अंडरएक्टिव थायरॉयड ग्लैंड (हाइपोथायरॉयडिज्म) क्या है? (What is underactive thyroid gland (hypothyroidism)?)
अंडरएक्टिव थायरॉयड ग्लैंड (hypothyroidism) एक ऐसी समस्या है जिसमें थायरॉयड ग्रंथि (thyroid gland) पर्याप्त हार्मोन का उत्पादन नहीं करती है।
थकान, वजन बढ़ना, उदासी और निराशा अंडरएक्टिव थायरॉयड के मुख्य लक्षण हैं।
अंडरएक्टिव थायरॉयड का इलाज संभव है। इसके लिए रोजाना एक हार्मोन टेबलेट का सेवन करना पड़ता है। यह उन हार्मोन को रिप्लेस कर देता है जो आपकी थायरॉयड ग्रंथि नहीं बनाती है।
अंडरएक्टिव थायरॉयड को रोकने का कोई तरीका नहीं है। ज्यादातर मामलों में यह या तो प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा थायरॉयड ग्रंथि पर हमला करने और इसे नुकसान पहुंचाने के कारण होता है या ओवरएक्टिव थायरॉयड या थायरॉयड कैंसर के उपचार के दौरान थायरॉयड क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण होता है।
डॉक्टर के पास कब जाएं (When to see your doctor)
अंडरएक्टिव थायरॉयड के लक्षण आमतौर पर अन्य समस्याओं के समान होते हैं। सामान्य तौर पर ये पर धीरे-धीरे विकसित होते हैं, इसलिए कई वर्षों तक पता नहीं चल पाता।
यदि आपको कोई लक्षण नजर आते हैं तो आपको अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए और अंडरएक्टिव थायरॉयड की जांच करने के लिए कहना चाहिए। इन लक्षणों में शामिल हैं:
- थकान
- वजन बढ़ना
- डिप्रेशन
- ठंड के प्रति संवेदनशील होना
- त्वचा और बाल शुष्क होना
- मांसपेशियों में दर्द
आपको थायरॉयड की समस्या है या नहीं, यह जानने के लिए थायरॉयड फ़ंक्शन टेस्ट (hyroid function test) किया जाता है। इसमें हार्मोन के स्तर को मापने के लिए रक्त का नमूना लेकर परीक्षण किया जाता है।
कौन प्रभावित होता है (Who’s affected)
पुरुषों और महिलाओं दोनों को अंडरएक्टिव थायरॉयड हो सकता है।हालांकि यह महिलाओं में अधिक आम है। यूके में, यह प्रत्येक 1,000 महिलाओं में 15 को प्रभावित करता है और 1,000 पुरुषों में 1 को प्रभावित करता है। बच्चों में भी अंडरएक्टिव थायरॉयड विकसित हो सकता है।
3,500-4,000 शिशुओं में से लगभग 1 बच्चे को जन्मजात अंडरएक्टिव थायरॉयड (कॉन्जेनाइटल हाइपोथायरायडिज्म) होता है। यूके में पैदा होने वाले सभी शिशुओं में जन्म के पांच दिन बाद कॉन्जेनाइटल हाइपोथायरायडिज्म की जांच की जाती है।
अंडरएक्टिव थायरॉयड का इलाज (Treating an underactive thyroid)
अंडरएक्टिव थायरॉयड के लिए उपचार में थायरोक्सिन के स्तर को बढ़ाने के लिए हार्मोन रिप्लेसमेंट टैबलेट दिया जाता है। जिसे लेवोथायरोक्सिन (levothyroxine) कहा जाता है। आपको जीवनभर उपचार की आवश्यकता पड़ सकती है। हालांकि उचित उपचार के बाद व्यक्ति एक सामान्य और स्वस्थ जीवन जीने में सक्षम हो जाता है।
