जागने पर मेरी गर्दन में दर्द क्यों होता है - और इसके बारे में आप क्या कर सकते हैं?

8th June, 2020 • 5 min read

यह लेख मूल रूप से अंग्रेजी में लिखा गया था। इस लेख का मूल संस्करण यहां देखा जा सकता है। यह Tomas Duffin द्वारा लिखा गया है और Healthily's medical team ने इसकी मेडिकल समीक्षा की है।

गर्दन में दर्द के साथ जागने से दिन की शुरूआत ही ख़राब होती है, लेकिन नींद से संबंधित गर्दन का दर्द (neck pain) काफी आम है।

एक अध्ययन में पाया गया है कि लगभग 20 लोगों में से 1 को लंबे समय तक रहने वाला गर्दन, कंधे या पीठ के निचले हिस्से में दर्द नींद की समस्याओं के कारण हो सकता है।

अधिकांश समय यह दर्द या तो तकिये की वजह से होता है, जिसका आप उपयोग कर रहे होते हैं या फिर जिस पोजीशन में आप सो रहे होते हैं उससे।

लेकिन यदि आप अपने दर्द के बारे में चिंतित हैं या यह कई हफ्तों तक यह समस्या बनी रहती है, तो आपको डॉक्टर से परामर्श लेनी चाहिए।

सोते समय किन कारणों से गर्दन का दर्द हो सकता है?

यदि आप सही पोजीशन में नहीं सोते हैं, तो आपकी गर्दन की मांसपेशियां लॉक हो सकती हैं, जिससे दर्द हो सकता है।

कुछ स्लीपिंग पोजीशन से भी आपके गर्दन के दर्द का खतरा बढ़ जाता है, जैसे पेट के बल सोना, क्योंकि इस पोजीशन में आपको सांस लेने के लिए अपनी गर्दन को मोड़ना पड़ सकता है।

वैसे तकिए जो आपकी गर्दन के लिए पर्याप्त सपोर्ट प्रदान नहीं करते हैं, या जो अधिक मोटे होते हैं जो आपके सिर को अधिक ऊँचा रखते हैं, इनसे भी गर्दन में दर्द हो सकता है।

सोते समय गर्दन के दर्द को कैसे रोकें?

निम्नलिखित सुझाव आपकी नींद की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं और गर्दन के दर्द को रोकने में आपकी मदद कर सकते हैं:

  • सही तकिया चुनना - ऐसा कोई भी तकिया नहीं है, जो सभी के लिए उपयुक्त हो। आमतौर पर, गर्दन के दर्द के लिए पतला पर थोड़ा सख्त तकिया सबसे अच्छा होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आपका सिर आपके शरीर के बाकी हिस्सों के समान होना चाहिए और ऊँचा नहीं होना चाहिए।
  • पीठ के बल सोना - यह आपकी रीढ़ को न्यूट्रल (तटस्थ) पोजीशन में रखता है, जो गर्दन के दर्द को रोकने में मदद करता है।
  • करवट लेकर सोना – यदि आप करवट लेकर सोना पसंद करते हैं, तो थोड़ा बड़ा तकिया रखकर अपनी रीढ़ को सीधा रखें।
  • गर्दन की मांसपेशियों को मज़बूत बनाना - सप्ताह में कम-से-कम दो बार गर्दन को लचीला बनाने वाले एक्सरसाइज़ करें। जिसमें गर्दन को घूमाना (नेक रोटेशन) और गर्दन को स्ट्रेच करना शामिल हों, ये आपकी मांसपेशियों को मज़बूत करने में मदद कर सकते हैं।
  • योग और पिलेट्स (pilates) - अध्ययनों से पता चला है कि योग गर्दन की मांसपेशियों के कार्य में सुधार करता है और पिलेट्स से गर्दन की मांसपेशियों की मोटाई बढ़ती है।
  • एक अच्छी नींद का रूटीन अपनाना - नींद तनाव (stress) को कम करती है और आपकी सेहत में सुधार करती है। लगातार रहने वाले गर्दन के दर्द को नींद की समस्याओं से जोड़ा गया है, जो दर्द को बदतर बना सकता है।

मैं अपनी गर्दन के दर्द को कैसे मैनेज कर सकता/सकती हूँ?

