लोगों में फ़ूड पोइसोनिंग हो सकती है। जैसे ही आप अपने पालतू जानवरों को छूते हैं वैसे ही यह आपको अपना शिकार बना लेता है। पालतू जानवरों को छूने के बाद हमेशा अपने हाथ धोएं।
धूल के कणों के लिए बेडरूम सबसे बेहतर जगह होती है, कई ऐसे धूल के कण होते हैं, जो मृत त्वचा से अपना आहार ग्रहण करते हैं। एक व्यक्ति औसतन 10 ग्राम (0।35 ओजेड) मृत त्वचा पैदा करता है और अपने जीवन में 18किग्रा (40एलबी) मृत त्वचा पैदा करता है।
वर्ष 2003 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा फ़ूड पोइजनिंग के मामले में पूरे यूरोप में कराए गए अध्ययन के अनुसार यह पाया गया कि फ़ूड पोइजनिंग के लगभग 40% मामले घर में ही होते हैं।
एक हैण्डबैग के हिस्से में हर वर्ग इंच की तुलना में लगभग 10,000 जीवाणु होते हैं। घातक जीवाणु के लिए जांच की गयी तो एक तिहाई बैग पोजिटिव निकले। बैग कई बहुत गंदी जगहों के संपर्क में आते हैं जिनमें सार्वजनिक परिवहन, सार्वजनिक टॉयलेट और रेस्टोरेंट और बार फ्लोर्स शामिल हैं।
जब हम घर से बाहर जाते हैं तो हमारे जूतों में हर तरह की धूल इकट्ठी हो जाती है, जिनमें जानवरों का मल भी शामिल होता है। जब हम उनके साथ अपने घर आते हैं तो यह जीवाणु भी हमारे आसपास फ़ैल जाते हैं और वह कारपेट पर बैठ जाते हैं एवं संक्रमण का खतरा बढ़ाते हैं। स्वच्छता विशेषज्ञ यह सलाह देते हैं कि घर पर जब आप बाहर से वापस आएं तो जूते बाहर ही उतार दें।
फ्रिज में गर्म खाना रखने से असमान रूप से ठंडक हो सकती है, जिसके कारण फ़ूड पोइजनिंग हो सकती है। जो गर्म खाना हम फ्रिज में रखते हैं उसका बीच का हिस्सा तापमान के अनुसार होने में काफी समय लग जाता है और यही जीवाणु के बढ़ने का काफी अच्छा समय होता है।
महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।