यदि अंडरएक्टिव थायरॉयड का इलाज नहीं किया जाता है, तो इसके कारण कई जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। इससे पीड़ित व्यक्ति को हृदय रोग, गोइटर, गर्भावस्था में समस्याएं और जीवन के लिए घातक समस्या जिसे मायक्सोएडेमा कोमा कहा जाता है, हो सकता है (हालांकि यह बहुत दुर्लभ है)।
अंडरएक्टिव थायरॉयड के लक्षण (Symptoms of an underactive thyroid)
अंडरएक्टिव थायरॉयड (हाइपोथायरायडिज्म) के कई लक्षण अन्य समस्याओं की तरह ही होते हैं, इसलिए इन्हें पहचानने में परेशानी हो सकती है।
इस बीमारी के लक्षण आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होते हैं और इस दौरान आपको महसूस नहीं हो पाता है कि आपको कई वर्षों से यह समस्या है।
इसके सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- थकान
- ठंड के प्रति संवेदनशील होना
- वजन बढ़ना
- कब्ज़
- डिप्रेशन
- धीमे मूवमेंट्स और विचार
- मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी
- मांसपेशियों में ऐंठन
- रूखि और पपड़ीदार त्वचा
- बाल और नाखून कमजोर होना
- सेक्स की इच्छा घटना (सेक्स ड्राइव)
- हाथ और उंगलियों में झुनझुनी, सनसनाहट, दर्द और उनका सुन्न होना (कार्पल टनल सिंड्रोम)
- अनियमित पीरियड्स या हैवी पीरियड्स
थायरॉयड से पीड़ित बुजुर्ग लोगों में याददाश्त की कमी और अवसाद जैसी समस्या विकसित हो सकती है। बच्चों में धीमी गति से विकास हो सकता है है। जबकि किशोरों में समय से से पहले यौवनावस्था शुरू हो सकती है।
यदि आपको इन लक्षणों में से कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो डॉक्टर के पास जाएं और अंडरएक्टिव थायरॉयड के लिए परीक्षण करने के लिए कहें।
यदि अंडरएक्टिव थायरॉयड का इलाज नहीं किया जाये (If an underactive thyroid isn’t treated)
अंडरएक्टिव थायरॉयड के कई लक्षण बहुत बाद में विकसित नहीं होते हैं क्योंकि अधिक गंभीर लक्षण दिखाई देने से पहले समस्या अक्सर पहचान में आ जाती है।
बाद में विकसित होने वाले अंडरएक्टिव थायरॉयड के लक्षणों में शामिल हैं:
- दबी और कर्कश आवाज
- फूला हुआ चेहरा
- पतली या आंशिक रूप से गायब भौहें
- हृदय गति धीमी होना
- बहरापन
- खून की कमी (anaemia)
अंडरएक्टिव थायरॉयड के कारण (Causes of underactive thyroid)
अंडरएक्टिव थायरॉयड (हाइपोथायरायडिज्म) तब होता है जब थायरॉयड ग्रंथि थायरोक्सिन हार्मोन (जिसे T4 भी कहा जाता है) का पर्याप्त उत्पादन नहीं करती है।
अंडरएक्टिव थायराइड के अधिकांश मामले प्रतिरक्षा तंत्र के थायरॉयड ग्रंथि पर हमला कर क्षतिग्रस्त करने के कारण होते हैं या थायरॉयड कैंसर या ओवरएक्टिव थायरॉयड के इलाज के दौरान थायरॉयड ग्रंथि क्षतिग्रस्त होने के कारण यह बीमारी हो सकती है।
प्रतिरक्षा तंत्र (Immune system)
अंडरएक्टिव थायरॉयड आमतौर पर तब होता है जब संक्रमण से लड़ने वाली प्रतिरक्षा प्रणाली थायरॉयड ग्रंथि पर हमला करती है। यह थायरॉयड को नुकसान पहुंचाता है जिसके कारण थायरोक्सिन हार्मोन का पर्याप्त निर्माण नहीं हो पाता है और अंडरएक्टिव थायरॉयड हो सकता है।