यदि उपरोक्त तकनीकों को आज़माने के बाद भी आप इन लक्षणों के साथ जागते हैं, तो जो आप दर्द को दूर करने के लिए कुछ अन्य चीजें भी कर सकते हैं:

  • गर्दन पर हीट पैक या गर्म पानी की बोतल रखने से भी दर्द और मांसपेशियों में ऐंठन (muscle spasms) को कम करने में मदद कर सकती है।
  • गर्दन के दर्द का इलाज करने के लिए
    एक्सरसाइज़
    एक प्रभावी तरीका होता है।
  • नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएँ (एनएसएआईडी)((
    NSAIDs
    )) जैसे इबुप्रोफेन (ibuprofen) गर्दन के दर्द से राहत देने में प्रभावी हो सकते हैं, और इन्हें फार्मेसी से खरीदा जा सकता है। वे टैबलेट के रूप या आपकी गर्दन पर लगाने के लिए जेल के रूप में आते हैं।

यदि आपको लगता है कि (एनएसएआईडी) (NSAIDs) से दर्द में मदद मिलती है, तो धीरे-धीरे इस खुराक (डोज) को 1 या 2 सप्ताह के बाद कम करने की कोशिश करें। कृपया अपने डॉक्टर से पूछ लें कि आप ये दवाएँ ले सकते हैं अथवा नहीं।

यदि दर्द बना रहता है और आपकी रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित कर रहा है, तो आपको डॉक्टर से परामर्श लेनी चाहिए।

वे आपकी गर्दन के दर्द के कारण का पता लगाने के लिए कुछ टेस्ट्स करवाने की सलाह दे सकते हैं, आपकी ताकत (स्ट्रेंथ) और लचीलेपन (फ्लेक्सिबिलिटी) में सुधार करने के लिए फिजियोथेरेपी (

physiotherapy
) या फिर यदि गैर-पर्चे वाली दवा प्रभावी नहीं हैं तो मसल रिलैक्सेंट (muscle relaxant) का सुझाव दे सकते हैं।

गर्दन के दर्द के लिए डॉक्टर से कब मिलना चाहिए?

यदि आपको निम्न में से कोई भी लक्षण दिखे, तो आपको जल्द-से-जल्द डॉक्टर को दिखाना चाहिए:

  • आपकी बांह में पिन और सुई चुभने का अहसास होना।
  • आप किसी चोट (इंजरी) से उबर रहे हैं, जैसे कि व्हिपलैश (
    whiplash
    )।
  • आपके शरीर का तापमान बढ़ा हुआ हो या बिना वजह आपका वज़न घट रहा हो।
  • गर्दन की मांसपेशियों की बजाए गर्दन की हड्डियां कोमल (टेंडर) हो गई हों।
  • आपको अपने पैरों में कमजोरी महसूस होती हो या पेशाब करने या मल त्यागने में कठिनाई होती हो।
  • कुछ हफ्तों के बाद भी यह दर्द या जकड़न दूर नहीं हो रही हो।
  • पैरासिटामोल (Paracetamol) या इबुप्रोफेन (ibuprofen) जैसे दर्द निवारक से कोई फ़ायदा नहीं हुआ हो।
  • आप दर्द के बारे में चिंतित हैं।
  • आपको अन्य लक्षण दिख रहे हों, जैसे कि पिंस और नीडल्स (pins and needles) या हाथ ठंडा हो जाता हो – ये मामले कुछ अधिक गंभीर हो सकते हैं।

अधिकतर मामलों में गर्दन का दर्द अपने आप ठीक हो सकता है, लेकिन यदि यह दर्द बार-बार हो रहा हो या दर्द के साथ अन्य लक्षण भी दिखें, तो यह बिल्कुल ना मान लें कि यह दर्द खराब तरीके से सोने (bad sleeping position) के कारण हुआ होगा।

महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।