हाशिमोटो रोग (Hashimoto's) नामक समस्या ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया का सबसे आम प्रकार है जिसके कारण अंडरएक्टिव थायरॉयड होता है।
हाशिमोटो रोग होने का का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाली बीमारी है। यह टाइप 1 मधुमेह (type 1 diabetes) और विटिलिगो (vitiligo) जैसी प्रतिरक्षा तंत्र से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित लोगों में भी बहुत आम है।
पहले किए गए थायरॉयड के उपचार (Previous thyroid treatment)
थायरॉयड ग्रंथि के पिछले उपचार या जटिलता, जैसे सर्जरी या रेडियोएक्टिव आयोडीन थेरेपी (radioactive iodine therapy) के कारण भी अंडरएक्टिव थायरॉयड हो सकता है।
इन उपचारों का उपयोग कभी-कभी ओवरऐक्टिव थायरॉयड (जहां थायरॉयड ग्रंथि बहुत अधिक हार्मोन पैदा करती है) या थायरॉयड कैंसर के लिए किया जाता है।
कम सामान्य कारण (Less common causes)
दुनिया भर में खाने में आयोडीन (dietary iodine) की कमी के कारण अंडरएक्टिव थायरॉयड की समस्या होती है। दरअसल, शरीर को थॉयरोक्सिन बनाने के लिए आयोडीन की आवश्यकता होती है।
कभी-कभी जन्म से ही शिशु को अंडरएक्टिव थायरॉयड हो सकता है क्योंकि थायरॉयड ग्रंथि गर्भ में ठीक से विकसित नहीं होती है। इसे कॉन्जेनाइटल हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है। यह दुर्लभ है। यह 3,000 शिशुओं में लगभग 1 को प्रभावित करता है। इसका निदान आमतौर पर जन्म के तुरंत बाद नियमित जांच के दौरान किया जाता है।
द ग्रेट ऑरमंड स्ट्रीट हॉस्पिटल फॉर चिल्ड्रन वेबसाइट पर
के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध है।पिट्यूटरी ग्रंथि (pituitary gland) में किसी समस्या के कारण भी अंडरएक्टिव थायरॉयड हो सकता है। पिट्यूटरी ग्रंथि मस्तिष्क के आधार पर मौजूद है और थायरॉयड को नियंत्रित करती है। इसलिए, पिट्यूटरी ग्रंथि को नुकसान पहुंचने से अंडरएक्टिव थायरॉयड हो सकता है।
इसके अलावा अंडरएक्टिव थायरॉयड वायरल संक्रमण या अन्य समस्याओं के उपचार के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं के कारण भी हो सकता है, जैसे:
- लिथियम (lithium) - यह दवा अवसाद और बाइपोलर डिसऑर्डर सहित कुछ मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए दी जाती है
- एमियोडेरोन (amiodarone ) - इस दवा का इस्तेमाल असामान्य हृदय गति (एरिथ्मिया) के इलाज में किया जाता है
- इंटरफेरॉन (interferons) - इस दवा का इस्तेमाल कुछ प्रकार के कैंसर और हेपेटाइटिस सी के इलाज में किया जाता है
यदि आप कोई दवा ले रहे हैं और उससे आपका थायरॉयड हार्मोन प्रभावित हो रहा है तो अपने डॉक्टर या विशेषज्ञ से बात करें।
अंडरएक्टिव थायरॉयड की पहचान (Diagnosing underactive thyroid)
जितनी जल्दी हो सके अंडरएक्टिव थायरॉयड (हाइपोथायरायडिज्म) की पहचान कराना बहुत जरूरी है।
थायरॉयड उत्पन्न करने वाले हार्मोन की कम मात्रा में जैसे कि ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) और थायरोक्सिन (T4), शरीर के वसा को प्रोसेस करने के तरीके को बदल सकते हैं।
इससे उच्च कोलेस्ट्रॉल और एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों का दब जाना) हो सकता है। इसके कारण हृदय से जुड़ी गंभीर समस्याएं जैसे कि एनजाइना (angina) हो सकता है और दिल का दौरा पड़ सकता है।
यदि आपको बार-बार अंडरएक्टिव थायरॉयड के लक्षण महसूस होते हैं तो डॉक्टर के पास जाना चाहिए और खून की जांच करने के लिए कहना चाहिए।
थायराइड फंक्शन टेस्ट (Thyroid function test)
रक्त परीक्षण के जरिए हार्मोन के स्तर को मापा जाता है। यह पता लगाने का एकमात्र सटीक तरीका है कि आपको कोई समस्या है या नहीं।
थायरॉयड फंक्शन टेस्ट के जरिए रक्त में थायरॉयड-स्टीमूलेटिंग हार्मोन (TSH) और थायरोक्सिन (T4) के स्तर को देखा जाता है।
टीएसएच (TSH) का उच्च स्तर और रक्त में T4 के निम्न स्तर का मतलब यह है कि आपको अंडरएक्टिव थायरॉयड हो सकता है।
यदि आपके परीक्षण के परिणाम टीएसएच का उच्च स्तर लेकिन T4 का सामान्य स्तर दर्शाते हैं, तो आपको भविष्य में अंडरएक्टिव थायरॉयड विकसित होने का खतरा हो सकता है।
आपको अंडरएक्टिव थायरॉयड है या नहीं, यह जानने के लिए आपके डॉक्टर आपको बार-बार खून की जांच कराने के लिए कह सकते हैं।
रक्त परीक्षण कभी-कभी अन्य जाँच जैसे कि ट्राइआयोडोथायरोनिन (triiodothyronine (T3)) नामक हार्मोन के स्तर की माप के लिए भी उपयोगी है। हालांकि, यह रूटीन का हिस्सा नहीं है, क्योंकि टी 3 का स्तर आमतौर पर सामान्य रह सकता है, चाहे भले ही आपका थायरॉयड काफ़ी अंडरएक्टिव हो।
रेफरल (Referral)
आपके डॉक्टर आपको एंडोक्रिनोलॉजिस्ट (endocrinologist - हार्मोन विकारों का विशेषज्ञ) के पास रेफर कर सकते हैं, यदि आप:
- 16 वर्ष से कम उम्र के हैं
- गर्भवती हैं या गर्भवती होने की कोशिश कर रही हैं
- हाल ही में प्रसव हुआ है
- हृदय रोग जैसी कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या हो, जो आपकी दवा को प्रभावित कर सकती है
- थायरॉयड हार्मोन को कम करने वाली कोई दवा ले रहे हैं, जैसे कि एमियोडारोन (amiodarone) या लिथियम (lithium)।
अंडरएक्टिव थायरॉयड का इलाज (Treating underactive thyroid)
अंडरएक्टिव थायरॉयड (हाइपोथायरायडिज्म) के इलाज के लिए आमतौर पर लेवोथायरोक्सिन नामक दैनिक हार्मोन रिप्लेसमेंट टैबलेट दी जाती है।
लेवोथायरोक्सिन (Levothyroxine) थायरोक्सिन हार्मोन की जगह लेता है, जिसे थायरॉयड पर्याप्त मात्रा में नहीं बनाता है।
जब तक लेवोथायरोक्सिन की सही खुराक नहीं मिल जाती, तब तक आपको शुरू में नियमित खून की जांच करानी पड़ सकती है। आपको ठीक होने में थोड़ा समय लग सकता है।
शुरूआत में आप लेवोथायरोक्सिन की कम खुराक ले सकते हैं लेकिन बाद में इसे धीरे-धीरे बढ़ाया जा सकता है। हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका शरीर किस तरह प्रतिक्रिया करता है। कुछ लोग इलाज शुरू करने के तुरंत बाद बेहतर महसूस करने लगते हैं, जबकि कुछ को कई महीनों तक उनके लक्षणों में सुधार नजर नहीं आता है
सही खुराक लेना शुरू करने के बाद हार्मोन के स्तर की जांच के लिए आपको वर्ष में एक बार रक्त परीक्षण करना पड़ सकता है।
यदि खून की जांच से यह पता चलता है कि आपको अंडरएक्टिव थायरॉयड है, लेकिन आपको कोई लक्षण नजर नहीं आते है या लक्षण बहुत हल्के हैं, तो आपको किसी उपचार की आवश्यकता नहीं होगी। इस स्थिति में डॉक्टर आमतौर पर हर कुछ महीनों में आपके हार्मोन के स्तर की जांच करते हैं और लक्षणों के विकसित होने पर लेवोथायरोक्सिन लेने की सलाह देते हैं।
लेवोथायरोक्सिन लेना (Taking levothyroxine)
यदि आपको लेवोथायरोक्सिन लेने की सलाह दी जाती है, तो आपको हर दिन एक ही समय पर एक टैबलेट लेना चाहिए। आमतौर पर सुबह गोलियों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। हालांकि कुछ लोग रात में इन्हें लेना पसंद करते हैं।
अन्य दवाओं, सप्लिमेंट या आहार का सेवन करने से इन गोलियों की प्रभावशीलता पर असर पड़ सकता है। इसलिए इनका सेवन खाली पेट पानी के साथ करना चाहिए, और अगले 30 मिनट तक खाने से बचना चाहिए।
यदि आप दवा की खुराक लेना भूल जाते हैं, तो जैसे ही आपको याद आता है वैसे ही इसका सेवन करें। छूटी हुई खुराक को आमतौर पर कुछ घंटों के अंदर लेना चाहिए। यदि आपको काफी देर से याद आता है तो पिछली खुराक को छोड़कर अगली खुराक अपने सामान्य समय पर लें।
अंडरएक्टिव थायरॉयड जीवनभर चलने वाली एक समस्या है। इसलिए आपको आमतौर पर अपने जीवन भर लेवोथायरोक्सिन लेने की आवश्यकता पड़ सकती है।
दुष्प्रभाव (Side-effects)
लेवोथायरोक्सिन का आमतौर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है, क्योंकि टैबलेट केवल एक नहीं बन पा रहे हार्मोन को रिप्लेस करने का काम करता है।
लेवोथायरोक्सिन का अधिक मात्रा में सेवन करने पर ही दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ता है। इसके कारण पसीना आना, सीने में दर्द, सिरदर्द, दस्त और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
लेवोथायरोक्सिन लेते समय नए लक्षण विकसित होते हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर को सूचित करें। साथ ही यदि आपके लक्षणों बदतर होते हैं या इनमें सुधार होता है, तो भी अपने डॉक्टर को बताएं।
कॉम्बिनेशन थेरेपी (Combination therapy)
ब्रिटेन में, कॉम्बिनेशन थेरेपी में लेवोथायरोक्सिन और ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) का एक साथ उपयोग किया जाता है - हालांकि नियमित रूप से इसका उपयोग नहीं किया जाता है क्योंकि इस बात के कम साक्ष्य है कि ये अकेले लिवोथायरोक्सिन (मोनोथेरेपी) के उपयोग से बेहतर है।
ज्यादातर मामलों में सप्रेसिंग थायरॉयड-स्टीमूलेटिंग हार्मोन (TSH) का इस्तेमाल थायरॉयड रिप्लेसमेंट थेरेपी के उच्च खुराक के रूप में करने से बचना चाहिए। क्योंकि इसके कई गंभीर दुष्प्रभाव जैसे एट्रियल फाइब्रिलेशन (असामान्य रूप से हृदय गति बढ़ना), स्ट्रोक, ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर हो सकता है।
यदि किसी व्यक्ति का थायरॉयड कैंसर का इतिहास है और इसके दोबारा विकसित होने का खतरा हो तो उस स्थिति में इस प्रकार के उपचार का सुझाव दिया जा सकता है।
अंडरएक्टिव थायरॉयड की जटिलताएं (Complications of underactive thyroid)
यदि आपको अंडरएक्टिव थायरॉयड है जिसका इलाज नहीं किया जाता है, तो इससे कई जटिलताएं हो सकती हैं।
हृदय की समस्याएं (Heart problems)
यदि आपने अंडरएक्टिव थायरॉयड का इलाज नहीं कराया है, तो हृदय रोग होने का खतरा बढ़ सकता है।
इसका कारण यह है कि हार्मोन के कम स्तर के कारण थायरॉक्सिन रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है। उच्च कोलेस्ट्रॉल धमनियों में वसा के जमाव को बढ़ा देता है जिससे रक्त के प्रवाह में कठिनाई होती है।
यदि आप अंडरएक्टिव थायरॉयड का इलाज करा रहे हैं और आपको सीने में दर्द का अनुभव होता है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। ताकि जरूरत पड़ने पर किसी भी समस्या का पता लगाकर उसका इलाज किया जा सके।
घेंघा (Goitre)
थायरॉयड ग्रंथि में असामान्य सूजन को घेंघा या गॉइटर कहते हैं। इसके कारण गले में एक गांठ बन जाती है। घेंघा या गॉइटर तब विकसित होता है जब शरीर अधिक थायराइड हार्मोन बनाने के लिए थायरॉयड को उत्तेजित करता है।
गर्भावस्था सम्बंधित जटिलताएं (Pregnancy complications)
यदि गर्भावस्था के दौरान अंडरएक्टिव थायराइड का इलाज नहीं किया जाता है, तो कई समस्याएँ होने का खतरा होता है। इसमें शामिल है:
- प्री-एक्लेमप्सिया (pre-eclampsia) - इसमें माँ में उच्च रक्तचाप और फ्लुइड रिटेंशन हो सकता है, साथ ही बच्चे विकास सम्बंधी समस्या हो सकती है
- मां में एनीमिया
- बच्चे में अंडरएक्टिव थायरॉयड
- जन्म दोष
- जन्म के बाद रक्तस्राव
- बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास में समस्याएं
- समय से पहले जन्म या जन्म के बाद वजन कम होना
- बच्चा मृत पैदा होना या गर्भपात
हार्मोन संबंधी विकारों (एंडोक्रिनोलॉजिस्ट) के विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में इलाज से इन समस्याओं से आमतौर पर बचा जा सकता है। इसलिए यदि आपको अंडरएक्टिव थायरॉयड है और आप गर्भवती हैं या गर्भवती होने की कोशिश कर रही हैं तो अपने डॉक्टर को बताएं।
मायक्सोएडेमा कोमा (Myxoedema coma)
बहुत ही दुर्लभ मामलों में गंभीर अंडरएक्टिव थायरॉयड के कारण प्राणघातक समस्या पैदा हो सकती है जिसे मायक्सोएडेमा कोमा (myxoedema coma) कहा जाता है। यह समस्या होने पर थायरॉयड हार्मोन का स्तर बहुत कम हो जाता है, जिससे भ्रम, हाइपोथर्मिया और सुस्ती जैसे लक्षणों का अनुभव होता है।
मायक्सोएडेमा कोमा को अस्पताल में आपातकालीन उपचार की आवश्यकता होती है। इसके लिए थायराइड हार्मोन रिप्लेसमेंट दवा सीधे एक नस में दिया जाता है। कुछ मामलों में, अन्य उपचार जैसे ब्रीदिंग सपोर्ट, एंटीबायोटिक्स और स्टेरॉयड दवा (कॉर्टिकोस्टेरॉइड) की भी जरूरत पड़ सकती है।